Bipolar disorder बाईपोलर डिसऑर्डर क्या है? जानिए बाईपोलर डिसऑर्डर के लक्षण और उपाय, कारण ? What is Bipolar disorder? symptoms, causes and best treatments in Hindi

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Dr. Nick Kumar Jaiswal
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He is a professional blog writer for more than 2 years, he holds a degree in Doctorate in Pharmacy(Pharm D) with experience in medicine dispensing and medication ADRs. His interest in medicine makes him excellent in his research project. Now he prefers to write blogs about medications and diseases. His hobbies include football and watching Netflix. He loves reading novels and gain knowledge about more medication ADRs. He is very helpful in nature and you will often find him helping others in the treatment.डॉ जयसवाल 2 से अधिक वर्षों से एक पेशेवर ब्लॉग लेखक है, ये दवा वितरण और दवा एडीआर में अनुभव के साथ एक फार्म डी डिग्री होल्डर है। चिकित्सा में उनकी रुचि उन्हें अपनी शोध परियोजना में उत्कृष्ट बनाती है। अब वह दवाओं और बीमारियों के बारे में ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं। उनके शौक में फुटबॉल और नेटफ्लिक्सिंग, उपन्यास पढ़ना और अधिक दवा एडीआर के बारे में ज्ञान प्राप्त करना शामिल है। वह प्रकृति में बहुत मददगार है और अक्सर आप इन्हे दूसरों की इलाज में मदद करते हुए देख पाएंगे ।
What is Bipolar Disorder in Hindi Table Of Content :-

Bipolar disorder बाईपोलर डिसऑर्डर क्या है? जानिए बाईपोलर डिसऑर्डर के लक्षण और उपाय, कारण ? What is Bipolar disorder? symptoms, causes and best treatments in Hindi

आज के समय में व्यक्ति अपनी लाइफ में तथा अपने काम में बहुत बिजी हो गया है जिसके कारण उसे मानसिक शांति नहीं मिल पा रही है| इसका असर यह होता है व्यक्ति biopolar disorder जैसे रोग का शिकार हो जाता है| बाइपोलर डिसऑर्डर एक तरह से मानसिक बीमारी होती है एक तरफ से खुश होना तथा  दूसरी तरफ दुखी होना यह बाइपोलर डिसऑर्डर के ही लक्षण है| यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो जाता है|  ऐसा व्यक्ति अचानक से तनाव में आ जाता है और उसका आत्मविश्वास से अचानक से खोने लगता है| जबकि दूसरे ही पल में वह एकदम शांत हो जाता है |

इस बीमारी में कई बार व्यक्ति चाह कर भी अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाता , पर आमतौर पर इस बीमारी से पुरुष और महिलाएं दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं| इस बीमारी में इंसान के व्यवहार में अचानक बदलाव देखने को मिलता है कभी वह खुश रहता है तथा कभी उदास  और उदासी में उसके मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होने लगते हैं| Bipolar disorder रोग को मानसिक विकार के नाम से भी जाना जाता है |

इसका असर कई हफ्तों या महीनों या काफी सालों तक रह सकता है और 100 में से एक व्यक्ति इस मानसिक विकार से ग्रस्त होता है  l यह आमतौर पर किशोरावस्था के दौरान या उसके बाद शुरू होता है और इस बीमारी के कारण पीड़ित अपने ख्यालों में खोया है| ऐसे व्यक्ति के दिमाग में बहुत सी बातें चलती रहती हैं जिन पर उसका काबू नहीं रहता है |

भारत में मानसिक रोग की जागरूकता ना होने के कारण कई लोग इस बीमारी से पीड़ित तो होते हैं परंतु इसका इलाज नहीं करवाते हैं| जिसके कारण समस्या कम होने के कारण और बढ़ जाती है| जो सिर्फ मरीज के लिए ही नहीं बल्कि उसके परिवार के लिए भी कष्टदायक सिद्ध हो सकती हैं| आमतौर पर यह बीमारी उन लोगों में पाई जाती हैं जो नशे का सेवन करते हैं|

Bipolar disorder  बीमारी को लोग पागलपन जैसी बीमारी के नाम से भी जानते हैं l लोगों को लगता है कि रोगी मनुष्य पागलपन का शिकार हो गया है| इस अवस्था में कभी व्यक्ति का ज्यादा खुश रहना तथा कभी डिप्रेशन में चले जाना है ही  बाइपोलर डिसऑर्डर (Biploar disorder) कहलाता है|

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Bipolar disorder  के लक्षण क्या है?  |Symptoms of Bipolar disorder in hindi ?

Bipolar disorder  के लक्षण क्या है?  |Symptoms of Bipolar disorder in hindi ?

 इस बीमारी के होने के बहुत से मुख्य कारण है जैसे

एनर्जी की कमी –

किस रोग में पीड़ित व्यक्ति की एनर्जी बहुत कम होने लगती है वह  चाहता तो सभी काम करने परंतु कर नहीं पाता है| उसे काम करने में परेशानी महसूस होती है|  रोगी एक ही बात को बहुत बार बोल देता है और बात को जल्दी-जल्दी बोलता है और किसी बात को बार-बार बोलना  यही इस बीमारी का लक्षण है|  रोगी उन विचारों में मगन रहता है, जिन बातों से उसका बिल्कुल भी लेना देना नहीं है तथा जो बातें उससे बिल्कुल भी जुड़ी हुई नहीं है|  वह किसी भी कार्य को करने में परेशानी महसूस करते हैं अपनी पूरी एनर्जी नहीं लगा पाते हैं

नींद की समस्या है – 

नींद का कम हो जाना, एक ही काम में अधिक समय लगाना बड़ी-बड़ी बातें करना यह सब Biploar Disorder के लक्षण है l यह एक ऐसा रोग है जिसमें मरीज  छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा हो जाता है और उसे नींद बहुत कम आती है l बहुत ज्यादा विचार में रहने के कारण उन्हें उसे नींद नहीं आती जिसके कारण उसे अनिंद्रा की परेशानी का शिकार होना पड़ता है| Biploar disorder बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति में  पागलपन तथा डिप्रेशन दोनों एक ही साथ हो जाते है | व्यक्ति का व्यवहार चिड़चिड़ा हो जाता है|

सही डाइट ना ले पाना –

 इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति अच्छे से कुछ भी नहीं खा पाता है तथा खाना ना खाना ही इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है| Bipolar disorder रोगी का मन अशांत रहने की वजह से चिड़चिड़ापन उनके व्यवहार में आ जाता है जिससे उनका कुछ भी खाने का मन नहीं करता है l वह  उन चीजों को सोच कर दुखी हो जाता है जिनका उसके जीवन में कोई महत्व नहीं है|  व्यक्ति किसी भी बात को सोचकर अचानक से दुखी हो जाता है और वह दुखी रहता है ना कुछ खाने का मन करता है|

Bipolar disorder के लक्षण निम्न प्रकार के भी हो सकते है

 खुद को चोट पहुंचाना –

 इस रोग से ग्रस्त मनुष्य खुद को शारीरिक चोट पहुंचाते हैं जैसे खुद का हाथ काटना, जुलाना, खुद को मारना तथा बार-बार तथा रोगी बार बार आत्महत्या करने की कोशिश करता हैं|

  • 1).बेचैनी महसूस होना
  • 2)कभी ज्यादा बात करना तथा कभी बहुत कम बात करना|
  • 3) अत्यधिक खुश रहना तथा अति दुखी होना
  • 4) आत्मविश्वास कम हो जाना
  • 5)  वजन बढ़ना तथा वजन तेजी से घटना
  • 6)  हाइपरटेंशन होना
  • 7)  दिमाग को आराम ना मिलना, दिमाग में कुछ ना कुछ चलते रहना|
  • 8)  हर वक्त हर चीज के लिए खुद को दोषी मानना |
  • 9)  खुद को स्वच्छ है ना रखना
  • 10) बेवजह बातें सोच कर बढ़ बढ़ाते रहना खुद से ही बातें करना|
  • 11)  बिना किसी बात से के हंसते रहना और बेवजह खुश रहना|

Bipolar disorder कितने प्रकार के होते हैं?|Types of Bipolar disorder in Hindi ?

Bipolar Disorder  रोग तीन प्रकार का होता है|

बाइपोलर 1 डिसऑर्डर – 

इस अवस्था में  रोगी व्यक्ति के मन की उत्तेजना का स्तर कम हो जाता है तो उसे Bipolar 1 disorder होता है |  यह लोग इतना खतरनाक भी हो सकता है l अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो मरीज पागल भी हो सकता है|

Bipolar 11 disorder –

 इसके अंतर्गत  मरीज के मन की उत्तेजना का स्तर बहुत अधिक हो जाता है जिसके कारण वह बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगता है ,उसे मोनिया या हाइपोमैनिया कहते हैं| यही बाइपोलर 11 डिसऑर्डर है|

 साइकिलोथेमिक बाईपोलर डिसऑर्डर –  

इस अवस्था में मरीज बहुत उदास रहता है तथा उसके मन के भाव बार बार उदास और उत्तेजित कर्म चक्र में उत्पन्न होते रहते हैं| यह  भाव रोगी मनुष्य के दिमाग में कई वर्षों तक चलते रहते हैं| इसके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है यदि मरीज का समय पर इलाज ना किया जाए तो उसकी मृत्यु होने की संभावना भी रहती है|

मूड स्टेबलाइजर के अलावा  साइकोलॉजिकल इलाज भी लाभदायक होता है | इससे बीमारी से रोगी व्यक्ति को बीमारी के बारे में जानकारी देना तथा मन में उदासी तथा रोगी मनुष्य को सामान्य रखने के उपाय बताए जाते हैं|

bipolar disorder treatment | How to treat Bipolar disorder? | बायोपोलर डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट कैसे करें

How to treat Bipolar disorder? | बायोपोलर डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट कैसे करें

जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो उसे पर्याप्त मात्रा में नींद की लेनी होती है| ऐसा करने से कुछ हद तक कम हो सकता है |

रोग से ग्रस्त व्यक्ति को दवाइयों के साथ-साथ रेगुलर थेरेपी भी अवश्य लेनी चाहिए उसे जल्द ही इस रोग से राहत मिलती हैं|

Bipolar disorder रोग से ग्रस्त व्यक्ति अगर बाहर घूमने जाए तथा अलग अलग लोगो से बातचीत करें तो इससे कुछ हद तक रोगी का मन शांत होगा|

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए| उससे बातचीत करनी चाहिए|

बायोपोलर डिसऑर्डर का रोगी मनुष्य अगर नियमित रूप से एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें तो इस रोग से काफी हद तक छुटकारा पा सकता है|

रोजी मनुष्य को धैर्य रखना बहुत जरूरी है और मन में विश्वास रखना बहुत जरूरी है कि समय के साथ-साथ स्वास्थ्य भी जल्दी ही ठीक हो जाएगा|

Physical test –  शारीरिक जांच-

 इस रोग के अंतर्गत रोगी मनुष्य की समय पर  तरह-तरह से शारीरिक प्रशिक्षण तथा जांच की जाती है | इसमें लैब द्वारा किए गए सभी शारीरिक टेस्ट शामिल होते हैं|

 मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग –

 Bioploar disorder के अंतर्गत काउंसलिंग एक एहम उपचार है l इसमें साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर मरीज की काउंसलिंग करते हैं जिससे मरीज की मन की स्थिति को जाना जा सकें  तथा उसके उपचार करने में सहायता मिल सके| इस काउंसलिंग का मुख्य उद्देश्य मरीज की मन की स्थिति को गहराई से जानना है कि उसकी ऐसी स्थिति किस कारण हो रही है|

 

What Are The Remedies In Bipolar disorder  – Bipolar Disorder ठीक करने के उपाय

 एक ऐसी बीमारी है जिससे ग्रस्त व्यक्ति को पूरी उम्र में दवाई खानी पड़ सकती हैं तथा दवाइयों के साथ-साथ से आपको उचित व्यायम करने तथा थेरेपी कराने से भी बहुत लाभ पहुंचेगा|  नीचे दिए गए कुछ चीजों को अगर आप अपने जीवन प्रणाली में अपनाएंगे तो इस रोग से जल्द ही छुटकारा पा सकते हैं जैसे –

·         उचित नियमित व्यायम

·         सकारात्मक सोच

·         तनाव ना ले

·         नकारात्मक चीजों से दूर रहें

·         नशीले पदार्थ से दूर रहे

What Are The Medicines for Bipolar Disorder – बायोपोल डिसऑर्डर के लिए कोन सी दवाइयां रोगी को दे ?

Medicine Names –

1) Torvate 1000 tablet –  price – 65.0

2) Valprol 100 Injection –  price – 20.5

3) Atlura 40 tablet –  price – 84.0

4) Lamitor DT 100 tablet –  price-  377.15

5) Arip MT 10 tablet –  price – 133.6

6) Tegeital 100 tablet –  price – 7.59

7) Encorate chrono 200 tablet –  price – 32.22

8) Epilex 200 tablet – price – 23.74

9) Fludac Syrup – price –  47.6

10) Oleanz Plus tablet- price – 98.0

bipolar disorder and schizophrenia | Difference between Depression and bipolar disorder? |डिप्रेशन और बायोपोलर डिसऑर्डर में अंतर?
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Difference between Depression and bipolar disorder ? |डिप्रेशन और बायोपोलर डिसऑर्डर में अंतर?

बायोपोलर डिसऑर्डर और डिप्रेशन के लक्षण काफी हद तक बहुत समान होते हैं| कई लोग  इन दोनों को एक ही समझ लेते हैं परन्तु इस चीज़ से इंकार नहीं कर सकते की दोनों के बीच सम्बन्ध है |

 डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जिसमे व्यक्ति बहुत परेशान तथा दुखी रहता है तथा व्यक्ति की सोच नकारात्मक तथा नींद की कमी हो जाती है | यही डिप्रेशन Depression के लक्षण होते हैं|

 इन समस्याओ से ग्रस्त मनुष्य जब सभी लिमिट को पार कर देता है तो वह बायोपोलर  डिसऑर्डर “Biploar disorder”कहलाता है|

Bipolar disorder रोग से ग्रस्त व्यक्ति कैसे स्वयं अपनी सहायता करें –

 इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को सबसे पहले इस बीमारी के बारे में संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है| मरीज को अपने मूड का ध्यान रखना होगा तथा इलाज से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त करनी होगी| तथा मरीज को समय-समय पर डॉक्टर की सलाह पर इलाज कराना चाहिए| जिससे समय इस रोग से बचा जा सके और रोगी को अपनी सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए |

नेगेटिव सोच अपने दिमाग में नहीं रखनी चाहिए|  मरीज को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए तथा नियमित रूप से थेरेपी भी लेनी चाहिए| अपने परिवार के साथ अच्छा संबंध बना कर रखना चाहिए| तथा अपने कार्य में व्यस्त रहना चाहिए| तथा मरीज को जिस काम में खुशी मिलती है वही काम करना चाहिए और हमेशा खुश रहना चाहिए|

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