- Teething Pain: दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द की समस्या को दूर करे इन 13 घरेलु उपचारों एवं उपायों से | 13 Best Home Remedies for Teething Pain In Hindi
- दांत आना या शिशु का दूध का दांत आना क्या होता है? (What is Teething?)
- दांत आने के समय के लक्षण और समस्याएं (Symptoms and Signs of Teething Issues):
- दांत आने के समय बुखार या पेट की समस्या क्यों होती है? (Causes of Fever during Teething):
- बच्चों को दांत आने की परेशानी से बचाने के उपाय (Prevention Tips During Teething):
- बच्चों को दाँत आने के समय दर्द होने पर राहत दिलाये ये घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies of Teeting):
- 1. गाजर (Carrot) –
- 2. उंगलियों से मसाज (Finger Massage) –
- 3. बबूने का फूल (Chamomile Flower) –
- 4. केला (Banana) –
- 5. तुलसी (Tulsi) –
- 6. संतुलित आहार (Balanced Diet) –
- 7. शहद (Honey) –
- 8. पानी का सेवन (Water Intake) –
- 9. कैमोमाइल चाय- chamomile tea
- 10. फेशियल मसाज- facial massage
- 11. नमक पानी- salt water
- 12. लौंग – Clove
- 13. लहसुन – Garlic
- निष्कर्ष (Conclusion)
Teething Pain: दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द की समस्या को दूर करे इन 13 घरेलु उपचारों एवं उपायों से | 13 Best Home Remedies for Teething Pain In Hindi
दोस्तों ! क्या आपको भी दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द की समस्या है या फिर आपके आसपास इस दर्द से कोई जूझ रहा है, तो आइए अब जाने दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द से छुटकारा पाने का असरदार और बेहतर उपचार, दांत दर्द की समस्या को आसानी से चुटकियों में दूर कर सकते हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द ke gharelu upay के बारे में संपूर्ण जानकारियां देंगे। यदि आप चाहते हैं कि दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द जैसे रोग का उपचार आप घर पर ही करें तो आप आसानी से दांत दर्द का उपचार घरेलू उपाय से घर पर ही कर सकते हैं।
यदि आप जानना चाहते है कि दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द का gharelu upay क्या है तो आप इस आर्टिकल के अंतर्गत दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द को ke gharelu upay के सभी पहलुओं के बारे में जरूर जाने। दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द का कारण, लक्षण, उपचार और उपाय आप इस आर्टिकल के माध्यम से जान सकते हैं।
बच्चे का पहला दांत आना हर माँ-पिता के लिए खुशी का खबर होता है। पहला दांत आने का मतलब यह होता है कि शिशु ठोस खाना खाने के तरफ अग्रसर होने लगा है। बच्चे के लिए उनका दांत आना उनके कष्ट का सबब बन जाता है, क्योंकि दांत आते ही बच्चे को दर्द, बुखार और बेचैनी का सामना करना पड़ता है, लेकिन आयुर्वेद में ऐसे घरेलू उपचार हैं जिनके मदद से बच्चों को इस परेशानी से थोड़ी-सी राहत मिल सकती है। चलिये आगे इन घरेलू उपचारों के बारे में जानने से पहले “दूध का दांत” आने के प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
जब तक दांत निकालने का दर्द Teething Pain पूरी तरह खत्म नहीं होता और तब तक किसी भी तरह की गर्म चीजों को न खाएं । इसका साइंटिफिक कारण यह है कि जब दांत निकाला जाता है, तब से लेकर कुछ समय तक दांत और उसके आस-पास का भाग संवेदनशील यानि सून्न रहता है और इसी वजह से आपको सर्द या गर्म महसूस नहीं हो पाता और ऐसी स्थिति में आपका मुंह जल सकता है ।
इसके अलावा हो सके तो दलिया, दाल या भोजन को पेय स्थिति में लें, चबाने वाले भोजन का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा आपको इस बात का ध्यान रखने की बहुत ज़रुरत है कि दांत निकलवाने के बाद कुछ समय तक किसी तकीए, चादर की सहायता लेकर अपने मुंह को ऊपर उठा कर रखें । यदि कुछ खून आता भी है तो तकिए पर कोई कपड़ा रख लें ।
दांत आना या शिशु का दूध का दांत आना क्या होता है? (What is Teething?)
शिशु के दाँत निकलने का मतलब यह होता है कि अब शिशु कुछ खा पायेगा। लेकिन दाँत निकलने के समय बहुत परेशानियां भी होती हैं। दाँत निकलते समय बच्चों को दस्त या अन्य कई छोटी-मोटी परेशानियां होती हैं। बच्चों के दाँत निकलना एक आम बात है। ये दाँत अक्सर “दूध के दाँत’’ के नाम से जाने जाते हैं। जब बच्चों के दाँत निकलते हैं तब उन्हें बेहद परेशानी होती है और दाँत निकलना बेचैनी और दर्द का कारण बन जाता है।
दांत आने के समय के लक्षण और समस्याएं (Symptoms and Signs of Teething Issues):
शिशु के दांत आने के समय सिर्फ दर्द और बेचैनियों का ही सामना नहीं करना पड़ता है बल्कि और भी आम समस्याएं है। असल में दाँत निकलते समय बच्चों में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। यदि बच्चा कमजोर है तो उसे अधिक समस्याएं होने लगती हैं।
• दाँत निकलते वक्त बच्चा दस्त से ज्यादा पीड़ित रहता है।
• कुछ बच्चे कब्ज से परेशान रहते हैं, जिसके कारण पेट पेट दर्द होता है।
• दाँत निकलते वक्त बच्चों के मसूढ़ों में खुजली, सूजन और दर्द रहता है। गंदी बोतलों से दूध पीने या मिट्टी खाने वाले बच्चे दांत निकलते समय ज्यादा बीमार पड़ते है।
• बच्चों में दाँत निकलते समय उनका सिर गर्म रहने लगता है,आँखें दुखने लगती हैं और बार-बार दस्त आता है।
• बच्चों के मसूढ़े सख्त हो जाते हैं, उनमें सूजन भी आ जाती है।
• इस दौरान बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है, अक्सर रोता भी रहता है।
•बच्चों के मसूढ़ों के मांस को चीर कर दांत बाहर निकलते हैं, इसलिए उनमें दर्द और खुजली होती है। इस तकलीफ से राहत पाने के लिए वह इधर-उधर की चीजें उठा कर उन्हें चबाने की कोशिश करते हैं।
दांत आने के समय बुखार या पेट की समस्या क्यों होती है? (Causes of Fever during Teething):
बच्चे के दाँत निकलने पर बच्चे के मसूड़ों में खारिश होने लगती है। जिसके कारण वह किसी भी चीज को उठाकर मुँह में डालने लगता है और कई बार साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखने पर बच्चे का पेट उस बैक्टेरिया के कारण संक्रमित हो जाता है जिसके कारण बच्चे का पेट खराब हो जाता है। जिसके कारण बच्चे को उल्टी व दस्त की समस्या हो जाती है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए, ऐसा करने से वह किसी गंभीर बीमारी में परिवर्तित नहीं होती है।
बच्चों को दांत आने की परेशानी से बचाने के उपाय (Prevention Tips During Teething):
शिशुओं को दांत आने की समस्या से बचाने के लिए कुछ
बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।
- शिशु को दूध का सेवन करवाने से परहेज करें।
- बच्चे को फास्ट फूड और अधिक तले हुए खाद्य पदार्थों को पचाने में बहुत अधिक परेशानी होती है।इसलि बच्चों को इन सब चीजों से दूर रखें।
- बच्चों को अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थों को पचाने में बहुत अधिक परेशानी होती है।
- बेकरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे कुकीज, बिस्किट और केक बुखार के दौरान नुकसानदायक होते हैं।
- कार्बोनेटेड पेय पदार्थ भी बहुत ज्यादा हानिकारक होत हैं। इसलिए ऐसे पदार्थों को न पीने दें।
बच्चों को दाँत आने के समय दर्द होने पर राहत दिलाये ये घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies of Teeting):
एलोपैथिक उपचार में केवल दांत के दर्द को कुछ समय के लिए दबाया जाता है, और इसके लिए Pain killers या Analgesics खाने को बोला जाता है। एलोपैथिक दवाओं से शरीर में side-effect होने का खतरा भी रहता है। इसलिए दांत के दर्द से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचार करना फायदेमंद होता है।
शिशुओं को दूध का दांत आने के समय इन घरेलू नुस्ख़ों को अपनाने से कुछ हद से कष्ट से आराम मिल सकता है।
1. गाजर (Carrot) –
जब आपके बच्चे के दांत निकलने लगे उसे ठंडी गाजर का एक टुकड़ा खिलाएं. ठंड़ी गाजर बच्चे के मसूड़ों को ठंडक पहुंचाता है जिससे बच्चे को दर्द का एहसास नहीं होता है। एक लम्बी गाजर को धोकर छीलें। 15 से 20 मिनट के लिए फ्रिज में रख कर ठण्डा करें और उसके बाद अपने बच्चे को दें। गाजर के अलावा, आप अपने शिशु को ठण्डा खीरा या सेब का टुकड़ा भी दे सकती हैं।
2. उंगलियों से मसाज (Finger Massage) –
कभी-कभी मसूड़ों की मालिश से बच्चों को दांत निकलने की परेशानी में बहुत मदद मिलती है। मसूड़ों पर हल्का दबाव दर्द को कम और बच्चों को शांत करने में मदद करता है। अपनी अंगुली अच्छे से साफ करें या एक मुलायम-सा कपड़ा लें और कुछ सेकेंड के लिए अपने बच्चे के मसूड़ों को रगड़ें। आपके शिशु को शुरुआत में शायद अच्छा न लगे परन्तु बाद में राहत महसूस होगी।
3. बबूने का फूल (Chamomile Flower) –
बबूने का फूल एक वर्ष से अधिक उम्र के शिशुओं में दाँत निकलने की परेशानी में बहुत मदद कर सकता है। इसमें सूजन को कम करने वाले गुण हैं जो कि दर्दनाक नसों को आराम देने में मदद करते हैं। आधा चम्मच सूखे कैमोमाइल फूलों को एक कप गर्म पानी में मिलाएं। इसको छाने और इस चाय का एक छोटा चम्मच अपने बच्चे को हर एक या दो घण्टे बाद दें।
4. केला (Banana) –
बुखार में हमें दस्त, उल्टी, पसीना जैसी परेशानियां भी होती हैं जिनसे राहत पाने के लिए केले का सेवन करना फायदेमंद है। बच्चों को ताजे फलों के रस का सेवन करवाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है। ताजे फल जैसे संतरे, तरबूज, अनानास, कीवी आदि में विटामिन-सी और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
5. तुलसी (Tulsi) –
काली मिर्च और तुलसी के काढ़े का सेवन करने से बुखार में लाभ मिलता है।
6. संतुलित आहार (Balanced Diet) –
हरी सब्जियों का सेवन करवाएं। भाप से पकी हुई या उबली हुई सब्जियों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। सूप को आहार में शामिल करें जैसे टमाटर, पालक आदि का सूप पीना काफी फायदेमंद है।बुखार के दौरान बच्चों के आहार में प्रोटीन शामिल करें। ऐसा करने से रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत बनती है।
अंडा का सेवन करें क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है तथा यह सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में भी मदद करता है। आप दलिया को दूध में डालकर भी खिला सकते हैं। दलिया के सेवन से आपको प्रोटीन और पोषक तत्व दोनों साथ में मिलेंगे। दोपहर या रात के समय मूंग दाल की खिचड़ी खिला सकते हैं। इससे अपच की समस्या नहीं होगी और यह जल्दी भी पच जाएगी। यह बुखार में सबसे अच्छा आहार मानी जाती है।
7. शहद (Honey) –
शहद में शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण (antibacterial) होते हैं क्योंकि इसमें शहद बहुत अधिक लाभदायक होता है। खासकर यह बच्चों के दांत के लिए फायदेमंद होता है।
8. पानी का सेवन (Water Intake) –
शरीर में पानी की कमी होने के कारण बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं। ज्यादा पानी पीने से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है और यह अपना काम अच्छे से करते हैं। इसके अलावा पानी ज्यादा पीने पर शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं। दांत आने पर बच्चे को अधिक से अधिक तरल पदार्थ देना जरूरी होता है।
ब्रेस्ट मिल्क के अलावा भी बच्चे को तरल पदार्थ देना चाहिए। दांत निकलने के समय पर ब्रेस्ट मिल्क को पंप कर कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें और फिर शिशु को पिलाएं। थोडा ठंडा दूध पीने से बच्चे को रिलैक्स महसूस हो सकता है। जैसे दांत की सर्जरी के बाद अक्सर डॉक्टर आइस्क्रीम खाने के लिए कहते हैं, ठीक वैसे ही ठंडा दूध पीने से भी बच्चे को दांतों में आराम मिलता है।
9. कैमोमाइल चाय– chamomile tea
कुछ लोग दांत दर्द को कम करने के लिए कैमोमाइल टी लेने की भी सलाह देते हैं और कुछ नैचुलर टीथिंग प्रोडक्टस में कैमोमाइल का उपयोग किया जाता है। बच्चे को हमेशा कैफीन फ्री टी ही देनी चाहिए। आप बच्चे को ऊंगली से चाय चटाएं और ठंडी चाय दें।
10. फेशियल मसाज- facial massage
दिन में जितना हो सके शिशु के चेहरे की मालिश करने की कोशिश करें. ऐसा करते समय बच्चे के चेहरे, जबड़े और मसूड़ों को सर्कुलर मोशन में रगड़ें. यह निरंतर हो रही असुविधा से ध्यान भटकाएगा और शुरुआती दर्द को शांत करने में मदद करेगा।
11. नमक पानी– salt water
नमक का पानी आपको इनफेक्शन से बचाता है और दांतों के बीच में फंसे खाने को भी निकालने में मदद करता है। इससे सूजन भी खत्म हो जाती है और मसूड़ों में मौजूद बैक्टीरिया भी खत्म होते हैं। गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर उस पानी को कुछ देर मुंह में रखें और कुल्ला कर लें।
12. लौंग – Clove
एक लौंग को दांत के नीचे दबाकर रखने से दांत दर्द में आराम मिलता है। लौंग का तेल भी दर्द को भगाने में प्रभावी होता है।
13. लहसुन – Garlic
दांत में दर्द होने पर लहसुन को चबा लें। इसके अन्दर मौजूद Allicin प्राकृतिक जीवाणुरोधी एजेंट है। दांत दर्द को खत्म करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हमें इस बात की उम्मीद है कि दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द की gharelu upay kya hai in hindi आर्टिकल में हमने इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी दि हैं, दांत दर्द से छुटकारा पाने के बारे में आपको हमारे आर्टिकल में जो जानकारी मिली है। वह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगी। इस आर्टिकल के माध्यम से आप दांत निकलते वक्त होने वाले दर्द के समस्या को आसानी से दूर कर सकते हैं। यदि आप इस विषय से संबंधित कुछ भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं या आप किसी भी तरह के सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से सुझाव व्यक्त कर सकते हैं।