- Allergies In Baby: बच्चों को एलर्जी क्यों होती हैं – जानिए बच्चों के माता-पिता उन्हें एलर्जी से छुटकारा कैसे दिला सकते हैं ?
- एलर्जी क्या होती है – What Is Allergies In Baby In Hindi ?
- बच्चों में एलर्जी होने के लक्षण – Symptoms Of Allergy In Kids In Hindi ?
- बच्चों को एलर्जी होने के कारण – Causes Of Allergy In Kids In Hindi ?
- एलर्जी कितनी तरह की होती हैं – Types Of Allergies In Children In Hindi ?
- बच्चों में एलर्जी की जांच कैसे होती है – How To Diagnose Allergy In Kids In Hindi ?
- बच्चों की एलर्जी का इलाज – Allergy Treatment In Kids In Hindi ?
- एलर्जी होने पर बच्चे को क्या खिलाए – What to Feed Baby if he Has Allergies In Hindi ?
- Conclusion –
बच्चों में एलर्जी होने के बहुत से कारण होते हैं, बच्चों का शरीर बहुत ज्यादा कमजोर होता हैं। इसीलिए उन्हें आसानी से एलर्जी हो जाती है एलर्जी भी कई प्रकार की होती है जो कि बच्चों को हो सकती हैं। ज्यादातर बच्चों में त्वचा संबंधित एलर्जी भी देखी जाती है जिसमें उनकी त्वचा पर लाल लाल दाने हो जाते हैं और उनकी त्वचा पर हमेशा ही खुजली रहती हैं।
इसके अतिरिक्त एलर्जी में खांसी जुखाम आंखों में खुजली आंखें लाल हो जाना आदि लक्षण भी दिखते हैं, क्योंकि एलर्जी अलग-अलग तरह की होती है। छोटे बच्चों को थोड़ी सी ही गंदगी के कारण एलर्जी हो सकती है और यदि वह किसी भी बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं तो उसके कारण उन्हें एलर्जी होना संभव हैं।
छोटे बच्चों के माता-पिता को अपने बच्चों को एलर्जी से बचाना पड़ता हैं, क्योंकि छोटे बच्चों को ज्यादा Anti-allergic Medicine भी नहीं खिला सकतें, क्योंकि उनका शरीर अभी इस लायक नहीं होता कि वह ज्यादा गर्म दवाइयों को सहन कर सकें। इसीलिए उनके माता-पिता को उन्हें एलर्जी से बचाना चाहिए।
आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको एलर्जी से संबंधित ही बातें बताएंगे कि What are the Causes of Allergies In Baby In Hindi तथा Bacho Ko Allergy Se Kaise Bachaye इसी के साथ साथ हम आपको Allergy Ke Lakshan In Hindi तथा Bacho Ko Allergy Kyu Hoti Hai इसके बारे में भी बताएंगे, ताकि आप अपने बच्चों को एलर्जी होने से आसानी से बचा पाए।
एलर्जी क्या होती है – What Is Allergies In Baby In Hindi ?
एलर्जी शरीर की एक ऐसी स्थिति होती है जो किसी भी चीज को खाने से या उसके संपर्क में आने से हमारे शरीर को बीमार अनुभव कराती हैं। किसी भी बच्चे को या बड़े व्यक्ति को एलर्जी तब होती है जब उसके शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली यह मान लेती है कि जो चीज हमने खाई है या फिर जिस चीज के संपर्क में हम आए हैं। वह चीज हमारे लिए अच्छी नहीं थी वह चीज हमारे शरीर के लिए काफी हानिकारक है। एलर्जी व्यक्ति को अनेकों प्रकार के बैक्टीरिया के संपर्क में आने से या फिर कई प्रकार की बेकार चीजें खाने से हो सकती हैं।
जब व्यक्ति एलर्जी के बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं, तो उन्हें अनेकों प्रकार के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं जैसे कि त्वचा से संबंधित विकार, खांसी जुखाम होना, बुखार हो जाना, पूरे शरीर पर खुजली हो जाना या फिर एलर्जी के कारण आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं। इसीलिए एलर्जी होने पर तुरंत इसका इलाज करवाना आवश्यक होता हैं, क्योंकि धीरे-धीरे यह शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करती हैं। इसीलिए एलर्जी का इलाज जल्द से जल्द करवाना आवश्यक होता हैं।
बच्चों में एलर्जी होने के लक्षण – Symptoms Of Allergy In Kids In Hindi ?
अगर बच्चों को एलर्जी हो जाती है तो एलर्जी होने के कारण बच्चे में बहुत से लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनसे एलर्जी का पता लगाया जा सकता है जैसे कि :-
अगर आपके छोटे बच्चे को त्वचा से संबंधित एलर्जी हुई हैं, तो उसकी त्वचा पर एलर्जी के लक्षण तुरंत ही दिखने शुरू हो जाते हैं जैसे कि त्वचा पर लाल लाल दाने होना त्वचा पर काफी ज्यादा खुजली होना आदि त्वचा पर एलर्जी होने पर तुरंत इसका इलाज करवाना पड़ता हैं, क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर के सारे अंगों में फैलने लगती हैं।
अगर आपके बच्चों को एलर्जी हैं, तो एलर्जी के कारण उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि एलर्जी की वजह से उन्हें जुखाम हो जाए और जुखाम गंभीर रूप ले ले क्योंकि जब एलर्जी के कारण जुखाम होता हैं, तो जुखाम गंभीर होता है और उसमें व्यक्ति का नाक बंद रहने लगता है जिसकी वजह से सांस लेने में भी तकलीफ होती हैं।
बच्चे को एलर्जी होने पर उसे बार-बार छींकें आती हैं, क्योंकि एलर्जी के बैक्टीरिया बच्चे के स्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं जिसकी वजह से बच्चे को तुरंत ही छींकें आनी शुरू हो जाती हैं। आपने अक्सर देखा भी होगा कि जब आपके आसपास कोई छोटा बच्चा बीमार होने वाला होता है तो उसे पहले छींकें आनी शुरू हो जाती हैं, क्योंकि इस बात से यह पता लगता है कि बच्चा बैक्टीरिया के संपर्क में आ चुका हैं।
एलर्जी होने पर बच्चे को गंभीर रूप से खांसी भी लग सकती हैं, क्योंकि खांसी भी एलर्जी के कारण ही होती है बच्चों को अक्सर बैक्टीरिया के संपर्क में आने पर तुरंत ही खांसी हो जाती हैं, क्योंकि बच्चों के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत ही कमजोर होती है जो कि बैक्टीरिया का सामना नहीं कर सकती।
कई बार एलर्जी होने के कारण आपके छोटे बच्चों की आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं, क्योंकि जब बच्चा किसी बैक्टीरिया के संपर्क में आता है तो अगर बैक्टीरिया उसके हाथ में होते हैं और उन्हीं हाथों से यदि वह अपनी आंखों को मसलने लगता हैं, तो इस प्रकार उसकी आंखें भी बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती हैं और बच्चे को आंखों में खुजली या आंखों से पानी आना शुरू हो जाता हैं। इसी के साथ-साथ एलर्जी होने पर बच्चों की आंखें लाल भी हो सकती हैं।
एलर्जी होने पर बच्चों को दस्त भी लग सकते हैं, क्योंकि कई बार बहुत खाने की चीजों से भी छोटे बच्चों को एलर्जी होती है और जब उनके माता-पिता उन्हें वह चीज खिलाते हैं, तो उन्हें तुरंत ही दस्त लग जाते हैं या फिर उनके पेट में गंभीर रूप से दर्द हो जाता है जिसके कारण वह काफी तेज तेज रोते हैं।
बच्चों को एलर्जी होने के कारण – Causes Of Allergy In Kids In Hindi ?
बच्चों को एलर्जी होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जिनकी वजह से बच्चे को तुरंत ही एलर्जी हो जाती है जैसे कि :-
घर पर साफ सफाई ना रहना
अगर आपके घर में साफ सफाई नहीं रहती तो साफ सफाई ना रहने के कारण भी आपके बच्चे को एलर्जी हो सकती हैं, क्योंकि घर पर साफ सफाई ना रहने के कारण घर में बहुत ज्यादा बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं और जब बच्चा फर्श पर खेलता है तो बच्चा आसानी से उन खतरनाक बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाता हैं। इसीलिए बच्चे को और तुरंत ही एलर्जी हो जाती है इसीलिए जिन लोगों के घर में छोटे बच्चे होते हैं, तो उन्हें अपने घर की काफी ज्यादा साफ सफाई रखनी चाहिए।
घर के बाहर गंदगी
अगर आपका बच्चा घर के बाहर खेलता कुत्ता है या फिर आप अपने बच्चे को घर से बाहर खेलने के लिए लेकर जाती हैं और घर के बाहर गंदगी होने के कारण आपका बच्चा बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाता है या फिर बाहर धूल मिट्टी ज्यादा है और वह धूल मिट्टी के खाना अगर बच्चे के मुंह के अंदर प्रवेश कर जाते हैं, तो उन के माध्यम से भी व्यक्ति या शरीर में आ सकते हैं और बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं।
कीड़े मकोड़े के काटने से
अगर आपके घर में कीड़े मकोड़े ज्यादा है और आप उन्हें घर से भगाने के लिए छिड़काव नहीं कर रहे हैं तो उसके कारण भी बच्चे को एलर्जी हो सकती हैं, क्योंकि कीड़े मकोड़े बच्चे को भी आसानी से डंक मार सकते हैं जिसकी वजह से बच्चे को तुरंत ही एलर्जी हो जाएगी।
उत्तेजक पदार्थ
अगर बच्चे का पिता या कोई दूसरा व्यक्ति बच्चे के सामने धूम्रपान करता है या फिर आपने अपने घर के आसपास आग जलाई हुई है तो उसके कारण भी बच्चे को एलर्जी हो सकती हैं, क्योंकि छोटे बच्चों के शरीर में इतनी क्षमता नहीं होती कि वह धुएं को बर्दाश्त कर सके इसीलिए उन्हें एलर्जी हो जाती हैं।
खाना खिलाते समय
अगर आप अपने बच्चे को कुछ खाने की चीज खिला रही है और बच्चों को खाना खिलाने से पहले आप अपने हाथों को अच्छी तरह साफ नहीं करती तो उसके कारण भी बच्चे को एलर्जी हो सकती है, क्योंकि गंदे हाथों में बैक्टीरिया भी जमे हो सकते हैं और वह बैक्टीरिया आपके हाथों से आपके बच्चे के मुंह में भी प्रवेश कर सकते हैं जिसकी वजह से बच्चे को तुरंत ही एलर्जी हो सकती हैं। इसलिए माताओं को अपने बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ साफ करना जरूरी होता हैं, क्योंकि अभी बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी ज्यादा मजबूत नहीं है कि वह बैक्टीरिया से बच सकें।
खाने की चीजों को साफ ना करना
अगर आप बच्चे को फलों का सेवन करवा रहे हैं और फलों का सेवन करवाने से पहले आपने फलों को अच्छी तरह साफ नहीं किया और वही फल आप अपने बच्चों को खिला देती हैं, तो उसके कारण भी बच्चे को एलर्जी हो सकती है या फिर अन्य खाने की चीजों को साफ ना करने के कारण भी आपके बच्चे को तुरंत ही एलर्जी हो सकती हैं।
घर की सफाई करते समय सावधानी न बरतने के कारण
अगर आप अपने घर पर साफ सफाई कर रहे हैं जिसके कारण धूल मिट्टी उड़ रही है और ऐसे में यदि आपका बच्चा भी वहीं पर लेटा हुआ है तो उसके नाक या मुंह में धूल मिट्टी के कण जा सकते हैं जिसकी वजह से बच्चे को एलर्जी हो सकती हैं, क्योंकि बहुत से बैक्टीरिया धूल मिट्टी में भी मौजूद होते हैं जो कि बच्चे को तुरंत ही एलर्जी कर सकते हैं, इसीलिए घर पर साफ-सफाई करते समय भी आपको सावधानी बरतनी होगी।
गंदी बोतल से दूध पिलाने पर
जिस बोतल में आप बच्चे को दूध पिलाती हैं। उस बोतल को इस्तेमाल करने से पहले गर्म पानी में 15 से 20 मिनट तक रखना पड़ता हैं, क्योंकि बोतल में भी बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं जो कि बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसीलिए आपको अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाने पर काफी सावधानियां बरतनी होगी और हमेशा साफ-सुथरी बोतल में ही बच्चों को दूध पिलाना चाहिए ताकि उन्हें एलर्जी से बचाया जा सके।
बच्चों के कपड़े ना बदलने के कारण
जब आपका बच्चा पेशाब करता है या फिर मल त्यागता हैं, तो उस समय बच्चे के कपड़े बदलने बेहद ही आवश्यक होते हैं, क्योंकि कपड़े ना बदलने के कारण भी बच्चे को एलर्जी हो सकती हैं। इसीलिए जब बच्चा पेशाब करता है या फिर मल त्यागता है तो उस समय आपको अपने बच्चे को अच्छी तरह गुनगुने पानी से साफ करना चाहिए और फिर बच्चे के कपड़े तुरंत ही बदलनी चाहिए ताकि आपका बच्चा एलर्जी से बच सकें।
एलर्जी कितनी तरह की होती हैं – Types Of Allergies In Children In Hindi ?
बचपन में बच्चों को होने वाली बीमारियों में से एलर्जी सबसे आम बीमारी हैं, जो कि कई कारणों से हो सकती है और इस एलर्जी में विभिन्न प्रकार के लक्षण हुए दिखाई देते हैं। एलर्जी अलग-अलग तरह की होती हैं जैसे कि :-
एलर्जी राइनाइटिस
यह एलर्जी बचपन में होने वाली सबसे आम एलर्जी में से एक है जो कि बच्चों को कई कारणों से हो सकती हैं। इस एलर्जी में बच्चे की नाक से पानी बहता है और नाक में खुजली भी होती है जिसकी वजह से बार-बार छींके आती हैं। इस प्रकार की एलर्जी होने पर बच्चे की आंखें लाल भी हो जाती हैं और आंखों में खुजली भी होती हैं, जिसकी वजह से बच्चा अपनी आंख रगड़ता है और फिर उसकी आंख से पानी आता है इस प्रकार की एलर्जी को फीवर य परागज ज्वर भी कहते हैं।
बच्चे के कान में संक्रमण
एलर्जी की वजह से बच्चों के कान में संक्रमण भी हो सकता है, जिसकी वजह से उनके कान में काफी जलन होती है और कई बार उनके कान से तरल पदार्थ भी बाहर निकलता हैं। इस प्रकार के कान के संक्रमण से बच्चों की सुनने की क्षमता भी प्रभावित होती है। अगर आपका बच्चा बोलना नहीं जानता है और वह अपने कान को बार-बार पकड़ने की कोशिश कर रहा है और रो रहा हैं, तो इस प्रकार की परिस्थिति में आपको तुरंत ही अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
खाने पीने की चीजों से एलर्जी
कई बार बच्चे को खाने पीने की चीजों से भी एलर्जी होती है बहुत से बच्चे काफी ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसलिए उन्हें अपनी मां के द्वारा खाए गए भोजन से भी एलर्जी हो जाती हैं। इसीलिए बच्चे को दूध पिलाने वाली माताओं को भी खाने पीने का काफी ध्यान रखना पड़ता हैं, क्योंकि यदि वह कुछ गरम खा लेते हैं, तो उसकी वजह से उनके बच्चे को एलर्जी होना एक स्वाभाविक सी बात हैं।
दवाई से एलर्जी
कई बार बच्चों को एंटीबायोटिक दवाइयों से भी एलर्जी हो जाती हैं, क्योंकि बहुत से छोटे बच्चों को एंटीबायोटिक दवाइयां रिएक्शन करती हैं। इसीलिए इस प्रकार की दवाइयों से बच्चे को एलर्जी होने पर तुरंत ही डॉक्टर को बताना चाहिए।
केमिकल से एलर्जी
कहीं बाहर बच्चों को नहाने के साबुन या कपड़े धोने वाले साबुन या सर्फ से भी एलर्जी हो सकती हैं। इसीलिए आपको सिर्फ उसी साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए जो कि खास बच्चों के लिए ही बना है और जब आप कपड़े धो रही होती हैं तो वह गीले हाथ अपने बच्चों के मुंह पर ना लगाएं, इसकी वजह से भी बच्चों को एलर्जी हो सकती है, क्योंकि बहुत से बच्चे केमिकल के संपर्क में आते ही बीमार हो जाते हैं।
बच्चों में एलर्जी की जांच कैसे होती है – How To Diagnose Allergy In Kids In Hindi ?
अगर आपके बच्चे को एलर्जी हो जाती है तो फिर एलर्जी की जांच इस बात पर निर्भर करती है कि एलर्जी के कारण आपके बच्चों का कौन सा अंग प्रभावित हो रहा है एलर्जी की जांच के बहुत से तरीके होते हैं जैसे कि :-
स्किन टेस्ट
अगर एलर्जी के कारण बच्चे की त्वचा प्रभावित हो रही है, तो फिर बच्चे की त्वचा की भी जांच की जाती है ताकि एलर्जी का पता लगाया जा सके। क्योंकि ज्यादातर बच्चों को एलर्जी के कारण त्वचा संबंधित बीमारियां ही होती हैं। अक्सर उनकी त्वचा पर लाल लाल दाने हो जाते हैं या फिर त्वचा पर बहुत ज्यादा खुजली होती है।
ब्लड टेस्ट
एलर्जी की जांच करने के लिए बच्चे के खून का नमूना भी लिया जाता है और खून के नमूने की जांच से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि, बच्चे को किस वजह से एलर्जी हो रही है और एलर्जी के कारण बच्चे को कितना नुकसान पहुंचा है। खून के नमूने के माध्यम से इस बात का आसानी से पता लगाया जा सकता है कि बच्चे को एलर्जी किन कारणों से हो रही है और एलर्जी के कारण बच्चे को कितना नुकसान अब तक पहुंच चुका है।
बच्चों की एलर्जी का इलाज – Allergy Treatment In Kids In Hindi ?
- अगर आपके बच्चे को त्वचा संबंधित एलर्जी हुई हैं, तो त्वचा संबंधित एलर्जी होने पर आपको कोई ऐसी क्रीम भी दी जा सकती है जो कि आपको अपने बच्चे की त्वचा पर लगानी हैं। इस प्रकार की क्रीम की सहायता से बच्चों की त्वचा की एलर्जी को खत्म किया जाएगा और इस प्रकार की दवाइयां अक्सर रात में इस्तेमाल करने के लिए ही कहा जाता हैं।
- अगर आपके बच्चों को किसी दूसरे प्रकार की एलर्जी हुई हैं, तो उसमें एंटी एलर्जीक दवाइयां भी बच्चों को दी जा सकती हैं, जो कि आप को बच्चों को पीसकर दूध में डालकर पिलानी होगीं।
- वैसे तो बच्चों के डॉक्टर ज्यादातर बच्चों को एलर्जी होने पर पीने की दवाइयां ही देते हैं, क्योंकि पीने की दवाइयों के माध्यम से आसानी से बच्चों की एलर्जी सही की जा सकती हैं। पीने की दवाइयां बच्चे आसानी से पीबी लेते हैं और उनके माता-पिता के लिए वह दवाइयां बच्चों को देना ज्यादा मुश्किल काम नहीं होता।
- अगर एलर्जी की वजह से बच्चे को अस्थमा हो गया हैं, तो अस्थमा को ठीक करने के लिए बच्चे को इनहेलर भी दिया जा सकता है जो कि उसके माता पिता को ही अपने बच्चे को देना होगा। क्योंकि बच्चों में अस्थमा का इलाज इनहेलर के द्वारा ही किया जाता हैं, क्योंकि उन्हें अभी इस प्रकार की दवाइयां नहीं दे सकते जो कि उन्हें हजम ही ना हो और वह उनके लिए साइड इफेक्ट का कारण बन जाए।
- बच्चों को एलर्जी के कारण खांसी जुखाम या नाक का संक्रमण हो जाता हैं, तो उसके इलाज के लिए उनके माता-पिता को एक स्प्रे दिया जाता हैं, जो कि उन्हें अपने बच्चों के नाक में दिन में 5 से 6 बार करना होता हैं।
एलर्जी होने पर बच्चे को क्या खिलाए – What to Feed Baby if he Has Allergies In Hindi ?
- जब आपके बच्चे को एलर्जी हो जाती है तो आपको बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। सबसे पहले सावधानी तो बच्चे की माता को बरतनी होगी यदि बच्चे की माता कोई तला हुआ खाना खाती है या फिर चटपटा खाना खाती हैं, तो उसके कारण बच्चे को गंभीर रूप से एलर्जी हो सकती हैं। इसीलिए बच्चों को एलर्जी होने पर उनकी माताओं को भी खाने का पूरा परहेज रखना होगा।
- अगर आपका बच्चा 3 से 4 साल का है और उसे एलर्जी हो जाती हैं, तो फिर आपको अपने बच्चे को बिल्कुल सामान्य खाना खिलाना चाहिए। आपको उसे अपने घर पर बनी खिचड़ी या फिर दाल का पानी आदि खिलाना चाहिए जो कि बिल्कुल साधारण बना हो अगर आपका बच्चा छोटा हैं, तो आपको अपने छोटे बच्चे को दूध पिलाते समय काफी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि बिल्कुल साफ सुथरे बनकर ही बच्चे को दूध पिलाएं और दूध पिलाने से पहले अपने हाथों पैरों को अच्छे से साफ करें।
- छोटे बच्चों को एलर्जी होने पर उन्हें पीने के लिए गुनगुना पानी देना चाहिए और उनकी एलर्जी पर सरसों के तेल से मालिश करनी चाहिए। इस प्रकार एलर्जी में बच्चे को काफी राहत मिलती हैं।
Conclusion –
अपने छोटे बच्चों को एलर्जी से किस प्रकार बचाया जा सकता है और एलर्जी होने पर किन सावधानियों को बरतना चाहिए। इन सब के बारे में हमने आपको बताया हैं, ताकि आप आसानी से अपने बच्चे को एलर्जी से बचा सकें। इसी के साथ-साथ हमने आपको What are the Causes of Allergies In Baby In Hindi तथा Bacho Ko Allergy Se Kaise Bachaye के बारे में बताया हैं।
इसी के साथ-साथ हमने आपको Allergy Ke Lakshan In Hindi तथा Bacho Ko Allergy Kyu Hoti Hai इसके बारे में भी बता दिया हैं, ताकि आप आसानी से अपने बच्चों को एलर्जी से बचा सकें। अब यदि आपको हमसे Allergy Ka Gharelu ilaz In Hindi के बारे में पूछना हो तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद