कोरोनो वायरस की तीसरी लहर की आशंका के बीच सीरो सर्वेक्षण किया गया, जिससे बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। बृहन्मुंबई नगर निगम ने कहा कि मार्च के सर्वेक्षण से सीरो का प्रचलन बढ़ा है। ऐसा कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे ही प्रभावित होंगे , इसलिए बीएमसी ने एक सर्वे द्वारा कुछ आंकड़ा प्राप्त करने की कोशिश की। इस सर्वेक्षण द्वारा पता चला कि पहले से 50% से अधिक बच्चे सोर्स दो कोरोना के चंगुल में फंस चुके हैं।
जैसा कि आपको पता है मुंबई में कोरोना तेजी से फैल रहा है इसलिए कोरोना महामारी की तीसरी लहर के लिए अभी से वहां तैयारियां चल रही है। कहा जा रहा है की यह तीसरी लहर अधिकतर बच्चों को ही अपनी चपेट में लेगी
इसी बीच एक सर्वे द्वारा पता चला है कि मुंबई में 18 साल के 50% से अधिक बच्चों में कोरोना वायरस से लड़ने की एंटीबॉडी मौजूद है। बीएमसी द्वारा कहा गया कि केवल अप्रैल और जून के बीच हुए सर्वे में ही 2,176 नमूने पाए गए हैं।
सर्वेक्षण की देखरेख करने वाले मुंबई के अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा, “यह अच्छी खबर है क्योंकि इससे पता चलता है कि 18 साल से कम उम्र की कम से कम आधी आबादी COVID-19 से सुरक्षित है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम अपनी सुरक्षा को कम न होने दें।”
दूसरे लहर के दौरान ही बीएमसी द्वारा सर्वे को कर दिया गया शुरू :
सीरो
महामारी की शुरुआत से अभी तक प्राप्त सर्वे रिपोर्ट :
बीएमसी ने कहा कि महामारी की शुरुआत का यह तीसरा ज़ीरो सर्वेक्षण था जो 1 अप्रैल से 15 जून के बीच शुरू किया गया था जिसमें पैथोलॉजी प्रयोगशाला उसे 2176 रक्त के नमूने पाए गए थे। इनमें चिकित्सा नेटवर्क और बीएमसी के नायर अस्पताल से 1283 नमूने 24 नगर पालिका वार्ड और 893 प्रयोगशाला के नेटवर्क से नमूने पाए गए थे। यह सर्वेक्षण से केवल एक ही बात बाहर आई कि 50% से अधिक बच्चे पहले से ही सोर्स कोविड 2 की चपेट में आ चुके हैं आगे तीसरी लहर से क्या प्रभाव होगा इसकी कोई खबर नहीं। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को आने में अभी वक्त लगेगा।
नागरिक निकाय के डेटा से पता चलता है कि अप्रैल में, 0 से 9 वर्ष की आयु के 4,351 बच्चों ने मुंबई में कोविड -19 का अनुबंध किया। मई में यह संख्या गिरकर 3,139 हो गई क्योंकि कुल मामलों में गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह, अप्रैल में, 12,277 कोविड रोगी 10-19 आयु वर्ग के थे जो अगले महीने घटकर 3,139 हो गए।
अप्रैल में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किए गए इसी तरह के एक अभ्यास से पता चला है कि शहर में एंटीबॉडी का जनसंख्या स्तर 56.09% था, जो लगभग जनवरी दौर के समान था। रिपोर्ट मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं ने तैयार की है।