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Newborn Babies Vaccination: शिशु को कौन से टीके लगवाना आवश्यक हैं – जानिए जन्म के पश्चात शिशु का टीकाकरण क्यों आवश्यक हैं ? | Which vaccinations are necessary for the baby – Know why it is necessary to vaccinate the baby after birth?

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Newborn Babies Vaccination in Hindi Table Of Content:-

Newborn Babies Vaccination: शिशु को कौन से टीके लगवाना आवश्यक हैं – जानिए जन्म के पश्चात शिशु का टीकाकरण क्यों आवश्यक हैं ?

जब नवजात शिशु का जन्म होता है जो जन्म के पश्चात उसे अनेकों प्रकार के टीके लगाए जाते हैं, क्योंकि जन्म के पश्चात ही बच्चे को टीके लगवा ना इसलिए आवश्यक होता है, क्योंकि बच्चे को टीके लगवा देने के पश्चात भविष्य में होने वाली घातक बीमारियों का खतरा कम हो जाता हैं। अगर आप अपने बच्चे को भविष्य में बिल्कुल स्वस्थ रखना चाहती हैं और उसे अनेकों प्रकार की बीमारियों से बचाना चाहती हैं, तो आपको उसका टीकाकरण जन्म के पश्चात करवाना होगा

अगर आपके बच्चे का जन्म किसी सरकारी अस्पताल में होता हैं, तो फिर तो सरकारी अस्पताल वालों के द्वारा ही टीकाकरण का पूरा खर्चा उठाया जाता है। इसके अतिरिक्त प्राइवेट अस्पतालों में तो आपको टीकाकरण के पैसे उन्हें देने होते हैं  बच्चे को लगने वाले टीके थोड़े-थोड़े समय के पश्चात भी लगते हैं और इनमें सभी घातक बीमारियों के पीके शामिल होते हैं जैसे कि पीलिया, हेपेटाइटिस, निमोनिया, पोलियो, खसरा, चिकनगुनिया आदि सभी बीमारी के टीके मौजूद होते हैं।

बच्चे का टीकाकरण करवाने के पश्चात बच्चा इस प्रकार की बीमारियों से हमेशा ही बचा रहता हैं। अगर वह इस प्रकार की बीमारियों से संक्रमित भी हो जाता हैं, तो भी उसके शरीर में इस प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो कि इन बीमारियों के बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं इसीलिए बच्चा हमेशा ही स्वस्थ बना रहता हैं।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको बच्चों के टीकाकरण से संबंधित जानकारी देंगे जैसे कि Bacho Ka Tikakaran Kyu Jaruri Hai तथा Bacho Ka Tikakaran Kab Hota Hai इसी के साथ-साथ हम आपको Why Vaccination Is Most Important For Newborn Babies In Hindi के बारे में भी बताएंगें, ताकि आप टीकाकरण के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त करके फिर आसानी से बच्चे का टीकाकरण करवा सकें।

नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण क्यों जरूरी है - Why Vaccination is Important for Newborns In Hindi ?

नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण क्यों जरूरी है – Why Vaccination is Important for Newborns In Hindi ?

छोटे बच्चों का टीकाकरण करवाना बहुत ही आवश्यक होता हैं, क्योंकि टीकाकरण हो जाने के पश्चात बच्चे अनेकों प्रकार की बीमारियों से बचे रहते हैं। इसीलिए बच्चों का टीकाकरण करवाना आवश्यक होता है जब बच्चों का जन्म होता हैं, तो उनका शरीर बहुत ही ज्यादा कमजोर होता है जो कि किसी भी प्रकार की छोटी से छोटी बीमारी से लड़ने की क्षमता नहीं रखता। अब ऐसे में अगर बच्चे का टीकाकरण नहीं होगा तो बच्चा आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ सकता है।

 जन्म के पश्चात बच्चे को पीलिया निमोनिया पोलियो हेपेटाइटिस बी चिकनगुनिया आदि बीमारी होने का खतरा बना रहता हैं। अगर आपके बच्चे का टीकाकरण सही समय पर हो जाए तो बच्चे को इनमें से कोई भी बीमारी नहीं हो सकती, क्योंकि टीकाकरण करवाने से इन सभी बीमारियों का खतरा हमेशा के लिए खत्म हो जाता है इसीलिए बच्चों का टीकाकरण जरूरी होता हैं।

जिस प्रकार आज के समय में कोरोनावायरस से लोगों को बचाने के लिए कोरोनावायरस की वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही हैं। ठीक इसी प्रकार बच्चों को भी जन्म के साथ ही अनेकों बीमारियों के टीके लग जाते हैं जिनसे वह भविष्य में इन बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। पुराने समय में लाखों बच्चों की जान सिर्फ इन्हीं छोटी-मोटी बीमारियों की वजह से चली जाती थी,

क्योंकि उस समय टीकाकरण को लेकर लोग इतने ज्यादा जागरूक नहीं थे लेकिन अब तो सरकार के द्वारा हर एक शहर तथा ग्रामीण इलाकों को टीकाकरण के प्रति पूरी तरह जागरूक कर दिया है ताकि वह बच्चे का जन्म होते ही उसका टीकाकरण शुरू कर दें, सरकारी अस्पताल में बच्चे का टीकाकरण करवाने की आपको और भी बहुत से फायदे मिलते हैं।

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टीकाकरण बच्चों के शरीर में किस प्रकार कार्य करता हैं ?

  • वैसे तो हम सभी इंसानों के शरीर में अनेकों प्रकार की बीमारियों से लड़ने की क्षमता मौजूद होती है जिसे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहा जाता हैं, अगर हमें कोई भी बीमारी होती हैं, तो सबसे पहले हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उस बीमारी से लड़ने की पूरी कोशिश करती हैं, लेकिन जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ( immunity ) उस बीमारी से नहीं लग पाती तो हमें संक्रमण हो जाता है और फिर उस संक्रमण से लड़ने के लिए हमारा शरीर कई प्रकार के रसायनों का उत्पादन भी करता है जिन्हें एंटीबॉडीज ( Anti-bodies ) कहा जाता हैं।
  • जब हम ठीक भी हो जाते हैं तो भी हमारे शरीर में एंटीबॉडीज ( Antibodies ) रहते हैं, यह एंटीबॉडीज हमें संक्रमण पैदा करने वाले जीव के प्रति प्रतिरक्षित बना देते हैं और यह प्रतिरक्षण क्षमता जीवन भर हमारे साथ ही बनी रहती है।
  • जब बच्चे का टीकाकरण होता है तो टीकाकरण के माध्यम से हमारे शरीर का सामना संक्रमण से करवाया जाता है, ताकि हमारा शरीर उसके प्रति प्रतिरक्षण क्षमता ( immunity ) को विकसित कर सके, बच्चों को कुछ टिके मौखिक रूप से भी दिए जाते हैं और कुछ ठीक है उन्हें इंजेक्शन के माध्यम से दिए जाते हैं।
  • टीकाकरण ( vaccination ) का फायदा यह होता है कि, Infection के प्रति प्रति रक्षित होने के लिए हमारे शरीर को पूरी तरह बीमार होने की आवश्यकता नहीं होती, हल्का संक्रमण होने से भी टीकाकरण के माध्यम से हम उस बीमारी के खिलाफ प्रतिरक्षी ( anti-bodies ) हो सकते हैं और यही कारण है कि जब हम उस बीमारी से संक्रमित हो भी जाते हैं, तो भी हम आसानी से बच जाते हैं, क्योंकि हम उस बीमारी के होने से पहले ही उसके प्रति सुरक्षित हो चुके हैं।

बच्चे को जन्म के शुरुआती सालों में इतने अधिक टीके लगवाने क्यों आवश्यक है ?

बच्चे के जन्म के पश्चात शुरुआती महीनों में आपके शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली ( Defence System ) काफी विकसित हो रही होती हैं। पहले कुछ महीनों तक तो आपका शिशु आसानी से संक्रमण ( Infection ) से सुरक्षित रहता हैं, क्योंकि जब वह गर्भ में पल रहा होता हैं, तो उसे अपनी मां के शरीर से एंटीबॉडीज ( Antibodies ) प्राप्त हो रहा था जिसकी वजह से वह है जन्म के पश्चात कुछ दिनों तक बीमारियों से बचा रहता हैं, लेकिन कुछ समय के पश्चात आप के शिशु को अपने खुद के शरीर में एंटीबॉडीज ( Antibodies ) को उत्पन्न करने की आवश्यकता होती हैं, तो फिर उस शिशु का टीकाकरण जरूरी होता हैं, क्योंकि एक टीकाकरण के माध्यम से ही बच्चे के शरीर को एंटीबॉडीज विकसित ( Anti-bodies Developed )  करने में आसानी होती हैं।

टीकाकरण के कितने प्रकार होते हैं – Types Of Babies Vaccination In Hindi ?

टीकाकरण के अलग-अलग तीन प्रकार होते हैं जैसे कि :-

1. प्राथमिक टीकाकरण ( Primary Vaccination )

प्राथमिक जी का करण में 1 से लेकर 5 पुरा के शामिल हो सकती हैं। यह खुराक के शिशु के जन्म के समय ही शुरू होती है और उसकी जिंदगी के शुरुआती कुछ सालों तक यह जारी रहती हैं। यह शिशु के शरीर में विशेष बीमारियों के खिलाफ प्रतिरक्षण क्षमता विकसित करती है। इसीलिए इन सभी टीको की खुराक लेना बहुत ही आवश्यक होता हैं, क्योंकि इनकी सभी खुराक लेने के पश्चात बच्चे को  बीमारी होने का खतरा नहीं रहता।

2. बूस्टर टीकाकरण ( Booster Vaccination )

बूस्टर टीकाकरण की खुराक प्राथमिक टीकाकरण के प्रभाव को अधिक बढ़ाने के लिए दी जाती हैं क्योंकि जैसे जैसे समय बीतता जाता हैं, तो एंटीबॉडीज का स्तर भी कम होने लगता है इसीलिए बच्चे को अनेकों प्रकार की बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता हैं। इसी वजह से बच्चे को टीकाकरण की बूस्टर खुराक दी जाती है जिससे बच्चे के शरीर में एंटीबॉडी इसका स्तर ऊपर उठ जाता है और बच्चा पहले से अधिक सुरक्षित हो जाता है। बूस्टर टीकाकरण के पश्चात बच्चे को थोड़ा सा बुखार भी चल सकता हैं, लेकिन वह 8 से 10 घंटे में खुद ही ठीक हो जाता है और उसके पश्चात आपका बच्चा एक स्वस्थ जीवन जी पाता हैं।

3. सार्वजनिक टीकाकरण ( Public Vaccination )

अगर कोई विशेष बीमारी है जिससे कि लोगों की जान काफी जा रही है और लोग संक्रमित भी उस बीमारी से काफी हो रहे हैं, तो इस प्रकार की बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए सार्वजनिक टीकाकरण अभियान चलाया जाता है। जिसके तहत देश में रहने वाली जनता को टीकाकरण किया जाता हैं, जैसे कि पुराने समय में एक चेचक की बीमारी ऐसी ही थी या फिर चिकनगुनिया और पोलियो आदि बीमारियों को सरकार के द्वारा सार्वजनिक कृतिका करण के माध्यम से ही जड़ से खत्म किया गया हैं, क्योंकि इन बीमारियों के कारण काफी अधिक बच्चों की जान जा रही थी इसीलिए इन बीमारियों का टीका बच्चों को जन्म से ही लगा देते हैं, ताकि बड़े होने के साथ-साथ भी उसे इस प्रकार की बीमारी होने का खतरा ना रहे।

क्या बच्चों के लिए टीकाकरण बिल्कुल सुरक्षित होता है – Are vaccinations Absolutely Safe For Newborns In Hindi ?

नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण बहुत ही सुरक्षित होता है बल्कि टीकाकरण तो उनके शरीर को होने वाली अनेकों प्रकार की बीमारियों से बचाता है। इसीलिए टीकाकरण शिशुओं के लिए बहुत ही सुरक्षित होता है, लेकिन टीकाकरण भी सिर्फ विशेषज्ञों की निगरानी में ही करवाना चाहिए। यदि आप ऐसे ही किसी प्राइवेट हॉस्पिटल से छोटे-मोटे डॉक्टर से अपने बच्चे का टीकाकरण करवाते हैं, तो वह आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता हैं, आपको ज्यादातर सरकारी अस्पताल से ही बच्चे का टीकाकरण करवाना चाहिए, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में सभी डॉक्टर well qualified होते हैं जिन्हें हर एक चीज के बारे में अच्छे से पता होता हैं।

क्या टीकाकरण के कोई दुष्प्रभाव होते हैं – are There Any Side-effects of Vaccination In Hindi ?

वैसे तो बच्चों को टीकाकरण का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता, लेकिन बहुत से मामलों में बच्चे को टीकाकरण के दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि :-

  • बच्चों का टीकाकरण करवाने के पश्चात आपको डॉक्टर की बात माननी चाहिए। यदि आपको डॉक्टर ने कहा है कि बच्चे को अभी आधा घंटा या फिर 20 मिनट दूध नहीं पिलाना है या फिर कोई भी खाने पीने की चीज नहीं खिलानी तो आपको बिल्कुल ऐसे ही करना चाहिए। क्योंकि यदि आप डॉक्टर की बात नहीं मानेगी तो उसके कारण आपके बच्चे को साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
  • जब बच्चों को इंजेक्शन लगाया जाता है तो इंजेक्शन लगाते समय बच्चों को थोड़ी परेशानी हो सकती हैं। वह काफी तेज तेज रो सकते हैं ऐसे में आपको अपने बच्चे को पूरी तरह से पकड़ कर रखना चाहिए ताकि उसके हाथ पैर बिल्कुल भी ना ही लें, यदि आपका बच्चा इंजेक्शन लगाते समय हाथ पैर हिलाता हैं, तो उसके कारण सुई टूट भी सकती है इसीलिए इस बात का विशेष रूप से ख्याल रखें।
  • टीकाकरण के पश्चात बच्चों को हल्का बुखार आ सकता हैं। यह हल्का बुखार टीकाकरण के पश्चात हर एक बच्चे को होता हैं, इसलिए आपको इस हल्के बुखार को देखकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। डॉक्टर आपको पहले ही बता देगा कि टीकाकरण के पश्चात आपके बच्चे को बुखार होता हैं, तो आप इस प्रकार की दवाई उसे दीजिए। लेकिन बच्चे को बुखार होने पर आप ऐसे ही किसी डॉक्टर के पास उठाकर बच्चे को ना ले जाएं, क्योंकि दूसरा डॉक्टर कोई दूसरी दवाई दे सकता है जो कि बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • अगर टीकाकरण करवाने के पश्चात आपके बच्चे को काफी ज्यादा तेज बुखार हो जाता हैं, तो इस स्थिति में आपको उसी अस्पताल में जाना चाहिए जहां पर आपने टीकाकरण करवाया था।
  • जब बच्चे को आप टीका लगाती हैं तो उसके पश्चात उसे काफी ज्यादा सूची भी आती हैं, इसलिए आप उसे आराम करने दीजिए। यदि आप अपने बच्चे को टीकाकरण के पश्चात आराम नहीं करने देंगी तो उसके कारण भी उसकी तबीयत खराब हो सकती हैं। बहुत बार हम अपने बच्चे को टीकाकरण कराने के पश्चात उनके साथ खेलने में व्यस्त रहते हैं जिसकी वजह से वह आराम नहीं कर पाते इसलिए बच्चे को आराम करने दें, यदि आपका बच्चा आराम नहीं करेगा तो वह और भी ज्यादा बीमार हो सकता हैं।

शिशु के लिए टीकाकरण की अवधि – Vaccination Period For Newborns In Hindi ?

  • जब बच्चे का जन्म होता है तो जन्म के समय बच्चे को बीसीजी, पोलियो तथा भारत के अतिरिक्त दूसरे देशों में हेपेटाइटिस बी के टीके भी लगाए जाते हैं।
  • जब आपका बच्चा 6 हफ्ते का हो जाता हैं, तो 6 हफ्ते के होने पर भी उसे अन्य बीमारियों के टीके लगाए जाते हैं।
  • जब आपका बच्चा 10 हफ्ते का हो जाता हैं, तो 10 हफ्ते की आयु में भी उसे टीके लगाए जाते हैं।
  • जब आपका बच्चा 14 हफ्ते का हो जाता हैं, तो 14 हफ्तों में भी आपके बच्चे को अन्य टीके लगाए जाते हैं।
  • सबसे आखिर में जब आपका बच्चा 9 महीने का हो जाता हैं, तो 9 महीने की आयु में उसे बचे हुए टीके लगाए जाते हैं। यह सभी टीके बच्चे को बीसीजी, कुष्ठ रोग तथा टीबी की बीमारी, खांसी, डिप्थीरिया, चिकनगुनिया, पोलियो, पीलिया, टेटनस आदि से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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शिशु के जन्म के पश्चात कौन-कौन से टीके लगाए जाते हैं – What vaccines Are Given After the Birth of the Baby In Hindi ?

जब बच्चे का जन्म होता हैं तो जन्म के पश्चात बच्चे को कई प्रकार के अलग-अलग टीके लगाए जाते हैं, जो कि बच्चे की भविष्य में होने वाली अनेकों प्रकार की घातक बीमारियों से रक्षा करते हैं जैसे कि :-

  • सबसे पहले बच्चे को बीसीजी टीका ( BCG vaccine ) लगाया जाता हैं, जो कि उसे भविष्य में होने वाली टीबी की बीमारी से बचाता हैं।
  • Hepatitis B Vaccine
  • OPV Drops तथा IPV Injection ( यह दोनों ही पोलियो की बीमारी की दवाइयां होती हैं एक इंजेक्शन के रूप में होती है तो एक ड्रॉप्स के रूप में होती है )
  • DTP Vaccine ( यह टीका डिप्थीरिया टेटनेस काली खांसी आदि बीमारी से बच्चे को बचाने के लिए लगाया जाता है )
  • Haemophilus Influenza B Vaccine
  • Rotavirus Vaccine ( टीकाकरण के दौरान बच्चे को रोटावायरस से होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए भी टीका लगाया जाता है )
  • Typhoid Conjugate Vaccine ( यह टीका बच्चे को टाइफाइड की बीमारी से बचाने के लिए लगाया जाता है )
  • MMR Vaccine ( यह टीका बच्चे को भविष्य में होने वाले अनेकों प्रजाति के खसरा रोग से बचाता है )
  • Hepatitis A Vaccine
  • Pneumococcal Conjugate Vaccine
  • Influenza Flu Vaccine
  • Chicken Pox Vaccine
  • Cholera Vaccine
  • आपको अपने शिशु की हर एक प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा करने के लिए उसे पहले ही टीके लगवा देना चाहिए, ताकि बाद में वह बीमारियों से सुरक्षित रह सके डॉक्टर आपको टीकाकरण की सारणी बता देते हैं, उसी के हिसाब से आपको अपने शिशु को टीके लगवाने होते हैं।
  • अगर हर एक बच्चों को सरकार के द्वारा निर्देशित की गई टीकाकरण सूची के हिसाब से टीके लगवाए जाएं तो बचपन में होने वाली हर एक प्रकार की बीमारी से बच्चे को बचाया जा सकता हैं। बहुत से बच्चे 5 साल की उम्र से पहले भी कई बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गवा देते हैं। अगर आप बच्चों का टीकाकरण सही से करवाते हैं, तो इस प्रकार आपके बच्चे को किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा भी नहीं रहता।
  • ऐसी बहुत सी बीमारियां हैं जो काफी समय पहले दिखाई देती थी, लेकिन अब उनका प्रकोप बहुत ही कम दिखाई देता है या फिर प्रकोप नहीं भी दिखाई देता लेकिन फिर भी आपको इस प्रकार की बीमारियों के टीके अपने बच्चे को लगवा ही देना चाहिए, क्योंकि संक्रामक बीमारियों को फैलने में देर नहीं लगती वह दोबारा भी खेल सकते हैं।
  • वैसे तो कोई भी टीका इतना ज्यादा प्रभावी नहीं होता कि वह आपके बच्चे की 100% सुरक्षा कर सकें, लेकिन टीका लगवाने के पश्चात जब कभी भी बच्चे उस बीमारी की चपेट में आते हैं, तो वह आसानी से ठीक हो जाते हैं क्योंकि उनका शरीर पहले से ही इस बीमारी के बारे में जान चुका होता हैं। इसीलिए उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता आसानी से उस बीमारी को ठीक कर देती है, लेकिन बच्चों को कुछ दवाइयां भी खानी पड़ती हैं।
  • शिशु को बचपन में टीका लगवाना बहुत ही जरूरी होता हैं, वैसे तो बच्चों को इतने सारे टीके लगने से बहुत ज्यादा तकलीफ भी होती हैं, इसीलिए आप संयुक्त टीका भी अपने बच्चे को लगवा सकती हैं। उस टीके में अन्य कई कई बीमारियों की दवाइयां मिली होती है जो कि एक ही टीका तीन से चार टीको का काम करता हैं।

Conclusion –

बच्चों के जन्म के पश्चात उनका टीकाकरण क्यों आवश्यक होता है और उनके टीकाकरण से संबंधित किन बातों का ख्याल माता-पिता को रखना चाहिए तथा टीकाकरण करवाने के पश्चात हम अपने बच्चे को किस प्रकार अनेकों बीमारियों से बचा सकते हैं। इन सब के बारे में हमने आपको विस्तार से बता दिया है ताकि आप अपने बच्चे को भविष्य में होने वाली बीमारियों से  बचने के लिए पहले ही  मजबूत बना दें,

इसी के साथ साथ आज  इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको Bacho Ka Tikakaran Kyu Jaruri Hai तथा Bacho Ka Tikakaran Kab Hota Hai इसके बारे में बताया हैं। इसी के साथ-साथ हम आपको Why Vaccination Is Most Important For Newborn Babies In Hindi तथा What Vaccines Do Newborns Get After Birth In Hindi के बारे में भी बता दिया हैं, ताकि आप उसी हिसाब से अपने बच्चे को हर एक टीका लगवा सकें। धन्यवाद

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