AIIMS New Research on 1,234 Patients
कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी लोगों में अस्वस्थता देखी जा रही है। नींद नहीं आना, शरीर में थकान आदि अस्वस्थता कोरोनावायरस के ठीक होने के बाद लोगों के शरीर में देखी जा रही है। यह शायद पोस्ट कोविड के लक्षण है जैसा कि मैक्स ने पहले ही बताया था कि कोरोना के ठीक होने के बाद या पोस्ट कोविड लक्षण देखे जा सकते हैं।
कोविड-19 महामारी बहुत ही तेजी से पूरे विश्व में फैल रहे हैं, जिसका सामना पूरे देश कर रहे है। सभी देशों में इसका कुप्रभाव आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर पड़ा है। कोरोना वैक्सीनेशन के बाद या कोरोना हो जाने के बाद इसके इलाज करवाने पर भी लोग नेगेटिव तो आ जा रहे हैं लेकिन आज अस्वस्थ लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। कई मरीजों में पोस्ट कोविड के लक्षण देखे जा रहे हैं।
कोरोना महामारी को लेकर कई सर्वे किए गए जिसमें से एक रिसर्च में मैक्स अस्पताल द्वारा किया गया जिसने यह पुष्टि की की करोना ठीक हो जाने के 1 साल तक पोस्ट कोविड के लक्षण देखे जा सकते हैं। इस बात को 2 जुलाई को अमर उजाला द्वारा प्रकाशित किया गया। इसके बाद एम्स मेडिसिन विभाग ने अपने 1,234 मरीजों पर रिसर्च किया और इस बात की पुष्टि मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में प्रकाशित कर किया गया।
कोरोना के नए अध्ययन में क्या पाया गया।
एक अध्ययन द्वारा डॉ नवित विग ने बताया 91 दिन तक मरीजों पर अध्ययन कर पता चला कि 40 परसेंट मरीजों के लक्षण खत्म पूरी तरह से नहीं हुआ है तथा 18.1 ऐसे भी मरीज है जिसमें 1 महीने के अंदर ही लक्षण समाप्त हो गए। जिन मरीजों को संक्रमण के बाद भी तकलीफ रही उनकी संख्या 495 एवं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 223 हैं। ध्यान देने योग्य बात तो यह है कि 150 मरीज ऐसे सामने आए हैं जिनमें 12 सप्ताह बाद भी पोस्ट कोविड के लक्षण देखे गए और 28 मरीज वैसे भी थे जिनमें 12 सप्ताह के बाद भी पोस्ट को वित्त के लक्षण देखे गए।
कोरोना के ठीक होने के बाद भी दिख रहे हैं लक्षण।
कोरोना के ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड के लक्षण देखे जा रहे हैं एम्स के डॉक्टर द्वारा बताया गया कि सबसे ज्यादा मरीजों में थकान(5.5%), मांस पेशियों में दर्द(10.9%), खासी(2.1%) सांस की तकलीफ(6.1%) आदि शामिल है। इसके अलावा मनोदशा में गड़बड़ी 0.48 % अशांत नींद 1.4% और रोगियों में चिंता 0.6 % के लक्षण देखे जा रहे हैं।हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या भी पोस्ट कोविड के मरीजों में देखी जा रही है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें थायराइड ग्रंथि से हार्मोन का अपर्याप्त रूप से थायराइड हार्मोन का स्त्राव होने लगता है। यह तकलीफ अक्षर महीना में प्रसूति के बाद देखी जाती है।
ऐम्स मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल ने अपने अध्ययन द्वारा बताया कि यूनाइटेड किंगडम के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सप्लेंस द्वारा एक मानक तय किया गया जिसके अनुसार 4 से 12 सप्ताह या उससे अधिक समय तक पोस्ट कॉविड के लक्षण बरकरार रहने पर उसे लॉन्ग कोविड सिंड्रोम कहते हैं। शरीर के विभिन्न भागों पर इसका प्रभाव पड़ता है।
ब्लड क्लॉट की भी समस्या आ रही है सामने।
इसके अलावा ब्लड क्लॉट की समस्या भी इस बीमारी में सामने आ रही है। कोरोना के संक्रमण के ठीक होने के बाद भी शरीर में कई परेशानियां देखी जा रही है मध्यमवर्ग गंभीर संक्रमण के मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न तरह की दवाइयां भी चल रही है कोरोना के ठीक होने के बाद जो परेशानियां देखी जा रही है उनके कई कारण हो सकते हैं इसलिए हमे सकारात्मक सोच को रखकर धीरे-धीरे अपने कामकाज की ओर आगे बढ़ना चाहिए। योग्य और।व्यायाम करना चाहिए। प्रतिदिन व्यायाम शरीर की छमता के अनुसार किया जाना चाहिए।
सभी को खुद का ख्याल खुद से रखने की कोशिश करनी चाहिए। तथा ऐसे महामारी का सामना हमें मिलकर करना होगा इसलिए हमें इन सब बीमारियों को अनदेखा नहीं करना है तथा अपने स्वास्थ्य को व्यायाम एवं योगा से स्वस्थ रखना हैं।