- काला खांसी (Whooping cough or Kali Khansi Introduction):
- काली खांसी के सामान्य लक्षण क्या हैं ? – What are Normal Symptoms of Whooping Cough or Kali Khansi ?
- काली खांसी के शुरुवाती लक्षण क्या हैं ? – What are Early Symptoms of Whooping Cough or Kali Khansi ?
- काली खांसी के बाद के लक्षण क्या हैं ? – What are Later Stage Symptoms of Whooping Cough or Kali Khansi ?
- काली खांसी के होने के कारण क्या हैं ? – What are the causes of Whooping Cough or Kali Khansi ?
- काली खांसी को रोकने या काम करने के 5 घरेलु उपाय क्या हैं ? – What are the 5 Home Remedies of Whooping Cough or Kali Khansi ?
- काली खांसी को रोकने या ख़त्म करने के एलोपैथिक मेडिसिन क्या हैं ? – What are the allopathic medicine for Whooping Cough or Kali Khansi ?
- काली खांसी को दूर भगाने के लिए डॉक्टर का ट्रीटमेंट (Doctor’s treatment to relieve whooping cough or Kali Khansi):
- काला खांसी की जटिलताएं (Whooping Cough or Kali Khansi Complications):-
- Whooping Cough or Kali Khansi Conclusion – काली खांसी का निष्कर्ष
काला खांसी (Whooping cough or Kali Khansi Introduction):
दोस्तों काली खांसी बहुत ही खतरनाक खांसी है। यह एक स्वास संबंधित बिमारी है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं Kali khansi kya hai. इसके अलावा आप Kali khasi in Hindi में यह भी जानेंगे कि Kali khansi ke lakshan और Kali khasi ko dur karne ke gharelu upay क्या है।
कहा जाता है कि काली खांसी सिर्फ केवल बच्चों को होती है लेकिन ऐसा नहीं हैं। यह बहुत बड़ी और खतरनाक बिमारी है क्योंकि यह संक्रामक है। इसका मतलब यह है कि ये बिमारी वायु के जरिए आपके या आपके सामने वाले इंसान से दूसरे तक पहुंचती हैं अथवा इससे दूसरी भाषा में कुक्कुर खांसी भी कहते हैं।
काली खांसी के सामान्य लक्षण क्या हैं ? – What are Normal Symptoms of Whooping Cough or Kali Khansi ?
दोस्तों यदि आप symptoms of kala khansi in Hindi के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके कई प्रमुख लक्षण होते हैं जिसके बारे में हम आपको इसमें बताने वाले हैं।
ये काला खांसी रात और दिन के समय मे बहुत बढ़ जाती है। बहुत बार तो आंखे लाल हो जाती है और खांसते खांसते आपका दम फूलने लगता हैं। इसे दूसरे शब्दों में कुक्कुर खांसी भी जाता हैं। Symptoms of Kala khansi निम्नलिखित हैं-
● खांसने पर खरखर की आवाज आना
● सीने में दर्द होना एवं सांस लेने में तकलीफ होना
● बुखार, सर दर्द एवं भूख ना लगना वजन कम हो जाना, थकान, कमजोरी अथवा बदन में दर्द होना
● ठंड लगने के साथ-साथ बुखार आना
काली खांसी के शुरुवाती लक्षण क्या हैं ? – What are Early Symptoms of Whooping Cough or Kali Khansi ?
यह खांसी शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा लोग संक्रामक लगभग 2 सप्ताह बाद हो जाते है। इसके संक्रमण को कम करने के लिए antibiotics काफी हद तक इसको रोके रखता हैं।
यह बिमारी अधिकतर ठंड के लक्षणों की तरह शुरू होती है। आमतौर पर हल्की खांसी या बुखार हो सकता हैं। बच्चों में अधिकतर रूप से खांसी कम या नहीं भी हो सकता हैं। जो कि अब बच्चों के लिए बहुत खतरनाक बीमारी होती है। इसकी शुरुआत के लक्षण लगभग 1 सप्ताह से 2 सप्ताह तक रहते हैं। जो बच्चे 1 वर्ष से कम रहते हैं उनको अस्पताल में विशेष देखभाल की जरूरत पड़ जाती है।
काली खांसी के बाद के लक्षण क्या हैं ? – What are Later Stage Symptoms of Whooping Cough or Kali Khansi ?
1 से 2 सप्ताह के बाद जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है वैसे वैसे काली खांसी के पारंपरिक क लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें झांसी की दौड़े होने के बाद हमारे शरीर में बहुत थकावट आ जाती है, काली खांसी में लगातार तेज गति से खांसी होना, खांसी होने से पहले या बाद में उल्टी होना।
• काला खांसी के दौरान हो सकता है कि खांसी कम होने के बाद भी साँस संक्रमण के बाद भी शुरू हो सकती है और जैसा कि आपको बताया गया है कि यह खासी ठंड लगने के लक्षणों की तरह ही होती है।
काली खांसी के होने के कारण क्या हैं ? – What are the causes of Whooping Cough or Kali Khansi ?
Causes of Kala khasi की बात करें तो हम देखते हैं कि काली खांसी की वजह केवल एक जीवाणु है जिसका नाम बोर्डटेला pertussis हैं यह इसी से उत्पन्न होती है। यह जीवाणु विषाक्त पदार्थ बनाते हैं, जिससे सिलियां झिल्ली को बहुत नुकसान पहुंचता है। यह जीवाणु हमारे ऊपर के स्वांस प्रणाली के सिलियां से जुड़ जाता है। इससे सालियां ( upper resparatery सिस्टम का एक हिस्सा) को नुकसान पहुंचाता हैं और नाक की नली में सूजन पैदा करते हैं। अथवा यह रोगी को छूने, खाना खाने अथवा रोगी के संपर्क में आने से भी हो सकता है।
काली खांसी को रोकने या काम करने के 5 घरेलु उपाय क्या हैं ? – What are the 5 Home Remedies of Whooping Cough or Kali Khansi ?
• बादाम (almond):- बादाम को रात में ही पानी में भीगा कर रख दें उसके बाद सुबह होते ही उस को बादाम के छिलके को उतार ले एवं थोड़ी सी मिश्री एवं काली लहसुन के साथ उसको पीस लें। उसके बाद जब इसका पेस्ट बन जाए तो उसकी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर बच्चों को खिलाएं। किसी रोगी की खांसी को आराम मिल सकता है। इस काली खांसी की जानकारी संक्रमित होने से या फिर इसके आसार आमतौर पर आपको 5 से 10 दिन के संक्रमित होने के बाद बढ़ते हैं। अथवा कभी-कभी तो काली खांसी के जो लक्षण है वह 3 सप्ताह तक नहीं दिखाई पड़ते हैं।
• लहसून (Garlic):- लहसुन में अधिकतर बहुत से बीमारियों को ठीक करने का इलाज पाया जाता है जैसा कि सर्दी, जुखाम एवं खांसी के ठीक करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसे आप काली खांसी को रोकने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसकी पांच छोटी कलियों को छीलकर उसको बहुत बारीकी से काट लें। उसको काटने के बाद पानी में अच्छे तरीके से उबाल लें। अथवा उसके बाद इस पानी का भाप लें, इससे आपकी काली खांसी बहुत हद तक 8 से लेकर 10 दिनों में खत्म हो जाएगी।
• तुलसी के पत्ते (Basil leaves):- अब इस काली खांसी से राहत पाने के लिए आप तो उसी का इस्तेमाल भी बखूबी कर सकते हैं। तुलसी के पत्ते और काली मिर्च को बराबर मात्रा में पीस लें। अथवा इसको थोड़ा सुखाकर छोटी-छोटी गोलियां बना ले उसके बाद दिन भर में कम से कम 3 बार आप इसको चूसे। या गोली आती खांसी को मिटा कर और आपके गले को पूरी तरीके से साफ करता है।
• अदरक अथवा शहद (Ginger or Honey):- अदरक का रस निकाल ले फिर शहद में मिला दे उसके बाद दिन में एक एक चम्मच दिन में दो से तीन बार पीए। और अगर छोटा बच्चा है तो आधा चम्मच या चौथाई चम्मच उसको पिलाएं। उम्र के मुताबिक आप अपना डोज निर्धारित कर सकते हैं।
• मूली के पत्तों का रस (Juice of radish leaves):- मूली के पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद और सेंधा नमक लेने से भी फायदा होता हैं।
• मेथी के दाने (Fenugreek seeds):– मेथी दाने के रस को निकालकर अदरक और शहद का रस मिलाकर बराबर मात्रा में पिएं।
काली खांसी को रोकने या ख़त्म करने के एलोपैथिक मेडिसिन क्या हैं ? – What are the allopathic medicine for Whooping Cough or Kali Khansi ?
वैसे तो देखा जाए तो काली खांसी यानी (कुकर खांसी) को कम करने के लिए बहुत सारी दवाइयां अथवा इन्जेक्शन बनाई गई है। परंतु आप अपने डॉक्टर की सलाह एक बार जरूर लें। Allopathic medicines for whooping cough के अंतर्गत कई प्रमुख एलोपैथिक दवाइयां होती हैं जो काला खांसी के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है।
फिर डॉक्टर से संपर्क कर के ही आप कोई भी दवा लें क्योंकि अगर आप बिना अपने डॉक्टर की राय से किसी भी तरह का सुई या दवा खाते हैं तो ये आपके शारीर को हानि पहुंचा सकता हैं। दोस्तों इस लेख के माध्यम से हम आपको home remedies for Kala khasi के अलावा काला खांसी में प्रयोग किए जाने वाले allopathic medicines for Kala khasi के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं जो कुछ इस तरह से है-
नीचे लिखी सारी दवाइयां काली खांसी को कम करने के लिए इस्तेमाल होती हैं:-
● Combefive Injection
● PENTAVAC PFS INJECTION
● Althrocin 100 Drop
● Hexaxim Vaccine
● SII Q-VAC Vaccine
● QUADROVAX SD/PFS LIQUID
● PENTAVAC SD VACCINE 0.5ML
● TRIPLE ANTIGEN INJECTION 1ML
● Tripvac Vaccine
काली खांसी को दूर भगाने के लिए डॉक्टर का ट्रीटमेंट (Doctor’s treatment to relieve whooping cough or Kali Khansi):
Home remedies of Kali khasi कई प्रकार के होते हैं लेकिन कई बार समस्याओं के कारण हमें doctor treatment on Kali khasi के बारे में जानकारी रखनी पड़ती है क्योंकि समस्या बढ़ जाने पर डॉक्टर या सलाह देते हैं कि काली खांसी का ट्रीटमेंट अगर सही समय पर हो जाता है तो अच्छा होता है नहीं तो फिर यह संक्रामक का रूप ले लेती है। आगे चलकर आपके साथ की तकलीफ बढ़ जाएगी या जो पसीने चलती है जिसको निमोनिया कहते हैं। आम भाषा में वह बढ़ जाएगी। खांसी को ठीक करने में टाइम ज्यादा लगेगा और मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी पहले सप्ताह में डायग्नोसिस को करके इलाज हो जाए तो वह ज्यादा आसान रहेगा।
काली खांसी का कोई भी दवा नहीं बताया जा सकता हालांकि होम्योपैथिक में इलाज संभव है इस काली खांसी में खुशी-खुशी जैसी खांसी हो तो कार्बोलिक एसिड से लाभ हो सकता है। अथवा आपको इपीकाक की सलाह दी जाती है अगरखांसी के साथ गले में खड़खड़ हो तो और कुछ गले में से निकले नहीं। कई प्रकार की अन्य होमियोपैथिक दवाइयों में कुछ प्रमुख दवाइयां इस प्रकार है-
• बोरेक्स
• कोनियम
• बेलाडोना
• ड्रॉसेरा स्पांजिया
• र्यूमेक्स
• आर्सेनिक
• स्पाइजीलिया
• हायोसायमस
काला खांसी की जटिलताएं (Whooping Cough or Kali Khansi Complications):-
कभी-कभी Kali Khansi युवक या वयस्क में बिना किसी समस्या के खत्म हो जाता है इस काली खांसी की जटिलता आमतौर पर भारी खांसी का प्रभाव होता है। जैसे कि
● (पेट की मांस का अपनी जगह से खिसक जाना या उभर जाना) abdominal हर्निया
● निमोनिया
● गुर्दों की बीमारी
● दिमाग में ऑक्सीजन की कमी से क्षति
● बच्चों में खास करके जो लगभग 6 महीने से छोटे होते हैं उन बच्चों में इस काली खांसी की गंभीर जटिलताएं पाई जाती हैं या हो सकती है।
● सांस का रुक जाना या सांस लेने में दिक्कत
● रक्त वाहिकाओं का टूटना त्वचा या आंखों की सफेदी में
6 महीने से कम के बच्चों में काली खांसी की जटिलताएं गंभीर हो जाती हैं इस वजह से शायद आपको अस्पताली उपचारों का प्रयोग करना पड़ जाए क्योंकि बच्चों में एक काली खांसी जीवन के लिए हानिकारक भी हो सकती है।
Whooping Cough or Kali Khansi Conclusion – काली खांसी का निष्कर्ष
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारी पोस्ट Kala khasi in Hindi काफी पसंद आई होगी क्योंकि इसमें हमने काला खांसी से संबंधित home remedies for Kala khasi, doctor treatment on Kala khasi की संपूर्ण जानकारी दी है। उनके अलावा इसके माध्यम से हमने काला खांसी से जुड़े allopathic medicines for Kala khasi in Hindi के बारे में भी बताया है। काला खांसी से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आप यहां बताए गए घरेलू उपचार अपना सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि काला खांसी यदि बढ़ जाए और समस्याएं अधिक होने लगे तो आप चिकित्सकों की सलाह अवश्य लें ताकि आपका स्वास्थ्य अच्छा रह सके।