Parkinson’s disease क्या होती है ? जानिए इसके लक्षण कारण और 3 घरेलु उपचार | What is Parkinson’s disease? Know Its Causes, Symptoms, 3 Home Remedies, and Best treatments in Hindi

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Dr. Nick Kumar Jaiswal
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He is a professional blog writer for more than 2 years, he holds a degree in Doctorate in Pharmacy(Pharm D) with experience in medicine dispensing and medication ADRs. His interest in medicine makes him excellent in his research project. Now he prefers to write blogs about medications and diseases. His hobbies include football and watching Netflix. He loves reading novels and gain knowledge about more medication ADRs. He is very helpful in nature and you will often find him helping others in the treatment.डॉ जयसवाल 2 से अधिक वर्षों से एक पेशेवर ब्लॉग लेखक है, ये दवा वितरण और दवा एडीआर में अनुभव के साथ एक फार्म डी डिग्री होल्डर है। चिकित्सा में उनकी रुचि उन्हें अपनी शोध परियोजना में उत्कृष्ट बनाती है। अब वह दवाओं और बीमारियों के बारे में ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं। उनके शौक में फुटबॉल और नेटफ्लिक्सिंग, उपन्यास पढ़ना और अधिक दवा एडीआर के बारे में ज्ञान प्राप्त करना शामिल है। वह प्रकृति में बहुत मददगार है और अक्सर आप इन्हे दूसरों की इलाज में मदद करते हुए देख पाएंगे ।
What is Parkinson’s Disease In Hindi Table of Content

Parkinson’s disease क्या होती है ? जानिए इसके लक्षण कारण और उपचार की जानकारी? | What is Parkinson’s disease in Hindi Know Parkinson’s disease symptoms and treatments

क्या आप भी बढ़ती उम्र के साथ-साथ कुछ ऐसी बीमारी का सामना कर रहे हैं जिसके कारण आपके हाथ पैर सुन पड़ जाते हो, और आपका दिमाग भी ठीक ढंग से कामना करता हो तथा शरीर के बाकी किस्तों पर भी आपका कंट्रोल ना रहे, तो हम आपको बता दें कि ये सभी लक्षण पार्किंसन बीमारी यह भी हो सकते हैं क्योंकि इस बीमारी में भी ऐसा ही होता है कि आपके हाथ पैर सुन होने लगते हैं, हमारे देश में 10 लाख से भी ज्यादा लोग ऐसे हैं जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं परंतु उन्हें कभी पता ही नहीं चल पाता कि उन्हें यह बीमारी है

Parkinson’s disease in Hindi एक Neurodegenerative disorder है जो हमारे दिमाग के उस हिस्से को अपना टारगेट बनती है जो शिक्षा हमारे शरीर को यह बताता है कि कोई भी काम उसको किस तरीके से करना है। अधिकतर 60 साल की उम्र से ज्यादा उम्र के व्यक्ति इस बीमारी का शिकार होते हैं, परंतु अब हमारा  खानपान कुछ ऐसा हो गया है जिसके बाद  यह जरूरी नहीं है कि बुड्ढे लोग ही इस बीमारी का शिकार हो अब तो यह बीमारी 25 से 30 वर्ष की उम्र के लोगों में भी देखी जाने लगी है, बहुत बार Heredity के कारण भी बच्चे इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं।

परंतु चिंता वाली कोई बात नहीं है  अब  हम  इस आर्टिकल में आपको इस बीमारी से  बचने के सभी तरीके बताएंगे  जिनसे  आप इस बीमारी से बच पाएंगे  इसके साथ साथ हम इस आर्टिकल में पार्किंसन बीमारी का मतलब (Parkinson’s disease meaning in Hindi) जानेंगे तथा Parkison Disease Ke Lakshan? Parkison Disease Ke Liye Yoga? Causes Of Parkison Disease In Hindi? Treatment Of Parkison Disease In Hindi

Parkinson's disease symptoms | Parkison Disease Kya Hai |  Parkinson’s Disease Meaning in Hindi?

Parkison Disease Kya Hai – Parkinson’s Disease Meaning in Hindi?

आज के समय में पार्किंसंस बीमारी सबसे आम Neurodegenerative disorder है। यह बीमारी एक ऐसी बीमारी है जो मनुष्य के उस हिस्से को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है जो हमारे शरीर के सभी अंगो को संचालित करता है। इस बीमारी के  लक्षण इतने कम होते हैं की शुरुआत में आप  इस बीमारी को पहचान भी नहीं पायेंगे। पर जैसे जैसे समय निकलता रहता है, उसके साथ-साथ आपको अपने हाथों पैरों में कमजोरी महसूस होने लगती है इस बीमारी का असर आपके चलने फिरने, सोने तथा बात करने और सोचने से लेकर लगभग आपकी पूरी जीवन शैली पर पड़ने लगता है।

वैसे तो इस बीमारी के बारे में तकरीबन 5000 साल पहले से ही लोगों को पता था, उस समय भारत की एक प्राचीन सभ्यता ने इस बीमारी का नाम कंपवता रखा था और प्राचीन काल में इस बीमारी का इलाज  उस पौधों के बीजों से किया जाता था, जिसमे Therapeutic पाया जाता है, जिसे आजकल Levodopa के नाम से भी जाना जाता है। Parkison disease का नाम ब्रिटिश डॉक्टर James parkinson के नाम पर रखा गया है जो सन 1817 पहली बार इस बीमारी को दुनिया के लोगों के सामने लेकर आए थे उन्होंने पूरी दुनिया को इस बीमारी के बारे में विस्तार से समझाया था।

वैसे तो यह बीमारी ज्यादातर  60 वर्ष तथा उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को ही होती है परंतु कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि बचपन में आनुवंशिकता के कारण भी आप इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं, परन्तु इस बीमारी के जो लक्षण (Symptoms of Parkinson’s disease in hindi) 60 वर्ष की उम्र के लोगों में पाए जाते हैं वह बचपन की तुलना में काफी अधिक गंभीर होते हैं, परंतु कुछ लोग पार्किंसंस बीमारी के चलते लम्बा और अच्छा जीवन जी लेते हैं और कुछ लोग इस बीमारी को ज्यादा  नहीं झेल पाते।

एक शोध में यह पाया गया है कि इस बीमारी के साथ आप उतना ही जीवन जी सकते हैं, जितना कि आप सामान्य जीवन जीते हैं। वैसे तो पार्किंसंस रोग का कोई भी इलाज नहीं है, परंतु यदि आप इसके लक्षणों को नियंत्रित कर लें तो इस बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।

पार्किंसंस बीमारी Parkinson’s disease का दिमाग पर प्रभाव – Effect of Parkinson’s Disease in Hindi?

हमारे मस्तिष्क  में, एक निग्रा ( Nigra ) नामक एक हिस्सा होता है, इसकी कुछ सेल्स डोपामाइन ( DopaMine )बनाती हैं,जो एक प्रकार का रसायन ( Chemical ) होता है, जो आपके मस्तिष्क के चारों तरफ से संदेश लाता है। एग्जांपल के लिए – जब आपको खुजली करना चाहते हैं या फिर कोई भी काम करना चाहते हैं, तो डोपामाइन ( DopaMine ) जल्दी से आपकी उस नस ( Nerve ) को नियंत्रित करने वाले नर्व सेल्स ( Nerve cells )को संदेश भेजता है।

जब आपके शरीर का सिस्टम सामान्य रूप से चलता रहता है तो आपके काम करने की क्षमता तथा गुणवत्ता काफी अच्छी होती है वहीं पर जब आपको कार्य करने में परेशानी होने लगती है, तब आप पार्किंसन बीमारी (Parkinson’s disease meaning in hindi) का शिकार होने लगते हैं। इसमें आपकी निग्रा सेल्स( Nigra Cells ) मरने लगती हैं, और फिर उन्हें किसी अन्य सेल ( Cell ) से बदला भी नहीं

जा सकता, और इसी के कारण  डोपामाइन ( Dopamine ) का स्तर गिरने लगता है और वह हमारे मस्तिष्क को ठीक ढंग से सन्देश पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है और पीर दिमाग का नियंत्रण हमारे शरीर के अंगों से खतम हो जाता है। जब इस बीमारी की शुरुआत होती है  तब तो हमें यह बदलाव बिल्कुल भी महसूस नहीं होते पर जैसे-जैसे  निग्रा की सेल्स ( Nigra Cells ) मरने लगती हैं, तो तब आपको धीरे-धीरे इस बीमारी के लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं।

Parkinson’s disease पार्किंसन बीमारी के क्या कारण है – Causes of Parkinson’s Disease in Hindi?

यदि आप भी  कुछ ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिसमें आपके हाथ पैर सुन हो जाते हैं तो आपको Causes of Parkinson’s disease in Hindi पता होने चाहिए, इस बीमारी के कारण हमारे  मस्तिष्क में Dopamine नामक Chemical का स्तर गिरने लगता है तथा  डॉक्टर्स के मुताबिक जब निग्रा की सेल्स ( Nigra Cells ) मरने लगती हैं तो Dopamine का स्तर काफी हद तक गिरने लगता है और वह हमारे शरीर के बाकि हिस्सो से मिलने वाले संकेतों को हमारे मस्तिष्क तक पहुंचाना बंद कर देता है और फिर इसी के कारण व्यक्ति को चलने फिरने में भी परेशानी होती है।

निग्रा की सेल्स के मरने का मुख्य कारण तो हमें नहीं पता, परन्तु कुछ डॉक्टर्स के मुताबिक कुछ Environmental Reasons और Genetic reasons की वजह से ही ऐसा होता है।

Dopamine के स्तर के अतिरिक्त आनुवंशिकता ( Genetic ) भी पार्किंसन बीमारी का ही कारण है, इस बीमारी के लिए आपके जीन्स भी जिम्मेदार होते हैं। वैसे तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस बीमारी से ग्रसित होने के पश्चात भी काफी लम्बी जिंदगी जीते हैं।

वैसे तो इस बीमारी के कारणों को आज भी हमारे वैज्ञानिक ढूंढ रहे हैं, परंतु अब तक वैज्ञानिकों को भी इन कारणों के अलावा Parkison बीमारी Parkinson’s disease होने का कोई कारण नहीं मिला।

Parkinson’s disease पार्किंसन बीमारी के क्या कारण है |  Causes of Parkinson’s Disease in Hindi

Parkison Bimari Ke Lakshan – Signs and Symptoms of Parkinson’s Disease in Hindi?

वैसे तो सभी लोगों में  पार्किंसंस रोग के लक्षण (Symptoms of Parkinson’s disease in Hindi) अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। वैसे तो महिलाओं की तुलना में पुरुषों को यह रोग अधिक प्रभावित करता है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षण या संकेत बहुत कम होते हैं यह बिल्कुल ना के बराबर होते हैं परंतु इस बीमारी के लक्षणों की खास बात यह होती है की यह लक्षण हमारे शरीर के एक तरफ से शुरू होते हैं और हमारे शरीर की दूसरी तरफ को अत्यधिक प्रभावित करते हैं।

अब हम आपको नीचे Parkison’s बीमारी के कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं आप उन्हें अच्छे से पढ़िएगा:

कम्पन ( Shivering ): 

यह Symptoms इस बीमारी के सबसे आम लक्षण है, जो आमतौर पर हमारे शरीर के किसी एक अंग में शुरू होते है या ज्यादातर आपके हाथ या उँगलियों में होता है। यह ज्यादातर तभी होता है जब आपका हाथ रेस्ट मोड ( Rest Mode ) पर होता है।

गति धीमी हो जाना (ब्रैडकेनेसिया) : 

जैसे-जैसे यह बीमारी आपके शरीर में पुरानी होने लगती है तो पार्किंसन बीमारी  के कारण व्यक्ति की काम करने की गति भी धीमी होती रहती है, जिसके कारण हमें बहुत आसान करेगी काफी ज्यादा कठिन लगने लगते हैं और हमें किसी भी कार्य को खत्म करने में बहुत ज्यादा समय लगने लगता है।

मांसपेशियों का कठोर हो जाना:

जब यह बीमारी आपके शरीर में पुरानी होने लगती है तो तब यह आपके शरीर में मांसपेशियों को काफी हद तक कठोर कर देती है जिसके कारण मांसपेशियों में दर्द भी है रहना शुरू हो जाता है और उसके पश्चात आपकी काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है।

संतुलन में परेशानी:

Parkinson’s disease (Parkison’s बीमारी) के कारण आपको अपने शरीर के संतुलन में परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है।

स्वचालित कार्यो का न होना:

 Parkinson’s disease के कारण आपको कुछ कार्य जैसे की आँखे झपकना, चलते समय आपके हाथों का हिलना, हंसना आदि कार्यों में परेशानी आने लगती है।

बोली में बदलाव: 

वैसे तो समय के साथ साथ  आप की बोली में भी परिवर्तन आता रहता है परंतु  यदि आपको यह बीमारी है, तो आपको बोलने में काफी हिचकिचाहट महसूस होने लगती है, और कभी कभी आपके मुंह से आवाज निकलने में भी परेशानी होती है।

लिखावट में बदलाव:

Parkison’s Disease में आपको लिखने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और आपकी लिखावट भी काफी छोटी हो जाती है क्योंकि आपको लिखने में बहुत परेशानी होने लगती है।

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Parkinson's disease treatment | पार्किंसंस बीमारी का इलाज | Treatment of Parkinson’s Disease in Hindi
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पार्किंसंस बीमारी का इलाज – Treatment of Parkinson’s Disease in Hindi?

वैसे तो अच्छे से अच्छे डॉक्टर के मुताबिक भी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है परंतु आप इस बीमारी को नियंत्रण में जरूर कर सकते हैं, अब हम नीचे आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनसे आप इस बीमारी को नियंत्रण में रख सकते हैं, और यह बीमारी होने के बावजूद भी आप एक साधारण जीवन जी सकते हैं :-

कॉफी(Coffee For Parkinson’s Disease)

आपको पता ही है कि कॉफी में कैफीन मिला होता है और कैफीन हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है, यदि हम इसका उपयोग उचित मात्रा में करें इसीलिए यदि आपको यह बीमारी है या फिर इस बीमारी के कुछ लक्षण हैं, तो आपको कॉफी पीना शुरू करना चाहिए क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन इस बीमारी को नियंत्रण में रख सकता है।

ग्रीन टी (Green Tea is good for people suffering with Parkinson’s disease)

आपको पता ही है की ग्रीन टी में कितने अधिक होती है गुण पाए जाते हैं, यह हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह को नियंत्रण में करती है इसके साथ साथ यह कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी नियंत्रण में रखती है इसीलिए यदि आप में इस बीमारी के कुछ लक्षण हैं, तो आप ग्रीन टी का सेवन शुरू कीजिए ग्रीन टी से आपको इस बीमारी में काफी आराम मिलेगा और Parkison’s Disease ग्रीन टी के कारण नियंत्रण में रहेगी।

नियमित रूप से व्यायाम करें(Regular Exercise helps in Parkinson’s Disease)

यदि आपके शरीर में इस बीमारी का कोई भी लक्षण आपको दिखाई दे रहा है तो आपको व्यायाम करना शुरू करना चाहिए क्योंकि प्रतिदिन व्यायाम करने से हमारे शरीर में रक्त का प्रवाह बिल्कुल सामान्य रहता है और प्रतिदिन व्यायाम करने से हमारे शरीर में चुस्ती फुर्ती तो आती है इसके साथ साथ वसा की मात्रा भी घटने लगती है इसीलिए हमें इस बीमारी को नियंत्रण में करने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए

यदि आप की उम्र थोड़ी ज्यादा है, तो आप बयान की जगह पर प्रतिदिन सुबह उठकर पार्क में शेयर करना शुरू करें, ऐसा करने से भी आपको इस बीमारी में काफी आराम मिलेगा।

Parkinson’s Conclusion :-

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट काफी पसंद आई होगी, हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको Causes of Parkinson’s Disease in Hindi बताए हैं, इसके साथ-साथ आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से आज Effect Of Parkison’s Disease In Hindi जाना है आशा है कि अब आपको Treatment Of Parkison’s Disease In Hindi पता लग गए होंगे, यदि अब भी इस बीमारी के बारे में कोई भी प्रश्न आप उनसे पूछना हो तो आप कमेंट सेक्शन में हमसे जरूर पूछें हम आपको उसका जवाब जरूर देंगे। धन्यवाद

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