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Corona in Bihar: बिहार में आक्रामक परीक्षण के कारण कोरोना के मामले में भारी गिरावट, दैनिक मामले 20 से कम

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Corona in Bihar: बिहार में आक्रामक परीक्षण के कारण कोरोना के मामले में भारी गिरावट, दैनिक मामले 20 से कम

Corona in Bihar: बिहार में आक्रामक परीक्षण के कारण कोरोना के मामले में भारी गिरावट, दैनिक मामले 20 से कम।

बिहार राज्य में कोविड-19 के मामले में गिरावट देखी जा रही है और इसका श्रेय राज्य सरकार द्वारा आक्रामक परीक्षणों को दिया जा रहा है। मंगलवार को बिहार राज्य में कोविड-19 के 9 नए मामले सामने आए जिसके साथ ही इस राज्य में एक्टिव केसेस की संख्या 101 हो गई। कोविड-19 संक्रमित राज्यों में बिहार सबसे कम संक्रमित राज्यों में से एक है।बिहार राज्य देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लेकर कोरोनावायरस संक्रमण के मामले में नीचे से तीसरे स्थान पर है।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इससे राज्य के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मामलों की संख्या में कमी आने के कारण ट्रैकिंग, परीक्षण और टीकाकरण करने में राज्य को सफलता मिल रही है। प्रतिदिन राज्य द्वारा 1.25 लाख से 1.50 लाख कोविड-19 नमूनों का टेस्ट किया जाता है।

जैसे कोविड-19 की पॉजिटिव मामले सामने आते हैं, हम तुरंत संक्रमित रोगी को अन्य लोगों से अलग कर देते हैं जिससे वहां अन्य लोगों के परीक्षण के लिए क्षेत्र बन जाता है। और फिर इसी क्षेत्र में कोविड-19 के मामले का परीक्षण किया जाता है। इस तरह इस श्रृंखला को चलाया जाता है।

स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा बताया गया कि भले ही कोविड-19 के मामले में कम संख्या सामने आ रही है, फिर भी आक्रमक रूप से परीक्षण करने की प्रणाली लगातार जारी रहेगी। इस राज्य में दैनिक कोविड-19 के मामले प्रतिदिन 20 से कम दर्ज किए जा रहे हैं। वास्तव में, इसने इस महीने तीन बार कोविड-19 के केवल एक अंक के मामले दर्ज किए गए।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमृत ने भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग, हमेशा इस बात पर जोर देता है कि आक्रामक तरीके से परीक्षण किया जाए। कोरोना के मामलों की संख्या में कमी आने के बाद भी डेढ़ लाख से अधिक परीक्षण प्रतिदिन किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, हम कई जिलों के अधिकारियों के साथ नियमित रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर इस मामले में चर्चा करते हैं एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्थिति की समीक्षा समय-समय पर करते हैैं।

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अमृत ने बताया कि‌ टीकाकरण अभियान को जारी रखकर ही दैनिक मामलों की संख्या में कमी आ सकती है। अब तक कम से कम लगभग 2.75 करोड लोगों को कोविड-19 के वैक्सिन की पहली खुराक मिल चुकी है। जो लोग पहले खुराक ले चुके हैं, उनकी दूसरी खुराक दिलाने के लिए एक विशेष केंद्र की स्थापना की गई है। सोमवार शाम तक राज्य में 3,01,33,042 लोगों को टीका दिया गया। इनमें से टीके की पहली खुराक लेने वालों की संख्या 25232930 और दूसरी खुराक लेने वालों की संख्या 4878031 हैं।

देश के किसी भी क्षेत्र में, जब भी कोविड-19 के मामले में उछाल देखते हैं, खास करके महाराष्ट्र और केरल में, वैसे में हम बिहार में कोविड-19 के मामले के प्रभाव की समीक्षा करने के लिए बैठक करते हैं।राज्य में जितने ताजा मामले सामने आ रहे हैं, उससे अधिक मरीज जब से ठीक होने वालों की संख्या है। इसके अलावा राज्य में कोविड-19 के एक्टिव मामलों में भी कमी आई। इतना ही नहीं, कोविड-19 चार्ट में सबसे ऊपर होने वाला राज्य पटना में भी अब दैनिक दो मामले देखे जा रहे हैं। अतः इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार सरकार इस मामले में काफी जागरुकता दिखा रही है, और टीकाकरण अभियान को जोरों शोरों से चलाया जा रहा हैं।

बिहार राज्य द्वारा टीकाकरण के मामले में काफी बेहतर किया जा रहा है। अब तक राज्य में लगभग 53% लोगों को वैक्सीन दिया जा चुका है। यहां तक कि पटना के शहरी क्षेत्र के आसपास के लोगों में लगभग 95% लोगों को टिका दिया गया। बिहार राज्य में यह भी सुविधा दी गई कि लोग फोन कॉल की मदद लेकर टीकाकरण के लिए सहायता ले सकते हैं। अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन दिलाने के लिए यह सुविधा दी गई है।

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