- Crying Baby: छोटे बच्चे क्यों रोते हैं – जानिए बच्चों के रोने का सही कारण और उपाय ?|Why do baby cry – Know the right reason and remedy for the crying Baby?
- बच्चे के रोने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं – Causes Of Crying Baby In Hindi ?
- 1. अत्यधिक भूख लगना
- 2. पेट में दर्द होना
- 3. अत्यधिक थकान होना
- 4. नींद पूरी ना होना
- 5. पेट में कीड़े होना
- 6. टाइट कपड़े पहनाने से
- 7. पेशाब करने के पश्चात
- 8. पेट में गैस बनने के कारण
- 9. प्यास लगने पर
- 10. गर्मी महसूस होने पर
- 11. मां की गोद में आने के लिए
- 12. बात करने के लिए
- 13. मस्तिष्क से संबंधित बीमारी के कारण
- 14. बच्चे की तबीयत ठीक ना होने के कारण
- 15. दांत निकलने पर
- बच्चे को डॉक्टर के पास कब लेकर जाना चाहिए – When Should the Child Be Taken to the Doctor In Hindi ?
- रोते हुए बच्चे को चुप कराने के घरेलू उपाय – Home Remedies For Crying Baby In Hindi ?
- छोटे बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित कुछ खास बातें – Some Special Things Related to the Health of a Small Child In Hindi ?
- 1. दवाई की एक्सपायरी डेट हमेशा चेक करें ( Always Check the Expiry Date of the Medicine )
- 2. दवाई की ओवरडोज ना खिलाए ( Do Not Feed Overdose of Medicine )
- 3. सूरज ढलने के बाद बच्चों को ना नहलाएं ( Do Not Bathe Babies After Sunset )
- 4. बच्चे की माता को तले हुए खाने का परहेज रखना चाहिए ( The Mother of the Child should Abstain from Fried Food )
- 5. उम्र के हिसाब से खाना खिलाए ( Feed According to Age )
- 6. बच्चे के स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खे ना आजमाएं ( Do not try Home Remedies To Cure Baby’s Health )
- Conclusion –
Crying Baby: छोटे बच्चे क्यों रोते हैं – जानिए बच्चों के रोने का सही कारण और उपाय ?|Why do baby cry – Know the right reason and remedy for the crying Baby?
आपने अक्सर देखा होगा किस जन्म के पश्चात जब बच्चा 4 से 5 महीने का भी हो जाता हैं, तो भी वह बहुत ज्यादा रोता है। आमतौर पर तो सभी बच्चे बचपन में ऐसे ही रोते हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी अधिक रोते हैं। ज्यादातर उनकी माताएं कई बार उनके रोने को देखकर यह सोचती हैं कि, उन्हें भूख लग रही है या फिर नींद आ रही है तो उन्हें सुलाने की कोशिश करती है या फिर उन्हें दूध पिलाने की कोशिश करती हैं। परंतु उसके पश्चात भी वह रोते ही रहते हैं हम आपको बता दें कि , बच्चे के रोने के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं।
बच्चे के रोने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं – Causes Of Crying Baby In Hindi ?
वैसे तो छोटे बच्चों के रोने के पीछे अनेकों कारण हो सकते हैं, क्योंकि छोटा बच्चा अपनी माताओं को अपने मुंह से बोल कर तो कुछ भी नहीं बता पाता। इसीलिए आपको स्वयं ही यह जानना जरूरी है कि Bache Kyu Rote Hai Crying Baby अब आगे हम आपको ऐसे ही कुछ कारण बताने वाले हैं, जिनसे आप अपने बच्चे के रोने का कारण पता लगा सकती हैं जैसे कि :-
1. अत्यधिक भूख लगना
जब आपके बच्चे को काफी ज्यादा भूख लग रही होती है, तो उस समय भी वह बहुत ज्यादा रोता हैं। आमतौर पर आप अपने बच्चे हो दिन में 5 से 6 बार दूध पिलाती हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी ज्यादा भूख लगती हैं।
इसीलिए यदि आपका बच्चा काफी ज्यादा रो रहा है, तो आपको उसे दूध पिला कर देखना चाहिए हो सकता है कि दूध पिलाने से वह चुप हो जाए, लेकिन दूध पिलाते समय भी आपको ध्यान रखना चाहिए जब तक आपका बच्चा दूध पीता है। उसे तब तक दूध पिलाना चाहिए यदि वह खुद ही अपना मुंह इधर-उधर करता रहता है तभी आप समझ जाइए कि उसका पेट भर चुका है।
2. पेट में दर्द होना
बहुत से छोटे बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें जन्म से ही कोई पेट संबंधित बीमारी भी हो सकती हैं, जिसके कारण उसका पेट काफी ज्यादा दर्द हो सकता हैं। इसीलिए बच्चा यदि बहुत ज्यादा ही रोता है तो आपको एक बार बच्चों के डॉक्टर से भी सलाह लेनी चाहिए। इसके अतिरिक्त बच्चों के पेट में दर्द माता के कारण भी हो सकता हैं।
यदि छोटे बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिला बाहर का तला हुआ खाना खाती है या फिर किसी केमिकल युक्त भोजन का सेवन करती है, तो उसके कारण भी उसके बच्चे के पेट में दर्द हो सकता हैं, क्योंकि छोटे बच्चे ज्यादातर अपनी माता का दूध ही पीते हैं और माता के दूध के माध्यम से विषाक्त पदार्थ बच्चे के शरीर में भी प्रवेश कर सकते हैं।
3. अत्यधिक थकान होना
अगर छोटे बच्चे को काफी ज्यादा थकान हो रही है, तो उसके कारण भी वह है काफी ज्यादा रोते हैं बहुत से बच्चों के माता-पिता उन्हें ज्यादा देश सोने नहीं देते वह उनके साथ खेलते रहते हैं, यदि उनके घर में दूसरे बच्चे हैं तो मैं उनके साथ खेलते रहते हैं। इस प्रकार आपके छोटे बच्चों को सोने का मौका नहीं मिलता और उन्हें काफी ज्यादा थकान होने लगती है, इसीलिए अपने छोटे बच्चों को ज्यादा थकान नहीं होने देनी चाहिए।
4. नींद पूरी ना होना
बहुत से छोटे बच्चों की बचपन में नींद पूरी नहीं होती और नींद ना पूरी होने की वजह से भी वह सारा दिन रो सकते हैं। इसीलिए आपको अपने छोटे बच्चों को 24 घंटे में कम से कम 12 से 15 घंटे तो सोने देना चाहिए । यदि वह नहीं भी सो रहे तो भी उन्हें जबरदस्ती सुलाने की कोशिश करनी चाहिए यदि आपके बच्चे की नींद पूरी रहेगी, तो वह बिल्कुल स्वस्थ रहेगा और उसका रोना भी बंद हो जाएगा।
5. पेट में कीड़े होना
ऐसा भी देखा जाता है कि बहुत से छोटे बच्चों के पेट में काफी कीड़े हो जाते हैं, जो कि उन्हें सारा दिन परेशान करते हैं। इसीलिए अपने छोटे बच्चे का आपको पूरा ख्याल रखना चाहिए यदि आपका बच्चा अत्यधिक रोता है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेकर पेट में कीड़े मारने की दवाई भी उसे खिलानी चाहिए क्योंकि यह एक स्वाभाविक सी बात हैं, क्योंकि बचपन में हर एक बच्चे को पेट में कीड़े हो ही जाते हैं। इसलिए आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
6. टाइट कपड़े पहनाने से
यदि आप अपने छोटे बच्चे को ज्यादा टाइट कपड़े पहनाते हैं, तो टाइट कपड़े पहनने के कारण उसका पूरा शरीर असहाय सा हो जाता है, जिसके कारण उसे काफी ज्यादा बेचैनी महसूस होने लगती है और उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है जिसके कारण है काफी ज्यादा रोना शुरू कर देता हैं।
इसीलिए आपको अपने छोटे बच्चे के रोने पर यह भी देखना चाहिए कि कई आपने उसे ज्यादा टाइट कपड़े तो नहीं पहनाएं हैं या फिर यदि आपने अपने छोटे बच्चे को लंगोट पहनाया है या फिर आपने उसे कपड़े में लपेटा हुआ हैं, तो यह भी चेक कर लें कि आपने लखोट या कपड़े को ज्यादा टाइट तो नहीं किया हुआ।
7. पेशाब करने के पश्चात
काफी बार ऐसा भी होता है कि जब आपका छोटा बच्चा डायपर में या फिर लंगोट में पेशाब कर लेता है, तो उसके पश्चात उसे गीला होने के कारण काफी बेचैनी महसूस होने लगती है जिसके कारण वह रोने लगता हैं। इसीलिए आपको बच्चे के रोने पर यह भी देखना चाहिए कि आपके बच्चे ने यदि पेशाब किया हुआ है, तो आपको उसके कपड़े तुरंत ही बदल देना चाहिए और बच्चे को अच्छे से गुनगुने पानी की सहायता से साफ भी करना चाहिए, ताकि त्वचा संबंधित बीमारियों का खतरा भी कम हो जाए।
8. पेट में गैस बनने के कारण
आपका छोटा बच्चा पेट में गैस बनने के कारण भी तो रो सकता हैं। इसीलिए जब आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं या फिर उसे खाने की किसी दूसरी चीज का सेवन करवाती हैं, तो उसके पश्चात बच्चे को अपनी गोद में उठाकर हिला-ढुलाकर उसे डकार दिलाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जब बच्चे को डकार आ जाती है, तो उसके पश्चात उसका खाना पूरी तरह से हजम हो जाता है, छोटे बच्चे को खाने के पश्चात डकार अवश्य दिलाएं।
9. प्यास लगने पर
छोटे बच्चे को पानी पिलाना भी बेहद आवश्यक होता है। इसीलिए यदि आपका बच्चा रो रहा है, तो आपको एक कटोरी पानी लेकर उसे चम्मच की सहायता से पिलाना चाहिए, क्योंकि प्यास लगने पर भी आपका बच्चा रोना शुरू कर देता है।
10. गर्मी महसूस होने पर
अक्सर यह देखा गया है कि, गर्मियों के मौसम में भी माताएं अपने छोटे बच्चे को ज्यादा मोटे कपड़े पहनाती है, वह यह सोचकर मोटे कपड़े पहन आती हैं कि शायद उनके बच्चे को ठंड लग रही है लेकिन ऐसा नहीं होता। क्योंकि यदि आप अपने बच्चे को गर्मी के मौसम में भी ज्यादा मोटे कपड़े पहनाएंगी, तो इसके कारण आपके बच्चे को बहुत ज्यादा गर्मी महसूस हो सकती है जिसकी वजह से वह रोना शुरू कर देता है, इसीलिए छोटे बच्चों को कपड़े पहनाने का भी ध्यान रखें।
11. मां की गोद में आने के लिए
कहीं बाहर छोटे बच्चे बिस्तर पर लेटे हुए काफी परेशान हो जाते हैं और फिर वह अपनी मां की गोद में आना चाहते हैं, बच्चों के रोने का यह भी सबसे बड़ा कारण हो सकता है। इसीलिए बच्चे के रोने पर बच्चे की माता को अपने बच्चे को गोद में उठाकर अपने सीने से लगाना चाहिए। इस प्रकार भी आपका बच्चा रोना बंद कर देता है और फिर उसे नींद आने लगती है कहीं बाहर अपनी माता के अलावा दूसरे लोगों की गोद में भी जाने से बच्चा रोने लगता हैं, इसीलिए छोटे बच्चे को और ज्यादातर उसकी माता को ही अपनी गोद में रखना चाहिए।
12. बात करने के लिए
आपने ऐसा बहुत बार देखा होगा कि जब कोई बच्चा काफी ज्यादा रो रहा होता है, तो उस समय उसके माता-पिता या फिर दादा-दादी उससे अगर बात करने लगते हैं तो वह एकदम से चुप हो जाता है। बच्चे के रोने के पीछे का यह भी सबसे बड़ा कारण हो सकता है, क्योंकि कई बार बच्चे अकेले पढ़े हुए काफी बेचैनी सी महसूस करने लगते हैं। इसीलिए वह रोने लगते हैं इसलिए बच्चे के रोने पर आपको उससे बातें करनी चाहिए और अपने बच्चे को हंसाने की कोशिश करनी चाहिए, इस प्रकार भी आपका बच्चा रोना बंद कर सकता हैं।
13. मस्तिष्क से संबंधित बीमारी के कारण
कई बार छोटे बच्चे को कोई मस्तिष्क से संबंधित बीमारी भी हो सकती है, जिसके कारण वह काफी ज्यादा रोता है। इसीलिए यदि आप अपने बच्चे को चुप कराने के लिए सब तरीके आजमा चुके हैं लेकिन फिर भी वह रोता ही रहता है, तो इस परिस्थिति में आप को बच्चों के डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि छोटे बच्चों की शारीरिक जांच भी आवश्यक होती हैं।
14. बच्चे की तबीयत ठीक ना होने के कारण
कई बार बच्चे की तबीयत ठीक नहीं होती, तो उसके कारण यह काफी ज्यादा रोता है और चिड़चिड़ा भी हो जाता हैं। इसीलिए आपको अपने बच्चे के रोने पर यह देखना चाहिए कि कई उसे बुखार तो नहीं हो रहा है या फिर जुखाम आदि तो नहीं हैं। यदि इस प्रकार के लक्षण बच्चे में दिख रहे हैं, तो आपको तुरंत ही बच्चों के डॉक्टर के पास अपने बच्चे को लेकर जाना चाहिए।
15. दांत निकलने पर
बहुत सें वैज्ञानिकों के द्वारा भी यह रिसर्च किए गए हैं कि, जब किसी छोटे बच्चे के दांत निकल रहे होते हैं, तो उस समय वह पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाते हैं और काफी ज्यादा रोने भी लगते हैं। इसीलिए आपको यह भी देखना चाहिए कि यदि शिशु के दांत निकलने शुरू हो गए हैं और वह इस प्रकार जिला हो गया हैं, तो उस समय डॉक्टर की सलाह लेनी आवश्यक है।
बच्चे को डॉक्टर के पास कब लेकर जाना चाहिए – When Should the Child Be Taken to the Doctor In Hindi ?
छोटे बच्चे के रोने के जितने भी कारण हमने आपको बताए हैं। यदि वह सब आपने देख लिए हैं तो उसके पश्चात भी यदि आपका छोटा बच्चा और रोना बंद नहीं करता, तो इस परिस्थिति में आपको तुरंत ही अपने छोटे बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, क्योंकि छोटे बच्चे के रोने के ऐसे बहुत से कारण हो सकते हैं जो हमें नहीं पता होते लेकिन डॉक्टर को पता होते हैं। इसीलिए आपको इस परिस्थिति में तुरंत ही अपने छोटे बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यदि आप छोटे बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने में देरी करते हैं, तो उसके कारण उसका स्वास्थ्य और भी ज्यादा बिगड़ सकता हैं। इसीलिए बिल्कुल भी देरी किए बिना आपको किसी अच्छे बच्चे के डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
रोते हुए बच्चे को चुप कराने के घरेलू उपाय – Home Remedies For Crying Baby In Hindi ?
अगर आपका बच्चा काफी ज्यादा रोता है, तो बहुत से ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिनके माध्यम से आप अपने बच्चे को तुरंत ही चुप कराने की कोशिश कर सकते हैं और वह चुप भी हो जाएगा जैसे कि :-
- छोटे बच्चे के रोने पर बच्चे की माता को उसे तुरंत ही गोद में उठाना चाहिए और कपड़े में लपेट कर अपने सीने से लगाना चाहिए यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपका बच्चा तुरंत ही रोना बंद कर देता है। क्योंकि इस प्रकार बच्चा ऐसा महसूस करता है कि मानो वह अभी माता के गर्भ में है इसीलिए बच्चा चुप हो जाता है।
- रोते हुए बच्चे को चुप कराने के लिए आपको एक स्थिर ध्वनि का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि जब आपका बच्चा गर्भ में होता हैं, तो वह आपकी दिल की धड़कनों को सुनकर शांत रहता हैं। ठीक इसी प्रकार आपके बच्चे के रोने पर आपको उसे लोरी गा कर सुना नहीं चाहिए या फिर कोई बहुत ही धीमा गाना सुनाना चाहिए, जिसको सुनकर उसे तुरंत ही नींद आने लगेगी और वह चुप होकर सो जाएगा।
- छोटे बच्चे को रोते हुए चुप कराने के लिए उसे गोद में उठाकर आराम से हिला-हिला कर सुलाने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि इस प्रकार बच्चे को गोद में उठाकर हिलाने डुलाने से भी वह तुरंत ही चुप हो जाता है और सोने की कोशिश करने लगता है या फिर आप अपने बच्चे को पालने में बिठा कर उसे झूले दे सकती हैं, इस प्रकार भी वह चुप हो जाएगा।
- छोटे बच्चे के रोने पर आपको उसके सिरकी धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए, क्योंकि जब आप अपने शिशु के सिर की मालिश करते हैं, तो उसके कारण भी उसे तुरंत ही नींद आने लगती है और वह चुप होकर सो जाता हैं। इसके अतिरिक्त आप अपने बच्चे के हाथ पांव भी आराम से दबा सकते हैं। इस प्रकार भी आपके बच्चे को अच्छा महसूस होगा।
- छोटे बच्चे के रोने पर आपको उसे तुरंत ही गोद में उठाकर स्तनपान कराना चाहिए, क्योंकि बहुत से बच्चे स्तनपान करने पर भी तुरंत ही रोना बंद कर देते हैं और फिर वह स्तनपान करते-करते ही सो जाते हैं, कई बार बच्चे को एक ही अवस्था में स्तनपान कराने से भी वह रोते हुए चुप नहीं होता। इसलिए आपको अवस्था बदलकर उसे स्तनपान कराना चाहिए। इस प्रकार भी आपका रोता हुआ छोटा बच्चा चुप हो जाएगा।
- यदि आपका बच्चा काफी ज्यादा रो रहा है, तो उसको तुरंत ही चुप कराने के लिए आप उसके हाथ कें अंगूठे को उसके मुंह में डाल देना चाहिए। क्योंकि कई बार बच्चा अपने हाथ के अंगूठे को जब चूसना शुरु करता हैं, तो उसके कारण भी आपका छोटा बच्चा रोना बंद कर देता है और उसको तुरंत ही नींद आने लगती हैं।
- जब किसी छोटे बच्चे के दांत आ रहे होते हैं तो उसके कारण वह काफी रोना शुरू कर देता हैं। हम आपको बता दें कि, इस प्रकार के बच्चों के लिए आपको बाजार में मिलने वाले रबड़ के खिलौने लाने चाहिए जो कि वह मुंह में डालकर चबा सके। इस प्रकार भी बच्चे चिड़चिड़ापन को त्याग देते हैं और खुश रहने लगते हैं ।
- कभी-कभी आपके छोटे बच्चे गंदा होने के कारण भी काफी रोने लगते हैं। इसीलिए आपको अपने छोटे बच्चे के रोने पर उसे गुनगुने पानी से नहलाना भी चाहिए। यदि आप अपने छोटे बच्चे को गुनगुने पानी से नहीं लाते हैं, तो फिर भी आपके छोटे बच्चे को नहाने के पश्चात तुरंत ही नींद आने लगती हैं। लेकिन याद रहे की यदि दिन में आपका बच्चा रोता हैं, तो तभी यह तरीका आजमाएं ठंडे मौसम में इस तरीके का इस्तेमाल ना करें।
छोटे बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित कुछ खास बातें – Some Special Things Related to the Health of a Small Child In Hindi ?
छोटे बच्चे का स्वास्थ्य बचपन में बेहद कमजोर होता है। वह छोटी-मोटी चीजों के कानून भी बीमार हो जाता है। इसलिए बच्चे की माता को अपने छोटे बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य से संबंधित बहुत ही चीजों का ख्याल भी रखना पड़ता है जैसे कि :-
1. दवाई की एक्सपायरी डेट हमेशा चेक करें ( Always Check the Expiry Date of the Medicine )
यदि डॉक्टर आपको आपके छोटे बच्चे के लिए कोई दवाई खरीदने के लिए कहता है, तो आपको उस दवाई को खरीदते समय कुछ दवाई की expiry date को जरुर चेक कर लेना चाहिए। क्योंकि एक्सपायर डेट की दवाइयां खाने के कारण भी आपके छोटे बच्चे को काफी हद तक नुकसान पहुंच सकता है। यहां तक की expiry date की दवाइयां उसकी मृत्यु का कारण भी बन सकती हैं। हमेशा expiry date को देखकर ही खरीदें।
2. दवाई की ओवरडोज ना खिलाए ( Do Not Feed Overdose of Medicine )
छोटे बच्चे को कभी भी किसी दवाई की ओवरडोज ना खिलाए क्योंकि छोटे बच्चों को दवाइयों की overdose खिलाने के कारण भी उनका स्वास्थ्य तुरंत ही बिगड़ सकता है और उन्हें दस्त लग सकते हैं या फिर बुखार भी हो सकता है। इसीलिए जितनी मात्रा में डॉक्टर आप को दवाई खिलाने के लिए कहता है सिर्फ उतनी ही मात्रा में बच्चों को दवाई खिलाए।
3. सूरज ढलने के बाद बच्चों को ना नहलाएं ( Do Not Bathe Babies After Sunset )
छोटे बच्चे को कभी भी सूरज ढलने के बाद नहीं नहलाना चाहिए। क्योंकि सूरज ढलने के पश्चात आपके बच्चे को सर्दी लग सकती है या फिर जुखाम और बुखार के लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
4. बच्चे की माता को तले हुए खाने का परहेज रखना चाहिए ( The Mother of the Child should Abstain from Fried Food )
छोटे बच्चे की माताओं को भी उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि छोटे बच्चे को अपनी माता का दूध पीना काफी आवश्यक होता है। इसीलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ज्यादा ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और ना ही बाजार के खाने का सेवन करना चाहिए तला हुआ खाना भी नहीं खाना चाहिए।
5. उम्र के हिसाब से खाना खिलाए ( Feed According to Age )
आपको अपने छोटे बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से ही खाना खिलाना चाहिए। यदि आप 5 से 6 महीने के बच्चे को बिस्कुट आदि खिलाने की कोशिश करती हैं या फिर रोटी खिलाने की कोशिश करती हैं, तो उसके कारण भी उसका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
6. बच्चे के स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खे ना आजमाएं ( Do not try Home Remedies To Cure Baby’s Health )
छोटे बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं, इसीलिए उनके माता-पिता को उनमें किसी भी छोटी-मोटी बीमारी के लक्षण दिखते हैं, तो उस समय उन्हें अपने बच्चों को ठीक करने के लिए किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल अपनी मर्जी से ही नहीं करना चाहिए, उन्हें पहले बच्चों के डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए, तभी कोई घरेलू नुस्खा छोटे बच्चों पर आजमाना चाहिए। यदि आप खुद ही डॉक्टर बनने की कोशिश करेंगे, तो उसके कारण बच्चे का स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
Conclusion –
इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया है कि Chote Bache Kyu Rote Hai तथा Rote Hue Bache Ko Kaise Chup Karwaye इसी के साथ साथ हमने आपको Crying Baby Treatment In Hindi तथा Home Remedies For Crying Baby In Hindi के बारे में भी अच्छे से बता दिया है, ताकि आप अपने रोते हुए बच्चे का कारण जानकर उसे आसानी से चुप करवा सकें। इसके अतिरिक्त यदि अब बच्चे के रोने से संबंधित कोई भी प्रश्न आपको हम से पूछना हों, तो तुरंत ही हमारी पोस्ट के आखिर में दिए हुए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद