AIIMS में गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के लिए नये ब्लॉक की होगी शुरुआत, जानें खबरें
कोरोना के बढ़ते मामले और उसकी दूसरी लहर ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। इन बढ़ते मामलों के कारण अस्पतालों में भी बेड की कमी हो रही थी जिससे लोगों के इलाज में कई दिक्कतें आईं। कोरोना की पहली और दूसरी जवान और बूढ़े लोगों के लिए खतरनाक साबित हुआ था। डॉक्टरों का कहना है कोरोना की तीसरी लहर भी जल्द ही दस्तक दे सकती है जो बच्चों और महिलाओं को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक यह तीसरी लहर छोटे और नए जन्मे हुए शिशुओं के साथ – साथ गर्भवती महिलाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस तीसरी लहर से होने वाली परेशानी को देखते हुए देश भर के अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। अस्पतालों में ना केवल साधारण बेड बल्कि आईसीयू बेड में भी बढ़ोतरी की जा रही है। जैसे दूसरी लहर के समय बेड की कमी हो रही थी, वैसी स्थिति तीसरी लहर के समय ना हो इसीलिए इस बात का ध्यान रखते हुए दिल्ली के एम्स अस्पताल में अगली सोमवार से नए ब्लॉक का काम शुरू किया जा रहा है जो खासकर छोटे बच्चों और महिलाओं के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा।
एम्स के इस ब्लॉक में नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए सभी तरह की चिकित्सा से जुड़ी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी जिसके कारण उनका इलाज अच्छे से हो सकेगा। दिल्ली के एम्स अस्पताल के इस नए ब्लॉक में करीब 425 बेड सभी सुविधाओं के साथ उपलब्ध है। AIIMS अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इस नए ब्लॉक की तैयारी कई दिनों से की जा रही थी। यह प्रोजेक्ट कई दिनों बाद पूरा किया गया है जिससे महिलाओं को अच्छी सही चिकित्सा और इलाज मिल सकेगा।
एम्स दिल्ली में एक नए ओपीडी बिल्डिंग का भी निर्माण किया गया है जो आम जनता की सेवा सुविधा के लिए शुरू की जा चुकी है। इसी ओपीडी बिल्डिंग की आठवीं मंजिल पर लोगों को कोरोना का टीका दिया जा रहा है। इसी के साथ करीब 400 बेड का मां और बच्चों के लिए एक ब्लॉक तैयार किया गया है। एम्स में एक सर्जिकल ब्लॉक को भी तैयार किया गया है जो लगभग 200 बेड का है।
दिल्ली के एम्स अस्पताल में आजतक वहां के मेन बिल्डिंग में ही बच्चों और गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जाता था लेकिन कई महिलाओं को बेड की कमी के कारण इलाज नहीं मिल पाता था और इसीलिए इस समस्या को देखते हुए एम्स ने इस नए ब्लॉक का निर्माण किया है जहां आसानी से बेड और इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। ऐसा बताया जा रहा है कि इस बिल्डिंग का निर्माण साल 2016 में ही शुरू किया गया था लेकिन इसे बनने में छह साल लग गए और आज यह पूरी तरह से बनकर तैयार है। इन नए ओपीडी और मां बच्चों के लिए बनाए गए ब्लॉक और सर्जिकल बिल्डिंग के निर्माण के बाद एम्स में मरीजों की भीड़ को भी कम किया जा सकेगा।
डिप्टी डायरेक्टर शुभाशीष पांडा का कहना है कि अगली आने वाली जनवरी से इस ब्लॉक में इलाज का काम शुरू कर दिया जाएगा। एम्स में करीब प्रतिदिन 10 हजार लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं इसीलिए इस भीड़ को कम करने के लिए इस ओपीडी बिल्डिंग की शुरुआत की गई है। वहीं सर्जिकल ब्लॉक में नौ मंजिला बिल्डिंग तैयार की गई है जिसमें 12 ऑपरेशन थिएटर और करीब 200 बेड की सुविधा उपलब्ध है। एम्स में अबतक 2478 कुल बेड थे लेकिन इन नए बिल्डिंग्स और ब्लॉक की वजह से 725 बेड बढ़ गए है।