- क्या आपको भी कब्ज है ? जानिए इसकी पूरी जानकारी , बचाव , इलाज , जोखिम, रोकथाम एवं 7 घरेलू उपचार(constipation Introduction)
- कब्ज क्या है? (What is constipation In hindi)
- कब्ज के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of constipation in hindi)
- कब्ज किन कारणों से होता है? (What are the causes of constipation in hindi)
- कब्ज की पहचान कैसे करें? (How to diagnose constipation in hindi)
- कब्ज का इलाज कैसे किया जा सकता है? (Treatment of constipation in hindi)
- कब्ज के जोखिम क्या हो सकते हैं? (Complications of constipation in hindi)
- कब्ज की रोकथाम कैसे की जा सकती है? (how to prevent constipation In hindi)
- कब्ज का निष्कर्ष – Conclusion For Constipation
क्या आपको भी कब्ज है ? जानिए इसकी पूरी जानकारी , बचाव , इलाज , जोखिम, रोकथाम एवं 7 घरेलू उपचार(constipation Introduction)
आमतौर पर कब्ज एक ऐसा रोग है जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। हालांकि सभी लोग इस कब्ज का इलाज कराने में सभी तरह के तरीके अपनाते हैं। इन तरीकों को अपनाने के बाद भी इनका असर कुछ ही समय तक रहता है परंतु इन तरीकों या दवाइयों का असर खत्म होते ही पेट में कब्ज की समस्या फिर से प्रारंभ हो जाती है।
इस हालात में सभी लोग यह सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि उन्हें कब्ज से छुटकारा कब और कैसे मिले। कुछ लोग तो कब्ज को गंभीरता से लेने के बजाय उन्हें नजरअंदाज करके एक सामान्य समस्या समझ कर छोड़ देते है वे सोचते हैं कि यह एक आम समस्या है एवं उससे ज्यादा गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है।
वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो इस रोक को काफी गंभीरता से लेते हैं एवं इसका बेहतर इलाज करवाने की कोशिश में लगे रहते हैं। जिससे उन्हें जल्द से जल्द छुटकारा मिल सके। आप इसी तरह के किसी रोग या कब्ज से परेशान है तो आपको इस लेख को अवश्य पढ़ना चाहिए क्योंकि इस लेख में हमने कब्ज से जुड़ी सभी जानकारी आप तक पहुंचाने की कोशिश की है।
कब्ज क्या है? (What is constipation In hindi)
कब्ज एक ऐसा रोग है जिसका सीधा सीधा संपर्क हमारे पेट से होता है इस रोग में व्यक्ति को मल त्याग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वक्त रोगी को मेडिकल सहायता भी लेनी पड़ती है क्योंकी व्यक्ति को मल त्याग करने के वक्त पेट में काफी दर्द होता है।
कब्ज के समय व्यक्ति के पेट में मल सूख जाता है एवं सख्त हो जाता है जिससे व्यक्ति को दर्द का सामना करना पड़ता है। यहां हम आपको kabj ke Pramukh lakshan in Hindi, kabj ke liye aasan gharelu upay और kabj ki roktham karne ke tarike के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं जो निम्नलिखित हैं-
कब्ज के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of constipation in hindi)
यदि किसी व्यक्ति को इस स्थिति में यह पांच लक्षण यदि नजर आए तो उसे जल्द से जल्द अपना इलाज करवा लेना चाहिए. Kabj ke lakshan kya hai की बात करें तो यहां बताए जा रहे लक्षण कब्ज होने की ओर संकेत कर सकते हैं-
- मल का कम मात्रा में होना– कब्ज का सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण लक्षण मलका कम मात्रा में होना है। इस स्थिति में 1 हफ्ते में तीन या चार बार ही व्यक्ति को मल त्याग होता है एवं अन्य कई बार उसे बिना मल त्याग किए बाथरूम से वापस लौटना पड़ता है।
- मल त्याग करने के लिए दबाव लगना– जब किसी व्यक्ति को मल त्याग करने के वक्त अधिक दबाव लगाना पड़े तो ऐसी स्थिति में उसे कब्ज की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि वह इसका सही इलाज कर सके।
- मलाशय में रुकावट महसूस होना– कई लोगों को अक्सर मलाशय में रुकावट महसूस होती है। ऐसी स्थिति में लोगों को इसे नजरअंदाज करने से बचना चाहिए क्योंकि यह कब्ज का भारी लक्षण हो सकता है।
- मलाशय का पूरी तरह से खाली ना होना– यदि किसी व्यक्ति को मल त्याग करने के बाद भी उसे ऐसा महसूस होता है कि उसका मलाशय खाली नहीं हुआ है तो ऐसी स्थिति में उसे जल्द से जल्द किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह स्थिति कब्ज का संकेत देती है इसलिए हमें इसे नजरअंदाज करने से जहां तक हो सके बचना चाहिए एवं इसका जल्द से जल्द इलाज करना चाहिए।
- सख्त या गाठदार माल होना– कब्ज का एक सबसे बड़ा लक्षण शख्त या गांठदार मल का होना है। इस लक्षण से पीड़ित लोगों को इसे सामान्य समस्या समझ कर कभी नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए एवं इसे गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कब्ज किन कारणों से होता है? (What are the causes of constipation in hindi)
कब्ज एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र के लोगों को होना एक आम बात है जिसके कई सारे कारण हमें दिखाई पड़ते हैं। kabj ke Karan निम्नलिखित हैं-
- खानपान में बदलाव करना– हमारे शरीर कुछ प्रमुख खानों का आदी हो जाता है। यदि हम अपने खानपान में बदलाव करना चाहे तो हमे कब्ज जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है एवं हमारे पेट में कब्ज के बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीना– हमारे शरीर के लिए पानी अमृत के समान होता है। हमारे शरीर को डिहाइड्रेट करने के लिए से बचाने के लिए एवं एनर्जी देने के लिए पानी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे शरीर की सभी बीमारियों का एकमात्र एवं रामबाण इलाज पानी ही होता है। यदि हम प्रयाप्त मात्रा में पानी नहीं पिएंगे तो हमें कब्ज जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है।
- अधिक मात्रा में डेयरी उत्पादों का सेवन करना– उन लोगों को कब्ज होने की संभावना सबसे अधिक होती है जो लोग डेयरी उत्पादों का सेवन अधिक मात्रा में किया करते हैं। डेयरी उत्पाद का उपयोग करने वालों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिससे उन्हें कब्ज जैसी बीमारी का सामना ना करना पड़े।
- शारीरिक गतिविधियां ना करना– यदि कोई व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में कोई भी शारीरिक गतिविधियां नहीं करता है तो उसे कब्ज होने की संभावना होती है। इसी कारण कब्ज होने का एक अन्य कारण शारीरिक गतिविधियां भी है इसलिए हमें अपने शरीर को शारीरिक कामों में लगाना चाहिए।
- तनाव लेना -हम सभी लोगों का अपने अपने तनाव को दूर करने के लिए अपने अपने तरीके होते हैं कुछ लोग अपने तनाव को दूर करने के लिए खाने का सहारा लेते हैं तो कुछ संगीत का तो कुछ किसी अन्य चीज का। वे लोग जो अपने तनाव को दूर करने के लिए खाने का सहारा लेते हैं उन्हें कब्ज होने की समस्या अधिक होती है क्योंकि वह अपने तनाव को दूर करने के लिए अन हेल्थी फूड का इस्तेमाल करते हैं जिनका परिणाम उन्हें कब्ज के रूप में भुगतना पड़ता है।
कब्ज की पहचान कैसे करें? (How to diagnose constipation in hindi)
कब्ज काफी सारी परेशानी का एक कारण बन सकता है परंतु यदि हम इसका सही समय पर इलाज कर ले तो इन परेशानियों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि कब्ज की पहचान सही समय पर कर ली जाए तो इसका इलाज काफी सरल हो जाता है।
कब्ज की पहचान 5 तरीकों से करना काफी सरल होता है-
- मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना– किसी व्यक्ति के मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना कब्ज की पहचान करने का सबसे आसान तरीका होता है ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यदि किसी व्यक्ति का पहले कोई पेट की समस्या का कोई मेडिकल हिस्ट्री हो तो उसकी सही जांच हो सके।
- ब्लड टेस्ट करना-किसी व्यक्ति के पेट की समस्या को जांच करने का सबसे आसान तरीका ब्लड टेस्ट करवाना है जिसे डॉक्टर व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी हिस्से की बीमारी को आसानी से समझ सके।
- यूरिन टेस्ट करना– कब्ज का पता लगाने के लिए डॉक्टर यूरिन टेस्ट की भी सलाह देते हैं। इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर को इस बात का पता लग सकता है की कब्ज का कोई कारण यूरिन से जुड़ा हुआ तो नहीं है।
- स्टूल टेस्ट करना– कब्ज की बीमारी में स्टूल टेस्ट के द्वारा कब्ज की पहचान की जाती है इसमें पेट संबंधी किसी समस्या के बारे में जांच किया जाता है। कब्ज के सही कारण का पता लगने के लिए स्टूल टेस्ट में स्टूल की गांठ का पता लगाया जाता हैं।
- एक्स-रे करना– कब्ज होने की स्थिति में कई बार डॉक्टर एक्स-रे भी करते हैं जिससे पेट के अंदरूनी हिस्से की जानकारी एक्स-रे के जरिए मिल सके।
कब्ज का इलाज कैसे किया जा सकता है? (Treatment of constipation in hindi)
जब भी किसी व्यक्ति को उसके कब्जे से पीड़ित होने का पता लगे तो उस व्यक्ति को जल्द से जल्द अपना इलाज करवा लेना चाहिए ताकि उसे कभी भी किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े एवं सही समय पर उसका सही इलाज हो सके। Kabj ka ilaaj kaise karen के बारे में यदि आप जानना चाहते हैं तो कब्ज का इलाज निम्नलिखित तरीकों द्वारा किया जा सकता है-
- घरेलू नुस्खे अपनाना– कब्ज या Constipation की बीमारी को रोकने का सबसे आसान तरीका घरेलू नुस्खे का लाभ उठाना है। इसमें हमें नींबू पानी पीना एवं सादा भोजन करना इत्यादि उपाय को अपनाना चाहिए।
- दवाई लेना– कब्ज की बीमारी का इलाज दवाइयों द्वारा भी पूरा होता है। यह दवाइयां कब्ज से पीड़ित लोगों को राहत देने एवं कब्ज को बढ़ने से रोकने में मदद प्रदान करती हैं।
- सप्लीमेंट का सेवन करना– कब्ज की बीमारी का एक और इलाज सप्लीमेंट का सेवन करना भी है। परंतु हमें सप्लीमेंट का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में सप्लीमेंट करना काफी नुकसानदायक साबित होता है।
कब्ज के जोखिम क्या हो सकते हैं? (Complications of constipation in hindi)
कब्ज का इलाज काफी संभव होता है जिसका लाभ कई सारे लोग उठा चुके हैं। इन सब के बावजूद कई लोगों को इस समस्या की पूर्ण जानकारी नहीं होने के कारण वे Constipation जैसी बीमारी से जूझते रहते हैं। यदि कोई व्यक्ति कब्ज जैसी बीमारी से पीड़ित है तो उन्हें इन जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है-
1. गुदे की नस मैं सूजन होने की समस्या
2. गुर्दे की त्वचा का छिल जाना
3. बवासीर की समस्या होना
4. माल असंयम की समस्या
5. मूत्र संबंधी समस्या
कब्ज की रोकथाम कैसे की जा सकती है? (how to prevent constipation In hindi)
जैसा कि हम ऊपर पढ़ चुके हैं कि कब्ज या Constipation के बहुत सारे जोखिम होते हैं जो किसी भी व्यक्ति को इस बीमारी से परेशान कर सकते हैं। परंतु अन्य बीमारी की तरह कब्ज की भी रोकथाम संभव होती है। Kabj ki roktham kaise karen जानने के लिए यदि कोई व्यक्ति कुछ निम्न बातों को ध्यान में रखें तो वह कब्ज़ जैसे रोग से बच सकता है-
1. Healthy diet को अपनाना
2. रोजाना एक्सरसाइज करना
3. अधिक मात्रा में रोजाना पानी पीना
4. अपना स्ट्रेस कम करना
5. अपने मूत्र एवं मलासय को अधिक समय तक ना रोकना
6. रोजाना सुबह गर्म पानी पीना
कब्ज का निष्कर्ष – Conclusion For Constipation
आज के समय में कब्ज या Constpation की समस्या दिन-प्रतिदिन इतनी तेजी से बढ़ती जा रही है कि पूरे भारत में दुनिया भर में कब्ज के मरीज कहीं ना कहीं मिल ही जाते हैं। यदि हम केवल भारत की बात करें तो भारत में लगभग 22% लोग कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं। अधिकतर लोग इस समस्या को गंभीर रूप से ना लेने के बजाए इसे बहुत ही हल्के में लेते हैं जिसके कारण वे लोग इस बीमारी का आसानी से शिकार बन जाते हैं। ऐसे में यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम अधिक से अधिक लोगों तक इस समस्या के समाधान को पहुंचाने में सफल रहे।