- ब्रेस्ट कैंसर क्या है ? – What is Breast Cancer in Hindi?
- ब्रेस्ट कैंसर के क्या लक्षण हैं ? (Symptoms of breast cancer in Hindi ):
- ब्रेस्ट कैंसर होने के प्रमुख कारण क्या हैं ? (What are Major causes of breast cancer):
- Breast cancer को समाप्त करने के लिए किए जाने वाले उपचार (Treatments to eliminate breast cancer):
- ब्रैस्ट कैंसर का निष्कर्ष – Breast Cancer Conclusion
ब्रेस्ट कैंसर क्या है ? – What is Breast Cancer in Hindi?
आजकल के समय में breast cancer महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है। breast cancer स्तन के उत्तकों द्वारा होता है। स्तन कैंसर को ढूंढने के लिए सबसे साधारण तरीका बीएसई है। महिलाओं के स्तन में समय समय पर परिवर्तन होते रहते हैं। इसी परिवर्तन के कारण भी स्तन रोग होता है। अगर महिलाएं इन परिवर्तनों को समझ ले तो उन्हें स्तन रोग की पहचान जाँच के पहले ही हो जाएगी।
हार्मोन में होने वाले बदलाव के कारण यह रोग किसी भी आयु में हो जाता है। इसलिए लेख के माध्यम से हम आपको ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत करवाएंगे, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, ब्रेस्ट कैंसर के इलाज एवं चिकित्सक सलाह उपलब्ध है।
आंकड़ों के मुताबिक देखा जाए तो हर साल लगभग breast cancer से पीड़ित 10,00000 से भी ज्यादा मामले भारत में सामने आते हैं। जब स्तन में कोशिकाओं का विकास लगातार बढ़ता जाता है, तो इसे ही स्तन कैंसर कहा जाता है। यह कोशिकाएं विकसित होकर एक की उम्र का रूप धारण कर लेती है जो बाद में एक गांठ बन जाती है।
ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती दौर में कई ऐसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावनाएं पैदा करते हैं। ब्रेस्ट कैंसर होने से पहले के लक्षणों को हम निम्नलिखित तरीकों से पहचान सकते हैं-
1. ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके दौरान स्तन में गांठें पड़ जाती है। breast cancer के लक्षणों में से यह सबसे आम लक्षण है। गांठ बनने पर डॉक्टर से नियमित रूप से उसकी जांच करानी चाहिए। इस दौरान स्तन में सूजन भी पड़ जाती है। हालांकि यह आम स्थिति में नहीं बस गर्भावस्था के दौरान होता है। स्तन पर लाल रंग के दाने निकल आते हैं। स्तन की त्वचा में जलन होना, यह ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण है कि नहीं यह कहना थोड़ा मुश्किल है, ऐसा होने पर महिलाओं को तुरंत जांच करा लेनी चाहिए। स्तन में जरा भी परिवर्तन होना इस बीमारी का एक लक्षण है।
2. बेस्ट कैंसर की बीमारी के दौरान कभी-कभी स्तन की त्वचा मोटी हो जाती है। त्वचा की बनावट में परिवर्तन आ जाता है। स्तन में डिंपलिन्ग निकल आते हैं। इस दौरान त्वचा लाल हो जाती है और स्तन में बहुत जलन होने लगती है। स्तन टटोलने पर दर्द होना भी इसका ही एक लक्षण है। इसमें स्तन को धीरे से दबाने पर भी बहुत तेज दर्द होता है। इस समय स्तन से बेहद ही चिपचिपा और तरल पदार्थ निरंतर बहता रहता है।
3. ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी होती है, जिसमें महिलाओं के शरीर में इस समय निप्पल अंदर की तरफ दब जाता है। इस कारण निप्पल में बहुत तेज दर्द होता है। इस दौरान निप्पल की त्वचा बुरी तरह छिल जाती है। कभी-कभी दोनों निप्पल से रक्त बहने लगता है। इस दौरान कभी-कभी निप्पल पर खुजली भी होती है। रक्त बहने के कारण निप्पल के आगे का हिस्सा मुड़ जाता है। स्तन की लकीरें पूरी तरह से सिकुड़ जाती है। स्तन के आकारों में भी परिवर्तन हो जाता है, कोई अंग बड़ा तो कोई अंग छोटा हो जाता है। स्तन का आकार कहीं ऊंचा तो कहीं मोटा तो कहीं और कहीं टेढ़ा हो जाता है।
4. इस दौरान अंडरआर्म में गांठ पड जाती है। स्तन के उत्तक और अंडरआर्म के उत्तक आपस में जुड़े होते हैं। हाथों के नीचे lymph nodes मौजूद रहते हैं जिसके कारण भी स्तन कैंसर होता है। लिंफ नोड के नीचे कई बार सूजन हो जाती है। यह गांठ छाती के चारों ओर हो जाती है। चूचूक में तो ऐसा महसूस होता है जैसे उसे कोई अंदर खींच रहा हो। चूचूक के चारों तरफ की त्वचा गीली हो जाती है। यह breast उत्तक में होने वाले ट्यूमर से पहले ही दर्द करने लगता है।
5. कभी कभी बेस्ट कैंसर की वजह से पीठ में बहुत तेज दर्द हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैंसर रीड की हड्डी और पसलियों में फैल जाता है। स्तन के उत्तकों का ट्यूमर रीड की हड्डी के माध्यम से पसलियों और अंडरआर्म्स तक पहुंच जाता है, जिस कारण हाथ के निचले हिस्से में भी बहुत तेज दर्द होने लगता है। दर्द के कारण हाथ हिला ना पाना भी इस बीमारी का ही लक्षण है। ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तन से दूध की जगह रक्त प्रवाह होता है।
यहां बताए गए सभी लक्षण ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित ऐसे लक्षण है जो अक्सर ब्रेस्ट कैंसर से ग्रस्त होने वाली महिलाओं में देखे जाते हैं। महिलाओं के शरीर में होने वाले इन लक्षणों के आधार पर पता लगाया जा सकता है कि ब्रेस्ट कैंसर की संभावनाएं बढ़ रही है। ऐसे में चिकित्सक इलाज बेहतर होता है, जिसके जरिए बेहतर इलाज संभव है।
ब्रेस्ट कैंसर होने के प्रमुख कारण क्या हैं ? (What are Major causes of breast cancer):
ब्रेस्ट कैंसर कई प्रकार के कारणों से होते हैं। यहां हमने कई ऐसे कारणों का जिक्र किया है, जिसके माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर जैसी भयंकर बीमारी हो सकती हैं-
1. शरीर का वजन जरूरत से ज्यादा रहना इस बीमारी के लिए खतरनाक होता है। मोटापा इस बीमारी के लिए बहुत बड़ा कारण है। जिन महिलाओं का स्तन ज्यादा घना होता है उन्हें काफी परेशानी होती है क्योंकि ऐसे महिलाओं को स्तन कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। एस्ट्रोजन का विस्तारित होना इस बीमारी के लिए प्रमुख कारण है।
2. शराब का सेवन करना और गुटखा, पान मसाला यह सब पदार्थों का भी सेवन करना इस बीमारी के लिए काफी खतरनाक साबित होता है। अतः यह आवश्यक है कि ब्रेस्ट कैंसर(Breast Cancer ) से बचने के लिए महिलाओं को तंबाकू से जुड़े किसी भी पदार्थ का सेवन करने से बचना चाहिए।
3. जब महिलाओं को समय से पहले उनका पहला मासिक धर्म आ जाता है तो इस कारण भी बेस्ट कैंसर होने की संभावना रहती है। गर्भपात करने के लिए कुछ महिलाएं गर्भनिरोधक गोली का उपयोग करती है जिस कारण इस बीमारी के होने का डर रहता है। hormone replacement therapy के कारण भी ब्रेस्ट कैंसर होते हैं।
4. जब महिलाओं के स्तन में कोशिकाओं का विकास अनियमित रूप से होने लगता है तो इस कारण भी ब्रेस्ट कैंसर होता है। महिलाएं जब अत्यधिक मात्रा में कैलोरी का उपयोग अपने जीवन शैली में सेवन के रूप में करने लगती है तो Breast Cancer उन्हें हो जाती है। जब महिलाओं की जीवन शैली अनियमित ढंग से चलने लगती है तो इस बीमारी के होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
5. जब महिलाओं की उम्र बढ़ती जाती है, तो इस कारण से भी breast cancer हो सकता हैं। कैंसर की बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए कीमो थेरेपी होती है कभी-कभी इस थेरेपी को कराने के कारण ब्रेस्ट कैंसर हो जाती हैं। जो महिलाएं गोरी होती है उन्हें सावली महिलाओं की अपेक्षा जब हमारी जल्दी हो जाती है। जिन महिलाओं की लंबाई अधिक होती है उन्हें छोटे लंबाई वाले महिलाओं की तुलना में जल्दी ब्रेस्ट कैंसर होता है।
Breast cancer को समाप्त करने के लिए किए जाने वाले उपचार (Treatments to eliminate breast cancer):
ब्रेस्ट कैंसर के कई प्रमुख उपचार होते हैं जिसमें चिकित्सा द्वारा मदद बेहतर मानी जाती है। इसके अलावा हमारे आम दिनचर्या में होने वाले कई प्रकार के कार्य से हम ब्रेस्ट कैंसर संबंधित उपचार कर सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना विशेष रूप से आवश्यक है-
1. दवाइयों का करें प्रयोग: breast cancer के allopathic इलाज के साइड इफेक्ट्स के कारण कई लोग होम्योपैथिक इलाज करवाते हैं। इससे उत्तक में होने वाले कोशिकाओं के असर को तो बदला नहीं जा सकता लेकिन जीवन की गुणवत्ता जरूर बढ़ाई जा सकती है। इस कैंसर के इलाज के लिए दवाइयों का नाम है- pulsatilla, conium, carcinosinum, sepia, thuja, staphysagria आदि है। जब ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती चरण में महिलाएं इन दवाइयों का उपयोग करती है, तो कैंसर बहुत हद तक कम होने की संभावना रहती है।
2. वजन बढ़ने ना दें: महिलाएं अपने वजन को अधिक बढ़ने ना दे। अपने बच्चों को 6 महीने तक जरूर स्तनपान करवाएं। गर्भपात के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग ना करें। ज्यादा तेल, मसाले, कॉलेस्ट्रॉल वाले भोजन से दूर रहे। पौष्टिक और संतुलित आहार का ही सेवन करें। Breast Cancer में शराब, धूम्रपान, तंबाकू इन सब से तो बहुत दूर रहना चाहिए। महिलाओं को ज्यादा उम्र में गर्भ निर्धारण नहीं करना चाहिए।
3. तकनीक का प्रयोग: आमतौर पर इस बीमारी के इलाज के लिए ऑपरेशन की सलाह दे दी जाती है, जो कि बस 15 मिनट की ही होती है। वैज्ञानिकों के नई तकनीकों के माध्यम से कोशिकाओं के अंदर एक ठंडी सुई को घुसा कर दाखिल करेंगे और गांठ को बर्फ के गोले के रूप में परिवर्तित कर देंगे। महिलाओं को इन सुइयो के जरिए नाइट्रोजन दिया जा रहा है।
4. कीमोथेरेपी: Breast Cancer से हम कीमोथेरेपी के द्वारा भी छुटकारा पा सकते हैं।इस थेरेपी को करवाने में लगभग 5 से ₹600000 लगते हैं। हालांकि यह थैरेपी अभी भारत में नहीं मौजूद है, यह केवल अमेरिका जैसे बड़े-बड़े देशों में ही होती है। इस थेरेपी के लिए पहले मरीजों का ट्यूमर देखा जाता है कि वह टेस्ट करने के योग्य है या नहीं फिर ही ऑपरेशन किया जाता है।
5. व्यायाम की आवश्यकता: Breast Cancer से पीड़ित महिलाओं को रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम जरूर करना चाहिए। शराब का सेवन एकदम कम से कम करना चाहिए क्योंकि यह शरीर की रक्षा तंत्र को पूरी तरह से खराब कर देता है। धूम्रपान का सेवन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर देता है। 30 साल के बाद गर्भ निर्धारण भी नहीं करना चाहिए।
6. ग्रीन टी का प्रयोग: ग्रीन टी को मोटापा कम करने के लिए महिलाएं उपयोग करती है लेकिन अगर ब्रेस्ट कैंसर(Green Tea Helps a lot in Breast Cancer) में रोजाना ग्रीन टी का सेवन करें तो यह सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होगा। रोजाना एक कप ग्रीन टी पीना मोटापे के साथ-साथ शरीर को कैंसर से भी लड़ने की शक्ति देता है। अनार का सेवन भी इस बीमारी के लिए काफी लाभदायक होता है। अनार में मौजूद आयरन शरीर की कोशिकाओं को स्तन कैंसर से लड़ने में सहायता कराता है।
ब्रैस्ट कैंसर का निष्कर्ष – Breast Cancer Conclusion
हम आशा करते हैं कि आपको ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध हो गई होगी। इस लेख में हमने ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित सभी प्रकार के विषयों जैसे ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण एवं इसके इलाज संबंधी सभी चिकित्सक पहलुओं का वर्णन किया है। यदि इसके अतिरिक्त किसी अन्य रोग विशेष की जानकारी उपलब्ध करना चाहते हैं, तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।