Covaxin और Covishield की डोज के मिश्रण द्वारा आ सकते हैं बेहतर परिणाम, ICMR ने किया स्पष्ट
वेल्लोर में स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज जो कि भारत के केंद्रीय औषधि प्रधिकरण कि एक विशेषज्ञ समिति है, ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 के दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मिश्रण को क्लिनिकली परीक्षण करने की इजाजत देने की सिफारिश की। अतः इसकी इजाजत दी जा चुकी हैं क्योंकि अध्ययन में अच्छे परिणाम सामने आए।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि कोरोना वैक्सीन के रूप में कोवैक्सीन और कोविशिल्ड का मिश्रण बेहतर परिणाम दे सकता है। इस अनुसंधान द्वारा बताया गया इससे संबंधित 18 लोगों का अध्ययन यूपी में किया गया, जिनके द्वारा अनजाने में पहली डोज के रूप में कोविशील्डऔर दूसरे डोज में कोवैक्सीन को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत दिया गया। रिसर्च द्वारा यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने टीके के मिश्रण को प्राप्त किया, उनमें सभी अल्फा बीटा कोरोनावायरस के खिलाफ उच्च प्रतिरोधक शक्ति सामने आए।
सरकार ने 18 साल के ऊपर सभी लोगों को टीकाकरण में शामिल होने के लिए समय को बढ़ाया। अर्थात 2 कोविशील्ड की खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंदर कर दिया गया। इसी बीच उत्तर प्रदेश में दूसरे डोज के रूप में कई लोगों ने अनजाने में 11 पुरुष और 7 महिलाओं ने कोवैक्सीन ले लिया। उन 40-40 लोगों से इनकी तुलना की गई जिन्होंने को वैक्सीन और कोविशील्ड की दो दो खुराक ली थी। नाश्ते के बाद किसी के प्रभाव को देखा गया। अध्ययन द्वारा यह बात सामने आई कि एक ही वैक्सीन की दो डोज लेने वाले लोगों में कम प्रतिकूल शक्ति पाई गई।
अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा बनाई गई कोरोना के वैक्सीन की इमरजेंसी प्रयोग के लिए भारत सरकार ने मंजूरी दे दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंदारिया ने शनिवार को ट्वीट करते हुए अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के वैक्सीन को अप्रूवल देने की बात कही।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए हमारे पास 5 टीके उपस्थित हैं। इससे कोरोना की जंग में हम अच्छे से लड़ सकते हैं। अध्ययन द्वारा यह पता चला कि 2 टीको के मिश्रण में, एक ही टीके के दो डोज की तुलना में अधिक इम्यूनिटी पावर है।
कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिश्रण पर रिसर्च करने के लिए 29 जुलाई को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की एक विशेष पैनल द्वारा अनुमति दी गई।
इसके आगे यह भी बताया गया कि विषय विशेषज्ञ समिति ने बहुत विचार-विमर्श के बाद इस टीके के मिश्रण की चौथे चरण का क्लिनिकली परीक्षण करने की अनुमति को लेकर वेल्लोर के सीएमसी द्वारा सिफारिश की गई। जिसमें 300 स्वस्थ वॉलिंटियर्स को कोविड-19 टीको और कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मिश्रण के अध्ययन के लिए शामिल किया जा सकता है।
इस अध्ययन का मकसद यह है कि क्या एक एक व्यक्ति के के लिए दो अलग-अलग तरीकों की खुराक द्वारा पूर्ण टीकाकरण किया जा सकता है, यानी एक टीका कोवैक्सीन का लगाया जाए और दूसरा टीका कोविशिल्ड का।
इसके अलावा बायोलॉजिकल के विशेष समूह द्वारा 5 से 17 साल की उम्र की जनसंख्या को भी कोविड-19 के टीके लगाने के लिए दूसरे और तीसरे चरण पर क्लीनिकल परीक्षण किए जाने के आवेदन पर चर्चा हो रही हैं। वैक्सीन की आपूर्ति में कमी ने विभिन्न COVID-19 टीकों को मिलाने में रुचि बढ़ा दी है और वैज्ञानिक समुदाय दुनिया भर में इसका जवाब ढूंढ रहा है।
विकेन्द्रीकृत वैक्सीन खरीद नीति के रोलबैक के बाद, केंद्र ने वैक्सीन स्टॉक का 75% खरीदना शुरू कर दिया है और इसे 21 जून से राज्यों को मुफ्त में वितरित करना शुरू कर दिया है।
एक विशिष्ट समय सीमा दिए बिना, केंद्र ने संकेत दिया है कि सभी वयस्कों को दिसंबर 2021 तक टीका लगाया जा सकता है। कुल 50,59,79,149 व्यक्तियों को टीका लगाया गया है, जबकि उनमें से 11,12,25,199 को वैक्सीन की दूसरी खुराक भी मिली है। आईसीएमआर ने आश्वासन दिया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों प्रचलित डेल्टा और डेल्टा प्लस संस्करण के खिलाफ प्रभावी हैं।