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Malnutrition: बच्चे कुपोषण का शिकार क्यों होते हैं – जानिए कुपोषण के लक्षण, इलाज तथा घरेलू उपाय | What is Malnutrition (Kuposhan) Its Causes, Symptoms and Best Treatments in Hindi

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बच्चे कुपोषण का शिकार क्यों होते हैं –  जानिए कुपोषण के लक्षण, इलाज तथा घरेलू उपाय ?

बच्चों को बचपन में बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो बचपन से ही कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। कुपोषण एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें आपके बच्चे का विकास पूरी तरह से रुक जाता है और आपका बच्चा हर एक चीज में दूसरे बच्चों से पीछे रह जाता है। बच्चा बहुत से कारणों से कुपोषण का शिकार हो सकता है जैसे कि गर्भावस्था के समय माता अगर अपना अच्छे से ख्याल नहीं रखती तो उसके कारण भी उसका बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता हैं, क्योंकि नवजात शिशु को हर एक प्रकार का पोषण अपनी माता के द्वारा ही मिलता है।

Malnutrition (Kuposhan) in Hindi Table Of Content

कुपोषण का शिकार हो जाने के पश्चात बच्चे दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी सुस्त रहते हैं और वह अच्छे से कोई भी काम नहीं कर पाते कुपोषण एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें आपका बच्चा दिमागी रूप से भी काफी सुस्त हो जाता है।

वैसे तो 3 साल तक की उम्र में बच्चे के दिमाग का विकास काफी अधिक हो जाता है लेकिन जो बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं तो उनका दिमाग बाकी बच्चों से काफी कमजोर होता हैं। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुपोषण की बीमारी में विस्तार से जानकारी देंगे की Causes Of Malnutrition In Childrens In Hindi तथा Kuposhan Ke Lakshan In Hindi इसी के साथ-साथ हम आपको Treatment Of Malnutrition In Childrens In Hindi तथा Bacho Ko Kuposhan Se Kaise Bachaye इसके बारे में भी आपको विस्तार से बताएंगे।

कुपोषण क्या होता हैं – What Is Malnutrition In Hindi ?

जब आपके बच्चे के शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व, खनिज तथा कैलोरी प्राप्त नहीं होते तो बच्चे का विकास पूरी तरह से रुक जाता हैं, क्योंकि सभी पोषक तत्व तथा खनिज ही बच्चे के महत्वपूर्ण अंगों के विकास में मदद करते हैं और आपके बच्चे को रोग मुक्त जीवन जीने में मदद करते हैं। यदि आपके बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो फिर वह हर एक रूप से कमजोर हो जाता है और इसी चीज को हम कुपोषण कहते हैं।

अगर साधारण भाषा में कहें, तो कुपोषण का शिकार उस बच्चे को कहते हैं जिस बच्चे के शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और जब उसका विकास उन पोषक तत्वों की कमी के कारण रुक जाता हैं, फिर अनेकों प्रकार की बीमारियां भी उसे घेर लेती हैं तो इस परिस्थिति को हम कुपोषण कहते हैं।

 Malnutritished Children in the picture

बच्चों में कुपोषण के कितने प्रकार होते हैं – Types Of Malnutrition In Children In Hindi ?

कुपोषण के अलग-अलग पांच प्रकार होते हैं जैसे कि :-

1. स्टनिंग ( Stunning )

स्टनिंग एक इस प्रकार की समस्या है जिसमें बच्चे में सामान्य रूप से विकास रुक जाता हैं। इस समस्या में बच्चे का शारीरिक वजन तथा लंबाई दोनों काही विकास रुक जाता है। स्टनिंग एक इस प्रकार की समस्या है जो धीरे-धीरे बच्चे में देखने को मिलती है, क्योंकि बच्चे का वजन और लंबाई धीरे-धीरे ही बढ़ते हैं और जब काफी समय तक आपके बच्चे का लंबाई और वजन दोनों ही नहीं बढ़ते तो आप उस समय इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपका बच्चा कुपोषण का शिकार हैं।

इस प्रकार की समस्याएं उन बच्चों के साथ भी होती हैं जिनकी माताएं गर्भधारण के पश्चात अपना अच्छे से ख्याल नहीं रखती इसीलिए कहते हैं कि, जब बच्चा गर्भ में होता है तो माता को अधिक से अधिक पोषक तत्वों का सेवन करना पड़ता है तभी उसके बच्चे को हर एक पोषक तत्व मिल पाता है।

2. वास्टिंग ( Waasting )

यह एक ऐसी समस्या है जो खासकर किसी इंफेक्शन या फिर बीमारी होने की स्थिति में भी हो सकती हैं, जैसे कि कुछ बच्चों को बचपन में मलेरिया ( Malaria ) या फिर डायरिया ( Diarrhea )हो जाता है तो इस प्रकार के बच्चों को जब बीमारी होती हैं, तो बीमारी होने के कारण इनके शरीर में पोषक तत्वों की कमियां पूरी होने लग जाती हैं और फिर इन्हें सही मात्रा में पोषक तत्व ना मिलने के कारण इनके शरीर में पोषक तत्वों की कमियां ही रह जाती हैं, इसीलिए नवजात शिशुओं का अधिक से अधिक ख्याल रखना आवश्यक होता हैं।

3. क्वाशिओरकोर ( kwashiorkor )

यह इस प्रकार की गंभीर समस्या होती है जो बच्चे के शरीर में काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन तथा ऊर्जा की कमी के कारण पैदा होती हैं। कुपोषण के इस प्रकार में बच्चे की मांसपेशियां काफी ज्यादा कमजोर हो जाती है और उसके शरीर का पूरी तरह से विकास रूक जाता है इस समस्या में बच्चे के शरीर में सूजन भी पैदा हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त यह समस्या आहार में हाई कार्बोहाइड्रेट ( high carbohydrate ) तथा कम प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों ( low protein foods ) को शामिल ना करने की वजह से भी हो सकती है।

4. मरास्मस ( marasmus )

यह इस प्रकार की समस्या है जो बच्चों में प्रोटीन तथा ऊर्जा की काफी ज्यादा कमी होने के कारण पैदा होती हैं। यह समस्या बच्चों में तब पैदा होती हैं जब बच्चों के शरीर में आवश्यक कैलोरी की पूर्ति पूरी तरह ना होने के कारण टिशु तथा मांसपेशियां ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाती।

5. माइक्रोन्यूट्रिएंट्स ( micronutrients ) की कमी

इस प्रकार की समस्या बच्चों में Vitamin A, Multivitamin, Zinc, Folic Acid, Copper तथा Iron की कमी के कारण होती हैं। इस प्रकार की समस्या में बच्चे बहुत ही ज्यादा कमजोर हो जाते हैं और उनका विकास पूरी तरह से रुक जाता है, लेकिन डॉक्टर बहुत से पोषक तत्व तथा सप्लीमेंट की सहायता से आसानी से बच्चे को ठीक कर सकते हैं।

बच्चे में किन कारणों से कुपोषण हो सकता है – Causes Of Malnutrition Disease In Childrens In Hindi ?

ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से आपका बच्चा आसानी से कुपोषण का शिकार हो सकता है जैसे कि :-

गर्भावस्था के समय पोषक तत्व का सेवन ना करना(Not Taking Proper Nutrient Diet)

अगर गर्भावस्था के समय महिलाएं अपना पूरी तरह से ख्याल नहीं रखती तो उसके कारण भी उनके बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। बहुत सी महिलाएं गर्भधारण के पश्चात अपना ख्याल रखना पूरी तरह से छोड़ देती है जिसके कारण उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों की कमियां होने लगती हैं। यदि आप एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देना चाहती हैं या जन्म के बाद भी अपने बच्चे को स्वस्थ रखना चाहती हैं तो आपको गर्भावस्था के समय हर पोषक तत्व का सेवन करना होगा।

खराब जीवनशैली(Bad Lifestyle)

अगर गर्भावस्था के समय किसी महिला की जीवन शैली काफी खराब हैं तो उसकी वजह से भी बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं जैसे की बहुत सी महिलाएं धूम्रपान करती हैं या फिर तंबाकू का सेवन तथा शराब आदि का सेवन करती हैं, तो उसके कारण भी उनका बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता हैं।

पाचन तंत्र से संबंधित रोग(If suffering from Digestive Problem)

अगर आपके बच्चे को पाचन तंत्र से संबंधित कोई बीमारी हैं, तो उसकी वजह से भी आपका बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता हैं, क्योंकि पाचन तंत्र खराब होने की वजह से बच्चे को हर एक पोषक तत्व का पोषण नहीं मिल पाता और जब बच्चे को पोषण ही नहीं मिल पाता तो उसकी वजह से वह कुपोषण का शिकार हो जाता हैं।

समय पर भोजन ना करना(Not Taking Food on Time)

बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को समय पर खाना नहीं खिलाते जिसकी वजह से वह कुपोषण के शिकार हो सकते हैं। इसीलिए माता-पिता को इस बात को अच्छे से समझ लेना चाहिए कि जब तक वह अपने बच्चों को समय पर खाना नहीं खिलाएंगे तो तब तक उनके बच्चों के शरीर को किसी भी प्रकार का पोषण नहीं प्राप्त होगा।

स्तनपान की कमी(Less Breast Feeding)

माता का दूध बच्चे के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता हैं, क्योंकि बचपन में बच्चे को हर एक प्रकार का जरूरी पोषक तत्व माता के दूध से ही प्राप्त होता हैं। इसीलिए अक्सर जो बच्चे बचपन में किसी कारणवश माता का दूध नहीं पीते तो वह बच्चे भी कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। इसीलिए अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराइए जब बहुत ज्यादा जरूरत होती हैं, तो तभी उन्हें बोतल से दूध पिलाना चाहिए।

अनियमित सोना और जागना(Abnormal Sleep)

अगर आप अपने बच्चे को सोने के टाइम पर नहीं सुलाएंगे, तो उसके कारण भी आपके बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती हैं, क्योंकि छोटे बच्चों का समय पर सोना और उठना बहुत ही महत्व रखता हैं  यदि आपका बच्चा रात को 2:00 बजे सोता है और सुबह 10:00 बजे उठता हैं, तो उसका कोई भी फायदा नहीं होगा, इस प्रकार आपके बच्चे को सिर्फ नुकसान पहुंचेगा।

लंबे समय तक बीमारी( Suffering from Long Term Disease)

अगर आपके बच्चे को बचपन में ही कोई गंभीर बीमारी हो जाती हैं, तो उसकी वजह से भी आपका बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता है या फिर अगर आपके बच्चे को मलेरिया, डायरिया या पीलिया हो जाता हैं, तो उसके कारण भी आपके बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों की कमी आ सकती है जिसकी वजह से वह कुपोषण का शिकार हो सकता हैं। इसीलिए जब बच्चा बीमारी से ठीक होता है तो उसकी शारीरिक जांच बहुत आवश्यक होती हैं।

बच्चों में कुपोषण के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Malnutrition Disease In Children’s In Hindi ?

अगर किसी भी बच्चे को कुपोषण हो जाता हैं, तो आप उस बच्चे को देखकर आसानी से इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि वह कुपोषण का शिकार हैं। इसीलिए अब हम आपकी मदद के लिए कुछ ऐसे लक्षण भी बता रहे हैं जो कि कुपोषण से ग्रसित होने पर बच्चों में आमतौर पर दिखाई देते हैं।

  • अगर आपका बच्चा कुपोषण का शिकार हो गया हैं, तो उसको पूरा दिन काफी ज्यादा थकान रहती है और वह काफी ज्यादा कमजोर भी दिखाई देता हैं। खासतौर पर उसकी आंखों के नीचे कालापन आने लगता है जो कि इस बात को दर्शाता है कि उसके शरीर में कमजोरी आ रही है।
  • जब बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, तो उनके शरीर का वजन और लंबाई दोनों ही बढ़ना बंद हो जाते हैं बल्कि बच्चे के शरीर का वजन तो कम भी होता हुआ नजर आ सकता हैं। आपने कभी ना कभी आपने आसपास बहुत से ऐसे बच्चों को देखा होगा जो कि 7 से 8 साल की उम्र के हो जाते हैं, लेकिन फिर भी उनकी लंबाई 3 या 4 साल के बच्चे जितनी होती है हम आपको बता दें कि यह कुपोषण के ही लक्षण हैं।
  • अगर आपका बच्चा अपनी उम्र के हिसाब से काफी ज्यादा पतला है और वह अपनी उम्र के हिसाब से खाना भी नहीं खा पाता तो यह भी कुपोषण के ही लक्षण हैं, क्योंकि कुपोषण का शिकार होने के पश्चात बच्चा ना तो अच्छे से खाना खाता है और ना ही अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह दिखता हैं।
  • जब छोटे बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं तो उन्हें अक्सर कोई ना कोई बीमारी रहने लगती हैं, जैसे की कब्ज की समस्या रहना कुपोषण का शिकार हुए बच्चों में कब्ज की समस्या एक आम समस्या है जिसके कारण बच्चों का विकास पूरी तरह से रुक जाता हैं।
  • अगर आपके बच्चे को थोड़ा सा ही मौसम बदलने पर तुरंत ही खांसी जुखाम बुखार हो जाता है या फिर कोई छोटी मोटी बीमारी हो जाती हैं, तो इन लक्षणों को देखकर भी आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, आपके बच्चे के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर है जिसकी वजह से वह काफी जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता उन बच्चों के शरीर में ही कम होती है जो कि कुपोषण का शिकार होते हैं।
  • अगर आपका बच्चा पढ़ाई करता है और पढ़ते समय उसका दिमाग बिल्कुल भी पढ़ाई में नहीं लगता या फिर वह कोई भी चीज अच्छे से याद नहीं रख पाता तो यह भी कुपोषण का ही लक्षण हैं, क्योंकि कुपोषण के कारण बच्चे का दिमाग विकास रूक जाता है जिसकी वजह से वह पढ़ाई लिखाई में तो कमजोर रहता ही है। इसी के साथ-साथ दिमागी रूप से दूसरे कामों में भी थोड़ा कमजोर हो जाता हैं।
  • जो बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं तो उनकी मांसपेशियां काफी कमजोर हो जाती हैं, क्योंकि शरीर को पोषक तत्व ना मिलने के कारण शरीर धीरे-धीरे खराब होने लगता है और इसी वजह से मांसपेशियों में दर्द थकान रहने लगते हैं।
  • अगर आपके बच्चे को कोई छोटी-मोटी चोट लग जाती है और इस घाव को भरने में काफी ज्यादा समय लग रहा हैं, तो यह लक्षण भी कुपोषण से शिकार हुए बच्चों में ही देखे जाते हैं।
  • जो बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं तो उनकी हाथों पैरों की त्वचा काफी सूखी-सूखी सी रहती हैं, क्योंकि कुपोषण का शिकार होने के कारण उनकी त्वचा की नमी भी खत्म होने लगती हैं।

बच्चों में कुपोषण की जांच कैसे की जाती है – Diagnosis Of Malnutrition Disease In Children In Hindi ?

  • अगर किसी बच्चे ने कुपोषण के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत ही बच्चों के डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, क्योंकि कुपोषण का शिकार हुए बच्चे का इलाज डॉक्टर के द्वारा ही किया जा सकता हैं।
  • डॉक्टर के द्वारा ही बच्चों की अलग-अलग प्रकार से जांच की जा सकती है जिसके माध्यम से इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।
  • अगर किसी बच्चे में कुपोषण के लक्षण दिख रहे हैं, तो उस बच्चे कब ब्लड टेस्ट भी किया जा सकता है और ब्लड टेस्ट के माध्यम से भी उसके शरीर के बारे में बहुत कुछ जानने को मिल सकता है। क्योंकि बच्चे के खून के माध्यम से ही blood cell count, blood sugar, blood protein या albumin level आदि के बारे में पता लगाया जा सकता हैं।
  • इसके अतिरिक्त डॉक्टर के द्वारा बच्चे का thyroid test तथा बच्चे के शरीर में calcium, zinc तथा हर एक प्रकार के Vitamins की मात्रा की जांच भी की जा सकती है और उस के माध्यम से पता लगाया जा सकता है कि बच्चे कुपोषण का शिकार हैं या नहीं हैं।

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बच्चे के शरीर पर कुपोषण होने से क्या प्रभाव पड़ता हैं – What are the Effects of Malnutrition on the Child’s Body In Hindi ?

अगर आपके बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, तो उनके शरीर पर इस चीज का बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है जैसे कि :-

  • कुपोषण का शिकार होने पर बच्चों की लंबाई रुक जाती है जिसकी वजह से वह अपनी उम्र के दूसरे बच्चों से लंबाई में छोटे रह जाते हैं। इसके अतिरिक्त कुपोषण के शिकार हुए बच्चों के शरीर का वजन बिल्कुल भी नहीं बढ़ पाता और वह बिल्कुल पतले से दिखाई देते हैं।
  • कुपोषण का शिकार होने पर बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से कमजोर पड़ जाती हैं, जिसकी वजह से बच्चे के शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ने की क्षमता नहीं बचती। इसलिए वह आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ जाता हैं।
  • कुपोषण का शिकार होने पर बच्चे बहुत ज्यादा आलसी हो जाते हैं, यदि आप उनसे कुछ काम करवाना भी जाएंगी तो भी वह उस काम को नहीं कर पाएंगे।
  • कुपोषण का शिकार होने पर बच्चे अच्छे से चल फिर भी नहीं पाते ऐसा इसलिए की चलते फिरते समय उनकी हड्डियों में दर्द होने लगता हैं, क्योंकि कुपोषण की वजह से उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिसकी वजह से हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं।
  • कुपोषण का शिकार होने पर आपका बच्चा दिमागी रूप से भी कमजोर हो जाता है और वह अपनी उम्र के हिसाब से दूसरे बच्चों के मुताबिक मानसिक रूप से कमजोर रहता हैं, जिसकी वजह से पढ़ाई लिखाई में भी बच्चा आगे नहीं बढ़ पाता।

बच्चों में कुपोषण का उपचार – Treatment Of Malnutrition Disease In Children’s In Hindi

अगर कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता हैं, तो डॉक्टर के द्वारा बच्चे के शरीर की हर एक कमी के बारे में पता लगाया जाता है और फिर उसी कमी के आधार पर बच्चे को बहुत सी Medicine तथा Protein Powder भी दिया जाता है जिसे दूध में घोलकर पीना पड़ता हैं। हम आपको बता दें कि जब कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है तो शुरुआत में ही उसका इलाज करना बहुत जरूरी होता हैं, क्योंकि धीरे-धीरे उसकी उम्र बढ़ती रहती है और फिर वह अपनी उम्र के बच्चों के हिसाब से काफी कमजोर हो जाता है इसीलिए समय पर इलाज आवश्यक हैं।

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बच्चों में कुपोषण का घरेलू इलाज क्या हैं – Home Remedies For Malnutrition Disease In Children’s In Hindi ?

अगर कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हो भी जाता है तो भी बहुत से घरेलू इलाज है जिनके माध्यम से उसे सही किया जा सकता है जैसे कि :-

  • कुपोषण का शिकार होने पर बच्चे को तरह-तरह के पोस्टिक आहार का सेवन करवाना चाहिए। खास तौर पर हरी सब्जियां तथा दालें तो बच्चे को जरूर खिलानी चाहिए, क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो कि बच्चे को कुपोषण से बचाने में मदद करेंगे।
  • आपको अपने बच्चों को ताजे फलों का सेवन जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि ताजे फलों में अधिक से अधिक मात्रा में सभी खनिज तथा पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि बच्चे के शरीर को हर एक पोषक तत्व प्रदान करते हैं इसीलिए ताजे फलों का सेवन बहुत आवश्यक हैं।
  • अगर आप मांसाहारी भोजन खा सकते हैं तो आपको अपने बच्चे को मछलियां तथा अंडे का सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि मछली और अंडा दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और यह बच्चे के शरीर को काफी जल्दी कुपोषण से बचा लेते हैं।
  • कुपोषण का शिकार होने पर बच्चों को अधिक से अधिक मात्रा में गाय को दूध पिलाना चाहिए, क्योंकि गाय का दूध पीने से बच्चे काफी जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं।
  • जो बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं उनके शरीर को अधिक से अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती हैं। इसीलिए उन बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आपको अधिक से अधिक मात्रा में पानी भी पिलाना चाहिए।
  • कुपोषण के शिकार बच्चों को साबुत अनाज का सेवन अधिक से अधिक करवाना चाहिए, क्योंकि साबुत अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो कि बच्चों के शरीर में काफी जल्दी पोषक तत्वों की कमियों को पूरा करते हैं। जैसे कि साबुत अनाज में Iron, potassium, fiber, zinc, calcium आदि सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि बच्चे के शरीर के लिए बेहद ही आवश्यक होते हैं।

Malnutrition का निष्कर्ष।

बच्चा किन कारणों से कुपोषण का शिकार हो सकता है और बच्चे को कुपोषण से किस प्रकार हम बचा सकते हैं। इस विषय पर हमने आपको विस्तार से सब बातें  बताई हैं। इसके अतिरिक्त आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको Causes Of Malnutrition In Childrens In Hindi तथा Kuposhan Ke Lakshan In Hindi के बारे में बताया हैं। इसी के साथ-साथ हमने आपको Treatment Of Malnutrition In Childrens In Hindi तथा Bacchon Ko Kuposhan Se Kaise Bachaye के बारे में भी बता दिया हैं, अगर अब आपको Home Remedies For Malnutrition Disease In Children’s In Hindi के बारे में पूछना हों, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद

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