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जानिए Diphtheria के लक्षण कारण एवं कारगर घरेलु उपचार |What is Diphtheria in Hindi know its symptoms, Causes, Prevention and best possible treatments

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जानिए Diphtheria के लक्षण कारण एवं कारगर घरेलु उपचार |What is Diphtheria in Hindi know its symptoms, Causes, Prevention and best possible treatments

Diphtheria क्या होता जानिए Diphtheria के Lakshan, Karan Aur Gharelu Upay?

आपने बहुत ही ऐसी बीमारियों के बारे में सुना होगा जो कि बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होती हैं और यह बीमारी काफी खतरनाक भी साबित हो जाती है यदि हम इनका समय रहते इलाज ना करें परंतु समय पर दवाइयां लेने से इन बीमारियों का उपचार उपलब्ध है

आज हम ऐसी ही एक बीमारी के बारे में आपको बताने वाले हैं जिसका नाम है डिप्थीरिया ( Diphtheria ) यह एक गंभीर बीमारी है जो कि बैक्टीरियल संक्रमण के कारण फैलती है और यह बीमारी हमारी नाक तथा गले और ऊपरी वायुमार्ग को प्रभावित करती है और यह बीमारी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकती है इसीलिए इस बीमारी में बहुत सी सावधानियां बरतनी होती है आज हम इसी के बारे में जानेंगे कि :-

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  • Diphtheria Kya Hai – What Is Diphtheria In Hindi?
  • Diphtheria Kyu Hota Hai?
  • Diphtheria Ke Karan – Causes Of Diphtheria In Hindi?
  • Diphtheria Ke Lakshan – Symptoms Of Diphtheria In Hindi?
  • Diphtheria Se Bachne Ke Upay – Prevention Of Diphtheria In Hindi?
  • Diphtheria का निदान – Diagnosis Of Diphtheria In Hindi?
  • Diphtheria Ka Upchar – Treatment Of Diphtheria In Hindi?

Diphtheria क्या है – What Is Diphtheria In Hindi?

डिप्थीरिया बीमारी एक गंभीर बैटरी से संक्रमण होता है, जो कि व्यक्ति के नाक और गले की झिल्लियों को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है और यह संक्रमण बड़ी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है, लेकिन यदि हम डॉक्टर के द्वारा दवाइयां ले लेते हैं तो इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है,

इस बीमारी के कुछ लक्षण वैसे तो जुखाम की तरह ही होते हैं और इस बीमारी के कारण गला खराब, बुखार तथा ग्रंथों में भी सूजन आ सकती है परंतु गहरे ग्रे कलर की एक मोटी परत गले के अंदर जमुना इस बीमारी की मुख्य पहचान होती है, यह परत सांस लेने वाली दलितों को भी अवरुद्ध कर सकती है जिससे कि हमें सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है।

वैसे तो इस बीमारी के इलाज के लिए बहुत सी दवाइयां उपलब्ध हैं, हालांकि इस बीमारी के अधिक बढ़ने से आपके शरीर में ही दिया और किडनी तथा तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो सकते हैं, जो लोग इस बीमारी से ग्रसित होते हैं उनमें से तीन पर्सेंट लोग इस बीमारी से मर जाते हैं, क्योंकि यह बीमारी उपचार के बावजूद भी जानलेवा हो सकती है।

यह बीमारी बड़े पैमाने पर 15 साल के बच्चों में ज्यादा देखी जाती है, हालांकि अब प्रधानमंत्री योजना के अनुसार बचपन में ही इस बीमारी के टीके लगवा दिए जाते हैं, जिसके कारण अब वर्तमान में इस बीमारी के मामले थोड़े कम होने लगे हैं, परंतु अभी भी इस बीमारी से लोग प्रभावित हो जाते हैं।

Diphtheria के लक्षण – Symptoms Of Diphtheria In Hindi?

अब हम आपको Diphtheria Ke Lakshan बताने जा रहे हैं, जिनकी सहायता से आप इस बीमारी की आसानी से पहचान कर सकते हैं, और समय रहते ही बीमारी की दवाई ले सकते हैं :-

  • इस बीमारी के लक्षण के रूप में आप को सांस लेने में बहुत कठिनाई हो सकती है और यदि आप कुछ खाते हैं, तो आपको खाना निगलने में भी परेशानी हो सकती है।
  • इस बीमारी के लक्षणों के रूप में आपको आंखों से संबंधित है, बीमारी के लक्षण भी देख सकते हैं जैसे की दोहरी दृष्टि।
  • यदि आपको इस बीमारी के कुछ लक्षण के साथ दिल की धड़कन ए भी ज्यादा तेज महसूस हो रही हैं, तो यह भी इसी बीमारी के लक्षण है इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें।
  • डिप्थीरिया के लक्षण के रूप में आपको बहुत अधिक पसीना भी आ सकता है, और पसीने के साथ-साथ आपको बहुत ज्यादा बेचैनी भी हो सकती है
  • इस बीमारी के रोगियों को बोलने में बहुत ही परेशानी होती है, यदि वह कुछ बोलना भी चाहते हैं तो अच्छे से बोल नहीं पाते।
  • इस बीमारी के रोगी सदमे में भी जा सकते हैं, क्योंकि इस बीमारी के लक्षण पुराने होने पर यह मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं।
  • इस बीमारी के लक्षण के रूप में आपको काफी तेज बुखार भी हो सकता है, और आपकी त्वचा का रंग भी फीका पड़ सकता है, या फिर आपको बहुत ज्यादा ठंड भी लग सकती है जिसके कारण आपका नाक भी वह सकता है।
  • इस बीमारी के लक्षण दिखने पर आपका शरीर बेजान सा हो जाता है, मतलब कि आपके अंदर इतनी भी उर्जा नहीं बचती कि आप कुछ काम भी कर सकें। क्योंकि इस बीमारी से कमजोरी आती है।

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Diphtheria के कारण – Causes Of Diphtheria In Hindi?

ज्यादातर सिर्फ तीन तरह के बैक्टीरिया ही डिप्थीरिया बीमारी फैला सकते हैं, इस बीमारी के बैक्टीरिया एक प्रभावशाली विषैले पदार्थ बनाता है, जिससे कि शरीर के ऊतकों को भी काफी नुकसान पहुंचता है, आमतौर पर तो यह व्यक्ति गया गले की सतह पर या फिर उसके आसपास बढ़ता है जोकि निम्नलिखित तरीको से फैलता है :-

हवा में मौजूद संक्रमित के कारण –

जब भी कोई व्यक्ति है सुनता है या फिर खाता है, तो हवा तथा पानी की टांगों से संक्रमित हो जाता है क्योंकि खासियत सीखते वक्त हमारे ना से कुछ पानी की बूंदे निकलती हैं, जो कि हवा में फैल जाती है और आसपास मौजूद जो लोग सांस ले रहे होते हैं, यह बैक्टीरिया उनके शरीर में सांस के माध्यम से चले जाते हैं , ज्यादातर भीड़ वाली जगहों पर ही ऐसा होता है।

संक्रमित वस्तुएं –

यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित है और वह किसी वस्तु पर छींकता है, तो उस व्यक्ति के मुंह में से बैक्टीरिया निकल कर उस वस्तु पर लग जाते हैं, और यदि कोई दूसरा व्यक्ति उस वस्तु को छूता है तो उसे भी इस बीमारी होने की संभावना हो जाती है, इसके अतिरिक्त यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के झूठे बर्तनों में खाना खाते हैं या फिर किसी संक्रमित व्यक्ति का झूठा खाना खाते हैं तो भी आपको यह रोग हो सकता है।

ज्यादातर व्यक्ति सड़क के किनारे खड़े ठेले वालों से खाना खा लेते हैं, परंतु यदि ठेले वाले आपको डिस्पोजेबल प्लेट में खाना देते हैं, तो सही है, यदि वह आपको स्टील के एलुमिनियम के बर्तन में खाना देते हैं तो आपको नहीं खाना चाहिए, क्योंकि वह बर्तनों को अच्छे ढंग से नहीं साफ करते।

संक्रमित घरेलू वस्तुएं –

यदि आप अपने घर पर किसी के तोलिए का इस्तेमाल करते हैं या फिर आपके घर में कोई बाहर का व्यक्ति आता हैस और वह आपका तोलिया इस्तेमाल करता है और उसके पश्चात आप भी वही तोलिया इस्तेमाल कर लेते हैं, तो इस प्रकार भी यह रोग हो सकता है, इसके अतिरिक्त जब आप बच्चों को बाजार से खिलौने दिलाते हैं तो यदि आप खिलौनों को अच्छी तरह साफ ना करें और ऐसे ही अपने बच्चों को उनसे खेलने दें, तो भी यह रोग बच्चों को हो सकता है, क्योंकि बाजार में तरह तरह के लोग उन खिलौनों पर हाथ लगाते हैं।

संक्रमित घाव को छूने से –

यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के हाथ पर घाव हैं, और कोई स्वस्थ व्यक्ति उस गांव को छूता है तो तब भी यह संक्रमण फैल सकता है, इसीलिए कभी भी किसी भी व्यक्ति के घाव को बिना दस्ताने पहने नहीं छूना चाहिए।

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Diphtheria से बचने के उपाय – Prevention Of Diphtheria In Hindi?

यदि आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बहुत से तौर-तरीके अपनाने होंगे जैसे कि :-

  • आपको कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति का झूठा नहीं खाना चाहिए। यहां तक कि अपने करीबी दोस्त का भी झूठा नहीं खाना चाहिए। क्योंकि ज्यादातर संक्रमण वाली बीमारियां झूठा खाना खाने से ही फैलती है।
  • जितना हो सके उतना बाहर की चीजें खाने से बचें, यदि बाहर की चीजें खा भी रहे हैं तो सिर्फ डिस्पोजेबल प्लेट में ही खाएं। क्योंकि यदि आप स्टील की प्लेट में खाते हैं तो हम आपको बता दें, कि वह स्टील की प्लेट अच्छी तरह साफ नहीं की जाती जिसके कारण जो व्यक्ति उसमें खाता है उस व्यक्ति का झूठा पन उस प्लेट में रह जाता है, और इस प्रकार आप संक्रमित हो सकते हैं, इसीलिए किसी अच्छी जगह बैठकर ही खाना खाएं।
  • यदि आप रेलवे स्टेशन या फिर बस स्टैंड पर टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं, तो टॉयलेट का इस्तेमाल करने के पश्चात यदि आप वहां पर किसी भी चीज को हाथ लगाते हैं, तो आपको तुरंत ही अपने हाथ एंटीबैक्टीरियल साबुन से धोने चाहिए क्योंकि रेलवे स्टेशन तथा बस स्टैंड के टॉयलेट में तरह तरह के लोग आते हैं और उन्हें तरह-तरह की बीमारियां भी होती हैं, और कुछ बीमारियां ऐसी होती है जो कि संक्रमण के द्वारा फैल जाती है, इसीलिए इस प्रकार की गतिविधियों का ध्यान रखें।
  • आप यदि किसी भी अनजान व्यक्ति से हाथ मिलाते हैं, तो आपको हाथ मिलाने के पश्चात अपना हाथ धोना चाहिए या फिर किसी अच्छे सैनिटाइजर से हाथ को साफ करना चाहिए। क्योंकि सैनिटाइजर से भी आपके हाथों पर मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं।
  • यदि आप पैदल ही अपने घर के आसपास के इलाकों में सफर कर रहे हैं, तो आपको अपना मुंह तथा नाक अच्छे से डरना चाहिए क्योंकि घर के बाहर बहुत से लोग तरह-तरह की बीमारियों से संक्रमित हो सकते हैं और वह खुली हवा में छिंकते भी हैं जिसके कारण हवा मैं दूषित कण जाते हैं और वह आपके मुंह तथा नाक में घुस जाते हैं, इसीलिए अपना मुंह तथा नाक हमेशा ढ़क कर रखें।

Diphtheria का निदान – Diagnosis Of Diphtheria In Hindi?

इस बीमारी का निदान भी इसके लक्षणों को देखकर ही किया जाता हैष क्योंकि ज्यादातर व्यक्तियों में इस बीमारी के अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं, यदि आपको गले से संबंधित लक्षण दिखाई देंगे तो आप गले के डॉक्टर के पास जाएंगे और यदि आप को सांस लेने में कुछ प्रॉब्लम हो रही है तो आप किसी अन्य डॉक्टर के पास जाएंगे। इसलिए इस बीमारी के कुछ भी लक्षण दिखने पर आपको तुरंत ही अपने नजदीकी डॉक्टर के पास जाना चाहिए और उस डॉक्टर को लक्षण बताने चाहिए, इसके बाद डॉक्टर आपको खुद ही बता देगा कि आपको आगे क्या करना है।

Diphtheria Ka Upchar – Treatment Of Diphtheria In Hindi?

  • वैसे तो डॉक्टर के द्वारा शुरुआती लक्षण दिखने पर इस बीमारी का इलाज एंटीबायोटिक दवाइयों से भी किया जाता है, क्योंकि यह बीमारी एंटीबायोटिक दवाइयों से भी आसानी से ठीक हो जाती है, परंतु यदि यह बीमारी दवाइयों से ठीक नहीं होती तो फिर डॉक्टर आपको कुछ दिन के लिए अस्पताल में भर्ती कर सकता है ज्यादातर छोटे बच्चे या फिर बुजुर्ग लोग इस बीमारी से ग्रसित होते हैं, और अस्पताल में उन्हें बिल्कुल अलग रखा जाता है, क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है।
  • वैसे तो आज के समय में जन्म के दौरान ही डिप्थीरिया बीमारी के इंजेक्शन लगा दिए जाते हैं, और फिर भविष्य में या बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है परंतु जिन बच्चों को नहीं लगते तो उन्हें बीमारी हो सकती है, और यह बीमारी होने पर डॉक्टर उन लोगों को एंटी-टॉक्सिन ( Anti-toxin ) का टीका भी लगा सकता है।

Diphtheria Conclusion –

उम्मीद करते हैं की डिप्थीरिया बीमारी से संबंधित यह आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया होगा, इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना की Diphtheria Ka ilaj तथा Diphtheria Ke Lakshan और इसके साथ साथ आज आपने Diphtheria Se Bachne Ke Upay तथा Diphtheria Kyu Hota Hai यह भी जान लिया है, यदि अब भी आपको डिप्थीरिया बीमारी से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना हो, तो आप कमेंट सेक्शन के माध्यम से पूछ सकते हैं। धन्यवाद

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