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Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

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Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन से बचाव

क्या आपको मालूम है आपका दिल कितना रक्त पंप करता है ? या किस प्रकार कार्य करता है  क्या वह आपके शारीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप रक्त पंप कर रहा है या नहीं यह सब कैसे जानेंगे आप ?

कैसे जानेंगे आपका दिल थक गया है और वह ठीक प्रकार से कार्य करने में असमर्थ है ? क्या हमारे दिल की सेहत का निर्धारण करने का कोई मानदंड है?  आपके इन्ही सारे सवालो के जवाब आपको Ejection Fraction (EF) इजेक्शन फ्रैक्शन नंबर में छिपे हुए है । आपको नहीं पता ये क्या है चलिए कोई बात नही हम आपको बताते है इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है एवं इससे जुडी हुई सभी बाते हम अपने इस लेख में  लो इजेक्शन फ्रैक्शन के विषय में बात करने वाले है ।

डॉक्टर्स अक्सर इजेक्शन फ्रैक्शन (Ejection Fraction) के द्वारा ये निर्धारित करते है की आपका दिल सुचारू रूप से कार्य कर रहा है जो एक पंप की तरह आपकी पूरी बॉडी में रक्त पंहुचा रहा है ।

Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

जैसा की हमने बताया इजेक्शन फ्रैक्शन (EF) Ejection Fraction एक माप है, जिसे प्रतिशत के रूप में दर्शया जाता है।

यह हमे  दिखता है कि प्रत्येक कॉन्ट्रैक्शन के साथ लेफ्ट वेंट्रिकल कितना रक्त पंप कर रहा है। इजेक्शन फ्रैक्शन यदि 60 प्रतिशत  दर्शाता है तो इसका मतलब है कि लेफ्ट वेंट्रिकल में रक्त की कुल मात्रा का 60 प्रतिशत हर एक हार्टबीट के साथ बाहर धकेल दिया जाता है।  इससे यह समझा जा सकता है की आपका ह्रदय कितनी अच्छी प्रकार से कार्य कर रहा है और इसकी सहायता से आपको ह्रदय रोग के निदान और उससे समझने में मदद मिल सकती है

जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? | What is Low Ejection Fraction in Hindi

जैसा की आपने ऊपर पढ़ा यदि आपका दिल का इजेक्शन फ्रैक्शन 60 प्रतिशत है जिसका मतलब यह है की आपका दिल कुल रक्त का 60 प्रतिशत हर एक हार्ट बीट के साथ पंप करता है पर जब यह प्रतिशत कम होने लगता है तो इस स्तिथि को  लो इजेक्शन फ्रैक्शन (Low Ejection Fraction) कहते है

एक  रिपोर्ट के अनुसार लो इजेक्शन फ्रैक्शन (Low Ejection Fraction) जैसी समस्या से बचा जा सकता है या लो इजेक्शन फ्रैक्शन से बचाव (Low Ejection Fraction) भी संभव है, पर आपको ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण की जानकारी हासिल करे और उन्हें समझे ।

इजेक्शन फ्रैक्शन और हार्ट फेलियर में क्या संबंध?

वैसे तो हार्ट फेलियर (heart failure) लो इजेक्शन फ्रैक्शन के सामान्य कारणों में से एक है जैसे-जैसे हृदय की मांसपेशियां कमज़ोर पड़ने लगती हैं, वेंट्रिकल दिल से ब्लड को धकेलने में सक्षम नहीं होता है। इस स्तिथि में पम्पिंग 45%- 50% तक कम हो जाती है, जो धीरे-धीरे करीब 30% तक पहुंच जाती है। और जब पंपिंग बहुत कम होकर 20 से 30% हो जाती है, तो यह संकेत है कि व्यक्ति हार्ट फेलियर जैसी समस्या से ग्रसित हो सकता है।

कमज़ोर दिल की मांस पेशीय शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त ब्लड प्रदान करने में सक्षम नहीं हो पाता  और इसलिए, यह हार्ट फेलियर की पहचान और ट्रैकिंग में एहम भूमिका निभाता है। हालांकि, आपको यह बात समझनी होगी कि हार्ट फेलियर कोई गंभीर बीमारी नहीं है, बल्कि एक स्थिति है- जिसे  समय समय पर ध्यान देकर सुधारा जा सकता है और यहां तक कि इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

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यदि आपका इजेक्शन फ्रैक्शन कम  हो रहा है तो आपको क्या करना चाहिए ? | What should you do if your ejection fraction is decreasing?

यदि आपका इजेक्शन प्रतिशत कम है, 50% से भी कम है, तो आपका दिल आपके शरीर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कुशलता से रक्त पंप नहीं कर पायेगा। इस परिस्तिथि से बचने के लिए आपको नीचे बताये गए उपायों को अपनाना है

जीवनशैली में कौन से बदलाव मदद कर सकते हैं?

आपके हार्ट फेलियर के उपचार का एक अन्य प्रमुख पहलू जीवनशैली में बदलाव करना है।  पर ध्यान रहे कोई भी लाइफ स्टाइल परिवर्तन से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले। डॉक्टर्स आपके लिए सही जीवनशैली में बदलाव खोजने में आपकी सहायता कर सकते हैं। निम्नलिखित आदतें आपके इजेक्शन फ्रैक्शन को बेहतर बनाने और इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षणों को कम करने में सहायता प्रदान कर सकती हैं:

सोडियम सेवन को सीमित करें: ध्यान रखे अपने डाइट में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करे क्योकि रक्तप्रवाह में अधिक सोडियम आपके रक्त वाहिकाओं में अधिक पानी खींचता है। इससे रक्त की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उच्च रक्तचाप हो सकता है।

अधिक पानी पीने से बचें: आपको अधिक पानी पिने से बचना होगा सही मात्रा का चुनाव करने के लिए आप अपने डॉक्टर्स से सलाह ले सकते है ऐसा करने से आपको डीहाइड्रेटेड  भी नही होंगे और पानी की मात्रा भी आपके शारीर में जादा नही होगी

धूम्रपान करना बंद करे: सिगरेट पीना स्वास्थ के लिए हानिकारक है सिगरेट पीने के कारण आपके रक्त को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है धूम्रपान आपके रक्त को गाढ़ा कर सकता है, धमनियों में सूजन पैदा कर सकता है और आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है।

शराब का सेवन बंद करे: अधिक शराब पीने से उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप होता है, जो दिल पर दबाव डाल सकता है।

नियमित रूप से व्यायाम करें: यह एक मिथक मात्र ही है कि अगर आपको हार्ट फेलियर (या कोई हृदय रोग) है तो आपको आराम करने आवश्यकता है।  पर आप थोड़ी बहुत व्यायाम कर अपने ह्रदय की मांस पेशियों को मजबूत बना सकते है इसके लिए आप पैदा चलना शुरू कर सकते है यह एक बेहतरीन विकल्प है  

शारीरिक गतिविधि बेहतर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकती है।

लो इजेक्शन फ्रैक्शन संकेत और लक्षण | Ejection Fraction Signs and Symptoms

यहाँ हमने कुछ लो इजेक्शन फ्रैक्शन लक्षणों  को दर्शया है निम्नलिखित लो इजेक्शन फ्रैक्शन लक्षणों में से यदि एक या उससे अधिक आपको मेह्स्सोस होते है तो आपको अपने डॉक्टर की ओर रुख करना चैये और बेहतर सलाह लेने की आवस्यकता है:

•             व्यायाम करने में समस्या होना

•             थकान और कमजोरी महसूस होना

•             शारीर फूला हुआ या भरा हुआ महसूस करना

•             दिल की घबराहट होना

•             भूख में कमी होना

•             मानसिक भ्रम जैसी समस्या उत्पन्न होना

•             मितली या उलटी आना

•             तेज़, ज़ोरदार या अनियमित दिल की धड़कन

•             सांस लेने में कठिनाई

•             सूजन, विशेष रूप से पैरों और पैर के निचले हिस्सों में

लो इजेक्शन फ्रैक्शन निदान | Low Ejection Fraction Diagnosis

यदि आपको दिल से जुडी समस्याए है , तो अपने इजेक्शन अंश को मापने से आपको और आपके चिकित्सक को इसकी गंभीरता की निगरानी करने में सहायता मिल सकती है, इसी के साथ साथ डॉक्टर्स उपचार का सर्वोत्तम तरीका निर्धारित कर सकते हैं और जांच देख सकते हैं कि उपचार कितनी अच्छी तरह कार्य कर रहा है। लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लिए नैदानिक परीक्षणों में शामिल हैं:

इकोकार्डियोग्राम: यह अल्ट्रासाउंड परिक्षण हृदय के कक्षों और वाल्वों की चलती-फिरती तस्वीरें लेने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है। इससे आपके ह्रदय की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलती है

चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई): इस परिक्षण में दिल और रक्त वाहिकाओं के चित्र बनाने के लिए एक बड़े चुंबक, रेडियो तरंगों और एक कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।

न्यूक्लियर हार्ट स्कैन: यह एक सुरक्षित स्कैन है जो बताता है कि आपके हृदय से रक्त कितनी कुशलता से पंप हो रहा है। रेडियोधर्मी पदार्थ की एक छोटी मात्रा को शिरा में अंतःक्षिप्त किया जाता है और हृदय में प्रवाहित किया जाता है। यह एक ऊर्जा छोड़ता है जो विशेष कैमरों को कोरोनरी धमनियों और हृदय समारोह की तस्वीरें लेने की अनुमति देता है।

और पढ़े :- हार्ट अटैक क्या है ? कैसे बचें। जानिए इसके लक्षण , होने के कारण , निदान , इलाज और बचाव

लो इजेक्शन फ्रैक्शन कारण | Causes Of Low Ejection Fraction

लो इजेक्शन फ्रैक्शन के कई कारण हो सकते है । हालांकि, यह दिल का दौरा, कोरोनरी धमनी की बीमारी, मधुमेह और/या अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से शुरू हो सकता है, जो निम्न कारणों से हो सकता है:

•             शराब या नशीली दवाओं का दुरुपयोग

•             एक अस्वास्थ्यकर आहार, संतृप्त वसा, चीनी और नमक की अधिक मात्रा

•             व्यायाम न करना

•             मौजूदा स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए समय से दवाएं नहीं लेना

•             अधिक मोटापा

•             अधिक धूम्रपान करना

लो इजेक्शन फ्रैक्शन के निवारण | Prevention of Low Ejection Fraction

हलाकि  लो इजेक्शन फ्रैक्शन के अधिकांश मामलों को सीधे तौर पर रोका नहीं जा सकता है, पर कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे हृदय रोग की सम्भावना विकसित होने की संभावना कम की जा सकती है:

• दिल के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अभ्यास करें:  ध्यान दे कि आप क्या खा पी रहे हैं, नियमित रूप से व्यायाम करें (जैसा कि आपके चिकित्सक द्वारा सलाह दी गई है), और धूम्रपान न करे, शराब के सेवन और नशीली दवाओं के दुरुपयोग से बचें।

• अपनी दवाएं समय से लें: यदि आपको उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल या मधुमेह है, तो अपनी निर्धारित दवाओं को निर्देशित के अनुसार लेना सुनिश्चित करें।

• समय समय पर जांच करवाएं: नियमित जाँच के दौरान हृदय संबंधी असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है

लो इजेक्शन फ्रैक्शन ट्रीटमेंट

यदि आपको लो इजेक्शन फ्रैक्शन  की समस्या है, तो आपका चिकित्सक ईएफ को सुधारने में मदद करने के लिए निम्नलिखित उपचार विकल्पों को सुझा सकता है

बायवेंट्रिकुलर पेसमेकर

यह मशीन आपके ह्रदय को उचित ढंग से कार्य करने में मदद कर सकती है पेसमेकर हृदय की मांसपेशी के निचले कक्षों को एक साथ पंप करने में मदद कर सकता है और हृदय क्रिया में सुधार कर सकता है, जिससे हृदय EF बढ़ जाता है।

स्वस्थ जीवन शैली में परिवर्तन

आपको स्वस्थ जीवन शैली की ओर अग्रसर होना होगा ऐसा करने से आपके ह्रदय को मजबूती मिलेगी आपको in बातो का ध्यान रखना है जैसे  वजन कम करना, धूम्रपान छोड़ना, नमक या अतिरिक्त तरल पदार्थ कम करना, और स्वस्थ आहार खाना लो ईएफ में सुधार के लिए बेहतरीन विकल्प है

हृदय प्रत्यारोपण

यह बहुत ही दुर्लभ है जब भी उपरोक्त उपाय काम न करे जैसे की व्यायाम जीवन शैली में परिवर्तन आदि कार्य न करे तब आपको ह्रदय प्रत्यारोपण की ओर रुख करना होगा हलाकि यह थोड़ी जोखिम भरी हो सकती है पर यह लो लो इजेक्शन फ्रैक्शन को बढ़ाने का एक मात्र आखिरी रास्ता है

इम्प्लांटेबल कार्डिएक डिफाइब्रिलेटर (ICD)

छाती में प्रत्यारोपित यह उपकरण, स्वस्थ लय को फिर से स्थापित करने और लो EF को प्रबंधित करने के लिए हृदय में छोटी विद्युत पल्स को भेजता है।

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