Kappa Variant in Lucknow: लखनऊ में डेल्टा वेरिएंट के एक और प्रकार कप्पा वैरिएंट से पीड़ित मरीज, दिखे खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे नॉर्मल लक्षण।

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Ankit Kumar
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Kappa Variant in Lucknow- इस नए वैरिएंट से लोगों में दहशत का माहौल।

कोविड-19 की दूसरी लहर ने पूरे देश में खलबली मचा कर रख दी है वहीं तीसरी लहर आने की बात भी कही जा रही है। इसी बीच कोरोना के एक नये वेरिएंट ने लोगों का हाल बुरा कर रखा है। डेल्टा वेरिएंट के बाद लखनऊ और यूपी में एक और प्रकार कप्पा वेरिएंट पाया गया हैं। उत्तर प्रदेश के इस कप्पा वैरीअंट के सामने आने पर लोगों में डर का माहौल छा गया है।

डॉक्टर्स और विशेषज्ञ इसकी जांच में लगे हैं कि यह कितना घातक हो सकता है। शुक्रवार को दो मरीजों में कप्पा वेरिएंट पाया गया। बता दें कि दोनों मरीज़ दिल्ली के ही निवासी हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक दोनों बच्चे बुरे हाल में नहीं है। अतः इस आधार पर उनका कहना है कि यह वेरिएंट उतना ज्यादा घातक नहीं है, बल्कि यह कोरोनावायरस की फर्स्ट स्टेज के समान है।

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गौरतलब है कि 13 वर्ष के बच्चे को 20 मई को बुखार आने पर कोरोनावायरस टेस्ट कराया गया। कोरोनावायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसका नमूना जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया। शुक्रवार को केजीएमयू उस नमूने में कप्पा वैरीअंट होने की बात कही। वहीं दूसरी ओर 14 वर्ष के एक किशोरी में भी यह वेरिएंट देखने को मिला है। डॉक्टर सुधीर सिंह द्वारा बताया गया कि वेरिएंट अपने प्रारंभिक स्टेज पर है और इससे ज्यादा घबराने या परेशान होने की बात नहीं है।

इन सब केसेस के पहले गुरुवार को गोरखपुर और देवरिया में 2 मरीजों में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया। दूसरी ओर पूर्वी यूरोप में एक नए वेरिएंट कप्पा वेरिएंट से दहशत मचा हुआ है। इनमें से 1 मरीज अपनी जान भी गंवा बैठा है।

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बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) ने कप्पा वैरिएंट के बारे में क्या कहा ?

बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने इस बात की जानकारी संत कबीर नगर जिले में सीएमओ को दिया है। इसके बाद उस मरीज की सभी जानकारियों को जुटाया गया। इनमें से ट्रैवल हिस्ट्री से लेकर परिवार के सदस्यों की जानकारी विभाग तक सभी चीजों को जुटाने की कोशिश की गई। संत कबीर नगर जिले में भी कोरोना के नए डेल्टा स्वरूप डेल्टा प्लस और कप्पा मिलने की बात हो चुकी है। इस वैरीअंट से एक मरीज की जान भी जा चुकी है जबकि एमबीबीएस के छात्र तुलना में स्वस्थ है।

वैसे यह कप्पा वेरिएंट् इतना ज्यादा घातक होने की बात नहीं की जा रही है। फोकस सैंपलिंग के अंतिम दिन स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 4000 कर्मियों के ब्लड सैंपल नियत है मगर इनमें से एक भी पॉजिटिव नहीं निकले। रविवार से अब तक कुल 24000 लोगों की जांच की गई जिसमें केवल दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन सब जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग बड़ी राहत की सांस ले रहा है। स्वास्थ्य विभाग कोरोनावायरस की लहर का पता लगाने के लिए फोकस सैंपलिंग करा रहा था।

कप्पा वैरीअंट आने के बाद 10 दिन तक आज भी किसी की मौत नहीं हुई। कोरोनावायरस के प्रभाव से लगातार दसवें दिन तक किसी मौत की होने की संभावना नहीं नजर आई। गुजरे 24 घंटे में केवल नाम मरीज संक्रमित मिले और वहीं दूसरी और 12 मरीजों ने वायरस को मात दे दी। अभी वर्तमान समय में 148 सक्रिय मरीज हैं।

इसके अलावा जहां ब्लैक फंगस से लाखों लोगों की मौत हो रही थी वही हाल ही 5 दिनों की बात है जब एक भी मौत की खबर नहीं आई। शनिवार को 3 नए रोगी केजीएमयू में भर्ती हुए और 3 मरीज की शल्य चिकित्सा की गई तथा दूसरी और अस्पताल से 5 मरीजों को छुट्टी दे दी गई।

कोरोनावायरस के कप्पा वैरीअंट से विशेषज्ञों का मानना है कि केवल खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे नॉर्मल लक्षण ही दिखाई देंगे। इस वैरीअंट को लेकर विशेषज्ञ एवं डॉक्टर अपने शोध कार्य में लगे हुए हैं। कुछ ही दिनों में इन की पूर्ण जानकारी हमें अच्छे से मिल जाएगी।

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