Herpes During Pregnancy: हर्पिस संक्रमण क्या होता हैं – जानिए गर्भावस्था के समय महिलाओं में हर्पिस ( Herpes ) के कारण , लक्षण व उपाय ? | What is herpes infection – Know the causes, symptoms and remedies of herpes in women during pregnancy?

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Nandita Sharma
Nandita Sharma
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Herpes During Pregnancy in Hindi Table Of Content:-

Herpes During Pregnancy: हर्पिस संक्रमण क्या होता हैं – जानिए गर्भावस्था के समय महिलाओं में हर्पिस ( Herpes ) के कारण , लक्षण व उपाय ?

गर्भावस्था के समय महिलाओं में अनेकों प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो गर्भावस्था के समय महिलाओं के साथ-साथ उनके बच्चे को भी काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। आपने बहुत से ऐसे संक्रमण रोगों के बारे में सुना होगा जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खेलते हैं, लेकिन कुछ संक्रमण रोग कैसे होते हैं जो गर्भावस्था के समय महिलाओं में आसानी से फैल जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही संक्रमण के बारे में बताने वाले हैं जो महिलाओं को गर्भावस्था के समय हो सकता है और इसी के साथ-साथ यह बच्चों तथा पुरुषों में भी हो सकता हैं।

ज्यादातर तो बच्चों को बचाने के लिए उन्हें बचपन में ही टीके लगवा दिए जाते हैं ताकि वह अनेकों प्रकार के संक्रमण वाले रोगों से बच सकें। आज हम आपको Herpes Infection के बारे में एक बताने वाले हैं। यह एक त्वचा संबंधित संक्रमण है जो हर एक व्यक्ति को हो सकता है और महिलाओं में गर्भावस्था के समय यह संक्रमण महिलाओं में काफी आसानी से हो सकता है इसीलिए महिलाओं को पहले से ही हर्पिस संक्रमण के बारे में पता होना जरूरी हैं।

अब आगे हम इसके बारे में सभी चीजें जानेंगे कि What Is Herpes Infection In Hindi तथा Causes Of Herpes Infection In Hindi इसी के साथ-साथ हम आपको Symptoms Of Herpes Infection In Hindi तथा Treatment Of Herpes Infection In Hindi के बारे में भी बताएंगे ताकि महिलाएं आसानी से Herpes Infection से संक्रमित होने के पश्चात अपना इलाज करवा सकें।

Herpes During Pregnancy

हर्पिस संक्रमण क्या हैं – What Is Herpes Infection In Hindi ?

यह एक वायरल संक्रमण रोग होता है जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की त्वचा में फैलता है। यह रोग ज्यादातर छोटे बच्चों में पाया जाता है लेकिन कुछ मामलों में यह पुरुषों तथा गर्भवती महिलाओं में भी पाया जाता हैं। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है जिसकी वजह से महिलाएं आसानी से इस बीमारी से संक्रमित हो जाती हैं। खासतौर पर जो पुरुष लंबे समय से किसी बीमारी से संक्रमित हो तो वह भी इस बीमारी के संक्रमण में आसानी से आ जाते हैं। वैसे तो छोटे बच्चों को बचपन में ही इस बीमारी से बचने का टीका लगाया जाता है ताकि उन्हें बड़े होने के साथ-साथ इस बीमारी का खतरा पूरा ही कम हो जाए।

इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर की त्वचा पर छोटे छोटे दाने हो जाते हैं और इन दानों में पानी भरा हुआ रहता है। जब कोई दाना फूटता है तो उसमें से चिपचिपा पानी निकलता है और वह पानी जहां पर भी फैलता है वहीं पर संक्रमण फैला देता है। जब किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी होती है तो उसे बेहद ही पीड़ा महसूस होती है और त्वचा पर हुए यह दाने भी काफी संवेदनशील होते हैं जो थोड़े से ही हाथ लगाने पर पूछ सकते हैं।

गर्भावस्था के समय जितने भी दर्दनाक बीमारियां हो सकती हैं, तो उनमें से सबसे दर्दनाक बीमारियों यही है या तो यह बीमारी 10 साल से कम उम्र के बच्चों को होती है या फिर 40 वर्ष से अधिक आयु में होती है अगर इस बीच यह बीमारी किसी को हो रही है तो उसका कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना ही है। जैसे की हम सभी जानते हैं गर्भावस्था के समय महिलाओं को अधिक से अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं।

अगर उस समय महिलाएं पोषक तत्वों का सेवन ना करें तुम किस शरीर में कमजोरी आ जाती है और उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है जिसकी वजह से वह इस प्रकार की बीमारियों से आसानी से संक्रमित हो सकती हैं। इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादातर महिलाओं को होता है जिन्हें पहले Chickenpox हो चुका हो या फिर हाल ही में वह चिकन पॉक्स से ठीक हुई हो।

गर्भवती महिलाओं में हर्पिस संक्रमण फैलने के क्या कारण होते हैं – What are the Causes of Spreading Herpes Infection in Pregnant Women In Hindi ?

अगर गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान किसी ऐसी महिला के संपर्क में आती है जिसे पहले से ही हर्पिस संक्रमण है तो उस वजह से भी महिलाओं को आसानी से हर्पिस संक्रमण से संक्रमित हो सकती है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। खासतौर पर जो महिलाएं कमजोर होती है तो उनकी तो रोग प्रतिरोधक क्षमता वैसे भी कम ही होती है इसीलिए महिलाएं आसानी से इस प्रकार के रोगों से संक्रमित हो जाती हैं।

जो महिलाएं गर्भावस्था से पहले हैं नशे करती थी या फिर किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन करती थी तो उन महिलाओं में भी क्या बीमारी पाई जा सकती हैं।

अगर किसी महिला के घर पर कोई व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित हैं, तो वह महिला भी हर्पिस संक्रमण से आसानी से संक्रमित हो सकती है।

अगर किसी व्यक्ति या बच्चे को यह बीमारी है और उसकी त्वचा पर फफोले हो रखे हैं तो महिला के उन फफोलो के संपर्क में आने पर भी वह आसानी से हर्पिस संक्रमण से संक्रमित हो सकती है क्योंकि यह एक संक्रामक रोग होता है जो आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता हैं।

अगर गर्भावस्था के दौरान किसी महिला को दवाई का साइड इफेक्ट हो जाता हैं, तो उस दवाई के side-effect के कारण भी महिला आसानी से हर्पिस संक्रमण से संक्रमित हो सकती हैं।

अगर किसी महिला के पार्टनर को यह बीमारी है और वह अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाती हैं तो उन्हें भी हर्पिस संक्रमण आसानी से हो सकती हैं।

अगर गर्भावस्था के समय कोई महिला कहीं पर सफर कर रही है और जैसे कि वह सार्वजनिक बस, रेल आदि में सफर कर रही हैं, तो वहां पर बहुत अधिक लोग होते हैं। अब अगर वहां पर मौजूद कोई भी व्यक्ति इस संक्रमण से पीड़ित है और महिला उसकी त्वचा के संपर्क में आती है तो इस वजह से आसानी से हर्पिस संक्रमण हो सकता है।

गर्भवती महिलाएं संक्रमित सोनी से भी इस बीमारी की चपेट में आ सकती हैं इसीलिए गर्भवती महिलाओं को यह सलाह दी जाती है कि जब वह डॉक्टर के पास जाती हैं और डॉक्टर उन्हें इंजेक्शन लगाता हैं, तो उसमें उन्हें डॉक्टर को यह बात बोलनी चाहिए कि वह केवल नए इंजेक्शन का ही उपयोग करें।

हर्पिस संक्रमण के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Herpes Infection In Hindi ?

जब कोई गर्भवती महिला हर्पिस संक्रमण से संक्रमित हो जाती है तो उसमें कई प्रकार के अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं यह देखकर आसानी से इस संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। वैसे तो हर्पिस संक्रमण के थोड़े बहुत लक्षण चिकन पॉक्स या दूसरी तरह के संक्रमण से मिलते जुलते ही होते हैं।

यह एक ऐसा संक्रमण होता है जो किसी संक्रमित व्यक्ति का झूठा खाने से या फिर झूठा पानी पीने से भी हो सकता हैं। अगर आप किसी सार्वजनिक स्थल पर लगे हुए नलको को बिना उन्हें धोए ही पानी पी लेते हैं तो इसके कारण भी आसानी से हर्पिस संक्रमण के संपर्क में आ सकते हैं।

त्वचा पर फफोले होना

अगर किसी गर्भवती महिला को गर्भावस्था के समय त्वचा पर फफोले हो जाते हैं तो यह हर्पिस संक्रमण का संकेत होते हैं। जब किसी गर्भवती महिला को त्वचा पर फफोले होते हैं तो यह बेहद ही दर्दनाक और दिखने में काफी गंदे होते हैं कुछ महिलाओं की त्वचा पर तो यह फफोले गंभीर रूप से हो जाते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि जब त्वचा पर फफोले होने पर उसका समय पर इलाज ना करवाया जाए, तो उसके कारण उनमें से निकलने वाले पानी के माध्यम से धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फफोले हो जाते हैं। इसीलिए अगर किसी गर्भवती महिला को हर्पिस संक्रमण का थोड़ा सा भी संकेत दिखता है तो तुरंत ही अपना चेकअप करवाना चाहिए।

भूख में कमी होना

जब किसी गर्भवती महिला को यह बीमारी हो जाती है तो उस समय त्वचा पर संक्रमण होने के साथ-साथ उनकी भूख में भी कमी आ जाती हैं, सामान्य तौर पर महिलाओं को भूख लगने काफी हद तक कम हो जाती है। ज्यादातर महिलाओं में यह लक्षण गर्भावस्था के समय देखे जाते हैं कि उन्हें भूख नहीं लगती है, लेकिन भूख ना लगना गर्भावस्था के लक्षण के अतिरिक्त दूसरी घातक बीमारियों का संकेत भी हो सकता है इसीलिए बिना देरी किए जांच करवाना सही रहता हैं।

सिर दर्द और चक्कर आना

जो महिलाएं गर्भावस्था के समय काफी कमजोर होती हैं तो उन महिलाओं को हर्पिस संक्रमण होने पर त्वचा से जुड़ी समस्या तो होती ही है। इसी के साथ साथ उनका सिर दर्द रहने रखता है और उन्हें चक्कर भी आते हैं। क्योंकि यह बीमारी धीरे-धीरे महिलाओं को अंदर से कमजोर बना देती है जिसकी वजह से उन्हें सिर दर्द होने लगता है और कभी-कभी तो गंभीर रूप से चक्कर भी आ जाते हैं।

गंभीर रूप से बुखार होना

जिस प्रकार चिकन पॉक्स या दूसरी तरह के संक्रमण में व्यक्ति को काफी तेज बुखार हो जाता है ठीक उसी प्रकार हर्पिस संक्रमण में भी गर्भवती महिलाओं को काफी तेज बुखार रहता है। यह बुखार ऐसा होता है कि जब महिलाएं दवाई लेती हैं, तो कुछ समय के लिए तो है बिल्कुल स्वस्थ हो जाती हैं मगर जैसे ही दवाई का असर खत्म होता है तो उन्हें फिर से बुखार हो जाता हैं। अगर किसी भी महिला को त्वचा के संक्रमण के साथ-साथ यह भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें बिना देरी किए किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। लेकिन ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को सिर्फ गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर की सलाह लेने के लिए कहा जाता हैं, क्योंकि गर्भावस्था में महिलाओं को ऐसी दवाइयां देनी पड़ती है जो कि उनके बच्चों पर भी बुरा असर ना डालें।

शरीर में खुजली होना

गर्भावस्था के समय जिस किसी महिला को भी हर्पिस संक्रमण हो जाती है तो वच्या पर फफोले होने से पहले ही उन महिलाओं को गंभीर रूप से पूरी त्वचा पर खुजली होने लगती हैं और यह खुजली इतनी गंभीर होती है कि महिलाएं इससे तंग आकर अपने नाखूनों से अपनी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर किसी महिला को गर्भावस्था में त्वचा पर खुजली हो रही है, तो वह सिर्फ किसी बीमारी की वजह से ही होती हैं। इसीलिए महिलाओं को बिना समय बर्बाद किए किसी अच्छे डॉक्टर से अपनी जांच करा लेनी चाहिए ताकि इस बीमारी को शुरुआत में ही फैलने से रोका जा सकें

मल-मूत्र करने में दर्द होना

जब कोई भी गर्भवती महिला हर्पिस संक्रमण से संक्रमित होती है तो उसे त्वचा पर फफोले होने के साथ-साथ मल मूत्र त्यागने में भी काफी परेशानी होती हैं। खासतौर पर जब महिलाएं सुबह सो कर उठती हैं तो उस समय जब महिलाएं मल मूत्र त्यागने जाती हैं, तो उस समय उन्हें इतना ज्यादा दर्द होता है कि वह बर्दाश्त भी नहीं कर पाती। इस प्रकार के लक्षण महिलाओं में उस समय ही दिखाई देता है जब हर्पिस संक्रमण काफी गंभीर रूप ले लें।

हर्पिस संक्रमण से बचने के तरीके – Prevention Tips From Herpes Infection In Hindi ?

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनकी सहायता से हर्पिस संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता हैं। अब हम आपको उन तरीकों के बारे में बताएंगे, आपको इन तरीकों को अच्छे से समझना होगा।

अगर गर्भावस्था के समय कोई महिला घर से बाहर जाती हैं तो घर से बाहर जाते समय उन्हें पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। मतलब की किसी भी सार्वजनिक स्थल पर चीजों को नहीं छूना चाहिए या फिर भीड़भाड़ वाले स्थान पर एक दूसरे व्यक्ति को स्पष्ट नहीं करना चाहिए।

जब गर्भवती महिला कहीं बाहर जाती है तो घर आने पर सबसे पहले उन्हें एंटीबैक्टीरियल साबुन से स्नान करना चाहिए। अगर वह स्नान नहीं कर सकती तो उन्हें अपने हाथ-पैर और मुंह को अच्छे से धोना चाहिए और तुरंत ही अपने कपड़े बदल कर उन कपड़ों को धोए जिन्हें आप बाजार में पहन कर गई थी।

जब आपके घर में कोई भी सामान बाहर से आता है, तो उस सामान को पहले बिल्कुल अलग ही रखना चाहिए और फिर कुछ समय के पश्चात उस समान को अच्छे से साफ करना चाहिए तभी उसका इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त अगर आप कोई खाने पीने की चीज बाहर से लाते हैं तो सबसे पहले आपको उस पॉलिथीन को बाहर फेंकना है जिसमें वह चीज लाए हैं या फिर जब बाहर सें हम फल सब्जियां खरीदते हैं, तो पहले फल सब्जियों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए उसके पश्चात ही उनका उपयोग करना चाहिए।

अगर आप हर्पिस संक्रमण से बचना चाहते हैं तो आपको उन लोगों के संपर्क में आने से बचना है जिन्हें आप नहीं जानते। बहुत से व्यक्तियों की यह आदत होती है कि वह किसी भी व्यक्ति से तुरंत ही हाथ मिला लेते हैं, लेकिन ऐसा करने के कारण आप सीधे सीधे इस प्रकार के संक्रमित रोगों को आमंत्रित करते हैं। इसीलिए आपको किसी भी अनजान व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाना चाहिए और जितना हो सके उनसे दूर रहें।

जब महिलाएं डॉक्टर के द्वारा दी गई कोई भी दवाई खाती हैं तो उस समय उन्हें पूरा ध्यान रखना चाहिए की डॉक्टर ने उन्हें किस प्रकार दवाई खाने के लिए कहा है। अगर कोई महिला किसी दवाई की ओल्ड होश ले लेती हैं तो उसके कारण भी उसे त्वचा संबंधित विकार आसानी से हो सकते हैं।

हर्पिस संक्रमण का इलाज – Treatment Of Herpes Infection In Hindi ?

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अगर किसी गर्भवती महिला को हर्पिस संक्रमण हो जाती है तो जगह डॉक्टर के पास जाती है तो डॉक्टर के द्वारा गर्भवती महिलाओं को कुछ ऐसी Anti-viral Medicine दी जाती हैं जो कि इस बीमारी  को धीरे-धीरे सही करती है, गर्भवती महिलाओं में बच्चे की सेहत का ध्यान रखते हुए ही दवाइयां दी जाती हैं। अगर किसी सामान्य महिला या बच्चे को हर्पिस संक्रमण हो जाती है तो उन्हें तो डॉक्टरों के द्वारा Anti-viral Medicine देकर 8 से 10 दिन में आसानी से ठीक किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को ठीक होने में 15 से 20 दिनों का समय भी लग सकता है। लेकिन त्वचा पर थोड़े बहुत निशान तो रही जाते हैं उन निशान को साफ करने के लिए डॉक्टर के द्वारा कुछ दवाइयां भी दी जा सकती हैं।

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हर्पिस संक्रमण के घरेलू उपचार Home Remedies For Herpes Infection In Hindi ?

हर्पिस संक्रमण का उपचार करने के लिए बहुत से घरेलू उपचार हैं जिनकी सहायता से आसानी से हर्पिस संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है जैसे कि –

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा एक दवाई की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है यह अनेकों प्रकार के त्वचा संबंधित विकारों में फायदेमंद साबित होता है। बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर रुई की सहायता से त्वचा पर हुए फफोलो पर धीरे-धीरे से लगाया जाए तो आप स्वयं ही महसूस करेंगे की दर्द के साथ-साथ संक्रमण भी धीरे-धीरे कम हो रहा है। अगर आप दिन में दो से तीन बार इस घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करें तो आसानी से हर्पिस संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता है।

जैतून का तेल

जैतून का तेल भी हजारों साल से अनेकों प्रकार की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है, अगर जैतून के तेल को रोजाना त्वचा पर लगाया जाए तो आसानी से हर्पिस संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन आपको जैतून का तेल नियमित रूप से अपनी त्वचा पर लगाना है तभी हर्पिस संक्रमण में आराम मिल सकेगा।

सेब का सिरका

त्वचा संबंधित विकारों में सेब का सिरका भी कारगर सिद्ध होता है अगर कोई भी गर्भवती महिला हर्पिस संक्रमण से पीड़ित है, तो उसे अपनी त्वचा पर सेब के सिरके का इस्तेमाल करना चाहिए। मतलब की एक रुई की सहायता से रोजाना दिन में दो से तीन बार अपनी त्वचा पर सेब का सिरका लगाना है ऐसा करने से आपको बहुत ही जल्दी हर्पिस संक्रमण से छुटकारा मिल जाएगा।

नारियल का तेल

नारियल का तेल हमारी त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है अगर कोई गर्भवती महिला हर्पिस संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए दवाइयां ले रही है तो दवाइयों के साथ साथ नारियल तेल का इस्तेमाल भी कर सकती है। त्वचा पर नारियल तेल लगाने से हर्पिस संक्रमण से तो धीरे-धीरे छुटकारा मिलता ही है। इसी के साथ-साथ आपकी त्वचा से वह दाग धब्बे भी गायब हो जाएंगे जो हर्पिस संक्रमण के कारण पड़े हैं। याद रहे कि आपको नारियल तेल नियमित रूप से अपनी त्वचा पर लगाना है तभी आपको आराम मिल सकेगा।

Conclusion –

हर्पिस संक्रमण से किस प्रकार बचा जा सकता है और किस प्रकार हम घरेलू उपचार की सहायता से हर्पिस संक्रमण से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं इसके बारे में हमने आपको विस्तार से बताया है। इसके अतिरिक्त हमने आज इस पोस्ट के माध्यम से जाना है कि What Is Herpes Infection In Hindi तथा Causes Of Herpes Infection In Hindi इसी के साथ-साथ हमने आपको Symptoms Of Herpes Infection In Hindi तथा Treatment Of Herpes Infection In Hindi के विषय में भी सभी जानकारी दी है ताकि आसानी से हर्पिस संक्रमण का इलाज किया जा सकें।

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