Delhi AIIMS 6-12 वर्ष के बच्चों पर करेगा कोवैक्सीन (Covaxin) की दूसरी डोज का ट्रायल, जाने खबरें
वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर भारत में जल्दी ही दस्तक दे सकती है जो छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है इसीलिए भारत में अब ना केवल बड़े लोगों को बल्कि बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन दी जा सकेगी जिससे उन्हें कोरोना की इस लड़ाई में लड़ना आसान हो जाएगा। भारत के बायोटिक ने जानकारी दी है कि 18 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के लिए वैक्सीन को अगस्त और सितंबर तक तैयार कर लिया जाएगा।
दिल्ली एम्स अस्पताल के डॉ रणदीप गुलेरिया ने पहले जानकारी दी थी कि कोरोना की लड़ाई में बच्चों के लिए सितंबर तक वैक्सीन तैयार हो जाएगा। अब यह खबर आई है कि एम्स में छह साल से कम उम्र के बच्चों के साथ अगले सप्ताह से Covaxin का परीक्षण शुरू किया जाएगा। ऐसा बताया जा रहा है कि उस उम्र के बच्चों पर वैक्सीन की पहली खुराक का परीक्षण पहले ही के लिया गया है और अब दूसरी खुराक की तैयारी हो रही है।
एम्स के सूत्रों ने बताया कि Covaxin की दूसरी डोज भी छह से बारह वर्ष के उम्र वाले बच्चों को परीक्षण के लिए दी जा चुकी है। बच्चों को तीन सूचियों में बांटकर इस वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है जिसमें पहली सूची 12 से 18 वर्ष के बच्चों की है जिन पर दोनों खुराक का परीक्षण हो चुका है और अंतिम रिपोर्ट भी तैयार की जा चुकी है। वहीं दूसरी सूची में 6 से 12 वर्ष के बच्चों को रखा गया है जिन पर दोनों खुराक का परीक्षण हो चुका है लेकिन अंतिम रिपोर्ट अभी तैयार नहीं की गई है। आखिरी और तीसरी सूची 2 से 6 वर्ष के बच्चों की है जिन पर अब तक पहली खुराक का ही परीक्षण हुए है।
सूत्रों के मुताबिक 175 बच्चों को उनके उम्र के आधार पर अलग – अलग सूची में रखकर इस परीक्षण में शामिल किया गया है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर टिके की एक खुराक का परीक्षण हो चुका है जब की दूसरे परीक्षण की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसा बताया जा रहा यदि यह दूसरा परीक्षण सफल हुआ तो एक रिपोर्ट जारी कर अगस्त महीने तक बच्चों की इस वैक्सीन के बारे में और उसकी कोरोना से सुरक्षा के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी से दी जाएगी। बच्चों के लिए Covaxin और Zydus Cadila की भी वैक्सीन तैयार की जा रही है।
स्वास्थ्य केंद्र ने जानकारी दी कि Zydus Cadila 18 वर्ष के बच्चों का परीक्षण क्लीनिकल रूप से खत्म हो चुका है और इसे आने वाले समय में 12 वर्ष के बच्चों को भी दिया जा सकेगा। आगे जानकारी देते हुए बताया कि टीकाकरण ही एक मात्र रास्ता है जो कोरोना से लोगों को बचा सकता है इसीलिए बच्चों के लिए इसे जल्द से जल्द तैयार किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स की जानकारी के मुताबिक Zydus Cadila की तैयार की गई बच्चों के लिए वैक्सीन उन बच्चों के अंदर डीएनए वैक्सीन को बनाती है जो कोरोना से लड़ने के लिए उनके शरीर को तैयार कर देगी। केन्द्र ने यह सूचना दी की कोरोना से लड़ाई में सौ प्रतिशत लोगों को वैक्सीन देना जरुरी है और इसी प्राथमिकता के साथ वैक्सीन को हर उम्र के लोगों के लिए तैयार किया जा रहा है जिसके लिए पूरी मेडिकल टीम और बायोटिक कम्पनी अपने अपने क्षेत्र में पूरी कोशिश के रही है।