Britain Corona News – डेल्टा वैरिएंट के केसेस हद से ज्यादा बढे।
ब्रिटेन में कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट के केसेस की संख्या लगातार वृद्धि होती जा रही है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा बताया गया कि ब्रिटेन में 1 सप्ताह में 46% डेल्टा मामलों के प्रकार में वृद्धि हुई। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की कार्यकारी डॉक्टर जॉनी हरीश द्वारा बताया गया कि टीके की दो खुराक एक खुराक की तुलना में ज्यादा अधिक कारगार है। यदि आप पहली खुराक लेते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि दूसरी खुराक भी लेनी है।
जैसे ही दूसरी खुराक के लिए बुलाया जाए आपको वक्त में दूसरी खुराक लेनी है। टीकाकरण वायरस से लड़ने में काफी मददगार होता है लेकिन पूरी तरह से कोरोनावायरस से नहीं बचा सकता। इसलिए उनका कहना है कि हमें सुरक्षा बरतनी चाहिए । घर से मास्क लगाकर ही बाहर निकलें और सभी नियमों का पालन करें।
केवल 1 सप्ताह में कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट संक्रमण के 35,204 मामले सामने आए। ब्रिटेन में फुल संक्रमित लोगों की संख्या 111157 तक पहुंच गई है। पिछले 1 सप्ताह की रिपोर्ट के अनुसार कोरोनावायरस के डेल्टा स्वरूप में 46 फ़ीसदी की वृद्धि हुई। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया कि डेल्टा वैरीअंट ब्रिटेन में अब तक आए स्वरूपों में सबसे ज्यादा अधिक खतरनाक साबित हुआ है।
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पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा बताया गया कि कुल मामले में से लगभग 42 मामले डेल्टा एवाई 1 के पाए गए हैं जिन्हें हम डेल्टा प्लस के नाम से जानते हैं। इस डेल्टा प्लस के विभिन्न इलाके में बहुत अधिक प्रसार होने की आशंका है। इस डेल्टा स्वरूप की सबसे पहले पहचान भारत ने की है।
शुक्रवार को ही 54268 डेल्टा केसेस के दर्ज हुए हैं। पूरे ब्रिटेन में वायरस के किए गए अनुवांशिकी अनुक्रमण में लगभग 95 मामले डेल्टा प्रकार के ही पाए गए हैं। ऐसा पीएचई ने बताया। चुंकि कोविड-19 के दोनों टीके की वजह से अस्पताल में मरीजों की संख्या में कमी आई है। स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की प्रमुख कार्यकारी डॉ जैनी हरीश द्वारा बताया गया कि आंकड़े हमें निर्देश देते हैं कि हमारा टीकाकरण सफल अभियान की ओर चल रहा है तभी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में कमी आ रही है।
कोरोनावायरस से बहुत अधिक लोग पीड़ित हो रहे हैं लेकिन मरने वालों की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है इससे पता चलता है कि कोरोना की दोनों खुराके पूरा काम कर रही है । इसके अलावा यदि किसी ऐसे मरीज को यह वैरीअंट हो जा रहा है जिसने पहले खुराक ले चुकी है तो उसके लिए यह समस्या उतनी ज्यादा गंभीर नहीं हो रही है।
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डॉक्टर जॉनी हैरीश का यह भी कहना है कि यह एक बहुत उत्साहजनक खबर है लेकिन हमें फिर भी सतर्क रहना है कोविड-19 के खिलाफ हमें लड़ना है एवं वक्त पर कोविड-19 की वैक्सीन लगा लेनी हैं। उनका कहना है कि वैक्सीन के अलावा भी हमें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। व्यायाम एवं योग आदि करना चाहिए।
इस वायरस का एक और स्वरूप देखने को मिला है जिसे लैंबडा स्वरूप कहा जाता है उसे बुधवार की जांच सूची में शामिल किया गया। 14 जून को लौंडा स्वरूप को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैरीअंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी दी। अब तक नंबर स्वरूप के केवल 6 मामले सामने आए हैं वह भी विदेश यात्रा से संबंधित। सर्वप्रथम इसकी पहचान पैरों में हुई और उसके बाद अब तक 26 देशों में यह पाया गया।
103 मरीजों की डेल्टा वैरीअंट से पीड़ित थे उनकी जांच करने से पता चला कि बिना मैगज़ीन वाले लोग जो अल्फा से पीड़ित है उनकी तुलना में बहुत कम संवेदनशील दिखाई दे रहा है। 59 लोगों की सैंपल की जांच वैज्ञानिकों ने की जिन्हें एस्ट्रोजेनिक या फाइजर टीके की एक या दो खुराक लग चुकी है।
रिसर्च विभाग ने पाया कि दूध लेने वाले 10% में इम्यूनिटी अच्छी देखी गई है जो डेल्टा के बीटा वैरीअंट को न्यूट्रलाइज करने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा टीके की दूसरी खुराक 95% असरदार साबित हो रही है।