ब्राजील (Brazil) ने तोड़ी कोवैक्सीन (Covaxin) की डिल, भारत बायोटेक से किया गया था समझौता
खबरों से जानकारी मिली है कि भारतीय देसी दवा निर्माता कंपनी जो कि हैदराबाद में स्थित है। उसके साथ की गई कोविड-19 रोधी वैक्सीन की डील को ब्राजील ने रद्द कर दिया है। सुनने में आया है कि कोवैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में यानी कि नैदानिक परीक्षण के दौरान असफल हो गया, जिस कारण ब्राजील ने डिल तोड़ने करने की बात की।
भारत बायोटेक हमारे देश की एक स्वदेशी कंपनी है जो देश में कोवैक्सीन की आपूर्ति व कमी को पूरा करता है। कम्पनी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि ब्राजील ने कोवैक्सीन के लिए फरवरी महीने में भारत बायोटेक के साथ समझौता किया था, जिसमें 10 करोड़ कोवैक्सीन डोज की मांग की गई थी। जिसका परीक्षण भारत बायोटेक के तहत ब्राजील में चल भी रहा था।
ऐसे में दोनों के बीच हुआ करार रद्द करने की खबर आ रही है जिसकी वजह कोवैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल में असफल होना बताया जा रहा है। दक्षिण अमेरिका के स्वास्थ्य नियामक ने कहा कि उसके साझेदार के साथ कंपनी द्वारा किए गए सारे समझौते समाप्त करने के पश्चात ही यह निर्णय लिया गया है। इस प्रकार इस डिल को रद्द करना गैरकानूनी नहीं है।
भारत बायोटेक ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि ब्राजील के बाजार के लिए प्रेसिसा मेडिकामेन्टोस एंड एन्विक्सिया फार्मास्युटिकल्स एएल.सी ने कोवैक्सीन का समझौता ब्राज़ीलियाई साझेदारों के साथ किया था, अब वह इस समझौता ज्ञापन को रद्द कर रहा है। ब्राजील ने भारत बायोटेक के साथ दस करोड़ कोवैक्सीन के खुराक की डील की थी, जो कि परीक्षण में असफल निकला।
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जानकारी मिल रही है कि ब्राजील ने भारत बायोटेक को कोवैक्सीन के लिए अभी तक कोई अग्रिम भुगतान भी नहीं किया है। भारत बायोटेक ने साफ दावा किया है कि उसके और ब्राजील के बीच करार ग्लोबल डील और कानूनों के आधार पर ही किया गया था। ऐसे में भारत बायोटेक ने विनिमय के लिए की गई सभी नियमों का पालन भी किया था।
ब्राजील के स्वास्थ्य नियामक ने अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा कि भारत बायोटेक के साथ सबमिशन, लाइसेंस, वितरण, बीमा और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों के संचालन की साझेदारी तो की गई थी, लेकिन बहुत से जगहों पर सहमति नहीं बनी। जिस कारण वे इस डिल को खारिज करने का निर्णय लिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ब्राजील को भारत बायोटेक से एक ईमेल के जरिए सूचना प्राप्त हुई ,जिसके पश्चात ब्राजील ने डिल को निलंबित कर दिया। इस ईमेल में प्रेसिसा कंपनी ब्राजील में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए नहीं मान रही है, इस बारे में भारत बायोटेक कंपनी ने एक बयान लिखकर ब्राज़ीलियाई सरकार को भेजा था।
ब्राजील में कोवैक्सीन के विनिमय के लिए कंपनी की दो प्रक्रियाएं होती है- पहले आपातकालीन आयात के लिए अधिकार प्राप्त करने की मंजूरी और दूसरा उस देश में क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए किया गया समझौता। ब्राजील का कहना है कि ‘वह एन्विजा एजेंसी में चल रही परीक्षणों का फिर से निरीक्षण करेगी एवं और सही कदम भी उठाएगी। लेकिन कोवैक्सीन का नैदानिक परीक्षण अब ब्राजील में शुरू नहीं होगा।’
भारत बायोटेक ने बताया कि ’26 फरवरी 2021 को उसने दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान ब्राज़ीलियाई सरकार के साथ एक समझौता किया था, जिस समझौते में कोवैक्सीन का डिल हुआ था। ऐसे में अब ब्राज़ील सरकार उस बात से मुकर रही हैं।’ ब्राज़ीलियाई दवा नियामक संस्था, जो की एन्विजा के साथ कार्य करती है, उसके द्वारा कंपनी के नियामक संबंधी सभी प्रक्रियाओं पर सहमति जताई गई थी।
सुनने में आया है कि ब्राजील सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के कारण ही कोवैक्सीन के डिल को अस्थाई तौर पर रद्द कर दिया है। ऐसे में भारत बायोटेक कंपनी को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। भारत बायोटेक कंपनी ब्राजील के सरकार से समझौते को रद्द ना करने की मांग कर रही है।