Bharat Biotech ने कहा, “वैक्सीन की गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता”, N.K. Arora ने दिया था बयान
मीडिया में भारत बायोटेक Bharat Biotech द्वारा उत्पादित कोरोना वायरस की कोवैक्सीन की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर कुछ सवाल उठाए गए थे जिसके बाद कंपनी ने मीडिया में आई खबरों के स्पष्टीकरण करते हुए एक बयान जारी किया है और बताया कि भारत सरकार की सीडीएल यानी केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला को भेजे गए वैक्सीन के नमूनों की 200 फ़ीसदी जांच और गुणवत्ता होने के बाद ही अनुमति दी गई है। कोवैक्सीन के निर्माता का कहना है कि भारत सरकार की स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला से मिली अनुमति के बाद ही कंपनी ने अपने वैक्सीन को मार्केट में लाया है।
हैदराबाद की जिनोम वैली में स्थित वैक्सीन बनाने वाली फैक्ट्री से जितने भी वैक्सीन अब तक निकले हैं उन सभी में नियमों का कड़ाई से पालन किया गया था। वैक्सीन निर्माता ने बताया कि उन सभी वैक्सीन की गुणवत्ता को सौ फ़ीसदी सुनिश्चित किया गया है।
कंपनी द्वारा बनाए गए कोरोना वायरस के कोवैक्सीन की सुरक्षा को लेकर कुछ चिंता जताई जा रही है जिसके बीच भारत बायोटेक कंपनी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि उसके द्वारा बनाई गई कोरोना वायरस की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है तथा गुणवत्ता और सुरक्षा नीति से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जा रहा है। कोवैक्सीन की हाल में ही आई एक रिपोर्ट के बाद हैदराबाद में स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने मीडिया को स्पष्टीकरण देते हुए यह बात कही है।
कंपनी के वैक्सीन निर्माता का कहना है कि उनकी कंपनी ने सभी मानदंडों का कड़ी से पालन किया और सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्री को अपने कंपनी द्वारा बनाए गए वैक्सीन के सैंपल भेज कर अनुमति प्राप्त की है।
कंपनी ने आगे बताया कि कोरोना की कोवैक्सीन का निर्माण इस साल के जून महीने में गुजरात के अंकलेश्वर और कर्नाटक के मलुर जैसी जगहों पर भी शुरू हो गया है जिसके कारण वहां की क्षमता को कसा जा रहा है। कंपनी का कहना है कि कर्नाटक और गुजरात में उत्पाद किए जा रहे वैक्सीन को सितंबर महीने से उपलब्ध कराया जा सकेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह वैक्सीन रिलीज, विनिर्माण, परीक्षण और वितरण के लिए 120 दिन का समय लेगी।
मीडिया से बातचीत के दौरान यह सवाल सामने आया था कि बेंगलुरु में बनने वाली कोवैक्सीन में गुणवत्ता की कमी के कारण उसकी आपूर्ति को धीमे कर दिया गया है इसलिए कंपनी के कोविड टास्क फोर्स के एक सदस्य एनके अरोड़ा ने स्पष्टीकरण देते हुए इस बात को नकारा है और कहा कि उनकी कंपनी द्वारा बनाई जा रही कोवैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।
कंपनी की वैक्सिंग पर उठ रहे सवाल का जवाब देते हुए भारत बायोटेक कंपनी ने कहा कि हैदराबाद कि जीनोम वैली में स्थित उनकी कंपनी के प्लांट में उत्पादित किए गए वैक्सीन की पूरी तरह से जांच होती है तथा अधिकारियों द्वारा पास किए जाने के बाद ही उस वैक्सीन को मार्केट में भेजा जाता है। भारत बायोटेक कंपनी ने मीडिया को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ऐसे गलत न्यूज़ को फैला कर जनता में दहशत का माहौल पैदा नहीं करना चाहिए वरना वैक्सीन लेने में लोगों को हिचकिचाहट हो सकती है। उन्होंने मीडिया से आग्रह करते हुए कहा कि ऐसी बातों को प्रसारित करने से पहले पूरी तरह से पुष्टि की जानी चाहिए।
वही डॉक्टर एनके अरोड़ा जो कि भारत के कोशिश टास्क फोर्स के एक सदस्य हैं, उन्होंने बताया कि वह और कंपनी कोरोना वायरस की कोवैक्सीन के निर्माण में तेजी ला रही है ताकि देश भर में इसकी आपूर्ति आसानी से की जा सके। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में भारत बायोटेक ने अपनी कंपनी की नई यूनिट की शुरुआत की है जो वैक्सीन उत्पादन का दुनिया भर में सबसे बड़ा केंद्र है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत बायोटेक कंपनी द्वारा उत्पादित वैक्सीन के निर्माण में चार-पांच महीनों में और तेजी लाया जाएगा।