- What is SINUSITIS (SINUS INFECTION) – साइनस इन्फेक्शन क्या है ?
- Sinus infection होने के क्या क्या कारण होते हैं? (What are the major reasons of Sinus infection?)
- Sinus infection के लक्षण (symptoms of sinus infection)
- साइनस कई तरह के होते हैं जैसे – Type of Sinus Infection:
- साइनस इन्फेक्शन से बचने के लिए दवाइयां (medicines for sinus infection in Hindi)
- साइनस इंफेक्शन से बचने के लिए 12 घरेलू उपाय (12 home remedies to cure sinus infection)
- Sinus Infection Conclusion – साइनस इन्फेक्शन निष्कर्ष।
What is SINUSITIS (SINUS INFECTION) – साइनस इन्फेक्शन क्या है ?
Sinusitis (sinus infection) in hindi के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की जानकारियों जैसे Sinusitis (sinus infection) kya hai, major reasons and symptoms of Sinusitis (sinus infection) in Hindi के अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण gharelu upay for Sinusitis (sinus infection) के बारे में बताने वाले हैं जो आपके लिए काफी उपयोगी होगी।
साइनस एक प्रकार का बहुत ही आम समस्या होती है। सही इलाज होने पर इस समस्या से पूर्ण रूप से छुटकारा पाया जा सकता है। कुछ लोगों को अक्सर सर्दी जुकाम आदि की समस्या होती रहती है परंतु इन लोगों के ज्यादातर मामले साइनोसाइटिस यानी कि साइनस के ही होते हैं।इसके लिए हमें सबसे पहले यह जानना जरूरी हो जाता है कि साइनस क्या है? हमारे ब्रेन में काफी अधिक मात्रा में कैविटीज होते हैं।
यह हमारे शरीर को हल्का बनाए रखने एवं सांस लेने में भी मदद प्रदान करते हैं। इसी छिद्रो को साइनस कहा जाता है। यदि किसी वजह से इन चित्रों में बलगम भर जाए तो सांस लेने में परेशानी होने लगती है इसी समस्या को ही साइनोसाइटिस कहा जाता है। आमतौर पर इसे साइनस भी कहते हैं। प्रत्येक वर्ष बहुत ही भारी संख्या में कई लोग इस समस्या की चपेट में आते हैं। जिन लोगों को भी एलर्जी साइनस की समस्या होती है उन लोगों को पोलन सीजन एवं सर्दियों में स्मॉग होने पर इन समस्याओं के बढ़ने का खतरा लगा रहता है।
सबसे पहले प्रदूषण एवं जुकाम के कारण गले में खिंचाव जैसी समस्या उत्पन्न होती है इसी के साथ साथ नाक बंद होने नाक बहने एवं बुखार की शिकायत भी होने लगती है। यदि यह लक्षण कई दिनों तक रहते हैं तो यह एक्यूट साइनस कहलाता है। एवं यदि यह समस्या बार-बार या 3 महीने से ज्यादा समय तक रहे तो इसे क्रॉनिक साइनस भी कहते हैं।
Sinus infection होने के क्या क्या कारण होते हैं? (What are the major reasons of Sinus infection?)
• Sinus infection में नाक की हड्डी का बढ़ना तिरछा होना , सांस लेने में रुकावट , एलर्जी होना यह सब समस्या एक आम समस्या होती है।
• यदि किसी भी कारणवश साइनस के संकरे प्रवेश मार्ग में यदि कोई रुकावट आ जाती है तो साइनस होने की संभावना होती है।
• इसके अलावा बलगम कई बार खोखले क्षेत्रों में भर जाता है जिसके कारण साइनस बंद हो जाते हैं जिस वजह से साइनस की झिल्ली में इंफेक्शन के कारण सूजन पड़ जाती है। इसी वजह से सिर गालों माथे एवं मुंह के ऊपर के जबड़े में दर्द होने की संभावना होती है।
• यह बीमारी किसी भी तरह की खराब लाइफ़स्टाइल के कारण नहीं होती बल्कि वह लोग जो फील्ड जॉब में होते हैं या फिर जो अधिक पोलूशन वाली जगहों पर रहते हैं या किसी लकड़ी इंडस्ट्री आदि के किसी भी तरह के प्रोफेशन से जुड़े हुए हैं तो इस तरह के लोगों को साइनस होने की संभावना अधिक होती है।
Sinus infection के लक्षण (symptoms of sinus infection)
Sinus infection के कई सारे लक्षण होते हैं जैसे कि-
1. गले की आवाज में बदलाव
2.सिर में भारीपन एवं दर्द
3. बेचैनी एवं बुखार
4.आंखों के ऊपर दर्द होना
5.दांत में दर्द
6.सुघने एवं स्वाद की शक्ति का कमजोर होना
7.नाक से पीले लिक्विड गिरने की शिकायत का होना
8.बालों का सफेद होना
अक्सर जुकाम हमारा पूरा वक्त लेता है उसके बाद ही यह लगभग हफ्ते भर में ठीक हो जाता है। हालांकि जुकाम की तीव्रता तीसरे या चौथे दिन से लगभग कम होने लगती है परंतु यदि जो काम बहते बहते एक या 2 दिन में अचानक ही ठीक हो जाए या रुक जाए तो हो सकता है की जुखाम अंदर ही जम गया हो जो आगे चलकर साइनस बन जाती है। यदि जुकाम करीबन एक हफ्ते रहे एवं अपना पूरा टाइम ठीक होने में ले तो साइनस होने की संभावना कम होती है एवं मरीज को आगे चलकर साइनस जैसी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता है।
जुकाम होने पर बलगम आदि सभी नाक के जरिए बाहर निकल जाती है परंतु यदि बार बार जुकाम होने की समस्या हो और वह दो-तीन दिन में खुद ही ठीक हो जाए बहे नहीं या उसे दवाइयों की सहायता से उसे रोक दिया जाए तो साइनस होने की संभावना बढ़ जाती है।
साइनस कई तरह के होते हैं जैसे – Type of Sinus Infection:
• एक्यूट साइनस:
यह अवस्था 8 से 10 दिनों में भी खत्म नहीं होती बल्कि यह लगभग चार-पांच हफ्तों तक बनी रहती है। एक्यूट साइनस में सर्दी होने के लक्षण अचानक ही उभर जाते हैं जैसे कि नाक का बहना यह जाम होना चेहरे में दर्द इत्यादि। यह एक्यूट साइनस बैक्टीरियल इनफेक्शन का एक प्रमुख कारण होता है जिसकी वजह से इसमें सांस की नली के ऊपरी भागों में इंफेक्शन होने की संभावना होती है। यह साइनस के इंफेक्शन साफ कर देती है। इस इन्फेक्शन में नाक में सूजन को कम करने के लिए नेजल ड्रॉप्स का उपयोग किया जाता है परंतु इसका उपयोग एक हद तक ही करना चाहिए।
इसे कुछ ही दिनों के लिए लेना चाहिए इसका उपयोग अधिक करने पर ना की भीतरी त्वचा पर नुकसान पहुंचता है इसमें दर्द से राहत के लिए पेन किलर दवाइयां भी ली जाती है इस तरह के इंफेक्शन में स्टीम लेने से भी फायदा पहुंचता है ऐसी स्थिति में आराम करना बीमारी को जल्दी ठीक करने के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है एवं इस समय हमें अधिक से अधिक मात्रा में पानी भी पीना चाहिए।
• सब-एक्यूट साइनस:
Acute sinus की तरह ही सब एक्यूट साइनस में भी चार से 8 हफ्तों तक जलन एवं सूजन होती है। इसका इलाज भी बिल्कुल एक्यूट साइनस की तरह ही होता है।
• क्रॉनिक साइनस:
इस साइनस में भी लंबे समय तक सूजन एवं जलन होती है। यह दो प्रकार की होती है पहला सूजन यदि अचानक हो और कुछ दिनों में खत्म भी हो जाए। परंतु कई मरीजों में सूजन लंबे समय तक चलती है एवं साथ में नाक में दर्द की समस्या भी होती है। इस साइनस में नाक के रास्ते को साफ करना आवश्यक होता है। जब कभी साइनस के यह लक्षण एक हफ्ते या उससे ज्यादा तक रहे तो उसे क्रॉनिक साइनस कहते हैं।
यह साइनस भले ही कोई जानलेवा बीमारी नहीं होती है परंतु यह किसी भी लाइफ की क्वालिटी पर असर करती है जिससे मरीज हमेशा परेशान रहता है। यदि किसी व्यक्ति को साइनस की समस्या कुछ वर्ष तक रहे तो यह आगे चलकर अस्थमा का रूप ले लेता है। यह समस्या बच्चों में 8 से 10 साल तक होती है।
• रीक्यूरेंट साइनस:
यदि किसी व्यक्ति को अस्थमा या किसी भी तरह की एलर्जी से संबंधित कोई बीमारी हो तो उसे जल्द से जल्द इसका इलाज करवा लेना चाहिए वरना उस व्यक्ति को रिक्यूरेंट साइनस होने की संभावना होती है। इसका इलाज बिल्कुल क्रॉनिक साइनस की तरह ही होता है।
साइनस इन्फेक्शन से बचने के लिए दवाइयां (medicines for sinus infection in Hindi)
होम्योपैथी में साइनस इंफेक्शन के इलाज के लिए कुछ ऐसी दवाइयां दी जाती है जिससे कैविटी में 12 बलगम जो काम के जरिए बाहर निकल जाए एवं सिर दर्द में भी आराम मिले। होम्योपैथी की दवाइयां कुछ निम्नलिखित हैं:
1. कली बिक्रोमियम 30 : इसमें 5–5 गोली दिन में तीन बार लेनी है।
2. आर्सेनिकम अल्बम 30 : इसमें 5–5 गोली दिन में 3 बार लेनी हैं।
3. सिलीसिया 30: 5–5 गोली इसे दिन में 3 बार लेनी हैं।
4. संबुकस निगरा 30: इसे 5–5 गोली दिन में 3 बार लेनी है।
यह सारी दवाएं डॉक्टर से बिना साला लिए कभी ना ले क्योंकि यह दवाएं मरीज की उम्र एवं बीमारी के लक्षणों को ध्यान में रखते हुए देते हैं। जब साइनस की समस्या पहली बार हो तो डॉक्टर से एक किया 2 हफ्ते के लिए देते हैं परंतु यदि साइनस की समस्या बार-बार हो या पुरानी हो तो डॉक्टर दवाई 3 से 6 महीने तक देते हैं। इसी वजह से बिना डॉक्टर से सलाह लिए कोई भी दवा ना ले।
साइनस इंफेक्शन से बचने के लिए 12 घरेलू उपाय (12 home remedies to cure sinus infection)
Gharelu upay for sinus infection in Hindi के अंतर्गत कई प्रकार के घरेलू उपाय आते हैं जिससे साइनस इन्फेक्शन से बचा जा सकता है-
1. Sinus infection से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए जहां तक हो सके गद्देदार एवं भारी-भरकम फर्नीचर से दूर रहे। अपने बिस्तर तकिए एवं कारपेट की नियमित रूप से सफाई करें गलीचों और पायदानो की भी सफाई करते रहें परफ्यूम आदि की खुशबू से दूर रहे एवं एयर पोलूशन से जहां तक हो सके बचाव करें।
2. अपने घरों की खिड़कियों को जहां तक हो सके उसे खुला रहने दे जिससे हवा आरपार हो सके एवं अपने घर के वेंटीलेशन सिस्टम को भी सुधारें।
3. जिन लोगों को भी जुकाम या फिर कोई अन्य इंफेक्शन हो उनके पास जहां तक हो सके जाने से बचे।
4. तापमान में अचानक होने वाले बदलाव से बचे बहुत ज्यादा एवं बहुत कम तापमान में ना जाए।
5. यदि आप स्विमिंग कर रहे हो तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि पानी में क्लोरीन अवश्य हो स्विमिंग करने के वक्त अपनी नाक को अच्छी तरह से ढक ले एवं अधिक से अधिक स्विमिंग करने से बचें।
6. अक्सर नमक के पानी से अपनी नाक को बराबर साफ करते रहे एवं साथ ही साथ अपने हाथों को हमेशा साबुन से साफ करते रहें।
7. रोजाना सुबह उठते ही गर्म चाय या गर्म पानी पिए गर्म चीजें पीने से यदि बलगम जमा हो तो वह नाक या गले से साफ हो जाएगा।
8. रोजाना 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पिए।
साइनस के लिए कई सारे घरेलू उपायों का उपयोग करके हम साइनस को आसानी से दूर कर सकते हैं इसके लिए हमें किसी भी तरह की दवाइयां भी लेने की आवश्यकता नहीं है। साइनस के घरेलू उपाय–
1. हल्दी और अदरक की चाय
2. घर का वातावरण को रखें साफ
3. बाहरी इन्फेक्शन से करें बचाव
4. पानी की कमी होने से बचें
Sinus Infection Conclusion – साइनस इन्फेक्शन निष्कर्ष।
यदि आप भी साइनस से होने वाले इन्फेक्शन से बचना चाहते हैं तो इन सभी चीजों से आप आसानी से Sinus Infection जैसी समस्या से बच सकते हैं एवं इसके लिए आपको किसी भी डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं है यदि जुकाम आपको एक हफ्ते तक हो तो उसे तुरंत डॉक्टर को ना दिखाएं क्योंकि यह केवल जुकाम होता है यदि हम इसे डॉक्टर को दिखाते हैं तो वह दवाई देकर हमारे जुकाम को सुखा देते हैं जिससे साइनस की समस्या हो सकती है।