- Children Monitoring: निगरानी रखने से बिगड़ जाते हैं बच्चे – जानिए बच्चों पर ज्यादा निगरानी रखना सही है या गलत ?
- बच्चों पर ज्यादा निगरानी रखनी चाहिए या नहीं
- 1. दे सीखने का मौका
- 2. बदलते वक्त के साथ बदले
- 3. बच्चों पर ज्यादा शक ना करें
- 4. थोड़ी सी आजादी भी है जरूरी
- 5. परवरिश का सही तरीका
- 6. बच्चे को डरा कर रखना
- 7. मर्जी से कार्य करने देना
- 8. ज्यादा लाड प्यार ना दिखाएं
- 9. बच्चे की जिद पूरी ना करें
- 10. बच्चों के सामने लड़ाई ना करें
- 11. बच्चे ज्यादा बाहर घूमते हैं तो फिर है निगरानी रखने की आवश्यकता
- 12. बुरे बच्चों की संगति में रहना
- 13. अकेला रहने दे पर ज्यादा नहीं
- 14. अपने से बड़े बच्चों की संगति में रहते हैं तो फिर है निगरानी रखने की आवश्यकता
- Conclusion –
Children Monitoring: निगरानी रखने से बिगड़ जाते हैं बच्चे – जानिए बच्चों पर ज्यादा निगरानी रखना सही है या गलत ?
ऐसा बहुत से लोग सोचते हैं कि बच्चों पर ज्यादा निगरानी रखना सही होता है या नहीं है। बहुत लोगों का यह मानना भी होता है कि अगर हम अपने बच्चों को ज्यादा निगरानी करते हैं और उन पर शक करते हैं उनकी वजह से जल्दी बिगड़ जाते हैं और मां-बाप की बात मानना भी छोड़ देते हैं। बहुत से एक्सपोर्ट का यह कहना भी है कि अगर बच्चों पर ज्यादा निगरानी है ना रखी जाए और उन्हें जो वह कर रहे हैं करने दिया जाए तो इस प्रकार बच्चे और भी ज्यादा समझदार हो जाते हैं लेकिन इन दोनों बातों में से कौन सी बात सही है इसके बारे में तो आपको हमारी यह पोस्ट पढ़ने के बाद ही पता चल सकेगा, इसीलिए आप हमारी इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ते रहिए गा
वैज्ञानिकों के अनुसार अनेकों बच्चों पर शोध करके भी देखा गया है जिसमें अलग-अलग रिजल्ट सामने आए हैं। माता पिता के लिए यह चिंता का विषय बना रहता है कि उन्हें अपने बच्चों को ज्यादा निगरानी रखनी चाहिए या नहीं आगे आपको इसी से संबंधित सभी जानकारियां हासिल होंगी जैसे कि Bacho Par Nigrani Rakhna thik hai ya Nahi तथा Bacho Ka Swabhav Kaise Thik Kare इसके बारे में भी बताएंगे।
बच्चों पर ज्यादा निगरानी रखनी चाहिए या नहीं
बच्चों के एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि हमें अपने बच्चों पर ज्यादा निगरानी नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि ज्यादा निगरानी रखने से आपके बच्चे जिद्दी हो जाते हैं जिसकी वजह से वह फिर आपकी कही बात भी नहीं सुनते। लेकिन बहुत सी चीजें ऐसी भी होती हैं जिनका माता-पिता को ख्याल रखने पर बच्चे के अंदर पूरी तरह से बदलाव किया जा सकता है और उसके पश्चात आपको निगरानी रखने की भी आवश्यकता नहीं होगी।
1. दे सीखने का मौका
आपको अपने बच्चों को सीखने का मौका देना चाहिए बहुत से मां-बाप ऐसी होती है जो अपने बच्चों पर काफी ज्यादा निगरानी सकते हैं जिसकी वजह से वह अच्छे से कुछ सीख भी नहीं पाते इसलिए आपको अपने बच्चों पर ज्यादा निगरानी नहीं रखनी चाहिए और उन्हें खुद ही सीखने देना चाहिए। जब आपका बच्चा घर से बाहर अपने दोस्तों के साथ खेल रहा होता है या फिर अपनी उम्र से बड़े कुछ बच्चों के साथ खेल रहा होता है तो इस प्रकार बच्चे का विकास काफी अच्छा होता है इसलिए उस समय भी बच्चे के माता-पिता को बच्चे पर ज्यादा नहीं रहा ही नहीं रखनी चाहिए। इसके अतिरिक्त अगर आपका बच्चा घर में अपना कोई काम स्वयं करना चाहता है या फिर घर से बाहर जाकर अपना काम करना चाहता है तो आपको उसे करने देना चाहिए क्योंकि इस प्रकार बच्चे का साहस बढ़ता है और उसका दिमागी विकास भी अच्छे से होता है कम उम्र में बच्चे जितना ज्यादा सीखते हैं उतना ही उनके लिए फायदेमंद रहता हैं, क्योंकि बचपन में बच्चे आसानी से सब चीजों को सीख जाते हैं इसीलिए बच्चों के माता-पिता को उन्हें सीखने का मौका देना चाहिए।
2. बदलते वक्त के साथ बदले
आज का युग आधुनिक युग है जिसमें है बच्चों प्रति खेलने से लेकर पढ़ाई करने तक अलग-अलग तरह के आधुनिक उपकरण का इस्तेमाल होता है इसीलिए आपको वक्त के साथ-साथ बदलने की आवश्यकता भी है। बहुत से बच्चों के माता-पिता वक्त के साथ साथ नहीं बदलते हैं और वह अपने बच्चों को डांटते हैं अगर आपके बच्चों को लैपटॉप, कंप्यूटर या ऑनलाइन क्लासेज ( online classes ) के लिए मोबाइल फोन की आवश्यकता है तो आपको होने वह देनी चाहिए, क्योंकि जब तक आप उन्हें आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं कराएंगे तो तब तक उनकी पढ़ाई भी अच्छे से नहीं होगी आज के समय में तो बचपन से ही बच्चों को कंप्यूटर का पूरा ज्ञान देना शुरू कर दिया जाता है ताकि जब तक वह बड़े हो तो अच्छे से कंप्यूटर चलाना सीख सकें। क्योंकि आज के समय में कंप्यूटर के बिना कोई भी काम संभव नहीं है हर एक काम आप कंप्यूटर के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं, इसीलिए आपके बच्चे को पढ़ाई के लिए किसी भी तरह के उपकरण की आवश्यकता है तो आपको उसे वह दिलाना चाहिए, क्योंकि जैसे जैसे समय बदल रहा है तो उसी के साथ-साथ आपको भी अपने बच्चों के लिए बदलना होगा।
3. बच्चों पर ज्यादा शक ना करें
बहुत से माता-पिता अपने बच्चों पर काफी ज्यादा शक करते हैं और जब बच्चे पढ़ रहे होते हैं तो यह बार-बार आकर उन्हें देखते हैं कि वह पढ़ रहा है या फिर खेल रहा हैं। हम आपको बता दें कि बच्चों पर अगर बार-बार शक किया जाता है तो इस प्रकार भी उनके स्वभाव में परिवर्तन आ सकता हैं। ऐसा भी हो सकता है कि उन्हें ज्यादा गुस्सा आना शुरू हो जाए या फिर वह भी आपको देखकर धीरे-धीरे शक करना शुरू कर दें क्योंकि बच्चे अपने बड़ों से ही सब बातें जीते है, अगर आप इस प्रकार उन पर शक करेंगे तो वह बिल्कुल आप की तरह ही दूसरे लोगों पर शक करेंगे इसीलिए अपने बच्चों पर रख बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, अगर आपका बच्चा कुछ काम कर रहा है या पढ़ाई कर रहा है तो आपको एक बार किसी ना किसी बहाने से अपने बच्चे को देखना चाहिए लेकिन बार-बार बच्चे को देखने नहीं जाना चाहिए।
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4. थोड़ी सी आजादी भी है जरूरी
बचपन में बच्चों को थोड़ी सी आजादी दैनिक बहुत ही जरूरी होती है, क्योंकि जब हम बच्चों को आजादी देते हैं तो वह अपने मन से तो कार्य करते हैं लेकिन वह वही कार्य करते हैं जो कि सही होता हैं, मगर जब हम अपने बच्चों पर ज्यादा निगरानी रखते हैं या उन्हें बिल्कुल भी आजादी नहीं देते तो इस प्रकार बच्चा काफी जल्दी बिगड़ जाता है और जब बच्चे को थोड़ी सी भी आजादी मिलती है तो वह उस आजादी का गलत फायदा उठाता है। एक्सपर्ट्स का भी यही कहना है कि जब बच्चों को बचपन में बिल्कुल भी आजादी नहीं दी जाती और जब वह थोड़े बड़े होते हैं और उन्हें उस समय आजादी मिलती हैं, तो वह उस आजादी का बहुत ही गलत इस्तेमाल करते हैं जैसे कि नशे करने लग जाते हैं या फिर अपने दोस्तों के साथ पूरा पूरा दिन बाहर रहने लगते हैं
इसीलिए आपको बचपन से ही अपने बच्चे को थोड़ी सी आजादी की आदत डालनी चाहिए। क्योंकि जब बच्चे को थोड़ी सी आजादी की आदत ढल जाती हैं, तो उसे वह चीज इतनी ज्यादा अच्छी नहीं लगती और यही कारण है कि जब बच्चा बड़ा होता है तो आजादी ज्यादा मिलने पर भी उसके ऊपर कुछ खास फर्क नहीं पड़ता इसलिए हमें अपने बच्चों को थोड़ी सी आजादी तो जरूर ही देनी चाहिए यह उनके विकास में भी सहायक होती हैं, अगर आपका बच्चा घर से बाहर थोड़ी देर अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलना चाहता है तो आपको उसे खेलने देना चाहिए।
5. परवरिश का सही तरीका
हमें अपने बच्चों को बचपन से ही सही परवरिश देनी होती है बहुत से माता-पिता अपने बच्चों पर काफी ज्यादा चिल्लाते हैं या फिर उन्हें मारते पीटते हैं या उन्हें काफी धमकाते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि इस प्रकार की गतिविधियां बच्चों के साथ करने पर बच्चों के ऊपर काफी ज्यादा गहरा असर पड़ता है और उनका शारीरिक और मानसिक तो दोनों तरह का विकास रुक सकता हैं, इसीलिए आपको अपने बच्चों को सिर्फ प्यार से समझाना चाहिए क्योंकि छोटे बच्चे प्यार से काफी जल्दी समझ जाते हैं अगर हम अपने बच्चों को बचपन में डांटते हैं या हम मारते पीटते हैं तो इस प्रकार बच्चों के स्वभाव में भी काफी परिवर्तन आता है और वह जब बड़े हो जाते हैं तो अपने माता-पिता की बात भी मानना बंद कर देते हैं और काफी ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं
इसीलिए आपको अपने बच्चों को बिल्कुल सही पर भी नहीं देनी चाहिए। अब यह बात तो हम सभी जानते हैं कि आजकल बच्चों के लिए किताब से ज्यादा मोबाइल फोन में पढ़ना जरूरी हो गया हैं। इसीलिए आपके घर में जब आपके बच्चे मोबाइल फोन में पढ़ाई कर रहे होते हैं तो आपको उन पर चिल्लाना नहीं चाहिए कि वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं, क्योंकि इस प्रकार बच्चों का मनोबल भी काफी टूट जाता है जिसकी वजह से वह अच्छे से पढ़ाई भी नहीं कर पाते इसीलिए आपको इस चीज का खास ख्याल रखना पड़ता हैं।
6. बच्चे को डरा कर रखना
बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को बचपन में काफी ज्यादा डरा कर रखते हैं जिसकी वजह से बच्चा हमेशा ही डरा हुआ रहता है, अगर हम किसी बच्चे को बचपन में ही काफी ज्यादा डरा कर रखते हैं तो इस प्रकार के बच्चों का विकास रुक जाता है और जब वह बड़े भी हो जाते हैं तो उसके पश्चात भी वह ऐसे ही रहते हैं और काफी जल्दी ही डर जाते हैं जिसकी वजह से वह कुछ काम भी अच्छे से नहीं कर पाते। इसीलिए आपको अपने बच्चों को डराने की जगह पर उनका आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए ताकि उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले जब आपका बच्चा कोई गलती करता भी है तो आपको डराने की जगह पर उसे सिर्फ प्यार से ही समझाना चाहिए क्योंकि छोटे बच्चों पर सिर्फ प्यार का ज्यादा असर पड़ता हैं। यदि आप फिर बच्चों को डराएंगे या मारपीट करेंगे तो इस प्रकार वह हर चीज में दूसरे बच्चों से पीछे रह जाएंगे।
7. मर्जी से कार्य करने देना
आपको अपने बच्चों को मर्जी से कहते हैं करने देना चाहिए बहुत से छोटे बच्चे कैसे होते हैं जिनका अपनी मर्जी से कुछ कार्य करने का मन होता है जैसे कि अपने बर्तन स्वयं ही रसोई में रखना या फिर स्वयं ही रसोई से खाना लेना, इसके अतिरिक्त यदि आपका बच्चा घर में आपकी थोड़ा बहुत काम करने में भी मदद करना चाहता है तो आपको अपने बच्चे को बिल्कुल नहीं रुकना चाहिए, क्योंकि जब बच्चा अपनी मर्जी से कार्य करने लगता है तो उस समय उसको ऐसा लगता है कि वह थोड़ा थोड़ा बड़ा हो रहा हैं। इसी वजह से उसका दिमाग विकास होना भी काफी तेज हो जाता है इसीलिए हमें अपने बच्चों को उनकी मर्जी के अनुसार भी कार्य करने देना चाहिए।
8. ज्यादा लाड प्यार ना दिखाएं
बचपन में बच्चों के लिए प्यार बहुत जरूरी होता है लेकिन जब हम बच्चों के साथ ज्यादा ही लाड प्यार दिखाते हैं तो उसकी वजह से वह बिगड़ भी सकते हैं एक्सपर्ट्स का भी यही मानना है कि जब बच्चों को ज्यादा लाड प्यार से पाला जाता है तो उसकी वजह से उनकी आदत खराब हो सकती हैं, इसीलिए आपको अपने बच्चों की आदतों को कभी भी खराब नहीं होने देना चाहिए और यदि वह कोई गलती करते हैं तो अपने लाड प्यार के कारण आपको अपने बच्चों की उस गलती को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि इसी में बच्चे की भलाई होती हैं।
9. बच्चे की जिद पूरी ना करें
बच्चों के माता-पिता को बच्चों की ज्यादा जिद पूरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बच्चों की ज्यादा जिद पूरी करने से उनकी आदत खराब हो सकती है बहुत से बच्चे कैसे होते हैं कि जब वह किसी चीज की मांग करते हैं, तो उसके पश्चात वह भोजन करना छोड़ देते हैं या फिर सारा दिन रोते रहते हैं और फिर उनके मां-बाप यह सोचते हैं कि हमें अपने बच्चे की जीत पूरी कर देनी चाहिए नहीं तो वह इसी प्रकार रोता रहेगा या भोजन नहीं करेगा, लेकिन हम आपको बता दें कि बच्चे की इस प्रकार की हरकतों से बच्चों के ऊपर भी बुरा असर पड़ता हैं, क्योंकि उन्हें इस चीज का पता चल जाता है कि जब हमें कोई चीज चाहिए होगी तो हम इसी प्रकार के नाटक करेंगे जिसकी वजह से हमारे माता-पिता को हमें वह चीज लाकर देनी होगी। इसीलिए आपको अपने बच्चों की जिद पूरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि जिद पूरी करने से सिर्फ बच्चों की आदत ही खराब होती है।
10. बच्चों के सामने लड़ाई ना करें
बहुत से मां बाप अपने बच्चों के सामने काफी ज्यादा लड़ाई करते हैं या फिर बहुत से घरों में तो पूरा दिन ही लड़ाई झगड़ा चला रहता है। हम आपको बता दें कि लड़ाई झगड़ों की वजह से बच्चों पर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ता है जिसकी वजह से बचपन से ही उनके स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है जैसे कि वह चिड़चिड़ी हो जाते हैं या फिर उन्हें गुस्सा आने लगता है। इसके अतिरिक्त बच्चे अपने माता-पिता को देखकर लड़ाई करना सीखते हैं जिसकी वजह से वह जब घर से बाहर बच्चों के साथ खेलने के लिए या फिर स्कूल जाते हैं, तो स्कूल में भी लड़ाई करते हैं इसलिए आपको अपने घर पर ऐसा माहौल रखना चाहिए जिससे कि बच्चों के ऊपर बुरा असर ना पड़े और वह गंदी आदतों से भी बचे रहें।
11. बच्चे ज्यादा बाहर घूमते हैं तो फिर है निगरानी रखने की आवश्यकता
बहुत से बच्चे हैं ऐसे होते हैं कि मां बाप किस ज्यादा ना कहने की वजह से है पूरा दिन बाहर घूमते रहते हैं। आज के समय में तो ज्यादातर घरों में पति और पत्नी दोनों ही नौकरियां करते हैं इसीलिए जब वह नौकरी पर जाते हैं तो उनके पीछे से बच्चे आवारा हो जाते हैं और उन पर कोई रोक टोक नहीं रहती जिसकी वजह से वह इधर-उधर घूमते हैं। इसीलिए अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके बच्चे आप की गैरमौजूदगी में बिगड़ रहे हैं तो उस समय आपके लिए अपने बच्चों पर निगरानी रखना काफी ज्यादा आवश्यक हो जाता है क्योंकि उस समय बच्चों को आपकी निगरानी की आवश्यकता हैं।
12. बुरे बच्चों की संगति में रहना
बचपन में आपको अपने बच्चों को दूसरे बुरे बच्चों की संगति से भी बचाना पड़ता हैं, क्योंकि बच्चों पर अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की संगति का असर भी काफी ज्यादा देखने को मिलता हैं।अगर बच्चे का कोई ऐसा दोस्त है जिसके अंदर काफी बुरी आदतें हैं, तो इस प्रकार के बच्चे की संगति में रहने से आपके बच्चे की आदत भी खराब हो सकती है और उसे भी वह गंदी आदतें लग सकती हैं जो कि उस बच्चे में है तो इसीलिए आपको अपने बच्चों को बुरी संगति में नहीं रहने देना चाहिए। आपको अपने बच्चों से संबंधित हर एक व्यक्ति की जानकारी पूरी तरह से रखनी चाहिए कि कौन व्यक्ति कैसा हैं। यदि आप पूरी जानकारी रखते हैं तो फिर आप अपने बच्चे का भविष्य भी बेहतर बना सकते हैं।
13. अकेला रहने दे पर ज्यादा नहीं
बचपन में बच्चों को अकेले रहने देना भी काफी जरूरी होता हैं, क्योंकि जब बच्चे अकेले रहते हैं तो उसकी वजह से उनका विकास भी काफी अच्छी तरह से होता है और उनमें सोचने और समझने की क्षमता का विकास भी काफी तेजी से होता है लेकिन हमें अपने बच्चे को ज्यादा अकेला भी नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि बच्चों को ज्यादा अकेला छोड़ने से उनकी आदत भी खराब हो सकती है ऐसा भी हो सकता है कि उन्हें किसी गंदी चीज की लत लग जाए या फिर वह बदतमीज हो जाए, क्योंकि बच्चों को कुछ ज्यादा ही अकेला छोड़ने पर वह अकेलापन महसूस करने लगते हैं जिसकी वजह से वह दूसरे लोगों की बातों को भी मानना बंद कर देते हैं, इसीलिए अपने बच्चों को अकेला तो छोड़ना चाहिए लेकिन ज्यादा अकेला भी नहीं छोड़ना चाहिए।
14. अपने से बड़े बच्चों की संगति में रहते हैं तो फिर है निगरानी रखने की आवश्यकता
बहुत से बच्चे अपने से बड़े बच्चों की संगति में भी रहना काफी पसंद करते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि बड़े बच्चों की संगति में रहने से बच्चों पर बुरा असर भी पड़ सकता हैं। ऐसा भी हो सकता है कि बड़े बच्चों में से किसी एक में कोई बुरी आदत हो और वही बुरी आदत बच्चों के बिगड़ने का कारण भी बन जाए। इसीलिए जब आपके बच्चे अपनी उम्र से बड़े बच्चों के साथ खेलते हैं या उठते बैठते हैं तो उस समय आपको हम पर पूरी तरह से निगरानी ही रखनी चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं ताकि आप अपने बच्चों को बुरी आदतों से बचा सकें।
Conclusion –
बचपन में बच्चों के ऊपर निगरानी रखनी चाहिए या नहीं रखनी चाहिए और बच्चों को किस प्रकार हम बुरी आदतों से बचा सकते हैं इसके बारे में हमने आपको बताया हैं। इसके अतिरिक्त आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने जाना कि Bacho Par Jyada Nigrani Rakhe Ya Nahi तथा Bacho Ko Buri Aadto Se Kaise Bachaye इसके बारे में बताया है ताकि आप अपने बच्चों पर उसी समय निगरानी रख सकें जिस समय आप को निगरानी रखने की आवश्यकता है।