- प्रोस्टेट बढ़ना (Benign Prostatic Hyperplasia)क्या होता है जानिए प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण कारण व इलाज ? What is Benign Prostatic Hyperplasia BPH know Its symptoms causes and best treatments in Hindi
- प्रोस्टेट बढ़ना क्या होता है – What Is Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- हमें डॉक्टर को किन परिस्थितियों में दिखाना चाहिए ?
- प्रोस्टेट बढ़नें के क्या कारण होते हैं – Causes Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) in hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें के जोखिम कारक क्या है – Risk Factors Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें से बचने के उपाय – Prevention For Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- पौरुष ग्रंथि बढ़ने का परीक्षण कैसे होता है – DiagnosisbOf Enlarged Prostate In Hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें का इलाज क्या है – Treatment Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- Benign Prostatic Hyperplasia Conclusion :-
प्रोस्टेट बढ़ना (Benign Prostatic Hyperplasia)क्या होता है जानिए प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण कारण व इलाज ? What is Benign Prostatic Hyperplasia BPH know Its symptoms causes and best treatments in Hindi
मूत्राशय से संबंधित बीमारियां काफी खतरनाक होती है, क्योंकि इनकी वजह से बहुत से लोग भारत में अपनी जान गवा देते हैं, वैसे तो आज के समय में हर एक चीज का इलाज संभव है और मूत्राशय से संबंधित यदि किसी व्यक्ति को कोई बीमारी हो जाती है, तो आज के समय में उसका इलाज आसानी से हो जाता है। वैसे तो कुछ बीमारियां सामान्य तौर पर भी होती हैं, जो कुछ ही पलों के लिए होती है और थोड़े समय के पश्चात वह खुद ही ठीक हो जाती हैं,
अक्सर बढ़ती उम्र में लोगों को मूत्राशय से संबंधित बहुत सी बीमारी होने का खतरा बना रहता है। आज हम आपको पौरूष ग्रंथि से संबंधित बीमारी के बारे में बताएंगे, जिसको प्रोस्टेट बढ़ना कहते हैं। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे की :-
- प्रोस्टेट बढ़ना क्या होता है – What Is Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें के क्या कारण होते हैं – Causes Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) in hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें के जोखिम कारक क्या है – Risk Factors Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें से बचने के उपाय – Prevention For Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- पौरुष ग्रंथि बढ़ने का परीक्षण कैसे होता है – DiagnosisbOf Enlarged Prostate In Hindi ?
- प्रोस्टेट बढ़नें का इलाज क्या है – Treatment Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
प्रोस्टेट बढ़ना क्या होता है – What Is Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
प्रोस्टेट हमारे शरीर में एक मौजूद ग्रंथि होती है, जिसको पौरुष ग्रंथि भी कहते हैं यह ग्रंथि द्रव पदार्थ का उत्पादन करती है जोकि स्खलन के दौरान शुक्राणुओं को ले जाता है। हमारे शरीर में मूत्रमार्ग के चारों ओर पौरुष ग्रंथि होती है, पौरुष ग्रंथि के बढ़ने का मतलब यह होता है कि, यह ग्रंथि अधिक विकसित हो गई है। वैसे तो अधिक उम्र होने पर लगभग सभी पुरुषों की पौरूष ग्रंथि का आकार बढ़ने लगता है। प्रोस्टेट का आकार बढ़ने के कारण मूत्राशय से मूत्र के प्रवाह को अवरुद्ध करने के जैसी मूत्र संबंधित बीमारियां भी विकसित हो जाती है
जोकि व्यक्ति को काफी तकलीफ दे सकती हैं और इसी के कारण व्यक्ति को मूत्राशय किडनी आदि से संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं। बढ़े हुए प्रोस्टेट को Benign Prostatic Hyperplasia भी कहा जाता है। वैसे तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बहुत सी दवाइयां तथा थेरेपी उपलब्ध है यदि इनसे भी इलाज ना हो तो आखिर में सर्जरी का ऑप्शन बच जाता है, फिर सर्जरी के माध्यम से ही बढ़ी हुई ग्रंथि का आकार सही किया जाता है।
प्रोस्टेट बढ़नें के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
पौरुष ग्रंथि बढ़ने के बहुत से संकेत होते हैं जिनसे आप जायजा लगा सकते हैं कि, आपकी पौरुष ग्रंथि बढ़ गई है जैसे कि –
- इस बीमारी के होने पर व्यक्ति को बहुत ज्यादा पेशाब आता है, व्यक्ति को पूरे दिन में 8 या 8 से ज्यादा बार भी पेशाब आता है, खास तौर पर रात को व्यक्ति को बार बार पेशाब आता है।
- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों पेशाब बिल्कुल भी नहीं रोका जाता, यदि उनका पेशाब आता है तो उन्हें तुरंत ही पेशाब करना होता है।
- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को पेशाब करने में बहुत ही ज्यादा दिक्कत होती है और पेशाब करते समय काफी ज्यादा जलन भी महसूस हो सकती है।
- पुरुष ग्रंथि बढ़ने पर व्यक्ति को पेशाब तो बार-बार आता है लेकिन मूत्र धारा कमजोर या बाधित होती है।
- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जब पेशाब करते हैं, तो अंत में बूंद बूंद टपकने के लक्षण भी दिखते हैं।
- जब व्यक्ति नींद में होता है तो नींद में भी व्यक्ति को बार बार पेशाब आता है, जिसके कारण उसकी नींद भी खराब होती है।
- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द भी होता है।
- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के पेशाब में से बहुत ज्यादा बदबू आती है और रंग भी असाधारण होता है।
- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को पेशाब में खून भी आ सकता है।
हमें डॉक्टर को किन परिस्थितियों में दिखाना चाहिए ?
अगर आपको पेशाब करने में अचानक से ही बहुत से बदलाव महसूस होते हैं और आपको पेशाब करने में काफी ज्यादा परेशानी हो रही है तो, इन परिस्थितियों में आपको बिल्कुल भी देर नहीं करनी चाहिए। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बहुत बार पेशाब करते समय पेशाब में खून भी आ सकता हैं, इसीलिए इसकी जांच कराना बहुत जरूरी होता है। आप यदि इन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, तो बिल्कुल भी देर ना करें और तुरंत ही डॉक्टर के पास जाएं, इन परिस्थितियों में देर करने से गुर्दों को भी क्षति पहुंच सकती है।
प्रोस्टेट बढ़नें के क्या कारण होते हैं – Causes Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) in hindi ?
पौरुष ग्रंथि बढ़ने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे कि :-
- अगर किसी व्यक्ति की उम्र 80 साल से ज्यादा हो चुकी है, तो इस प्रकार के लोगों में भी यह बीमारी होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति का शरीर भी कमजोर होने लगता है, जिसके कारण यह बीमारी हो सकती है।
- अगर उम्र के साथ-साथ पुरुषों में हार्मोन की कमी हो गई है तो, इसके कारण भी यह समस्या जन्म ले सकती है।
- अगर आपको वृषण संबंधी कोई समस्या है, तो फिर भी यह बीमारी आपको आसानी से हो सकती है।
- यह बीमारी एक अनुवांशिक बीमारी भी हो सकती है, मतलब कि यदि आपके पूर्वजों को है तो आपको इस बीमारी के होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
- अगर हमारे फोन में सक्रिय टेस्टोस्टेरोन ( Active Testosterone ) की मात्रा घटने लगती है, तो उसके कारण भी है बीमारी आसानी से हो सकती है।
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प्रोस्टेट बढ़नें के जोखिम कारक क्या है – Risk Factors Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
- जब व्यक्ति की उम्र 40 साल से अधिक हो जाती है और शरीर को सही पोषण ना मिलने के कारण भी इस प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
- अगर किसी व्यक्ति के शरीर का वजन नियंत्रित नहीं है और वह काफी मोटा है तो उसके कारण भी यह बीमारी उसे हो सकती है, क्योंकि मोटापे के साथ-साथ व्यक्ति को हृदय रोग डायबिटीज रक्त संचार संबंधित रोग आदि हो जाते हैं जिनकी वजह से यह बीमारी हो सकती है।
- अगर कोई व्यक्ति शारीरिक परीक्षण नहीं करता तो, उसे भी इस बीमारी का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
प्रोस्टेट बढ़नें से बचने के उपाय – Prevention For Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपको बहुत सी सावधानियां बरतनी होगी और बहुत से बदलाव अपनी जीवनशैली करने जैसे कि :-
- जब पुरुष अधिक तनाव में रहते हैं तो तनाव के कारण भी उन्हें इस बीमारी का सामना करना पड़ सकता है, इसीलिए आपको तनाव में नहीं रहना चाहिए बल्कि आप किसी समस्या में हैं, तो आपको समस्या से बाहर निकलने का समाधान ढूंढना चाहिए।
- इस बीमारी से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, शारीरिक परिश्रम यदि आप शारीरिक परिश्रम वाला कोई काम नहीं करते हैं तो, आपको रोजाना व्यायाम जरूर करना चाहिए, क्योंकि वह हम करने से व्यक्ति का शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है और इस प्रकार की बीमारियों से भी बचा रहता है।
- अगर आप किसी भी प्रकार की कोई दवाई खा रहे हैं, तो उस दवाई को खाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए , क्योंकि बहुत बार दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी इस प्रकार की बीमारियों का सामना हमें करना पड़ सकता है।
- जब आप पेशाब करते हैं, तो मूत्राशय को खाली करने के लिए पेशाब करने में आप थोड़ा अधिक समय लगाइए, ऐसा करने से आपको बार-बार पेशाब जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
पौरुष ग्रंथि बढ़ने का परीक्षण कैसे होता है – DiagnosisbOf Enlarged Prostate In Hindi ?
इस बीमारी का इलाज बहुत से परीक्षा के द्वारा हो सकता है जैसे ही :-
1. डिजिटल रेक्टल परीक्षण
इस परीक्षण में डॉक्टर के द्वारा मरीज के मलाशय में उंगली डालकर प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार की जांच की जाती है।
2. यूरिन टेस्ट
यूरिन टेस्ट में मरीज के पेशाब का नमूना लिया जाता है, पेशाब की पूरी तरह से जांच की जाती है।
3. खून की जांच
इस परीक्षण में व्यक्ति के खून का थोड़ा नमूना लिया जाता है और उस खून के नमूने से किडनी संबंधी समस्याओं के बारे में पता लगाया जाता है, अगर व्यक्ति को किडनी संबंधी बीमारी है तो इस टेस्ट के द्वारा वह पता चल जाती है।
4. प्रॉस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन ब्लड टेस्ट
इस टेस्ट के माध्यम से एक द्रव पदार्थ की जांच की जाती है, जो कि पुरुष ग्रंथि के द्वारा बनता है, अगर पौरूष ग्रंथि का आकार बड़ा हुआ होता है, तो इस द्रव पदार्थ के द्वारा वह आसानी से पता लगाया जा सकता है।
प्रोस्टेट बढ़नें का इलाज क्या है – Treatment Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi ?
प्रोटेस्ट बढ़ने का इलाज आज के समय में संभव है, जोकि आसानी से हो सकता है प्रोटेस्ट बढ़ने पर डॉक्टर पहले तो व्यक्तियों को बहुत सी दवाइयां देकर देखते हैं और दवाइयों के साथ-साथ थेरेपी भी करते हैं यदि इस प्रकार रोगी ठीक हो जाता है, तो अच्छी बात है ना था अंत में मरीज को ठीक करने के लिए विकल्प बचता है। इस बीमारी का इलाज बहुत ही परिस्थितियों पर निर्भर करता है, जैसे कि मरीज के प्रोस्टेट का आकार, मरीज की उम्र होने वाली परेशानी कैसी है उस बात पर भी इस बीमारी का इलाज निर्भर करता है।
Benign Prostatic Hyperplasia Conclusion :-
हम उम्मीद करते हैं की Causes Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) in hindi से संबंधित हमारी यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको Prevention For Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi तथा Symptoms Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi के बारे में बताया है।
इसी के साथ-साथ हमने आपको Treatment Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi के बारे में भी बताया है। यदि अभी भी आपको हमसे Risk Factors Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi से संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद