- Obesity During Pregnancy: गर्भावस्था में महिलाएं मोटापे से रहें दूर , वरना हो सकती है उनके बच्चे को परेशानी
- गर्भावस्था में महिलाओं का वजन नियंत्रित होना क्यों जरूरी हैं ?
- गर्भावस्था में ज्यादा वजन की महिलाओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं ?
- गर्भावस्था में महिलाएं किस प्रकार अपने वजन को नियंत्रित करके रख सकती हैं ?
- Conclusion –
Obesity During Pregnancy: गर्भावस्था में महिलाएं मोटापे से रहें दूर , वरना हो सकती है उनके बच्चे को परेशानी
गर्भावस्था के समय महिलाओं को बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं कुछ समस्याएं तो ऐसी होती हैं जो महिलाओं को अपनी खुद की वजह से ही होती हैं। जैसे कि गर्भावस्था के समय बहुत सी महिलाएं काफी ज्यादा मोटी होती हैं और मोटी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अलग-अलग प्रकार की गंभीर बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
आपने अक्सर बहुत सी महिलाएं देखी होंगी जो मोटापे के कारण गर्भावस्था में बिल्कुल भी स्वस्थ नहीं रह पाती। कुछ मोटी महिलाएं तो ऐसी होती हैं जिनके शरीर में मोटापे के कारण Thyroid, Sugar तथा Bad Cholesterol आदि की समस्या जन्म ले लेती हैं और उस समय उनके लिए बच्चे को जन्म दे पाना काफी मुश्किल हो जाता हैं, क्योंकि जब ज्यादा मोटी महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं तो बच्चे पर भी बुरा असर पड़ता है और बच्चे का दिमाग जन्म से ही दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी कम चलता है। इसीलिए गर्भावस्था के समय महिलाओं को अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए कहा जाता हैं।
गर्भावस्था के समय अगर महिलाओं का वजन अनियंत्रित है तो उसका सीधा असर उनके बच्चे के साथ-साथ उनके शरीर पर भी पड़ता हैं। इस बात को तो आप सभी जानते होंगे कि जो महिलाएं मोटी होती हैं, तो उनकी प्रजनन क्षमता भी काफी कम होती है और इसीलिए वह मुश्किल से ही गर्भवती होती हैं मगर जब गर्भवती होती हैं तो उस समय उन्हें 50 तरह की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता हैं।
इसलिए अब आगे हम आपको गर्भावस्था के समय महिलाओं के मोटापे से संबंधित बातें बताएंगे ताकि महिलाएं मोटापे से दूर रहकर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकें। आज हम जानेंगे कि How Obesity Harms Pregnant Women In Hindi तथा How To Control Body Weight In Pregnancy In Hindi इसके अतिरिक्त हम आपको Why do Women Get Fat During Pregnancy In Hindi तथा What is the Treatment for Obesity in Women During Pregnancy In Hindi के बारे में भी बताएंगे।
गर्भावस्था में महिलाओं का वजन नियंत्रित होना क्यों जरूरी हैं ?
गर्भावस्था में महिलाओं का वजन नियंत्रित होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि जब महिलाओं का वजन नियंत्रित होता है, तो वह जो कुछ भी खाती हैं सीधे उनके बच्चे को वह पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं। अगर महिलाएं मोटी होती हैं तो फिर वह जो कुछ भी खाती हैं वो सभी मोटापे में तब्दील हो जाता हैं। इसी वजह से बच्चे को पोषक तत्व नहीं मिल पाते गर्भावस्था के समय महिलाओं के शरीर का वजन नियंत्रित होना बहुत ही जरूरी हैं। क्योंकि जब महिलाओं के शरीर में वजन बिल्कुल नियंत्रित रहता हैं तो उस समय उनके शरीर का हर एक अंग सुचारू रूप से कार्य करता है और ना ही महिलाओं को High Blood Pressure, Low Blood Pressure, Bad Cholesterol, Heart Diseases आदि का खतरा भी नहीं रहता, मगर मोटी महिलाओं को इन सभी बीमारियों का खतरा बना रहता है चाहे वह गर्भवती हो या ना हो।
खास तौर पर मोटी महिलाओं कि शरीर में थायराइड का स्तर भी नियंत्रित नहीं रहता और उनके हाथों-पैरों में भी दर्द रहने लगता है जिसकी वजह से वह गर्भावस्था में एक भी दिन स्वस्थ नहीं रहती, वें गर्भावस्था की शुरुआत से ही बीमार रहना शुरू कर देती है और फिर जब तक बच्चे का जन्म नहीं होता , तो तब तक महिलाओं को किसी ना किसी बीमारी का सामना रोजाना ही करना पढ़ता हैं।
महिलाओं के शरीर का वजन उनकी लंबाई के हिसाब से होना चाहिए। महिलाओं की लंबाई 155 सेंटीमीटर है तो उनके शरीर का वजन 55 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए अगर वजन इससे ज्यादा है तो फिर महिलाओं के लिए परेशानी खड़ी हो सकती हैं। क्योंकि जब महिलाएं मोटी हो जाती हैं तो वह अत्यधिक तनाव में भी रहने लगती है और उनकी प्रजनन क्षमता भी काफी कमजोर हो जाती है। अक्सर यह देखा जाता है कि जो महिलाएं मोटी होती हैं, तो उनको बच्चे को जन्म देने में भी कठिनाई होती है और इसी वजह से ऑपरेशन के द्वारा ही बच्चे को जन्म देना पड़ता हैं।
गर्भावस्था में ज्यादा वजन की महिलाओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं ?
गर्भावस्था के समय जब महिलाओं का वजन ज्यादा होता हैं, तो उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ता है जैसे कि –
रक्तचाप नियंत्रित ना रहना
गर्भावस्था के समय ज्यादा वजन वाली महिलाओं का रक्तचाप बिल्कुल भी नियंत्रित नहीं रहता। हमेशा ही उनका रक्तचाप कभी कम तो कभी ज्यादा होता रहता है और इसी वजह से महिलाओं के कभी सिर में दर्द हो जाता है तो कभी उन्हें बहुत ज्यादा थकान महसूस होती हैं। आपने अक्सर पतली महिलाओं को देखा होगा पतली महिलाओं के शरीर में हमेशा ही ही रक्तचाप नियंत्रित रहता है और इसीलिए उन्हें गर्भावस्था में दिक्कत नहीं होती हैं। लेकिन मोटी महिलाओं को गर्भावस्था में गंभीर रूप से इस समस्या का सामना करना पड़ता है इसी वजह से महिलाओं को रोजाना डॉक्टरों के चक्कर भी काटने पड़ते हैं।
अत्यधिक थकान
जब महिलाएं ज्यादा वजन के साथ गर्भावस्था में कदम रखती हैं तो उस समय उन्हें काफी ज्यादा थकान रहती है और इसी थकान की वजह से महिलाएं दिनभर कुछ काम भी सही ढंग से नहीं कर पाती। इसीलिए महिलाओं को पहले भी अपना वजन नियंत्रित करने के लिए कहा जाता है ज्यादा वजन की महिलाएं सामान्य महिलाओं की अपेक्षा काफी ज्यादा सुस्त रहती हैं। आपने अक्सर पतली महिलाओं को देखा होगा गर्भावस्था के समय भी उनमें पूरी ताकत रहती है और वह पूरा दिन काम करने के बाद भी नहीं थकती। लेकिन ज्यादा वजन वाली महिलाएं थोड़ा सा काम करने पर ही थक जाती है और उनकी सांसे भी भूल जाती हैं।
थायराइड की समस्या
गर्भावस्था के समय जब महिलाओं का वजन बिल्कुल भी नियंत्रित नहीं रहता तो उसकी वजह से धीरे-धीरे उन्हें थायराइड की समस्या भी रहने लगती है। थायराइड की समस्या एक ऐसी समस्या होती है जिसमें महिलाओं को धीरे-धीरे समस्या आती हैं। इस बीमारी में बड़े हुए स्तर के कारण महिलाओं को बच्चे को जन्म देने में भी परेशानी हो सकती है यह भी हो सकता है कि थायराइड के कारण आपका बच्चा भी जन्म से ही थायराइड करोगी हो जाए। इसलिए महिलाओं को यह राय दी जाती है कि उन्हें अपने शरीर में थायराइड के स्तर को हमेशा ही नियंत्रित करके रखना चाहिए क्योंकि उनकी वजह से उनके बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। आपने अक्सर देखा होगा कि बहुत से बच्चों को जन्म से ही थायराइड की समस्या होती हैं। ज्यादातर बच्चों को जन्म के साथ ही थायराइड की समस्या तभी होती है जब उनके माता-पिता को थायराइड की समस्या हो।
हाथों पैरों में दर्द रहना
गर्भावस्था के समय ज्यादा वजन वाली महिलाओं के शरीर में जब गर्भावस्था के कारण शारीरिक परिवर्तन होने शुरू होते हैं तो उस समय उनके हाथों पैरों में दर्द रहने लगता हैं। क्योंकि ज्यादा वजन वाली महिलाओं की हड्डियां काफी कमजोर हो जाती हैं और जब वह गर्भ धारण करती है तो उस समय उनके शरीर को मिलने वाले पोषक तत्व का आधा हिस्सा उनके बच्चों को भी मिलना होता हैं। मगर मोटापे के कारण ना तो उनके बच्चे को अच्छे से पोषक तत्व मिल पाते और ना ही उन्हें मिल पाते मगर जब महिलाओं का वजन बिल्कुल नियंत्रित होता हैं, तो उस समय महिलाओं को भी भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं और उन्हीं के साथ साथ उनके बच्चे को भी अच्छी तरह से सभी प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं।
मधुमेह का शिकार होना
गर्भावस्था के समय जब महिलाओं का वजन काफी ज्यादा होता है तो उस समय महिलाओं को मधुमेह होने का खतरा भी बना रहता हैं, क्योंकि ज्यादा मोटी महिलाओं को मधुमेह काफी आसानी से हो जाता हैं। इस बात का तो आपको पता ही होगा कि ज्यादा वजन वाली महिलाओं के अंग सुचारू रूप से कार्य नहीं करते और इसी वजह से उन्हें कई तरह की बीमारियां होने का खतरा लगा रहता है। जब गर्भवती महिलाओं का वजन काफी ज्यादा रहता है, तो उस समय महिलाओं के बच्चे को भी बचपन से ही कई तरह की बीमारियां होने का खतरा लगा रहता है मधु में एक ऐसी समस्या है जो ज्यादातर ज्यादा वजन की महिलाओं में ही देखी जाती है। जिन महिलाओं का वजन गर्भावस्था के दौरान बिल्कुल नियंत्रित होता है तो इस प्रकार की महिलाओं में मधुमेह गलती से भी नहीं हो सकता, क्योंकि मधुमेह की समस्या ज्यादा मोटापे की वजह से ही आती है।
गर्भावस्था में महिलाएं किस प्रकार अपने वजन को नियंत्रित करके रख सकती हैं ?
गर्भावस्था के समय महिलाएं आसानी से अपने वजन को नियंत्रित करके रख सकती हैं। बहुत सी चीजें ऐसी हैं जिनसे महिलाएं आसानी से अपने वजन को नियंत्रित करके रख सकती हैं।
ज्यादा खाना ना खाएं
गर्भावस्था के समय महिलाओं को ज्यादा मात्रा में खाना नहीं खाना चाहिए अगर महिलाएं ज्यादा खाना नहीं खाती, तो इस प्रकार आसानी से उनके शरीर का वजन नियंत्रित हो सकता ह बहुत सी महिलाओं की आदत होती है कि वह गर्भावस्था में 15 मिनट भी बिना खाए नहीं रहती, पूरा दिन ही उनका मुंह चलता रहता है और जब गर्भावस्था में महिलाओं का इस प्रकार पूरा दिन में चलता रहता है तो फिर तो वह मोटी हो ही जाएगी खासतौर पर जो महिलाएं पहले से ही मोटी होती हैं, तो उन्हें तो गर्भावस्था के समय बार-बार खाने से पहले से भी ज्यादा नुकसान हो सकता है मतलब कि वह और भी ज्यादा मोटी हो सकती हैं।
सारा दिन लेटे ना रहे
आपने बहुत ही महिलाओं को देखा होगा जो गर्भावस्था के समय पूरा दिन ही पड़ी रहती हैं। अगर महिलाएं गर्भावस्था में पूरा दिन ही पड़ी रहती हैं तो फिर तो उनके शरीर का वजन और भी ज्यादा बढ़ने लगता हैं। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के समय यह सलाह दी जाती है कि उन्हें थोड़ा बहुत काम जरूर करना चाहिए या फिर घर पर टहलना चाहिए जो महिलाएं पहले से ही काफी ज्यादा मोटी होती हैं, तो वह महिलाएं सारा दिन पड़े रहने की वजह से और भी ज्यादा मोटी हो सकती हैं और मोटे होने के कारण उन्हें थायराइड की समस्या हो सकती है और यह भी हो सकता है कि जब उनका बच्चा जन्म ले तो जन्म के समय से ही उस बच्चे को कोई ना कोई बीमारी हो जाए। ज्यादातर मोटी महिलाओं को गर्भावस्था में सारा दिन पड़े रहने की वजह से दिल से संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं और उन्हें बच्चे को जन्म देने में भी कठिनाई हो सकती है।
घर का काम करें
जो महिलाएं थोड़ी मोटी होती है या फिर कुछ ज्यादा ही मोटी होती है तो उन्हें गर्भावस्था में अच्छी तरह घर का सारा काम करना चाहिए बहुत सी महिलाएं जब गर्भवती होती है, तो वह अपने घर पर एक नौकरानी रख लेती हैं या फिर अपने घर से किसी को काम करने के लिए अपने ससुराल में बुला लेती हैं ताकि उन्हें काम करने की आवश्यकता ना पड़े। लेकिन ऐसा करने से उल्टा महिलाओं का ही नुकसान है क्योंकि जब तक महिलाएं अपने घर पर काम करती हैं
या फिर थोड़ा बहुत शारीरिक परिश्रम करती हैं, तो उस समय गर्भावस्था में उनका शरीर पूरी तरह से ऊर्जावान बना रहता है और उन्हें बच्चे को जन्म देने में भी आसानी होती है। आपने अक्सर देखा होगा कि बहुत सी मोटी महिलाएं बच्चे को सामान्य रूप से जन्म नहीं दे पाती उन्हें आखिरी दिनों में ऑपरेशन करवाना पड़ जाता है। इसीलिए हम गर्भवती महिलाओं को शुरुआती दिनों से ही यही सलाह देते हैं कि उन्हें अपने घर का पूरा काम करना चाहिए। घर का काम करने से उनका मोटापा भी थोड़ा कम होगा और जो महिलाएं मोटी नहीं है तो उनके शरीर में भी चुस्ती-फुर्ती बनी रहेगी।
नियमित रूप से पार्क में सैर करने के लिए जाएं
गर्भावस्था के समय महिलाओं को नियमित रूप से सैर करने के लिए जाना चाहिए क्योंकि जब महिलाएं नियमित रूप से सैर करने के लिए जाती हैं, तो उस समय उनके शरीर का वजन नियंत्रित रहता है और गर्भावस्था में उनके इस शरीर का वजन भी नहीं पड़ता आपने बहुत ही ऐसी महिलाएं देखी होगी जो गर्भ अवस्था में काफी ज्यादा मोटी हो जाती हैं। गर्भावस्था में मोटी होने का कारण यही होता है कि महिलाएं अपने शरीर पर ज्यादा जोर नहीं डालती और शरीर पर जोर ना गिरने के कारण महिलाएं दिन प्रतिदिन मोटी हो जाती हैं। महिलाओं को रोजाना घूमना चाहिए और अगर किसी कारणवश घूमने नहीं जा पा रही हैं तो फिर उन्हें अपने घर में भी छत पर घूमना चाहिए।
नियमित रूप से थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करनी चाहिए
गर्भावस्था के समय महिलाओं को नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए एक्सरसाइज का मतलब यह नहीं है कि वह जिम में जाकर ज्यादा वजन उठाएं। हमारा कहने का मतलब यह है कि महिलाओं को घर में सामान्य रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए और शरीर के वजन को नियंत्रित करने के लिए योगा तथा सामान्य व्यायाम करने चाहिए। अगर महिलाएं इतना भी कार्य कर लेती हैं, तो भी वह गर्भावस्था के दौरान आसानी से अपने शरीर का वजन नियंत्रित कर सकते हैं।
ज्यादा फाइबर वाली चीजों का सेवन करें
गर्भावस्था के समय जो महिलाएं ज्यादा मोटी होती हैं तो उन मोटी महिलाओं को अपने शरीर के वजन पर नियंत्रण रखने के लिए और अपने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए ज्यादा फाइबर वाली चीजों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा फाइबर वाली चीजों को खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और जब एक लंबे समय तक भरा रहेगा तो उस समय महिलाओं को भूख भी नहीं लगेगी। इसीलिए महिलाएं ज्यादा से ज्यादा यह कोशिश करें कि हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जैसे कि उबले हुए चने , दालें, केला, तरबूज, खरबूजा। इसके अतिरिक्त साबुत अनाज से बने आहार का सेवन करना चाहिए। साबुत अनाज से बने आहार का सेवन करने से महिलाओं का पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
गर्भावस्था के समय साधारण भोजन का सेवन करें
गर्भावस्था के समय महिलाओं को साधारण भोजन का सेवन करना चाहिए बहुत सी महिलाएं तरह-तरह के मिर्च मसाला वाले खाने का सेवन करते हैं। क्योंकि उन्हें चटपटा खाना काफी अच्छा लगता है या फिर बहुत सी महिलाएं तो काफी ज्यादा तले हुए खाने का सेवन करती हैं और तले हुए खाने का सेवन करने के पश्चात वह पहले से भी ज्यादा मोटी हो जाती हैं इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बिल्कुल साधारण खाना खाना चाहिए।
अगर वह सोच रही है कि तला हुआ खाने से स्वस्थ रह लेंगे तो वह बिल्कुल गलत सोच रही हैं। ज्यादा चटपटा खाना और तला हुआ खाना महिलाओं को बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है और इसी के साथ-साथ उनके बच्चे को भी काफी कमजोर बना देता है। आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ बच्चे बचपन से ही काफी कमजोर होते हैं और उनका दिमाग भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। यह इसी का कारण होता है कि जब गर्भावस्था के समय महिलाएं अपना ध्यान नहीं रखती और अपने शरीर का वजन काफी ज्यादा बढ़ा लेती हैं, तो उसी के कारण उनके बच्चे को इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
खाद्य पदार्थों की जगह पर जूस आदि का सेवन
गर्भावस्था के समय जिन महिलाओं का वजन नियंत्रित नहीं रहता और वह काफी ज्यादा मोटी होती हैं, तो इस प्रकार की महिलाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है कि उन्हें ज्यादातर खाना खाने की जगह पर पीने वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। जैसे कि गर्भावस्था के समय महिलाएं ताजे फलों के जूस का सेवन कर सकती हैं या फिर नारियल पानी का सेवन कर सकती हैं। अगर महिला ही इस प्रकार की चीजों का सेवन करती हैं तो इस प्रकार उनके शरीर का वजन भी ज्यादा नहीं बढ़ पाता और उनकी भूख भी शांत रहती हैं। इसके अतिरिक्त इस प्रकार की पीने वाली चीजों का सेवन करने से महिलाओं के शरीर को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं जिनसे उनके बच्चे का भी अच्छा विकास होता है।
ज्यादा भूख लगने पर ही खाएं
गर्भावस्था के समय जो महिलाएं सारा दिन ही कुछ ना कुछ खाती रहती हैं, तो इस प्रकार की महिलाओं को गर्भावस्था में काफी दिक्कत हो सकती हैं। इसीलिए इस प्रकार की महिलाओं को यही सलाह दी जाती है कि उन्हें ज्यादा खाने की जगह पर बहुत कम खाना चाहिए उन्हें जब भूख लगती है तो तभी खाना चाहिए। उन्हें खाने की चीजों को खाने की जगह पर दूसरे पोस्टिक तत्व का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए, जिससे उनके शरीर को ताकत भी मिलेगी और उनके शरीर का वजन भी नियंत्रित रहेगा।
Conclusion –
गर्भावस्था के समय जिन महिलाओं के शरीर का वजन काफी ज्यादा होता है तो उनके बच्चों को किस प्रकार नुकसान पहुंच सकता है और किस प्रकार महिलाएं गर्भावस्था के समय अपने वजन को नियंत्रित करके रख सकती हैं इन सब के बारे में हमने आपको विस्तार से बताया हैं। इसके अतिरिक्त हमने आज जाना की How Obesity Harms Pregnant Women In Hindi तथा How To Control Body Weight In Pregnancy In Hindi इसके अतिरिक्त हमनें आपको Why do Women Get Fat During Pregnancy In Hindi तथा What is the Treatment for Obesity in Women During Pregnancy In Hindi के बारे में भी बताया हैं, ताकि महिलाएं समय पर अपने वजन को नियंत्रित करके खुद भी स्वस्थ रह सकें और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे दे सकें।