Diarrhea in Babies: नवजात शिशुओं को दस्त क्यों लगते हैं – जानिए दस्त के लक्षण और उपाय ? |Why do Newborns Get Diarrhea – Know the Symptoms and Best Remedies of Diarrhea?

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Dr. Arti Sharma
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Dr. Arti Sharma is a certified BAMS doctor with at least 2 years of article writing experience on various medication and therapeutic lines. She is known for her best work in ayurvedic medication knowledge and there uses. Her hobbies including reading books and writing articles. With a good grip in sports, she uses to play for her university cricket team as a captain. Her work for ayurvedic is well known.डॉ आरती शर्मा एक प्रमाणित BAMS डॉक्टर है जिन्हे कम से कम 2 साल का विभिन्न दवाइयों और चिकित्सीय रेखाओं पर लेखन का अनुभव है। वह आयुर्वेदिक दवाओं के ज्ञान और उनके उपयोग में अपने बेहतरीन काम के लिए जानी जाती हैं। उनका शौक किताबें पढ़ना और लिखना है। खेलों में अच्छी पकड़ के साथ, वह एक कप्तान के रूप में अपनी विश्वविद्यालय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुकी हैं। आयुर्वेद के क्षेत्र में उनका काम अच्छी तरह से जाना जाता है।
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नवजात शिशुओं को दस्त क्यों लगते हैं – जानिए दस्त के लक्षण और उपाय ?

दस्त एक ऐसी समस्या है जो बड़े लोगों के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी काफी ज्यादा प्रभावित करती है। दस्त लगना एक आम बात होता है लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे देश में हर साल हजारों बच्चे दस्त लगने की वजह से ही मर जाते हैं। यदि दस्त का सही इलाज हो जाए तो यह बच्चों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन सही इलाज ना होने के कारण दस्त एक गंभीर समस्या भी बन सकती हैं, इसीलिए दस्त का इलाज समय पर ही जरूरी होता है।

छोटे बच्चों का शरीर बहुत ही कमजोर होता है उन्हें बहुत से कारणों से दस्त लग सकते हैं यहां तक कि जब मौसम में बदलाव होता है या फिर बच्चे दूध ज्यादा पी लेते हैं तो इसके कारण भी उन्हें दस्त लग सकते हैं। इसके अतिरिक्त घर पर साफ सफाई ना रहने के कारण भी बच्चों को दस्त लग सकते हैं।

इसलिए हमें अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त भी काफी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं, अगर रात के समय आपके छोटे बच्चों को दस्त लग जाते हैं, तो उस समय आपको कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल भी करना चाहिए जिससे कि आप दस्त को रोक पाएं कहीं बार Viral Infection , Bacterial Infection या फिर पेट में इन्फेक्शन होने के कारण भी बच्चों को दस्त लग जाते हैं। इसीलिए ज्यादा दस्त लगने की परिस्थिति में बच्चे का इलाज आवश्यक होता हैं।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से यही जानने वाले हैं कि Bacho Ke Dast Ka ilaz In Hindi तथा Bacho Ke Dast Ke Gharelu Upay इसी के साथ-साथ हम आपको Loose Motion Ke Gharelu Upay In Hindi तथा Loose Motion Me Kya Khana Chahiye इसके बारे में भी बताएंगे ताकि आप अपने बच्चों को Loose Motion लगने पर आसानी से उन्हें ठीक कर सकें।

शिशुओं को किस वजह से दस्त लग सकते हैं - What Can Cause Diarrhea in Babies In Hindi ?

शिशुओं को किस वजह से दस्त लग सकते हैं – What Can Cause Diarrhea in Babies In Hindi ?

ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनकी वजह से बच्चे को दस्त लग सकते हैं, क्योंकि बच्चों का शरीर काफी कमजोर होता है जिसकी वजह से उन्हें काफी जल्दी दस्त लग जाते हैं। इसलिए आपको उन कारणों के बारे में जानना बहुत आवश्यक है तभी आप अपने बच्चों को दस्त होने से बचा सकते हैं।

वायरल इनफेक्शन ( Viral Infection )

• बच्चों को अगर वायरल इंफेक्शन हो जाता हैं, तो viral infection के कारण भी उन्हें पेट में दर्द उल्टी बुखार या दस्त लग सकते हैं। दस्त होने का सबसे पहला कारण विषाणु ही होते हैं यह बच्चे की अंतडियों ( intestines ) को प्रभावित करते हैं जिससे पेट में गैस भी बन सकती है। इस विषाणु का नाम rotavirus होता हैं। यह वायरस शरीर की आंतों की अंदरूनी परत को क्षति पहुंचाता है और इस क्षतिग्रस्त परत से ही तरल पदार्थ का रिसाव भी होता है और जो भोजन आंतों में होता है वह निकलने लगता हैं, कुछ मामलों में पानी की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता हैं।

• अगर आपको अपने शिशु को rotavirus से बचाना हैं, तो आपको उसे टीकाकरण के तहत है टीका लगवाना चाहिए हर एक बच्चे को जन्म के पश्चात टीका लगता हैं। यदि आप अपने बच्चे को भी टीका लगवा लेते हैं, तो वह rotavirus से बचा रहेगा यह टीका बच्चे के जन्म के पश्चात 6 से 8 हफ्तों के अंदर अंदर लगना चाहिए।

• वैसे तो वायरल के कारण होने वाले दस्त आसानी से ठीक हो जाते हैं, क्योंकि डॉक्टर बच्चे को viral infection होने पर Antibiotics देता है जिससे कि बच्चा आसानी से ठीक हो जाता है लेकिन जिन बच्चों में पानी की कमी होती हैं, तो उन बच्चों के लिए diarrhea काफी गंभीर भी हो सकता हैं। आपको पता होना चाहिए कि diarrhea बच्चों के लिए बेहद ही खतरनाक बीमारी साबित हो सकती है इसीलिए इस बीमारी का तुरंत ही इलाज करवाना सही रहता हैं।

बैक्टीरियल इनफेक्शन ( Bacterial Infection )

• बहुत से जीवाणु भी दस्त का कारण बन सकते हैं। यदि आपके शिशु को बैक्टीरियल संक्रमण ( Bacterial Infection ) हो जाता हैं, तो उसके कारण भी आपके शिशु को तुरंत ही बुखार हो जाता है उल्टी आनी शुरू हो जाती हैं। इसी के साथ-साथ उसे दस्त भी लग जाते हैं और पेट में मरोड़ होने लगती हैं।

• अगर बच्चे की उम्र 10 साल से ज्यादा है तो बैक्टीरियल इनफेक्शन ( Bacterial Infection ) अपने आप भी ठीक हो जाता है, जिसके कारण दस्त की समस्या भी अपने आप ही ठीक हो जाती हैं लेकिन यदि आपका बच्चा छोटा हैं, तो इस प्रकार के बच्चों को बैक्टीरियल इनफेक्शन ( Bacterial Infection ) के कारण गंभीर रूप से दोस्त भी लग सकते हैं। इसलिए आपको अपने बच्चे का इलाज तुरंत ही करवाना आवश्यक हैं, क्योंकि दस्त लगने पर बच्चे का इलाज जितना जल्दी हो जाए उतना ही सही रहता हैं।

कान का संक्रमण ( Ear Infection )

अगर आपके बच्चे को कान में संक्रमण हो जाता है तो उसकी वजह से भी आपके बच्चे को दस्त लग सकते हैं। कान में संक्रमण की वजह से दस्त लगने पर आपका बच्चा पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाता है और अपने कान को पकड़कर बार-बार खींचता रहता हैं। इस प्रकार के संक्रमण में बच्चे को उल्टियां भी लग सकती हैं और भूख भी काफी कम हो सकती हैं। जब इस प्रकार के संक्रमण में आपका बच्चा अपने कानों को बार-बार पकड़ता है, तो उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके बच्चे के कान में संक्रमण हुआ है जिसकी वजह से वह इस प्रकार की प्रतिक्रिया दे रहा हैं।

परजीवी संक्रमण ( parasitic infection )

बहुत से परजीवी भी दस्त फैलाने का कार्य करते हैं हम सभी जानते हैं कि बच्चों का शरीर बहुत ही कमजोर होता हैं,अगर वह परजीवी के संपर्क में आ जाएं तो उसके कारण भी आपके बच्चों के पेट में गैस दस्त या फिर चिकना मल हो सकता है। अगर बच्चे को परजीवी संक्रमण ( Parasitic Infection ) हो जाता हैं, तो फिर उसका इलाज डॉक्टर काफी आसानी से कर सकते हैं लेकिन बच्चे को ठीक होने में 2 से 3 दिन का समय भी लग सकता हैं। डॉक्टर धीरे-धीरे ही इस वायरस के लक्षणों को पूरी तरह खत्म करते हैं।

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सही ढंग से दूध ना देने पर

जब आप अपने बच्चे को बोतल की सहायता से दूध पिलाती हैं, तो यदि आपने अच्छे तरीके से उस दूध को तैयार नहीं किया है तो उसके कारण भी आपके बच्चे को दस्त लग सकते हैं। इसलिए आपको अच्छी तरह पता होना चाहिए कि बच्चे का दूध बनाते समय दूध का पाउडर कितना डालना है और उसमें पानी कितना डालना हैं। यदि आपको इस चीज के बारे में अच्छे से पता होगा तो फिर आपके बच्चे को दस्त नहीं लगेंगे।

एंटीबायोटिक दवाइयां

अगर किसी बीमारी की वजह से डॉक्टर ने आपके बच्चे को एंटीबायोटिक ( Antibiotics ) दवाइयां दी हैं और वह बच्चे के शरीर को रास नहीं आई तो इसकी वजह से भी बच्चे को दस्त लग सकते हैं, क्योंकि छोटे बच्चों का शरीर इतना ज्यादा मजबूत नहीं होता कि वह गरम दवाइयों को सहन कर सके इसलिए उन्हें दस्त लग सकते हैं।

बाजार का जूस पीने से

बाजार में जो जूस मिलता है उसे बनाने के लिए फलों के साथ-साथ केमिकल का भी इस्तेमाल होता है। इसीलिए अगर आप अपने बच्चों को इस प्रकार का जूस पिलाते हैं तो उससे उसे तुरंत ही दस्त लग सकते हैं। इसीलिए बच्चे को घर पर ही जूस बनाकर पिलाएं।

वक्त से पहले खाना खिलाने पर

ज्यादातर सभी बच्चों को 6 से 7 महीने की आयु के पश्चात ही खाने की दूसरी चीजें खिलानी शुरू की जाती हैं, क्योंकि शुरुआत में उन्हें चीजों को निगलने में बड़ी परेशानी होती है और वह धीरे-धीरे ही खाने की चीजों को निगलना सीखते हैं। यदि आप अपने बच्चे को एकदम से ही खाना खिलाना शुरू करते हैं तो उसके कारण भी उसे दस्त लग सकते हैं, क्योंकि शुरुआत में बच्चे को खाना खाने की आदत नहीं होती और वह धीरे-धीरे ही खाना शुरू करता हैं। इसलिए जब आप बच्चे को खाना खिलाना शुरू करें तो बहुत ही कम मात्रा में उसे खाना खिलाए।

बच्चे को गंदे हाथों से खाना खिलाने के कारण

अगर आप अपने बच्चे को खाने की कोई चीज खिला रहे हैं और उसे बिना ही हाथ धोए वह चीज खिला देते हैं तो उसके कारण भी बच्चे को दस्त लग सकते हैं क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि, आपके हाथों पर बहुत से बैक्टीरिया हो या कीटाणु हो और वह कीटाणु जब आपके खिलाए गए खाने के माध्यम से बच्चे के शरीर में प्रवेश करेंगे तो वह दस्त का कारण बन सकते हैं। इसीलिए बिल्कुल साफ सुथरे हाथों से ही बच्चे को खाना खिलाएं।

दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण

आपके छोटे बच्चों को दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी दस्त लग सकते हैं। बहुत बार ऐसा होता है कि माता-पिता अपने छोटे बच्चों को दवाई की ओवरडोज खिला देती हैं जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें तुरंत ही दस्त लग जाते हैं। इसीलिए अगर आप अपने बच्चों को दस्त जैसी गंभीर बीमारियों से बचाना चाहते हैं तो, डॉक्टर आपको जिस प्रकार समझाता है बिल्कुल वैसे ही बच्चे को दवाई की खुराक दें।यदि आप अपनी मर्जी से ही दवाई की खुराक में परिवर्तन करते हैं, तो उसके कारण आपके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।

ज्यादा खाना खिलाने से

बच्चे को उसकी उम्र के हिसाब से ही खाना खिलाना चाहिए अगर आपका बच्चा छोटा हैं, तो उसे उसके शरीर के हिसाब से ही खाना खिलाए अपने बच्चों को कभी भी जबरदस्ती कुछ खाने के लिए ना कहे। कई बार आप अपने बच्चों को कुछ ज्यादा ही खाना खिला देती हैं जो कि उसे हजम करने में काफी ज्यादा समय लगता हैं।

बच्चे को दस्त लगने के लक्षण क्या होते है - What are the Symptoms of Diarrhea in a Child In Hindi ?

बाजार का तला हुआ खाना

जब तक आपका बच्चा 14-15 साल की उम्र में ना पहुंचे, तो तब तक उसे बाजार कि खाने वाली चीजों से दूर रखना चाहिए क्योंकि बाजार में जो खाना मिलता है। उसमें काफी ज्यादा मिर्च मसाले होते हैं और इसी के साथ-साथ उनमें केमिकल भी मौजूद होते हैं, इसीलिए इस प्रकार का खाना बच्चों को दस्त लगा सकता है।

बच्चे को दस्त लगने के लक्षण क्या होते है – What are the Symptoms of Diarrhea in a Child In Hindi ?

जो आपके बच्चे को दस्त लग जाते हैं, तो बच्चे के शरीर में आपको बहुत से ऐसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनसे आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके बच्चे को दस्त लग चुके हैं जैसे कि :-

• जब बच्चों को दस्त लग जाते हैं तो उनके पेट में दर्द या फिर पेट में ऐठन रहती है जिसकी वजह से वह काफी बेचैन रहते हैं।

• दस्त लगने पर बच्चों को बार बार शौचालय जाना पड़ता है।

• दस्त लगने पर बच्चों को बिल्कुल पानी की तरह मल आता है, जिसे देखकर उनकी माताएं इस बात का अनुमान लगा सकती हैं कि उन्हें दस्त लग चुके हैं।

• दस्त लगने पर बच्चों को बुखार भी हो जाता है। यदि दस्त के साथ-साथ बच्चों को बुखार होता है तो इस प्रकार की सूचना आपको डॉक्टर को देनी चाहिए, क्योंकि जब बच्चों को दस्त के साथ साथ बुखार होता है, तो यह वायरल इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है और वायरल इंफेक्शन का इलाज तुरंत ही जरूरी होता है।

• दस्त लगने पर बच्चों की भूख में काफी कमी आ जाती है और यदि वह कुछ खाते भी हैं तो उन्हें तुरंत ही शौचालय जाना पड़ता है, क्योंकि दस्त लगने के कारण पाचन तंत्र पूरी तरह से कमजोर पड़ जाता है।

• दस्त लगने के कारण बच्चों के शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है, क्योंकि दस्त लगने पर बच्चों को पानी की तरह मल आ रहा होता है और इसी वजह से बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो सकती है जिसे Dehydration भी कहा जाता है।

बच्चों को दस्त लगने पर हमें किन बातों का ख्याल रखना चाहिए – What Should We Take Care of When a Child Has Diarrhea In Hindi ?

जब बच्चों को दस्त लगे होते हैं तो उस समय आपको बहुत ही सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं जैसे कि :-

• जब आपके बच्चों को दस्त लगा होता है, तो उस समय आपको एक बात सुनिश्चित करनी चाहिए कि , आपके घर में अगर किसी दूसरे व्यक्ति को दस्त लगे हुए हैं तो उस व्यक्ति को भोजन नहीं बनाना चाहिए।

• आपके बच्चे को अगर दस्त लगे हुए हैं तो उसके शौचालय जाने के बाद आपको शौचालय किसी को अच्छी तरह साफ करना चाहिए जिससे कि दस्त के कीटाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाएं।

• जब बच्चा शौचालय जाता हैं, तो उसके पश्चात आपको उसके हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए, ताकि उसके हाथों पर जमे हुए बैक्टीरिया नष्ट हो जाएं।

• अगर आपने अपने बच्चों को दस्त ठीक करने की दवाई दी हैं, तो दवाई देने के पश्चात 4 से 5 घंटों का इंतजार करना चाहिए और उसके पश्चात दवाई की दूसरी खुराक देनी चाहिए।

• दस्त लगने पर आपको अपने बच्चे के कपड़े साधारण पानी से ही नहीं धोने चाहिए। आपको उसमें Liquid Dettol की कुछ बूंदे डालनी चाहिए और फिर उन कपड़ो को धोना चाहिए ताकि कपड़ों पर जमे बैक्टीरिया मर जाएं।

• यदि आप अपने घर में बैक्टीरिया के विकास को रोकना चाहते हैं, तो आप को भोजन को फ्रिज में रखना चाहिए, क्योंकि फ्रिज में भोजन रखने से जल्दी ही उसके व्यक्ति या नष्ट हो जाते हैं।

• अगर घर में किसी व्यक्ति को दस्त लगे हुए हैं, तो उसे अपना झूठा खाना बच्चे को नहीं खिलाना चाहिए या फिर बार-बार बच्चे का मुंह नहीं चूमना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार भी बैक्टीरिया उस व्यक्ति के शरीर से बच्चे के शरीर पर पहुंच सकते हैं और बच्चे को दस्त लग सकते हैं।

बच्चों को दस्त लगने से कैसे बचाएं – How to Prevent Diarrhea in babies In Hindi ?

अगर आप अपने बच्चों को दस्त लगने से बचाना चाहते हैं, तो आपको बहुत से तरीके आजमानें होंगे जैसे कि :-

• आपको अपने घर पर पूरी तरह साफ सफाई रखनी चाहिए। खासतौर पर आपको अपने घर का फर्श बिल्कुल साफ सुथरा रखना चाहिए, क्योंकि फर्श पर बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिनकी वजह से आपके बच्चों को दस्त भी लग सकते हैं। इसलिए अपने घर के फर्श पर रोजाना दो बार पोचा लगाएं और घर में दूसरी चीजों में भी साफ सफाई बनाए रखें।

• आपका बच्चा जिन खिलौनों से खेलता है उनमें भी काफी सारे बैक्टीरिया इकट्ठा हो जाते हैं। इसलिए आपको उन खिलौनों को रोजाना अच्छी तरह साफ करना चाहिए और उसके पश्चात ही उन खिलौनों को बच्चों को देना चाहिए ताकि वह स्वस्थ रह सकें।

• आप अगर घर में कच्चा मांस लाए हैं तो पहले उस कच्चे मांस को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए तभी उसे बना कर खाना चाहिए, क्योंकि कच्चे मांस में भी बहुत से बैक्टीरिया होते हैं जो कि बच्चों को दस्त लगा सकते हैं।

• आपको अपनी दवाइयों को भी बच्चे की पहुंच से दूर रखनी चाहिए या फिर किसी भी प्रकार की दवाई है तो है बच्चे की पहुंच से दूर रखनी चाहिए क्योंकि अगर बच्चा गलती से किसी दवाई को खा लेता है, तो उसके पश्चात उसे तुरंत ही दस्त लग सकते हैं।

• आपको अपने घर के बर्तनों को पूरी तरह से साफ करना चाहिए, कई बार जब बर्तनों मैं खाना जमा रह जाता है, तो उस खाने में भी अनेकों प्रकार के बैक्टीरिया जन्म ले लेते हैं, इसलिए आपको अपने घर के बर्तनों की भी साफ-सफाई अच्छी तरीके से करनी चाहिए।

• अगर आप कहीं बाहर से घर आते हैं तो जब घर आते हैं, तो सबसे पहले अपने हाथों पैरों को अच्छी तरह धोना चाहिए और उसके पश्चात ही बच्चे को हाथ लगाना चाहिए, क्योंकि जब आप कहीं बाहर से आते हैं तो आपके हाथों पैरों पर काफी ज्यादा बैक्टीरिया भी होते हैं जिनके संपर्क में बच्चा आसानी से आ सकता है।

• अगर शिशु को दस्त लगे हुए हैं तो जब आप उसके कपड़ों को बदलते हैं, तो उसके शरीर को अच्छी तरह गुनगुने पानी से साफ करें। क्योंकि दस्त करने के पश्चात बच्चे के शरीर पर बैक्टीरिया जमी रह जाते हैं जो फिर से उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं इसीलिए दस्त करने के पश्चात बच्चों के शरीर को भी अच्छी तरह साफ करें।

बच्चों के दस्त को रोकने के घरेलू उपाय - Home Remedies to Stop Diarrhea in Children In Hindi ? images
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बच्चों के दस्त को रोकने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Stop Diarrhea in Children In Hindi ?

ऐसे बहुत से घरेलू नुस्खे हैं जिनसे बच्चे के दस्त रोके जा सकते हैं जैसे कि :-

गाजर का रस

गाजर का रस दस्त को रोकने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। यदि आप अपने बच्चे को दस्त लगने पर गाजर को अच्छी तरह कद्दूकस करके उसे गर्म पानी में अच्छी तरह 15 से 20 मिनट तक उबालें और फिर इसे थोड़ा सा गुनगुना होने पर बच्चे को चम्मच से पिलाएं इस प्रकार आपके बच्चे के दस्त रुक जाएंगे।

नींबू का उपयोग करें

नींबू का इस्तेमाल बहुत सी बीमारियों में किया जाता है नींबू में anti-oxidant तथा Anti-bacterial गुण होते हैं जो कि संक्रमण को रोक देती हैं। इसीलिए बच्चे को दस्त लगने पर एक कटोरी में एक नींबू का रस निकाल लें और उसमें थोड़ा सा खा ले और फिर चम्मच की सहायता से बच्चे को पिला दें इस प्रकार भी दस्त रुक जाएंगे।

चावल का पानी दें

अगर किसी छोटे बच्चे को दस्त लगे हुए हैं, तो फिर दस्त को रोकने के लिए आप उसे चावल का पानी भी पिला सकते हैं। चावल का पानी भी दस्त रोकने के लिए बेहद फायदेमंद होता हैं।

दही

दस्त को रोकने के लिए दही भी एक बेहतरीन औषधि साबित होती है। अगर आप घर की बनी छाछ को दस्त लगने पर शिशु को काला नमक गेर कर पिलाते हैं, तो इस प्रकार भी आपके बच्चे के दस्त रुक जाते हैं। इसके अतिरिक्त आप जीरे को भूनकर कर इसे दही में मिलाकर एक चम्मच दही बच्चे को खिला दें इस प्रकार भी दस्त रुक जाएंगें।

नारियल पानी

बच्चे के दस्त रोकने के लिए नारियल पानी भी बेहद फायदेमंद माना जाता है अगर आपके बच्चों को दस्त लगे हुए हैं, तो आप उन्हें पांच से छह चम्मच नारियल पानी का सेवन करवाइए। इस प्रकार आपके बच्चे के दस्त रुक जाएंगे यदि आपका बच्चा बड़ा है, तो आप उसे एक नारियल का पानी भी पिला सकते हैंष इस प्रकार भी दस्त आसानी से रुक जाते हैं।

दस्त लगने पर बच्चे को क्या खिलाएं – What to Feed a Baby In Diarrhea In Hindi ?

• दस्त लगने पर बच्चों को ORS का घोल पिलाना चाहिए, क्योंकि बच्चों के शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है और ORS वैसे भी दस्त लगने पर बच्चों के लिए रामबाण सिद्ध होता हैं।

• दस्त लगने पर आप अपने बच्चों को मूंग की दाल का पानी भी पिला सकती हैं। मूंग की दाल का पानी पिलाने से दस्त में बहुत ही आराम मिलता है और बच्चे के शरीर में पानी की कमी भी पूरी होती हैं। मूंग की दाल का पानी पीने से बच्चे को उर्जा भी प्राप्त होती है।

• दस्त लगने पर आपको अपने बच्चों को खिचड़ी बना कर खिलाना चाहिए। आप बिल्कुल पतली सी खिचड़ी भी बनाकर अपने बच्चों को खिला सकती हैं, क्योंकि खिचड़ी एक बहुत ही साधारण सा भोजन है जो कि बच्चों को आसानी से हजम हो जाता हैं।

• अगर आपका बच्चा बड़ा है और उसे दस्त लगे हुए हैं तो आप अपने उस बच्चे को दस्त लगने पर घीया, तोरी, करेला, कद्दू आदि की सब्जियां भी खिला सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप उसे दाल के साथ रोटी भी खिला सकते हैं यह खाना भी उसके लिए बिल्कुल सही रहेगा।

• दस्त लगने पर आपको अपने बच्चों को दलिया भी खिलाना चाहिए। दलिया भी दस्त लगने पर बेहद फायदेमंद साबित होता हैं।

• दस्त लगने पर आप सोयाबीन की सब्जी भी खा सकते हैं, सोयाबीन भी दस्त लगने पर खाने में बेहद फायदेमंद साबित होती हैं।

Conclusion –

बच्चे को दस्त लगने पर किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए और बच्चे को दस्त में क्या खाने देना चाहिए क्या नहीं खाने देना चाहिए, इसके बारे में भी हमने आपको बताया हैं। इसके अतिरिक्त आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको Bacho Ke Dast Ka ilaz In Hindi तथा Bacho Ke Dast Ke Gharelu Upay के बारे में बताए हैं। इसी के साथ-साथ हमनें आपको Loose Motion Ke Gharelu Upay In Hindi तथा Loose Motion Me Kya Khana Chahiye यह भी बताया हैं। अब यदी आपको हमसे Loose Motion Lagne Par Kya Khaye से संबंधित कोई भी सवाल पूछना हो, तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। धन्यवाद

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