- कंजंक्टिवाइटिस (आँख आना) क्या है जानिए Conjunctivitis के कारण, लक्षण तथा उपाय ? What is Conjunctivitis in Hindi its Types, causes symptoms and Treatments
- आंख आना क्या होता है – What Is Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस के कितने प्रकार होते हैं -Types Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस के कितने चरण हैं – Stages Of Conjunctivitis In Hindi ?
- दूसरा चरण (2Nd Stage )
- कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण क्या है – Symptoms Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस से बचने के लिए क्या करें – Prevention Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस का परीक्षण कैसे होता है – Diagnosis Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस का इलाज – Treatment Of Conjunctivitis In Hindi ?
- Conjunctivitis Conclusion :-
कंजंक्टिवाइटिस (आँख आना) क्या है जानिए Conjunctivitis के कारण, लक्षण तथा उपाय ? What is Conjunctivitis in Hindi its Types, causes symptoms and Treatments
आंखों का ख्याल हमें बचपन से ही अच्छी तरह रखना होता है नहीं तो समय के साथ-साथ आंखों की समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं, वैसे तो आंखों से संबंधित बहुत सी बीमारियां होती हैं जो कम समय के लिए ही होती हैं, परंतु यदि उनका इलाज समय पर ना किया जाए, तो वह दृष्टि हीनता का कारण भी बन सकती हैं और उनमें से एक है आंख आना ( Conjunctivitis ), यह एक सामान्य बीमारी है जो हर किसी व्यक्ति को कभी ना कभी हो ही जाती है।
Conjunctivitis में आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह तथा पलक के अंदर सूजन आ जाती है। जिसके कारण हमारी आंख काफी सूजी हुई तथा लाल और गुलाबी दिखाई देती है और इसी के कारण आंख में बहुत दर्द भी होता है, आज हम आपको इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताएंगे कि
- आंख आना ( कंजंक्टिवाइटिस ) क्या होता है – What Is Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस के कितने प्रकार होते हैं -Types Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस के कितने चरण हैं – Stages Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण क्या है – Symptoms Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस के कारण क्या होते हैं – Causes Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस से बचने के लिए क्या करें – Prevention Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस का परीक्षण – Diagnosis Of Conjunctivitis In Hindi ?
- कंजंक्टिवाइटिस का इलाज – Treatment Of Conjunctivitis In Hindi ?
आंख आना क्या होता है – What Is Conjunctivitis In Hindi ?
आंख आना एक ऐसी बीमारी है, जो सामान्य तौर पर बहुत से लोगों में देखी जाती है। इस बीमारी में व्यक्ति की आंख काफी सूज जाती है और वह गुलाबी तथा लाल रंग की दिखाई देती है। इसके अतिरिक्त इस बीमारी में आंख में काफी ज्यादा दर्द खुरदरा पन जलन और खुजली महसूस होती हैं। इसी के साथ-साथ इस बीमारी में व्यक्ति की आंख से काफी ज्यादा पानी बहता रहता है और व्यक्ति को आंख खोलने में भी काफी ज्यादा परेशानी होती है। यह बीमारी वैसे तो एलर्जी के कारण होती है, परंतु इसके और भी बहुत से कारण होते हैं जो कि हम आगे जानेंगे।
कंजंक्टिवाइटिस के कितने प्रकार होते हैं -Types Of Conjunctivitis In Hindi ?
इस बीमारी के मुख्य रूप से पांच प्रकार होते हैं जैसे कि :-
- एलर्जीक कंजंक्टिवाइटिस ( Allergic Conjunctivitis )
- जायंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस ( Giant Papillary Conjunctivitis )
- बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस ( Bacterial Conjunctivitis )
- वायरल कंजंक्टिवाइटिस ( Viral Conjunctivitis )
- निओनेटल कंजंक्टिवाइटिस ( Neonatal conjunctivitis )
यह सभी प्रकार अलग अलग है और अलग अलग माध्यम से व्यक्ति को हो सकते हैं। उदाहरण के लिए जैसे बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस ( Bacterial Conjunctivitis )एक बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से होता है और वायरल कंजंक्टिवाइटिस ( Viral Conjunctivitis )उस वायरस के कारण होता है जिसकी वजह से साधारण बुखार होता है।
कंजंक्टिवाइटिस के कितने चरण हैं – Stages Of Conjunctivitis In Hindi ?
इसके मुख्य रूप से तीन चरण होते हैं जैसे कि :-
प्रथम चरण ( 1st Stage )
इस चरण में बीमारी के लक्षण 3 हफ्तों तक भी रह सकते हैं, पहले हफ्ते में तो वायरस संक्रामक कोशिकाओं में ही बढ़ता है। इस स्तर पर आंख लाल हो जाती है और पलकें भी छूट जाती हैं इसमें आंखों से लगातार पानी बहता है और जब व्यक्ति सो जाता है, तो सोने के पश्चात आंखों से एक चिपचिपा पानी भी निकलता रहता है। कभी-कभी तो इस चरण में पलकों की सूजन इतनी गंभीर हो जाती है कि, रोगी अपनी आंखें भी नहीं खोल पाता।
दूसरा चरण (2Nd Stage )
इस बीमारी का दूसरा चरण दो हफ्तों तक थोड़ा कम हो जाता है परंतु दूसरे सप्ताह में आंखों का काला भाग भी प्रभावित हो जाता है इस चरण में यह वायरस बाहरी कॉर्नियल कोशिकाओं ( Corneal cells ) को प्रभावित करता है इसीलिए इस परत में भी छोटे भूरे धब्बे दिखाई दे सकते हैं और जलन भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है इस चरण में मरीज को प्रकाश में देखना काफी मुश्किल हो जाता है
तीसरा चरण (3rd Stage )
यह चरण सबसे खतरनाक होता है, इस चरण में घाव कोर्निया के केंद्र में पहुंच जाता है और वह चमक पैदा कर देता है। जिसके कारण व्यक्ति को रात में देखने में भी काफी समस्या होती है और कुछ मामलों में तो दृष्टि ही बहुत ज्यादा दुबली हो जाती है जिसके कारण व्यक्ति बिल्कुल भी साफ नहीं देख सकता। वैसे तो यदि आप इसका इलाज भी ना करवाएं, तो भी यह चरण कुछ हफ्तों में अपने आप ही समाप्त हो जाता है, परंतु इसका एक निश्चित समय नहीं है क्योंकि यह अलग-अलग रोगियों के शरीर पर निर्भर करता है।
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कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण क्या है – Symptoms Of Conjunctivitis In Hindi ?
इस बीमारी के बहुत से लक्षण हो सकते हैं, जिनसे कि आप इस बीमारी की शुरुआत में ही पहचान करके इलाज शुरु करवा सकते हैं जैसे कि :-
- यदि आपकी आंखों का सफेद भाग गुलाबी या लाल रंग का हो रहा है, तो वह भी इसी के ही लक्षण है।
- आंखों के सफेद बाघ तथा पलकों के अंदरूनी हिस्से पर सूजन महसूस होना तथा पलकों के बाहर काफी ज्यादा सूजन महसूस होना भी इसी का ही लक्षण है।
- अगर आपकी आंख में सूजन है और सूजन के साथ-साथ काफी ज्यादा आंसू भी निकल रहे हैं, तो यह इसी के ही लक्षण हो सकते हैं।
- अगर आपकी आंखों में बहुत ज्यादा खुजली हो रही है और आपका मन आंखों को रगड़ने का कर रहा है, तो यह भी इसी के ही लक्षण है।
- आंखों में दर्द तथा आप बहुत ज्यादा जलन महसूस होना भी आंख आने के ही लक्षण है।
- अगर रात को सोते समय आपकी आंखों से एक चिपचिपा पदार्थ निकल रहा है तो वह भी आंख आने का लक्षण है।
- जब आप सुबह सोकर उठते हैं तो आपकी आंखों पर यदि पपड़ी जम रही है तो यह भी आ खाने का ही लक्षण है।
- यदि आप कांटेक्ट लेंस लगाते हैं और कांटेक्ट लेंस लगाकर आपको ऐसा महसूस हो रहा है, कि वह सही जगह नहीं है तो यह भी आप आने के ही लक्षण है।
कंजंक्टिवाइटिस के कारण क्या होते हैं – Causes Of Conjunctivitis In Hindi ?
आंख आने के कारण हो सकते हैं परंतु यह सभी कारण अलग-अलग होते हैं जैसे कि :-
Allergic conjunctivitis
बहुत से लोगों को मौसम के अनुसार एलर्जी होती है, तो उन व्यक्तियों को एलर्जीक कंजंक्टिवाइटिस ( Allergic conjunctivitis ) हो सकता है और इसी के कारण जब वह लोग किसी ऐसे पदार्थ के संपर्क में आते हैं, जो उनकी आंखों में एलर्जी की प्रक्रिया पैदा करता है, तो उन्हें एलर्जीक कंजंक्टिवाइटिस ( Allergic conjunctivitis ) हो सकता है।
Giant Papillary Conjunctivitis
जायंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस व्यक्ति की आंखों में एक विदेशी पदार्थ की पुरानी उपस्थिति की वजह से होता है, जो लोग हार्ड कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं या फिर शॉप कांटेक्ट लेंस पहनते हैं और वह उन्हें काफी देर तक लगाकर रखते हैं, तो इसकी वजह से उन्हें जायंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस ( Giant Papillary Conjunctivitis ) होने का खतरा बढ़ जाता है।
Bacterial Conjunctivitis
यह कैसा संक्रमण हैं जो एक बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है। जब आप दूसरे लोगों के संपर्क में आते हैं या फिर गंदे हाथों से अपनी आंखों को छूते हैं, तो उसके कारण यह संक्रमण आपको हो सकता है।
Viral Conjunctivitis
वायरल कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर एक जुखाम से जुड़े वायरस के कारण होता है, जोकि सांस लेने के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है। इसके अतिरिक्त जब कोई दूसरा व्यक्ति इससे संक्रमित होता है, तो उसके छींकने से भी हम इसके संपर्क में आ सकते हैं।
Neonatal Conjunctivitis
यह बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस का एक बहुत ही गंभीर रूप है, जोकि खास तौर पर नवजात शिशुओं में देखा जाता है। यदि इसका तुरंत इलाज ना कराया जाए, तो या आंखों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है, यहां तक कि यह बच्चों में आंसुओं की नलिका बंद होने का कारण भी बन सकता है।
कंजंक्टिवाइटिस से बचने के लिए क्या करें – Prevention Of Conjunctivitis In Hindi ?
इस बीमारी से बचने के बहुत से तरीके हैं जिनका इस्तेमाल करके आप इस बीमारी से बचे रह सकते हैं जैसे कि :-
- अपनी आंखों को साफ करने के लिए सिर्फ साफ-सुथरे तोलिया टिशू का इस्तेमाल करें। कभी भी अपनी आंखों को किसी दूसरे व्यक्ति के तोलिए से साफ ना करें।
- अगर आपके आसपास किसी व्यक्ति को खांसी या जुकाम हो रखा है, तो आप उस व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें तथा अपने मुंह पर मास्क लगाकर रखें।
- यदि आप कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं, तो उनका ज्यादा इस्तेमाल ना करें और ना ही किसी दूसरे व्यक्ति को अपने कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने दें।
- कभी भी गंदे हाथ अपनी आंखों पर नहीं लगाने चाहिए। इसीलिए यदि आप कहीं बाहर जाते हैं तो अगर आपको अपनी आंखों पर हाथ लगाना है, तो पहले अच्छी तरह हाथों को साफ करें, या फिर घर आकर अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें और उसके पश्चात ही आंखों पर हाथ लगाए।
- यदि आपको स्विमिंग पूल में तैरने के लिए गए हैं, तो वहां पर अपनी आंखों को ढक कर रखें, ताकि पानी आपकी आंखों तक ना पहुंच सके। क्योंकि बहुत बार पानी के माध्यम से भी व्यक्ति जी आपकी आंखों में पहुंच सकते हैं।
- रात को सोने से पहले अपनी आंखों को ठंडे पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए, ताकि आंखों में मौजूद बैक्टीरिया पानी के साथ धूलकर बाहर आ जाए।
कंजंक्टिवाइटिस का परीक्षण कैसे होता है – Diagnosis Of Conjunctivitis In Hindi ?
- ज्यादातर डॉक्टर आप के लक्षणों को देखकर ही आपकी आंख की जांच करता है, इसके अतिरिक्त यदि आपकी आंखों से चिपचिपा पदार्थ का रिसाव हो रहा है, तो उस रिसाव के नमूने को एकत्रित करके जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है, ताकि जल्दी ही संक्रमण करने वाले जीव का पता लगाया जा सके।
- इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर स्वैब टेस्ट ( Swab Test )ही करता है, इस टेस्ट को आपकी आंखों से निकलने वाले पदार्थ के नमूने के माध्यम से किया जाता है।
कंजंक्टिवाइटिस का इलाज – Treatment Of Conjunctivitis In Hindi ?
यदि आपको इस बीमारी के कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो आपको तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों को देखकर आपकी आंखों की जांच करता है और फिर आपको कुछ दवाइयां देता है जिससे कि आप ठीक हो सकते हैं। डॉक्टर आपको ज्यादातर आंखों में डालने की दवाई देता है और उसके साथ कुछ एंटीबैक्टीरियल दवाइयां भी खाने के लिए देता है, ताकि इस बीमारी से तुरंत छुटकारा पाया जा सके।
Conjunctivitis Conclusion :-
इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको आंख आना ( Conjunctivitis ) बीमारी के बारे में विस्तार से बताया है की, Causes Of Conjunctivitis In Hindi तथा Treatment Of Conjunctivitis In Hindi इसी के साथ साथ हमने आपको Symptoms Of Conjunctivitis In Hindi तथा Prevention Of Conjunctivitis In Hindi के बारे में भी बताया है, यदि अब भी आप को आंख आने की बीमारी से संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते हैं। धन्यवाद