Covovax वैक्सीन का बच्चों पर किया जाएगा ट्रायल, जानें खबरें
देश और दुनिया भर में कोरोना की लहर तेज गति से बढ़ रही है। कोरोना चारों ओर अपने पैर पसार रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर समाप्त होने के बाद अब तीसरी लहर के आने की आशंका है। ऐसे में तीसरी लहर को बच्चों के लिए बहुत ही दुष्परिणामकारी माना जा रहा है। ऐसे में प्रशासन सहित सभी शोधकर्ता, वैज्ञानिक, चिकित्सक तथा अन्य लोग इन परिस्थितियों को देखकर बहुत ही सजग हैं।
बच्चों के लिए कई फार्मा कंपनियां कोरोना से लड़ने के लिए कई वैक्सीन की खोज कर रही है। आने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए तथा अधिक से अधिक बच्चों को संक्रमित होने से बचाने के लिए कई वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। बच्चों को इस खतरनाक महामारी से बचाने में लिए वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स द्वारा एक और कदम बढ़ाया गया है। वहीं सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया यानि पुणे की एसआईआई ने बच्चों के लिए कोवोवैक्स नामक एक वैक्सीन के ट्रायल की शुरुआत की थी।
ऐसे में सुनने में आया है कि एक्सपर्ट पैनल ने कोरोना वैक्सीन Covovax के दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल ना करने की अनुमति की सिफारिश की है। केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने कोरोना के लिए एक सीरम तैयार किया है, इस सीरम को 2 साल से 17 साल के बच्चों पर Covovax के दूसरे और तीसरे चरण की जांच के लिए मंगलवार को कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने की सिफारिश कर रहा है।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कहना है कि वह 10 जगहों पर 920 बच्चों पर उसका ट्रायल करेगा। साथ ही यह भी कहा कि कंपनी ने बच्चों की सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मकता को ध्यान में रखकर ही यह निर्णय लिया है। इस ट्रायल में 12 से 17 वर्ष और 2 से 11 आयु वर्ग के हर वर्ग में 460 बच्चों को शामिल करने की बात कही जा रही है।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि 2 से 17 साल के बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति मांगी जा रही है। एसआईआई द्वारा इस संशोधित प्रोटोकॉल के आवेदन पर CDSCO यानि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 विशेषज्ञ समिति विचार कर रही है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन समिति का कहना है कि इस कोवोवैकस वैक्सीन की अनुमति अब तक किसी भी देश को नहीं मिली है और साथ ही समिति ने यह भी बताया कि इस कोवोवैकस के अगले चरण के परीक्षण से पहले कम्पनी को क्लीनिकल ट्रायल और बच्चों की सुरक्षा और उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पहले चरण के आंकड़े समिति के सामने पेश करने होंगे।
एसआईआई के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह और निदेशक डॉ प्रसाद कुलकर्णी ने जानकारी दी कि, भारतीय वयस्कों में चल रही Covovax के 2 और 3 चरण में नियंत्रित बाल चिकित्सा दल से संबंधित एक प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया गया था।
सरकारी और नीयमाक मामले यानि एसआईआई के निदेशक और प्रकाश कुमार सिंह और डॉ प्रसाद कुलकर्णी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पूरी दुनिया में जवान और बूढ़े लोगों सहित 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अपने अपने स्टार पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अलग अलग वैक्सीन दी जा रही है जिससे उन्हें सुरक्षित रखा जा सके लेकिन वहीं 18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल ही चल रहा है।
किसी भी देश ने अब तक बच्चों को इस महामारी से बचाने वाले टिके का खुल कर पुष्टि नहीं की है इसीलिए विशेषज्ञों ने बच्चों को अति संवेदनशील मानते हुए समूह में रखने को कहा है। एसआईआई के निदेशक द्वारा कही गई बात में यह भी बताया गया कि कई संवेदनशील बच्चों की मृत्यु हो रही है जिसमें कोरोना वायरस जैसी महामारी के साथ साथ कई दूसरे गम्भीर बीमारियां होने की भी खबर मिली हैं। इन सारी बातों को देखते हुए विशेषज्ञों, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों द्वारा यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोरोना वायरस की आ रही तीसरी लहर बच्चों पर बुरा असर कर उन्हें प्रभावित कर सकती है।