- World Population Day | जानिए World Population Day के बारे में संपूर्ण जानकारी हिंदी में
- 1. World Population Day 2021
- 2. World Population Day क्यों मनाया जाता है? (Why is World Population Day celebrated in Hindi?)
- 3.World Population Day 2021 की थीम क्या है? (What is the theme of World Population Day 2021 in Hindi?)
- 4. भारत की जनसंख्या के आधार पर 2021 में ग्रोथ रेट कितनी है? (What is the growth rate based on the population of India in 2021 in Hindi?)
- 5. भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य कौन-कौन से हैं? (Which are the most populous states of India?)
- 6. जनसंख्या नियंत्रण के लिए 2021 में भारत सरकार द्वारा बनाया गया कानून कौन कौन सा है? (Which is the law made by the Government of India in 2021 for population control?)
- 7. World Population Day का इतिहास क्या है? (What is the history of World Population Day in Hindi?)
World Population Day | जानिए World Population Day के बारे में संपूर्ण जानकारी हिंदी में
1. World Population Day 2021
11 जुलाई को हर वर्ष पूरे विश्व में जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। यह वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। दुनिया की प्रत्येक बढ़ती जनसंख्या की तरफ ध्यान देना और जनसंख्या को नियंत्रण करना है इसका मुख्य उद्देश्य है। जनसंख्या को नियंत्रण करने में सभी को अपना योगदान देना चाहिए। इस दिन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय लेवल पर कई कार्यक्रम किए जाते हैं ताकि जनता में जागरूकता फैला और वह जनसंख्या कंट्रोल करने में सहायता प्रदान करें।
कई देशों में जनसंख्या वृद्धि बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है। खासकर विकासशील देशों में जनसंख्या अत्यधिक बढ़ती जा रही है और जनसंख्या विस्फोट यहां की गहरी चिंता का कारण है। भारत जैसे देशों में बहुत अधिक जनसंख्या पाई जाती है।
चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर सबसे बड़े आबादी वाला देश है और कोरोनावायरस के वर्तमान समय में महामारी की दूसरी लहर के दौरान इतनी बड़ी जनसंख्या से निपटना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया है। इनका उद्देश्य ना केवल देश में बल्कि पूरे विश्व स्तर पर जनसंख्या के प्रबंधन पर ध्यान देना है।
2. World Population Day क्यों मनाया जाता है? (Why is World Population Day celebrated in Hindi?)
विश्व जनसंख्या दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है, जो वैश्विक जनसंख्या के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है। इस आयोजन की स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की शासी परिषद द्वारा की गई थी। यह 11 जुलाई, 1984 को पांच अरब दिवस में जनहित से प्रेरित था, जिस तारीख को दुनिया की आबादी पांच अरब लोगों तक पहुंच गई थी। विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य परिवार नियोजन के महत्व, लैंगिक समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों जैसे विभिन्न जनसंख्या मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है।
विश्व जनसंख्या दिवस के दिन लोग खुद को अधिक जनसंख्या के खतरों की याद दिलाते हैं और इस बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं कि कैसे अधिक जनसंख्या पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है और मानवता की प्रगति को बाधित कर सकती है।
3.World Population Day 2021 की थीम क्या है? (What is the theme of World Population Day 2021 in Hindi?)
किसी भी देश पर उसकी जनसंख्या का प्रभाव उसके विकास और संचालन पर पड़ता है। यदि देश की जनसंख्या अधिक है तो उसका विकास तेजी से नहीं हो पाता क्योंकि अधिक जनसंख्या को एक साथ संभाल पाना मुश्किल है। इसलिए हमने संसाधन को पूर्ण रूप से उपयोग करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर से पॉपुलेशन को कम करना होगा।
इस वर्ष की विश्व जनसंख्या दिवस की थीम है-अधिकार और विकल्प यहीं उत्तर है चाहे कुछ भी हो प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार की ओर ध्यान और प्राथमिकता देना है। 11 जुलाई को पूरा विश्व वर्ल्ड पापुलेशन डे मनाता है दुनिया की आबादी बहुत ही तेजी से बढ़ रही है इसलिए लगभग सभी देशों में जनसंख्या के नियंत्रण के लिए स्लोगन प्रदर्शित की जाती है।
4. भारत की जनसंख्या के आधार पर 2021 में ग्रोथ रेट कितनी है? (What is the growth rate based on the population of India in 2021 in Hindi?)
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार भारत की जनसंख्या 2010 से लेकर 2019 के बीच 1.2% के वार्षिक औसत से बड़े हुए लगभग 1.6 अरब तक पहुंच गए हैं। यह वृद्धि दर चीन की वार्षिक वृद्धि दर के मुकाबले दोगुनी ज्यादा है। 1.36 अरब तक जनसंख्या 2019 में पहुंच गई थी यह जनसंख्या भारत में 1994 में बढ़कर 94.22 करोड़ और 1969 में 54.15 करोड़ तक पहुंच गई। विश्व की जनसंख्या 771.5 करोड़ तक 2019 में पहुंच गई जो कि पिछले साल 763.3 करोड थी।
2019 में संयुक्त राष्ट्र संघ की सेक्सुअल एंड रीप्रोडक्टिव हेल्थ एजेंसी ने स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन की रिपोर्ट में कहा कि 2010 से 2019 के बीच भारत की जनसंख्या 1.2% औसतन बड़ी है। इसके अलावा चीन में 2019 में आबादी 1.42 अरब पहुंच गई जो 1994 में 1.23 अरब तक और 1969 में 80.36 करोड़ तक पहुंच गई। चीन की आबादी की वार्षिक दर 0.5 प्रतिशत है।
1969 में भारत में प्रति महीना फुल ब्रजनंदन 5.6 , 1994 में 3.7 तक पहुंच गए। 1969 में जीवन प्रत्याशा 47 वर्ष थी जो 1994 में बढ़कर 7 वर्ष और 2019 में उससे भी ज्यादा 69 वर्ष हो गए। विश्व जनसंख्या को बढ़ाने में देश की 27-27% आबादी 0 से 14 या 14 से 24 वर्ष की आयु के वर्ग में है। इसके अलावा देश की 67% जनसंख्या 15 से 64 आयु वर्ग में शामिल है।
देश में मातृ मृत्यु दर 1994 में प्रति एक लाख जन्म में 488 मौत से कम होकर 2015 में प्रति एक लाख जन्मों में 174 मृत्यु तक पहुंच गई। महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं एवं सहमति की जागरूकता को बढ़ाना बेहद आवश्यक है।
5. भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य कौन-कौन से हैं? (Which are the most populous states of India?)
भारत आबादी के क्षेत्र में दुनिया में दूसरे स्थान पर आता है। भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्यों को हम निम्नलिखित रूपों में देखते हैं-
• भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है 2011 की जनगणना के अनुसार। उत्तर प्रदेश की कुल आबादी 19.98 करोड़ थी।
• महाराष्ट्र का स्थान दूसरे नंबर पर आता है जहां की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 11.23 करोड़ हैं। यह भारत की पूरी जनसंख्या का 9.28% है।
• बिहार जनसंख्या के मामले में बहुत अधिक है केवल 94 किलो मीटर स्क्वायर में ही 10 करोड़ 40 लाख जनता निवास करती है।
• पश्चिम बंगाल में भी बहुत जनसंख्या पाई जाती है यहा भारत की जनसंख्या का 4.5% हिस्सा पाई जाती है।
• भारत का पांचवा सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य मध्यप्रदेश है जिसकी जनसंख्या 7 करोड़ 25 लाख है।
6. जनसंख्या नियंत्रण के लिए 2021 में भारत सरकार द्वारा बनाया गया कानून कौन कौन सा है? (Which is the law made by the Government of India in 2021 for population control?)
भारत में जनसंख्या वृद्धि को एक प्रमुख चिंता के रूप में इंगित करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस मुद्दे पर गहन विचार करने का आह्वान किया। जाहिरा तौर पर, उल्लेख एक संकेत था कि सरकार देश में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक नीति या कानून तैयार कर रही है, जो सामाजिक जिम्मेदारी और कड़े नियम भी बना सकती है, सरकारी परिवार नियोजन योजनाओं का एक अभिन्न अंग। मोदी ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट विशेष रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए नई समस्याएं पैदा कर सकता है।
लेकिन समाज का एक प्रबुद्ध वर्ग भी है जो इस चुनौती से अवगत है। हमें समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर इस मुद्दे पर विचार करना होगा। हालाँकि, भारत ने समझदार परिवार नियोजन के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए बड़े प्रयास किए हैं, मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल इस कारण को आगे बढ़ाने के लिए कुछ अलग रणनीति के साथ आ सकता है।
• नियम के अनुसार अभिभावक केवल दो बच्चे को ही जन्म दे सकते हैं।
• योगी सरकार बना रही जनसंख्या नियंत्रण के लिए मसौदा, दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों पर होगा असर
• मित्तल ने कहा की जनसंख्या विस्फोट के कारण अस्पताल खाद्यान्न घर और रोजगार की समस्याएं भी उत्पन्न हो रही है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण होना अति आवश्यक है।
• अल्पसंख्यक समुदाय को जनसंख्या के नियंत्रण के उपायों की दिशा में काम करने और जागरूक करने की बात शर्मा ने कहा था।
• जनसंख्या की अधिकता का कारण गरीबी अशिक्षा ही है इसलिए अधिकतर लोगों को शिक्षित करें एवं यही कारण है जिससे उचित परिवार नियोजन नहीं हो सकता।
• सरकार द्वारा बताया गया कि 2 बच्चों के लिए नियम कानून बनाए जा सकते हैं यदि आवास योजना शुरू होगी तो इस पर जरूर ध्यान दिया जाएगा।
• राज्य सरकार की योजना के तहत जनसंख्या नियंत्रण के नियम ही आवश्यक है।
7. World Population Day का इतिहास क्या है? (What is the history of World Population Day in Hindi?)
पहला विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 1989 को मनाया गया था और आज 2020 में दुनिया अपना 31वां जनसंख्या दिवस मनाएगी।
विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल द्वारा की गई थी। यह पांच अरब दिवस में जनहित से प्रेरित था, जिस तारीख को दुनिया की आबादी 11 जुलाई, 1987 को पांच अरब लोगों तक पहुंच गई थी।
दिसंबर 1990 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने पर्यावरण के साथ उनके संबंधों सहित जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस को जारी रखने का निर्णय लिया।