राजस्थान में फैल रहा है कप्पा वेरिएंट (Kappa Variant) : 9.53 लाख से ज्यादा केसेस आए सामने
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। पर इसके अलावा कई जगह से कोरोना केस सामने आ रहे हैं। वहीं राजस्थान में कोरोना के कप्पा वैरीअंट से संक्रमित 11 मरीज पाए गए। 2 महीने पहले जिस कोरोनावायरस ने दुनिया पर तांडव किया वह धीरे-धीरे दम तोड़ रहा है।
इसके साथ ही यह भी बात सामने आई है कि कोरोना के कारण जहां मौतों का क्रम का सिलसिला चालू हो गया था वही अभी राहत की खबर मिल रही है। मंगलवार को राजस्थान में सबसे अधिक जयपुर में केवल 10 अलवर में छह कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज मिले। वहीं दूसरी ओर सीकर में 5 नगर गंगानगर में 22 उदयपुर बीकानेर और 12 में केवल 1-1 ही संक्रमित मरीज मिले। अब इस राज्य में सक्रिय केस भी कम होकर 613 तक पहुंच गया। इसके अलावा धौलपुर , बूंदी , प्रतापगढ़ में एक भी कोरोना से संक्रमित मरीज नहीं मिले।
राज्यों की तरह भारत की राजधानी में भी कोरोना संक्रमण कम देखने को मिल रहा है। मंगलवार को दिल्ली में 10 नए संक्रमित मरीज मिले। वहीं दूसरी ओर राहत की बात यह है कि हाल के कुछ दिनों में एक भी मौत दर्ज नहीं हुई। सोमवार में नई दिल्ली में 27 मरीज ठीक हो गए तथा अभी 171 ही सक्रिय केस बचे हुए हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एवं चिकित्सक डॉ रघु शर्मा ने कोरोना के कप्पा वैरीअंट के बारे में यह जानकारी दी कि 11 मरीजों कब का स्वरूप से संक्रमित हैं उनमें से चार चार जयपुर और अलवर एक भीलवाड़ा और दो बाड़मेर से हैं। जीनोम अनुक्रमण के बाद इन 11 मामलों की पुष्टि हुई ऐसा डॉ रघु शर्मा ने स्पष्ट किया।
चिकित्सा मंत्री द्वारा यह भी बताया गया कि डेल्टा स्वरूप कप्पा स्वरूप से काफी ज्यादा घातक है। कोरोनावायरस से संक्रमित 28 नए मामले मंगलवार को राजस्थान में आए एवं इसी राज्य में से 613 ऐसे मरीज है जो उपचार अधीन है।
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चिकित्सा मंत्री द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि कप्पा वैरीअंट की तुलना में डेल्टा वैरीअंट अधिक जानलेवा है। उन्होंने जनता से कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के नियमों का पालन करने की अपील की। 9.53 लाख से ज्यादा केस 13 जुलाई तक राजस्थान में आ चुके हैं। केवल 24 घंटे की अवधि में मंगलवार को 28 मरीज की पुष्टि हुई। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 9.43 लाख से ज्यादा मरीज , जो इस वैरीअंट से पीड़ित थे , ठीक हो चुकी। लेकिन 8945 लोगों की मौत हो गई।
भारत में पहली बार कोरोना का कप्पा स्वरूप अक्टूबर महीने में भारत में देखा गया। इसे कोरोनावायरस का एक डबल म्युटेंट्स स्ट्रेन भी कहा जाता है। एक खबर के अनुसार ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका में कपास स्वरूप के मामले में तेजी से बढ़ोतरी आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस कप्पा वैरीअंट के जटिल प्रकृति को देखते हुए इसे ‘वैरीअंट ऑफ इंटरेस्ट’ के नाम से संबोधित किया। शोधकर्ताओं द्वारा बताया गया है कि कप्पा वैरीअंट में वैक्सीन और प्राकृतिक संक्रमण दोनों से बनी इम्यूनिटी पावर को मात देने की शक्ति है। इसलिए विशेषज्ञ इसे बेहद संक्रामक और खतरनाक वैरीअंट मान रहे हैं।
सभी प्रदेशों में वैक्सीन मिलने के बाद टीकाकरण कार्यक्रम में मंगलवार को तेजी आ गई। राज्य भर में केवल शाम तक 3.13 लाख लोगों को टीके दिए गए हैं। चिकित्सा विभाग के डाटा के अनुसार पहली डोज 1,31314 लोगों को दी गई वहीं दूसरी डोज 81,791 लोगों को लगाई गई। और दोनों दोज लिए हुए लोगों की संख्या 48.87 लाख तक पहुंच गई। यह भी आपको बता दें कि 16 जनवरी से टीकाकरण का कार्यक्रम राज्य में शुरू किया गया था। और तब से लेकर अब तक लगभग 2,67,88,000 लोगों को टीके दिए जा चुके हैं