Covid-19 R- Value: कोविड-19 का R-value हुआ 1 से भी नीचे, कोरोनावायरस मामले में हो रही है गिरावट
भारत में करीब एक साल से कोरोना वायरस जैसी महामारी अपना प्रभाव दिखा रही है जो ना केवल बुजुर्गों को बल्कि हर उम्र के लोगों को संक्रमित कर रही है। कोरोना वायरस से संक्रमित और सक्रिय मामलों की जांच करने के लिए भारत सरकार की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई है जिसमें आर- वेल्यू नामक एक परीक्षण भी शामिल है। आपको बता दें कि आर- वेल्यू जितनी कम होगी उतनी ही कोरोना वायरस महामारी का खतरा भी कम माना जाता है।
अब तक भारत में आर- वेल्यू द्वारा करीब 4 बार देश के हर हिस्सों में लोगों का परीक्षण किया गया है जिसमें इस बार की आड़ वैल्यू का मूल्य एक से कम आया है। आपको बता दें कि चेन्नई के इंस्टिट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस यानी गणितीय विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों या शोधकर्ताओं के दिए गए जानकारी के अनुसार 2021 के अगस्त महीने के पहले के सप्ताह तक किए गए परीक्षण के बाद आर- वेल्यू के मूल्य को एक से भी कम पाया गया है जो पिछले आर- वेल्यू के मुकाबले काफी कम है। घट रही इस आर- वेल्यू का मूल्य यह बताता है कि कोरोना जैसी खतरनाक महामारी के फैलने की गति में थोड़ी कमी आई है।
2021 के अगस्त महीने के पहले सप्ताह तक किए गए परीक्षण या शोध के बाद शोध के प्रमुख या उसे नेतृत्व करने वाले सितबारा सिन्हा ने अपने और अपनी टीम द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों और डाटा की मदद से बताया कि आर- वेल्यू का मूल्य भारत में घटकर करीब 0.9 तक हो गया है जो पहले किए गए शोध के मुकाबले काफी कम है।
उन्होंने इस घटते आर वैल्यू के बारे में बताते हुए कहा कि यदि आर कम मूल्य कितना कम आ रहा है। सितबारा सिन्हा ने जानकारी दी कि इस घटते आर वेल्यू का परिणाम यह है कि पहले के समय में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों के मुकाबले अब काफी कम लोग संक्रमित हो रहे हैं जिसका मतलब है कि कोरोना के मामलों में कमी आई है।
वहीं भारत के केरल राज्य में जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे थे, वहां भी इस आर वेल्यू का मूल्य पहली बार बीते सात महीनों में एक से आया है जिसके कारण वैक्सीन लेने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों और वहां के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को काफी राहत मिल रही है। वहीं आर वेल्यू के शोधकर्ता सितबरा सिन्हा ने बताया के कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी की दूसरी लहर से बाहर आने वाले जगहों में भारत के पूर्वात्तर राज्य काफी आगे हैं। 14 अगस्त से 16 अगस्त तक पूर्वोत्तर राज्यों में आर वेल्यू की मात्रा शोधकर्ताओं द्वारा 0.89 तक निकली गई है।
शोधकर्ताओं के आंकड़ों द्वारा महाराष्ट्र भारत का केवल एक मात्र ऐसा राज्य है जहां वर्तमान समय में इस आर वेल्यू के मूल्य केवल 0.89 है और कोरोना वायरस संक्रमित मामले अधिक आ रहे हैं। सीतबारा सिन्हा ने दूसरे राज्यों के बारे में बताते हुए कहा कि कई राज्यों में आर वेल्यू का मूल्य एक के आस पास या एक से ज्यादा भी है।
वहीं हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में आर की वेल्यू की मूल्य एक से ज्यादा है। हालांकि तमिल नाडु और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बीते कुछ दिनों के आंकड़ों के अनुसार आर वेल्यू में कमी आई है और अभी वह एक के आस पास है।
बीते महीनों में अलग अलग भारत के प्रमुख शहरों के आर वेल्यू को निकाला गया जिसमें 10 अगस्त से 13 अगस्त के बीच मुंबई में सबसे कम आर वेल्यू यानि 0.70 था जब कि दिल्ली में 31 जुलाई और 4 अगस्त के बीच 0.85 आर वेल्यू था। वहीं बंगलुरू जैसे शहर में 15 अगस्त से 17 अगस्त के बीच आर वेल्यू की मूल्य 0.94 थी और अगस्त महीने में चेन्नई में आर वेल्यू का मूल्य 0.97 रहा। वहीं 11 अगस्त से 15 अगस्त के बीच कोलकाता शहर में आर वेल्यू 1.08 पर था तो 10 अगस्त से 14 अगस्त के बीच पुणे में आर मूल्य 1.05 पर रहा था।