Corona in Mumbai: मुंबई बोर्डिंग स्कूल में 12 वर्ष से कम उम्र के 26 विद्यार्थी पाए गए कोविड पॉजिटिव, जानें खबरें
साल 2020 से देश और दुनिया भर में कोरोना वायरस जैसी महामारी ने अपना खतरनाक और प्रभावशाली रूप दिखाना शुरू किया था और जिसका असर साल 2021 में भी बरकरार है। पहली लहर में जहां बुजुर्गों पर कोरोनावायरस में अपना प्रभाव दिखाया था वहीं कोरोना कि दूसरी लहर नौजवानों पर अपना खतरनाक प्रभाव दिखा रही है।
दोनों लहर को देखने के बाद और उसके नए-नए वेरिएंट्स दुनिया के सामने आने के बाद वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर ज्यादा प्रभावशाली हो सकती है। हाल ही में जारी किए गए कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक अब कोरोना महामारी बच्चों पर अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर चुकी है। बीते कुछ समय पहले मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर देखा जा रहा है।
class="wp-block-heading"> महाराष्ट्र और मुंबई हुए थे सबसे जादा प्रभावित
आपको बता दें कि कोरोना की पहली लहर ने भारत के वित्तीय राज्य यानि महाराष्ट्र और मुंबई में अपना सबसे खतरनाक प्रभाव दिखाया था और पहली लहर के दौरान मुंबई में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए हैं। वही अब दोबारा मुंबई में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
देश भर में जहां कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने की आशंका है वहीं तीसरी लहर के ज्यादा प्रभावशाली होने की भी आशंका जताई जा रही है। इसी बीच महाराष्ट्र के राजधानी मुंबई में अग्रीपाड़ा क्षेत्र के एक बोर्डिंग स्कूल में कोरोना का परीक्षण किया गया जिसके बाद अधिकारियों और लोगों में चिंता बढ़ गई है। बीते गुरुवार को मुंबई के अग्रीपाड़ा क्षेत्र के सेंट जोसेफ बोर्डिंग स्कूल में कुछ बच्चों को कोरोना महामारी से संक्रमित पाया गया।
बीते दिनों मुंबई के बोर्डिंग स्कूलों में कोरोना परीक्षण या सक्रिय जांच किया गया था जिसमें करीब 95 बच्चों को शामिल किया गया था। उन 95 बच्चों में 26 विद्यार्थी कोविड-19 के रूप में सकारात्मक पाए गए।
उन सभी विद्यार्थियों को मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां के डॉक्टरों और अधिकारियों का कहना है कि उन 26 बच्चों में करीब चार बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 12 वर्ष से भी कम की है। अस्पताल के अधिकारियों ने उन बच्चों की जानकारी देते हुए बताया कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रिचर्डसन क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया है जहां उनका इलाज चल रहा है।
हालांकि सेंट जोसेफ बोर्डिंग स्कूल में मिले 26 कोरोना संक्रमित छात्रों को क्वारंटाइन सेंटर भेजने के बाद बीएमसी ने उस स्कूल के आसपास के सभी इलाकों को सील कर दिया ताकि वहां पर कोरोना वायरस की जांच आसानी से किए जा सके। मुंबई के इस बोर्डिंग स्कूल में कोरोना संक्रमित बच्चों या विद्यार्थियों के मिलने के बाद कोरना टीम ज्यादा सक्रिय हो गई है और लगातार लोगों के परीक्षण को बढ़ा रही है।
एक आरटीआई के जवाब में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक समाचार एजेंसी पीटीआई को जानकारी देते हुए बताया कि भारत की 11 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर करीब 720 से भी ज्यादा बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में भेजा गया है। उस आरटीआई जवाब में यह भी बताया गया कि कोरोना संक्रमित बच्चों को जांच के अंतर्गत रखा गया था और जारी किए गए रिपोर्ट में किसी भी बच्चे की मृत्यु की बात सामने नहीं आई हैं।
देश के उन 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा भारत में कई अन्य जगहों पर भी बाल अधिकारी निकाय परीक्षण कर अपने आंकड़ों को तैयार कर रही है जिसके अनुसार यह बात सामने आई है कि सीसीआई यानी चाइल्ड केयर संस्थान में 686 बच्चे रह रहे हैं जो इस साल कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से संक्रमित हुए थे।
हालांकि अब तक किसी भी चाइल्ड केयर संस्थान या बाल देखभाल संस्थान से किसी भी बच्चे की मृत्यु की खबर सामने नहीं आई है। हरियाणा राज्य में 288 यानी सबसे ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमित बच्चों की संख्या सामने आई थी। इसके बाद तमिलनाडु राज्य में 149 और बिहार राज्य में 131 कोरोना वायरस संक्रमित बच्चों के मामले सामने आए थे।