खबर मुंबई से सामने आई है कि मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन पर कुछ समय पहले ही एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा उत्पन्न हुई। उनके इस हालत को देखकर रेलवे के चार पुलिसकर्मी तेजी से उनकी ओर दौड़ पड़े। इन लोगों ने उनकी मदद की और एंबुलेंस को बुलवाया। जब स्टेशन के बाहर एंबुलेंस आ गई उसके बाद कुलियों की मदद से उस गर्भवती महिला को ले जाने को कहा एवं चादर से स्ट्रेचर बनाकर उनकी मदद की गई। इसके बाद महिला को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया। उन्होंने अपनी बच्ची को सरकारी अस्पताल में ही जन्म दिया।
यह घटना ज्यादा दिन पहले नहीं बल्कि 13 जुलाई की शाम की है। यह घटना करीब 5:30 बजे के आसपास घटित हुई। प्लेटफार्म नंबर एक पर मध्य रेलवे परिसर से एक औरत गाड़ी से उतरी। उसके बाद उनकी हालत कुछ ठीक नहीं दिखाई दी। प्रसव पीड़ा का अनुभव करने लगी। प्रसव पीड़ा के कारण वह मंच के एक कोने में जाकर बैठ गई और उनकी हालत खराब होती जा रही थी। उसी समय एक दो महिला जीआरपी स्टाफ की नजर उस पर पड़ी। उन दोनों ने पुरुष समकक्षों को बुलाकर प्रसव पीड़ित महिला की मदद करने को कहा। उन लोगों ने भी इनकी मदद करने में जरा सी भी देरी नहीं की और स्ट्रेचर का इंतजार किए बिना उन लोगों ने निश्चय किया कि हम इन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाएंगे। इसके साथ समूह ने उन्हें ले जाने के लिए चादरें बांधी और इसके अलावा 2 कुलियों को भी उनके साथ लगाया गया। प्लेटफार्म पर लगे सीसीटीवी कैमरे ने सभी बातों को रिकॉर्ड किया। गर्भवती महिला की मदद करते हुए उन लोगों ने उन्हें एंबुलेंस में चढ़ाया और अस्पताल सही सलामत लेकर गए।
उन्हें के ई एम अस्पताल भेजा गया। और उसी अस्पताल में उस महिला ने अपने बच्चे को जन्म दिया। उनके साथ उनकी भाभी आरिका भी अस्पताल में थी। सभी परिवार वालों ने पुलिस को शुक्रिया अदा किया।
मुंबई में स्थित केईएम अस्पताल, भारत में एक शिक्षण और चिकित्सा देखभाल प्रदान करने वाला संस्थान है। इसकी स्थापना 1926 में हुई थी; यह महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयूएचएस), नासिक से संबद्ध है। सेठ जी एस मेडिकल कॉलेज के छात्रों और पूर्व छात्रों को बोलचाल की भाषा में जीसाइट कहा जाता है।
मेडिकल कॉलेज (स्कूल) लगभग 2,000 छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर और सुपर-स्पेशियलिटी मेडिकल कोर्स-स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान करता है; स्नातक और स्नातकोत्तर शारीरिक और व्यावसायिक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में; परास्नातक और पीएच.डी. विभिन्न संबद्ध विशिष्टताओं में पाठ्यक्रम। इस संस्था द्वारा एक नर्सिंग स्कूल भी चलाया जाता है। लगभग 390 स्टाफ चिकित्सकों और 550 रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ, 1,800 बिस्तरों वाला अस्पताल सालाना लगभग 1.8 मिलियन आउट पेशेंट और 85,000 इन-पेशेंट का इलाज करता है। यह चिकित्सा और शल्य चिकित्सा के सभी क्षेत्रों में बुनियादी देखभाल और उन्नत उपचार सुविधाएं दोनों प्रदान करता है। मुख्य रूप से ग्रेटर मुंबई के नगर निगम द्वारा वित्त पोषित, यह संस्था समाज के वंचित वर्गों को लगभग मुफ्त सेवा प्रदान करती है।
कोविड-19 महामारी के दौरान, 3 मई 2020 को, भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों ने किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल, जेजे अस्पताल और कस्तूरबा गांधी अस्पताल में मुंबई के लोगों की सुरक्षा के लिए लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए फूलों की बौछार की।
इस अस्पताल में सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता है तथा जब उस गर्भवती महिला को इस अस्पताल में लेकर जाया गया। उस वक्त उसकी हालत बिल्कुल सही नहीं थी लेकिन अस्पताल ने हार नहीं मानी और उनके बच्ची को सही सलामत जन्म देने में सहायता की। उस महिला की बच्चे स्वस्थ है।