- Leprosy Disease: कुष्ठ रोग जैसे भयंकर बीमारी से बचने के बेहद आसान 15 घरेलू उपाय अपनाएं और देखें परिणाम | Know about Leprosy Disease and 15 Best Home Remedies and Treatment To Cure it
- कुष्ठ रोग क्या है? (What is Leprosy Disease in Hindi?)
- कुष्ठ रोग को दूर करने के घरेलू उपाय क्या है? (What are the home remedies to cure leprosy disease in Hindi?)
- लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स लेना |Taking antibiotics for a long time
- बीसीजी का टीका |BCG vaccine
- नीम की पत्तियों का रस |Neem leaves juice
- नीम के फल का तेल |Neem fruit oil
- चिकित्सक इलाज |Medical treatment
- मल्टीड्रगथेरेपी |Multidrugtherapy
- शिक्षा एवं जागरूकता |Education and Awareness
- कुष्ठ रोगी के संपर्क में न आना |Contact with leprosy
- कुष्ठ रोग की दवा |medicine for leprosy
- अंधविश्वास से बचाव |Avoidance of superstitions:
- कुष्ठ रोग में डॉक्टर को कब दिखाना है? (When to see a doctor in leprosy in Hindi?)
- निष्कर्ष (Conclusion)
Leprosy Disease: कुष्ठ रोग जैसे भयंकर बीमारी से बचने के बेहद आसान 15 घरेलू उपाय अपनाएं और देखें परिणाम | Know about Leprosy Disease and 15 Best Home Remedies and Treatment To Cure it
दोस्तों! हम स्वागत करते हैं आपका हमारे आर्टिकल में जहां हमने कुछ रोग के विषय में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है। इसके अंतर्गत हमने जिन विषयों को बताया है उसकी सूची को आप निम्नलिखित रुप से देख सकते हैं –
1. कुष्ठ रोग क्या है? (What is Leprosy Disease in Hindi?)
2. कुष्ठ रोग को दूर करने के घरेलू उपाय क्या है? (What are the home remedies to cure leprosy disease in Hindi?)
3. कुष्ठ रोग में डॉक्टर को कब दिखाना है? (When to see a doctor in leprosy in Hindi?)
4. निष्कर्ष (Conclusion)
कुष्ठ रोग क्या है? (What is Leprosy Disease in Hindi?)
दोस्तों! यदि आप जानना चाहते हैं कि kusht Rog Kya hotahai in Hindi यूं समझिए कि इस आर्टिकल में हमने कुष्ठ रोग से संबंधित विशेष जानकारी के साथ-साथ घरेलू उपाय भी बताए हैं जिसके माध्यम से कुष्ठ रोग को दूर किया जा सकता है। कुष्ठ रोग या हेन्सन रोग (एचडी) के रूप में भी जाना जाता है। कुष्ठ रोग एक त्वचा और तंत्रिका संक्रमण है जो माइकोबैक्टीरियमलेप्री के कारण होता है। यह स्थिति त्वचा, श्लेष्मा झिल्ली, परिधीय नसों, आंखों और श्वसन पथ को प्रभावित करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कुष्ठ रोग सबसे अधिक श्वसन पथ और कीड़ों से फैलता है, जबकि अधिकांश लोगों को लगता है कि यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मे रहने से फैलता है। निम्नलिखित स्थितियों को स्किनस्मीयर (त्वचा के घाव से लिया गया एक नमूना) के परिणामों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है:
• पॉज़िबैसिलरी कुष्ठ (पीबी) – नकारात्मक धब्बा।
• मल्टीबैसिलरीलेप्रोसी (एमबी) – पॉजिटिवस्मीयर।
यदि हम बात करें कुष्ठ रोग के मुख्य संकेत और लक्षण की, तो बता दें कि इस स्थिति के लक्षण स्पष्ट हैं, जो रोग का आसानी से निदान करने में मदद करते हैं:
• इसमें पीली या धब्बेदार त्वचा, मूल रूप से चिकनी हो जाती है।
• इस रोग में व्यर्थ और फीके घाव जो आसपास के क्षेत्र की तुलना में हल्के रंग के होते हैं।
• त्वचा पर एक छोटी सी गांठ उभर कर आ जाती है।
• इसमें सूखी और सख्त त्वचा हो जाती है।
• इसमें पैर के निचले हिस्से में घाव उत्पन्न हो जाती है।
• मुंह या कान के कुछ हिस्से सूज जाते हैं।
• पलकों और भौहों को पूर्ण या आंशिक नुकसान या क्षति कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।
• संक्रमित क्षेत्र में सुन्नपन और पसीना आना जैसा महसूस हो सकता है।
• कुष्ठ रोग में अक्सर अपंग होने जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है।
• इसमें मांसपेशियों में कमजोरी होने लगती है।
• कुष्ठ रोग में तंत्रिका विकास, विशेष रूप से कोहनी और घुटनों के आसपास परेशानियां उत्पन्न होने लगती है।
• मुंह की नसों पर प्रभाव के कारण अंधापन आना कुष्ठ रोग के लक्षण में गिना जाता है।
• पैरों और बाहों की अक्षमता होना भी कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।
• इसमें हाथ की उंगलियों और पैर की उंगलियों का छोटा और सूखना जैसे लक्षण दिखाई देती है।
• इसमें पैरों के छाले या घाव ठीक नहीं होते हैं
• इस समस्या में विकृत नाक होने लगते हैं।
• इसमें त्वचा में जलन महसूस होने लगती है।
• कुष्ठ रोग में दर्दनाक या संवेदनशील नसें उभर आते हैं।
कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियमलेप्राई नामक जीवाणु के कारण होता है जो आमतौर पर हमारे वातावरण में रहता है। आनुवंशिक परिवर्तन और विविधता से कुष्ठ रोग की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह, प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव और सूजन से ऐसा होने की संभावना बढ़ जाती है। यह रोग किसी संक्रमित व्यक्ति के लंबे समय तक संपर्क में रहने या हवा में सांस लेते समय नासिका छिद्रों में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया से भी फैल सकता है।
कुष्ठ रोग को दूर करने के घरेलू उपाय क्या है? (What are the home remedies to cure leprosy disease in Hindi?)
दोस्तों! जैसा कि सभी बीमारियों के अलग-अलग घरेलू उपाय होते हैं, कुष्ठ रोग के भी अनेक घरेलू उपाय है वैसे देखा जाए तो अन्य बीमारियों की तरह इस रोग को आसानी से दूर नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके लिए चिकित्सक सलाह और मेडिकलट्रीटमेंट की बहुत अधिक जरूरत होती है। आइए आज हम आपको यही बताने वाले हैं कि leprosy disease ke gharelu upay kya hai?
Leprosy disease Kusht Rog ke gharelu upay के अंतर्गत हम बता दें कि कुष्ठ रोग का निदान त्वचा के रंग से किया जाता है जो वास्तविक त्वचा के रंग की तुलना में गहरा या हल्का होता है। ये धब्बे लाल हो सकते हैं। परीक्षण के परिणामों की पुष्टि करने के लिए, डॉक्टर त्वचा या तंत्रिकाबायोप्सी कर सकते हैं। जबकि इस स्थिति का एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है, एंटीबायोटिक दवाओं को सहन करने की क्षमता से बचने के लिए यह बहु-दवा चिकित्सा महत्वपूर्ण है। इनमें डैप्सोन, क्लोफ़ाज़िमाइन और रिफैम्पिसिन शामिल हैं। यदि आपको इन दवाओं से एलर्जी है, तो मिनोसाइक्लिन, क्लैरिथ्रोमाइसिन और एफ़्लॉक्सासिन प्रभावी विकल्प हैं। कुष्ठ रोग के घरेलू उपचार में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं:
लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स लेना |Taking antibiotics for a long time
कुष्ठ रोग leprosy disease में एंटीबायोटिक काफी फायदेमंद होता है। इसके अंतर्गत दो से तीन एंटीबायोटिक दी जाती है जिसका कोर्स लगभग 6 महीने से 1 साल के बीच होता है। जिन लोगों में कुष्ठ रोग की गंभीरता देखने को मिलती है उन्हें लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स का सेवन करना होता है तभी उन्हें कुष्ठ रोग से छुटकारा मिल सकता है अन्यथा समस्याएं और अधिक बढ़ सकती है।
बीसीजी का टीका |BCG vaccine
कुष्ठ रोग एक ऐसी समस्या है, जिसका बचाव टीके के माध्यम से बचपन से ही किया जाता है। बीसीजी का टीका लगवाने से कुष्ठ रोग को रोका जा सकता है। हालाँकि, यह इतना सामान्य नहीं है। यही कारण है कि बच्चों को बचपन में ही बीसीजी का टीका लगवा दिया जाता है ताकि आने वाले समय में उसे कुष्ठ रोग से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना करना न पड़े। इसके लिए यदि घरेलू उपाय देखें तो बता दें कि बच्चों के माता-पिता अथवा उसके परिवार जनों को बच्चों के लिए बीसीजी का टीका अवश्य लगवाना चाहिए।
नीम की पत्तियों का रस |Neem leaves juice
नीम की पत्तियों में बहुत अधिक औषधीय गुण मौजूद होते हैं। कुष्ठ रोग leprosy disease को दूर करने के लिए नीम की पत्तियां काफी असरदार होती है। कुष्ठ रोग की समस्या को दूर करने के लिए सबसे पहले नीम की कोमल पत्तियों को लीजिए। अब इसके रस को निकालकर 3 सप्ताह तक इसका सेवन करें। इससे कुष्ठ रोग को दूर करने में आसानी होती है।
नीम के फल का तेल |Neem fruit oil
नीम की पत्तियों की तरह नीम के फल का तेल भी बहुत अधिक फायदेमंद होता है जो कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने के लिए बेहद कारगर सिद्ध होता है। कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने के लिए कुष्ठ रोग वाले स्थान पर नीम के तेल का प्रयोग करें। ऐसा करने से कुष्ठ रोग से छुटकारा मिलता है। आप चाहें तो नीम के तेल के साथ मोगरा तेल मिलाकर भी इसका प्रयोग कर सकते हैं।
चिकित्सक इलाज |Medical treatment
कई बार ऐसा होता है कि घरेलू उपाय द्वारा कुष्ठ रोग leprosy disease को ठीक कर पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि कुष्ठ रोग का स्टेज बहुत अधिक हो जाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि चिकित्सक की सलाह लें। पूरी तरह से इस बीमारी के इलाज में एक साल से अधिक का समय लगेगा। अपने चिकित्सक से शीघ्र सलाह लेना महत्वपूर्ण है। समय पर इलाज से इसे पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।
मल्टीड्रगथेरेपी |Multidrugtherapy
आज के समय में विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करना मुश्किल नहीं है। इसके लिए यदि कुष्ठ रोग की बात आती है तो कुष्ठ रोग को पूरी तरह से खत्म करने के लिए मल्टीड्रगथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
शिक्षा एवं जागरूकता |Education and Awareness
यदि हम बात करें कुष्ठ रोग के घरेलू उपाय की तो हमने कुछ घरेलू उपाय यहां बताएं जिसके माध्यम से कुष्ठ रोग को दूर किया जा सकता है लेकिन कभी-कभी हमारी शिक्षा एवं जागरूकता बीमारियों को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए बहुत अधिक कारगर साबित होती है। यही कारण है कि कुष्ठ रोगी के परिवार अथवा अन्य लोगों को कुष्ठ रोग leprosy disease का इलाज करवाने के लिए रोगी को प्रेरित करने की आवश्यकता होती है। अतः हमें शिक्षा एवं जागरूकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
कुष्ठ रोगी के संपर्क में न आना |Contact with leprosy
कुष्ठ रोगी के संपर्क में न आना भी कुष्ठ रोग के संक्रमण से बचाव कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति को कुष्ठ रोग है तो उनके संपर्क में न आएं क्योंकि यह कुष्ठ रोग को फैलने से रोकता है एवं अन्य व्यक्तियों के लिए बहुत अधिक बचाव करता है।
कुष्ठ रोग की दवा |medicine for leprosy
कुष्ठ रोग का उपचार रोगी के प्रकार, सीमा और उम्र पर निर्भर करता है। कुष्ठ रोग के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन सावधान रहें कि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें। डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।
अंधविश्वास से बचाव |Avoidance of superstitions:
लोगों में यह भ्रांतियां फैली हुई है कि कुष्ठ रोग leprosy disease दैवी प्रकोप अथवा पिछले जन्मों के कर्मों का फल है। लेकिन देखा जाए तो कुष्ठ रोग एक संक्रमणशील रोग है जिसका इलाज संभव है। अतः अंधविश्वास से दूर हट कर हमारे रहने में ही भलाई है।
कुष्ठ रोग में डॉक्टर को कब दिखाना है? (When to see a doctor in leprosy in Hindi?)
संक्रमित व्यक्ति के शरीर से तरल पदार्थ निकलता है और उसकी त्वचा पर दाने उसके संपर्क में नहीं आ पाते हैं। उपरोक्त लक्षण दिखाई देने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर कुष्ठ रोग के लक्षणों को देखकर ही बता सकता है कि उसे leprosy disease कुष्ठ रोग है। हालांकि, रोग की पुष्टि के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं:
• प्रभावित क्षेत्र के त्वचा के ऊतकों की जांच
• रक्त परीक्षण
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों! हम आशा करते हैं कि आपको हमारी पोस्ट बेहद पसंद आई होगी क्योंकि इस पोस्ट के माध्यम से हमने कुष्ठ रोग क्या है? (Leprosy disease kyahai in Hindi?) के साथ ही कुष्ठ रोग को दूर करने के घरेलू उपाय क्या है? (leprosy disease keghareluupaykyahai?) आदि के बारे में बताया है। यह एक संक्रमणशील रोग के रूप में उभरती है, जिसका इलाज भी संभव है। यदि आपकी नजर में कोई कुष्ठ रोग से संबंधित व्यक्ति हैं तो यह बताए गए घरेलू उपाय की जानकारी उन्हें अवश्य दें और यह आर्टिकल अधिक से अधिक शेयर करें। इसके अलावा हमें कमेंटबॉक्स में कमेंट करके यह जरूर बताएं कि आपको यह आर्टिकलकैसी लगी और इसमें बताए गए घरेलू उपाय कितने लाभकारी हैं।